सोमवार, 2 सितंबर 2024

4 को निकलेगा पचासे का कदीमी जुलूस,

पचासे के जुलूस की जियारत को सदर इमामबाड़े में उमड़ेगा जनसैलाब 

Varanasi (dil India live)। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया की इमाम हसन, इमाम हुसैन समेत कर्बला के शहीदों की शहादत का पचासवें दिन बुधवार 4 सितंबर को पचासे का कदीमी जुलूस निकाला जाएगा। पचासा बनारस शहर में पूरे अकीदत के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इमाम हसन की शहादत और हजरत मोहम्मद (स.) की याद में तीन दिन तक शहर में जुलूस उठाए जायेंगे। मंगलवार 3 सितंबर को नई सड़क शैख सलीम फाटक स्थित रिजवी हाउस से तथा काली महल शिया मस्जिद से रात 9 बजे अलम, दुलदुल, ताबूत का जुलूस रात में निकाला जाएगा। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ दरगाहे फ़ातमान जाकर समाप्त होगा। वहीं पचासे का जुलूस 4 सितंबर बुधवार को दोसीपुरा से दिन में 9 बजे और चोहट्ट लाल ख़ान से 10 बजे दिन में अलम, ताबूत, दुलदुल , ताजिया, अमारी का जुलूस या हुसैन की सदाओं के साथ जंजीर और कमा का मातम करते हुए रसूल-ए-जमन और इमामे हसन की सदाएं बुलंद करता हुआ 12 से 1 बजे सदर इमामबाड़ा लाट सरैया पहुंच कर सम्पन्न होगा। बुधवार को शहर की कई अंजुमने अपने अपने परचम तथा मातमी दस्ते के साथ सदर इमामबाड़े से अपना अपना जुलूस निकलेंगी और नोहा मातम करेंगे। दूसरी ओर पांच सितंबर को दोषीपुरा के इमामबाड़े से ऐतिहासिक ताजिया दोपहर बाद निकाला जाएगा। हजारों की तादाद के साथ लोग ताज़िए के साथ नौहाखवानी मातम करते हुए कदीमी रास्तों से होते हुए शाम को सदर इमामबाड़े पर पहुंच कर समाप्त होगा। फरमान हैदर ने प्रशासन से अपील की है की साफ सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने शिया समुदाय तथा समस्त मुस्लिम भाइयों से अपील की है के इमाम हुसैन के पैगाम को शांतिपूर्वक दुनिया तक पहुंचाएं।

Varanasi की आर्या रूस रवाना, ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में लेंगी हिस्सा


Varanasi (dil India live)। काशी की आर्या झा व्लादिवोस्टोक, रूस  में आयोजित ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने रवाना हो गई है। आर्या झा WOSY फाउंडेशन का प्रतिनिधित्व करेंगी। 3 से 6 सितंबर तक रूस  के व्लादिवोस्टॉक में आयोजित हो रहे रॉस कॉंग्रेस और फ्रैंड्स ऑफ लीडरशिप फॉर ईस्टर्न  इकनॉमिक फोरम में भारतीय प्रतिनिधि के रूप मे हिस्सा लेंगी। 

इससे पूर्व आर्या ने Y20 में सेक्रेटरी (कम्युनिकेशन) के रूप में अपनी सफल भूमिका निभाई है। सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत में अध्ययन के लिए आने वाले विदेशी छात्रों के लिए वे प्रेरणास्रोत हैं। भारतीय संस्कृति से परिचय करवाने के लिए आर्या झा निरंतर विदेशी छात्रों के मध्य प्रयत्नशील रहती हैं। वे मानती हैं कि पृथ्वी हम सभी की है। इसलिए उसका शोषण और दोहन नहीं संरक्षण करना आवश्यक है। जल,थल और वायु को हमें अपने उपभोग पर नियंत्रण कर बचाना होगा। मानवता की रक्षा के लिए वसुधा को कुटुंब मानते हुए जैविक और प्राकृतिक विकास के बारे मे सोचना होगा। बुद्ध और गांधी की शिक्षा को हमे अपनाना होगा। पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए बिना एकजुटता ही इस धरती को बचाएगी। हमें सबका खयाल रखना होगा उनका भी जो सब कुछ आसानी से पा नहीं सकते।

आर्या IIMC की पूर्व छात्रा रही है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से उन्होंने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है। दो बहनों में आर्या बड़ी हैं। आर्या की माँ जे एन यू, नई दिल्ली में भारतीय भाषा केंद्र में प्रोफेसर हैं। पिताजी समाजशास्त्रीय चिंतक हैं। मूलतः मिथिला से आर्या का जुड़ाव है। मधुबनी चित्रकला में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल, मिथिला के समा चाकेवा का त्योहार, विषहारा की पूजा, बांस, कछुआ जैसे अनेक प्राकृतिक बिम्बों के रहस्य से वे प्रभावित हैं। भोजन पकाने हेतु प्रयोग में लाए जाने वाले प्राकृतिक उपादान उन्हें चमत्कृत करते हैं। प्रयोग और पुर्न प्रयोग को बढावा देने वाली आर्या भारतीय संस्कृति और परंपराओं की प्रकृति और प्रवृत्ति को महत्वपूर्ण मानती हैं।

आर्या की यह यात्रा सतत विकास की दिशा में युवाओं को कितना प्रेरित करेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

रविवार, 1 सितंबर 2024

GNRF 'गरीब नवाज़ रिलीफ़ फाउंडेशन' ने किया 40 यूनिट रक्तदान

हर इंसान करें रक्तदान तो खून की कमी से नहीं होगी मौतें: डा. साजिद


Varanasi (dil India live)। दावते इस्लामी इंडिया की फ्रंटल संगठन गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (GNRF) ने इतवार को कबीर चौरा के श्री शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में संगठन के उत्साह का परिणाम ही था कि कुछ ही घंटे में 40 यूनिट रक्त दान कर दिया गया। आयोजन के मीडिया प्रभारी डा. साजिद ने बताया कि रक्तदान शिविर का मुख्य उद्देश्य यह है कि खून की कमी से हर दिन न जाने कितने लोग मौत की गोद में समा जाते हैं। जब कि रक्तदान करने से किसी को कोई कमजोरी या बीमारी नहीं होती। अगर हर इंसान साल में एक दो बार भी रक्तदान करे तो वो दिन दूर नहीं की खून की कमी से न कोई मौत होगी और न ही खून के लिए किसी को भटकना पड़ेगा। इसलिए "रक्तदान करें, जीवन बचाएं"।

हम सभी इच्छुक दानदाताओं से निवेदन करते हैं कि आगे भी रक्तदान शिविर लगाया जाएगा तो उसको यादगार बनाएं और मानवता की सेवा में अपना योगदान दें। आपके सहयोग से हम इस रक्तदान शिविर को सफल बना सकते हैं और उन लोगों की मदद कर सकते हैं जिन्हें रक्त की अत्यंत आवश्यकता है। इस अवसर पर डा. मुबस्सिर, अफरोज अत्तारी, डा.साजिद, शाहिद अत्तारी, साहब अत्तारी, हाफिज लुलुददोहा, फारुख अत्तारी, जुलकरैन बरकाती, सलीम अत्तारी, सरफराज अत्तारी, मुस्तकीम अत्तारी, शमीम वहीदी, मुजम्मिल, सरफराज रज़ा, शाह ज़ैन आदि मौजूद थे।

September Important Days List

आप सभी के आयेगी ये लिस्ट काम, आप बनाने जा रहे हैं कोई प्लान, या देने जा रहे हैं एग्जाम 

5 सितंबर को है टीचर्स डे, तस्वीर बता रही हैं टीचर्स की वैल्यू 

Varanasi (dil India live). सितंबर महीना शुरू हो गया है। इस महीने में कौन-कौन से महत्वपूर्ण दिवस मनाएं जाएंगे इसकी हर किसी को कभी न कभी कहीं न कहीं जरुरत पड़ ही जाती है खासकर अगर आप स्टूडेंट हैं या किसी कॉम्पटीशन में बैठने वाले हैं या कोई इंटरव्यू देने जा रहे हैं। अकसर जिस महीने आप जाते हैं उसके प्रमुख दिवस भी पूछ लिया जाता है। आपने पढ़ा होगा या याद होगा तो आप आसानी से कर लेंगे वरना परेशान होकर रह जाएंगे। तो आप देख लें इस महीने का कैलेंडर। जिसकी शुरुआत न्यूट्रिशन वीक से होती है और 1 सितंबर से 7 सितंबर तक- राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2024 (National Nutrithion Week) मनाया जाता है। ऐसे ही 

2 सितंबर- विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day), 

5 सितंबर- राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (Teacher's Day India)

6 सितंबर- हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej)

7 सितंबर- गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

8 सितंबर- अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day), वर्ल्ड फीजियोथेरेपी डे

9 सितंबर- हिमालय दिवस (Himalaya Day)

10 सितंबर- वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (WSPD)

14 सितंबर- हिन्दी दिवस (Hindi Diwas)

15 सितंबर- राष्ट्रीय अभियंता दिवस (National Engineer's Day)

16 सितंबर- वर्ल्ड ओजोन डे (Ozone Day)

17 सितंबर- अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi), विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja)

21 सितंबर- अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace), वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे (World Alzheimer's Day), इंटरनेशनल रेड पांडा डे,

22 सितंबर- कैंसर पेशेंट वेलफेयर डे, वर्ल्ड राइनो डे (World Rhino Day)

23 सितंबर- इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज डे

24 सितंबर- वर्ल्ड रिवर डे,

25 सितंबर- वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे, अंत्योदय दिवस (Antyodaya Diwas),

26 सितंबर- वर्ल्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे, वर्ल्ड एन्वायर्नमेंटल हेल्थ डे,

27 सितंबर- विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day)

28 सितंबर- वर्ल्ड रेबीज डे,

29 सितंबर- विश्व हृदय दिवस (World Heart Day)

30 सितंबर- इंटरनेशनल ट्रांसलेशन डे।

शनिवार, 31 अगस्त 2024

यौमुन्नबी कमेटी ने किया हाजियों का खैरमकदम



Varanasi (dil India live). मरकज़ी यौमुन्नबी कमेटी की ओर से मुस्लिम मुसाफिरखाना दालमंडी में हज करके वापस आए हाजियों का इस्तकबाल किया गया और उनको सम्मनित किया गया। इस दौरान मरकज़ के मेम्बर्स ने हाजियों से दुआओं की दरख्वास्त किया। मौलाना जकीउल्लाह कादरी की सदारत में हुए इस आयोजन में मेहमान-ए-खुसूसी मुफ़्ती-ए-शहर बनारस अबदुल बातिन नोमानी, मौलाना हारुन रश्दी नक्शेबंदी थे। कमेटी के सदर हाजी शकील अहमद बबलू और हाजी महमूद खान ने हाजियों का इस्तकबाल किया। इस कार्याक्रम में अतहर जमाल लारी, नियाज अहमद मंजू, पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी ने जायरीन को सममनित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हाजी महमूद ने कहा कि हम लोग हर साल हाजियों का इस्तकबाल करते रहे हैं। हाजियों से दूओं की तल्ब करते है। हम अल्लाह की बरगाह में दुआ करते है की बनारस की गंगा जमुनी तहजीब को किसी की नज़र न लगे। हमरे शहर की आपसी मुहब्बत और भाईचारगी क़ायम रहे। 

कार्यक्रम का संचालन रियाज अहमद ‘नूर’ और इमरान खान ने किया। कार्यक्रम में मोहम्मद खालिद, बदरुद्दीन अहमद एडवोकेट, बसपा नेता एस. जावेद, शाहिद खां, हाजी रईस एडवोकेट, अब्दुल्ला, शकील अहमद सिद्दीकी, आगा कामाल, अबरार खान, रशीद इकबाल, वारिस बबलू, दिलशाद अहमद ‘दिल्लू’, राशिद सिद्दीकी, हाजी इकबाल, हाजी यासीन ‘गुडडू’, मुदासिर, मुमताज खान, अहमद, सोहराब आलम, अबदुल मन्नान, एस० जायद, अशरफ एडवोकेट, अली अख्तर, हाजी ग्यासुदीन, अजहर आलम ‘अजजू’, सऊद खान, रियाज, बाबू नकब, शफी उस्मानी, इमरान उस्मानी, महताब आलम, उरफ राजा, आरिफ सिद्दिकी, अतीक खान सोनू आदि शामिल थे।

Sawan में मोरनी बन के मैं नाचूं छमाछम...पर हुआ नृत्य

काशी प्रबुद्ध महिला मंच ने मनाया तीजोत्सव 


Varanasi (dil India live)। काशी प्रबुद्ध महिला मंच ने गुरुधाम स्थित एक रेस्तरां में तीज महोत्सव मनाया। बारिश की रिमझिम में हृदय कैसे प्रफुलित हो जाता है उसे 'नाचे मन मयुर" द्वारा संत्री ने आनंदित होकर अपनी प्रस्तुति दी। कार्यकम की शुरुआत अंजली अग्रवाल ने, पिया मेहदी लगा दे... से शुरु की। प्रिया अग्रवाल ने 'सावन में मोरनी बन के मैं नाचूं छमाछम...पर नृत्य किया। रेनू कैला ने भी सावन पर खूबसूरत गीत प्रस्तुत किया। नीतू व मनीषा ने "मोरनी बागा मां खोले आधी रात यां" पर नृत्य किया तो शोभा कपूर ने हाउजी व गेम्स का आनंद लेते हुये "आज फिर किल्यै चल्ली से मोती बन के " झूमते हुये कार्यकम में नृत्य किया। कार्यक्रम में शोभा, शालिनी सिंह, गीता अग्रवाल, ममता आदि उपास्थित रही। संचालन रेनू केला व धन्यवाद अध्यक्ष अंजली अग्रवाल ने किया।

शुक्रवार, 30 अगस्त 2024

Desh duniya से बरेली पहुंचे है Aala hazrat के दीवाने

उर्से आला हजरत : 2:38 पर होगा बरेली शरीफ में कुल शरीफ, पूर्वांचल में भी मनेगा उर्स 

बरेली। आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के उर्स में शिरकत करने देश दुनिया से आला हजरत के दीवाने बरेली शरीफ पहुंचे हुए है आला हजरत का उर्स शनिवार को मनाया जाएगा। इस दौरान दोपहर 2:38 पर कुल शरीफ का एहतमाम किया गया है। यूं तो आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का 106 वां तीन दिवसीय उर्स 29 अगस्त से ही शुरू हो चुका है। उर्स की व्यवस्था के लिए 1100 रजाकार लगाए गए हैं।

परचम कुशाई संग हुआ उर्स का आगाज़ 

परचम कुशाई की रस्म के साथ शुरू हुए उर्स में जुमा को नमाज-ए-फज्र कुरान ख्वानी और सुबह 09:58 मिनट पर रेहाने मिल्लत कॉन्फ्रेंस हुई। इसके बाद साढ़े दस बजे मुफस्सिर-ए-आज़म के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। समाचार लिखे जाने तक मशहूर उलेमा की तकरीर चल रही थी। मध्यरात्रि 01:40 पर मुफ़्ती आज़म-ए-हिन्द का कुल शरीफ होगा। उर्स के तीसरे व अंतिम दिन 31 अगस्त को दोपहर 02:38 पर आला हजरत के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स में देश विदेश से लाखों की संख्या में आला हजरत के मुरीद शिरकत करेंगें।

जो लोग किसी वजह से बरेली शरीफ नहीं पहुंच सके हैं वो देश दुनिया में जहां भी रहेंगे आला हजरत को याद करेंगे। उनका कुल शरीफ कराएंगे। बनारस समेत पूर्वांचल में भी आला हजरत को मानने वाले लाखों की संख्या में है। बनारस की मस्जिदों मदरसों में भी उर्स आला हजरत मनाया जाएगा।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...