शनिवार, 13 जनवरी 2024
Gharib Nawaz Relief Foundation ने जाना ठंड से कांपते लोगों का हाल
गर्म कपड़े बांटकर जीएनआरएफ ने कड़कड़ाती ठंड में दी जरुरतमंदों को फौरी राहत
Ajmer Sharif : ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी का उर्स
दरगाह की मजार से उतरा संदल, जन्नती दरवाजे पर उमड़े ख्वाजा के दीवाने
Ajmer (dil India live). सुफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812 वें उर्स से ठीक पहले दरगाह में संदल उतारे जाने की रस्म अदा की गई। रात को दरगाह में खिदमत के वक्त ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से खादिमों ने संदल उतारा गया व संदल को आम जायरीन को तकसीम किया गया। अकीदतिमंदों की मानें तो मजार शरीफ से उतारे गए संदल में रूहानियत होती है। संदल से शरीर की ऊपरी बीमारियों में शिफा मिलती है। ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह का उर्स रजब का चांद दिखने के साथ ही शुरू हो गया। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि साल भर मजार शरीफ पर चढ़ने वाला संदल उतारा गया। दूर-दूराज से जायरीन मजार शरीफ से उतारे गए चंदन को लेने के लिए आते हैं। सकी बताते हैं कि मजार शरीफ से उतारे गए संदल को पानी में पीने से बड़ी से बड़ी बीमारियों में शिफा मिलती है। ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वाले संदल को अपने साथ लेकर जाते हैं।
घर परिवार, रिश्तेदारो में किसी की बीमार होने पर वह पानी के साथ संदल पीने के लिए देते हैं। यही वजह है कि संदल को पाने के लिए जायरीन में होड़ लगी रहती है। दरगाह के खादिम अपने पास भी संदल रखते हैं, जो दरगाह में वर्ष भर आने वाले जायरीन को आवश्यकता होने पर देते हैं।
मिट्टी के प्यालों में चढ़ता है संदल
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में साल भर दिन के समय खिदमत के दौरान चंदन मिट्टी के प्यालों में भरकर मजार पर चढ़ाया जाता है। खुद्दाम ए ख्वाजा अपनी और जायरीन की ओर से संदल पेश करते हैं, साथ ही दरगाह आने वाले जायरीन के लिए दुआएं की जाती हैं। साल भर में मजार पर बड़ी मात्रा में संदल जमा हो जाता है।
जन्नती दरवाजा खुलते उमड़े अकीदतमंद
साल में चार मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा आम जायरीन के लिए खोल दिया गया। रात से ही जायरीन की कतार जन्नती दरवाजे के बाहर लग गई थी। मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में ख्वाजा गरीब नवाज की जियारत करने वाले को जन्नत नसीब होती है। यही वजह है कि जायरीन में जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करने की होड़ मची रही।
रौशनी से जगमगा उठी दरगाह
उर्स के मद्देनजर दरगाह में मौजूद हर इमारत को शानदार रोशनी से रोशन किया गया है। दरगाह के निजाम गेट रोशनी से सजाया गया है। इसी तरह दरगाह की सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर भी रंग-बिरंगी रोशनी लगाई गई है। लंगर खाने, महफिल खाने, शाहजहानी मस्जिद, गुम्बद शरीफ पर भी शानदार रोशनी की सजावट है। रात के वक्त ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह दुल्हन की तरह सजी हुई नजर आ रही है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812 वें उर्स से ठीक पहले दरगाह में संदल उतारे जाने की रस्म अदा की गई.रात को दरगाह में खिदमत के वक्त ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से खादिमों ने संदल उतारा।
समाजवादी छात्र सभा बलिया के जिला सचिव बने रययान
विधायक मोहम्मद रिजवी के नजदीकी मोहम्मद रययान के जिला सचिव बनने से सपा में उत्साह
Baliya (dil India live) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अनुमति से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व ई.विनीत कुशवाहा की संस्तुति से बलिया जिले के सीवान कला निवासी मोहम्मद रययान को समाजवादी छात्र सभा का जिला सचिव नियुक्त किया गया है। विधायक मोहम्मद रिजवी के नजदीकी रययान की नियुक्ति से क्षेत्र के सपा व उसके विभिन्न आनुवंशिक संगठनों के कार्यकर्ताओं में उत्साह है। इस दौरान संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों द्वारा मोहम्मद रेयान को बधाई देने का क्रम जारी है। बधाई देने वाले प्रमुख लोगों में विधायक मो.ज़ियाउद्दीन रिज़वी भी शामिल हैं। उक्त जानकारी जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने दी बताया कि संगठन की मजबूती के लिए कुछ अन्य नियुक्ति भी की गई है।
गुरुवार, 11 जनवरी 2024
आखिर कब रुकेगा घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का खुलेआम दुरुपयोग
दुकानों पर खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
- Sarfaraz Ahmad
Varanasi (dil India live)। शहर व आसपास के इलाकों में खुलेआम रसोई गैस के मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आलम यह है कि जगह-जगह होटल सराय और सड़क की दुकानों पर कमर्शियल सिलेंडर की जगह घरेलू रसोई गैस का इस्तेमाल इन जगहों पर आम हो चला है। शहर के व्यस्ततम इलाकों में से एक सिगरा आईपी माल के ठीक सामने फास्ट-फूड की दुकान पर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर लगाकर खुलेआम प्रशासन की आंख में धूल झोंका जा रहा है। ऐसे ही पुलिस के नाक के नीचे भी सारे नियम और कानून ताक पर रख दिया गया है। सिगरा थाने के
के ठीक सामने घरेलू गैस सिलेंडर लगाकर खाने पीने की दुकान चलाई जा रही है। इनका पुलिस भी कुछ नहीं करती। ऐसे ही तेलिया बाग मस्जिद के बगल में मिठाई की दुकान पर भी रसोई गैस सिलेंडर का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है मगर इन्हें बोलने वाला कोई नहीं है। कमोवेश यही स्थिति इंग्लिशिया लाइन, महमूरगंज, रथयात्रा, लंका, अस्सी, दशाश्वमेध आदि में भी इस तरह के मामले देखे जा सकते हैं। सवाल यह है कि जब कोई हादसा होता है तो प्रशासन निंद्रा से जाग उठता है और क्ई सवालात खड़े हो जाते हैं अगर वक्त रहते इस पर लगाम कस जाएं तो हादसे ने हों और रसोई गैस सिलेंडर की काला बाजारी भी रूक जाए।
बुधवार, 10 जनवरी 2024
सुल्तान क्लब के वरिष्ठ समाजसेवी मुख्तार अहमद को मातृ शोक
Varanasi (dil India live). सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब के ऑडिटर वरिष्ठ समाज सेवी मुख्तार अहमद की माता व खलीकुज्जमा की पत्नी का आज मंगलवार की सुबह लंबी बीमारी के बाद 70 वर्ष की अवस्था में इंतकाल हो गया। इंतकाल की खबर लगते ही पूरे बुनकर इलाका शोकाकुल हो गया, सुल्तान क्लब के रसूलपुरा स्थित कार्यालय में एक शोक सभा आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश की गई। अफसोस बैठक में अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक ने खिराजे अकीदत पेश करने हुए कहा कि मुख्तार अहमद की वालिदह(माता) बहुत ही नेक और ईमानदार थीं, इलाके में अच्छे व्यवहार के कारण बहुत मशहूर थीं। आपने अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ा है,बड़े पुत्र मुख्तार अहमद सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।जनाज़े की नमाज़ नेशनल इंटर कालेज में छोटे पुत्र हाफिज शोएब ने अदा कराई, पास ही खानदानी कब्रस्तान में सुपुर्द खाक किया गया।
अफसोस बैठक में अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष महबूब आलम, महा सचिव एच हसन नन्हें, सचिव जावेद अख्तर, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज, सुलेमान अख्तर, हाफिज मुनीर, मुहम्मद इकराम, अब्दुर्रहमान, नसीमुल हक, वफ़ा अंसारी,इत्यादि थे।
Ajmer Sharif में ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का उर्स
पहुंचने लगे देश दुनिया से जायरीन
साबिर पाक की दरगाह पर अकीदतमंद लगा रहे हाजिरी
Ajmer (dil India live). Ajmer Sharif (अजमेर शरीफ) हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में शामिल होने से पहले साबिर पाक की दरगाह पर भी जायरीनों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। जायरीन ने दरगाह साबिर पाक में जियारत कर मन्नतें मांगी। अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स शुरू होने जा रहा है। अजमेर शरीफ हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में शामिल होने से पहले बड़ी तादाद में जायरीन बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मुंबई, केरल, गुजरात ,जम्मू कश्मीर से कड़ाके की ठंड में साबिर पाक की दरगाह पर जियारत करने के लिए पहुंचते हैं। बसों से कलियर पहुंचे जायरीन ने दरगाह साबिर पाक में चादर और फूल पेश कर अमनो अमान की दुआएं मांगी।
सोमवार, 8 जनवरी 2024
Ajmer Sharif में जुटे ख़्वाजा के दीवाने
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चढ़ा 812 वें उर्स का झंडा
जुलूस में पेश हुआ सूफियाना कलाम, हजारों अकीदतमंद रहे मौजूद
Mohd Rizwan
Ajmer (dil India live)। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी (गरीब नवाज) रहमतुल्लाह अलैह का सालाना 812 वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत झंडे की रस्म के साथ शुरू हो गई। झंडे का जुलुस असर की नमाज के बाद गरीब नवाज गेस्ट हाउस से रवाना हुआ, जिसमें शाही चौकी के कव्वाल असरार हुसैन सूफियाना कलाम पेश करते हुए चल रहे थे। बैंड बाजों के जुलुस के साथ लंगरखाना गली, निजाम गेट होते हुए जुलुस दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट से अंदर प्रवेश किया। इस रस्म के दौरान अकीदतमंदों में एक अजीब सी होड़ मच गई और अपनी मन्नत को लेकर हर कोई झंडे को चूमने की ख्वाहिश पूरी करता नजर आया।
भीलवाड़ा से आए गौरी परिवार के अनुसार यह परंपरा काफी अरसे से चली आ रही है। साल 1928 से फखरुद्दीन गौरी के पीरो मुर्शीद अब्दुल सत्तार बादशाह झंडे की रस्म अदा करते थे। इसके बाद 1944 से उनके दादा लाल मोहम्मद गौरी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके इंतकाल के बाद 1991 से पुत्र मोईनुद्दीन गौरी यह रस्म निभाने लगे और साल 2007 से फखरुद्दीन इस रस्म को अदा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वर्षों पहले झंडे की रस्म शुरू हुई, तब बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया झंडा आस-पास के गांवों तक नजर आता था। उस वक्त मकान छोटे-छोटे और बुलंद दरवाजा काफी दूर से नजर आता था। इस दरवाजे पर झंडा देखकर ही लोग समझ जाते थे कि पांच दिन बाद गरीब नवाज का उर्स शुरू होने वाला है। यह संदेश एक से दूसरे तक दूर-दूर तक पहुंच जाता था। वर्षों पुरानी इसी रस्म को निभाते हुए गरीब नवाज की दरगाह के बुलंद दरवाजे पर भीलवाड़ा के गौरी परिवार ने झंडा चढ़ाकर उर्स की अनौपचारिक शुरुआत की। झंडे की रस्म में हजारों की संख्या में जायरीनों की भीड़ उमड़ी। झंडे की रस्म के दौरान अजमेर रेंज आईजी लता मनोज कुमार, कलेक्टर भारती दीक्षित, एसपी चूनाराम जाट सहित भारी संख्या में पुलिस जाब्ता मौजूद रहा।
...ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा
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