शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

मित्रम की नई टीम ने संभाला कार्यभार


Varanasi (dil India live )। इनरव्हील क्लब वाराणसी मित्रम द्वारा फ़िडका होटल रवींद्रपुरी में नवगठित टीम का शपथ ग्रहण समारोह मनाया गया। इसमें मुख्य अतिथि पीएटी अंजलि अग्रवाल, अर्चना बाजपेयी कोऑर्डिनेटर, रेनू कैला एवं अन्य क्लब की अध्यक्ष, एवं सचिव व अन्य अतिथिगण उपस्तिथ रहीं। मित्रम की सभी सदस्य इस समारोह में हर्षोल्लास से मौजूद हुई। नवगठित टीम में नूतन रंजन ने अध्यक्ष पद की शपथ ली, सचिव चंद्रा शर्मा बनी, ऐसे ही उपाध्यक्ष ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष सरोज राय, आई.एस. ओ. श्वेता मिश्रा, एडिटर अमृता रानी ने भी पद ग्रहण की शपथ ली। अध्यक्ष नूतन रंजन ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें बधाईयां दीं। कार्यक्रम का संचालन रीता भट्ट एवं धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष ममता तिवारी ने दिया। इस अवसर पर क्लब की सभी सदस्य -  रानी केशरी, पल्लवी, सतरूपा केशरी, मंजु, सुषमा, रेखा अग्रवाल, मीना देवी, निशा अग्रवाल, पारुल, संगीता अग्रवाल आदि उपास्तिथ थीं।

गुरुवार, 20 जुलाई 2023

Up kisan न्याय मोर्चा उतारा वकीलों के समर्थन में

वकीलों को दिलाया विश्वास, किसान न्याय मोर्चा आपके संघर्ष में है साथ 



Chandoli (dil India live). आज उत्तर प्रदेश किसान न्याय मोर्चा के नेता महेंद्र प्रसाद यादव, शमीम अहमद मिल्की, इंद्रजीत शर्मा, सुशील यादव अपने साथियों के साथ चंदौली न्यायालय में धरना दे रहे वकीलों के समर्थन में पहुंचे और वहां सभा में नेताओं ने कहा कि वकील लोगों द्वारा जो न्यायालय भवन जिला मुख्यालय के निर्माण के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है इसकी सफलता के लिए हम हर तरह के सहयोग के लिए तैयार हैं। नेताओं ने कहा कि 26 वर्षों बाद भी जिला मुख्यालय पर जिला न्यायालय का निर्माण न होना सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है नेताओं ने वकील समाज को विश्वास दिलाया कि किसान न्याय मोर्चा  आपके  संघर्ष में साथ हैं। साथ ही प्रदेश सरकार से वकीलों की जायज मांगों को अविलंब पूरा करने का अनुरोध करते हुए चेतावनी दिया कि यदि चंदौली में जिला  न्यायालय जिला मुख्यालय का निर्माण नहीं होता तो किसान  न्याय मोर्चा सड़कों पर उतरेगा।

Muharram 2023:शहादत की अनोखी मिसाल है मोहर्रम

इमाम हुसैन समेत कर्बला के 72 शहीदों कि 'याद' है मोहर्रम
Varanasi (dil India live). इमाम हुसैन समेत कर्बला के 72 शहीदों की अनोखी मिसाल मोहर्रम है। कर्बला कि जंग किसी तख्तोताज के लिए नहीं बल्कि हक, इंसानियत और इस्लाम को बचाने के लिए हुई थी। नाना के दीन को बचाने के लिए इमाम हसन इमाम हुसैन ने अपनी शहादत दे दी मगर दीने इसलाम को बचा लिया।

उक्त बाते मौला की मदहाखानी करने वाले सैयद नबील हैदर ने मोहर्रम के सिलसिले से कही। उन्होंने कहा की मोहर्रम इस्लाम धर्म में आस्था रखने वालों का गम का महीना है। इस माह की बहुत विशेषता है, इसी माह मुसलमानों के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने मक्का के पवित्र नगर मदीना में हिजरत किया था।

कर्बला सन 60 हिजरी को यजीद इस्लाम धर्म का खलीफा बन बैठा, वह अपने वर्चस्व को पूरे अरब में फैलाना चाहता था जिसके लिए उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती इमाम हुसैन थे जो किसी भी हालत में यजीद के आगे झुकने को तैयार नहीं थे। जब यजीद के अत्याचार बढ़ने लगे तो इमाम हुसैन अपने परिवार और साथियों के साथ मदीना से इराक के शहर कूफा जाने लगे, रास्ते में ही यजीद की फौज ने हुसैन के काफ़िले को रोक लिया।

यही मोहर्रम का दिन था इमाम हुसैन का काफिला कर्बला की तपती रेगिस्तान पर रुका। हुसैन के काफिले पर पानी की रोक लगा दी थी यजीद ने, इसके बाद भी हुसैन नहीं रुके। यजीद चाहता था कि हुसैन झुके लेकिन हुसैन झुके नहीं और जंग का ऐलान हो गया। 

Chand dikha, शिया मुस्लिम ग़म में डूबे, ख़्वातीन ने तोड़ी चूड़ियां

चांद के दीदार संग शुरू हुआ इस्लामिक नया साल

-नौहों मातम से गूंजे अजाखाने 


Varanasi (dil India live)। शिया मुस्लिमों के लिए बुधवार का चांद गम और मातम का पैग़ाम लेकर आया है। मुस्लिम कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम बुधवार कि शाम चांद के दीदार के साथ शुरू हो गया। इसी के साथ इस्लामिक नये साल का आगाज़ भी हो गया।जुमेरात को मुहर्रम कि पहली तारीख होगी। पहली मोहर्रम का जुलूस सदर इमामबाड़ा लाट सरैया में निकाला जायेगा जिसमें अंजुमनों द्वारा नौहाखवानी व मातम किया जाएगा।

इससे पहले बुधवार की शाम चांद के दीदार के साथ ही सुन्नी मस्जिदों में जहां दस दिनी जलसा व तकरीर का आगाज़ हुआ, वहीं शिया मुस्लिमों के घर अजाखाने में बदले नज़र आए। शिया ख़्वातीन ने हाथों की चूड़ियां तोड़ दी, सारे साजों-श्रृंगार मिटा दिए। इस दौरान मर्द व ख़्वातीन ने काला लिवास धारण कर लिया। हर आंख हजरत इमाम हुसैन की याद में डूब गई। चांद निकलते ही अजाखानों से दर्द भरे नौहों के बोल फिज़ा में बुलंद हो उठे, चांद निकला है माहे अजा का...व, जैदी दरे हुसैन पर झुकती है कायनात...। इन नौहों के बोल पर देर रात तक मातम का नजराना पेश हो रहा था। 

क्यों मनाया जाता है मोहर्रम

सन् 61 हिजरी 10 मोहर्रम को इराक़ के कर्बला में नबी के नवासे इमाम हुसैन समेत 71 हुसैनियों की शहादत हुई थी। उस अजीम शहादत कि याद में शहर बनारस के गौरीगंज, शिवाला, दालमंडी, मदनपुरा, बजरडीहा, दोषीपुरा, चौहट्टा, मुकीमगंज, प्रहलाद घाट, सरैया‌ शहर और आसपास का हर आंगन मातम में डूब गया।

बुधवार, 19 जुलाई 2023

Moharram 2023: चांद छुपा बादल में नहीं हुआ दीदार

20 से शुरू होगा अब इस्लामिक नया साल 

शिया अजाखानों में शुरू हुई मजलिसे इस्तेकबालिया



Lucknow (dil India live). इस्लामी साल मुहर्रम का चांद लखनऊ समेत कई जगहों पर १८ जुलाई को नहीं दिखाई दिया। लिहाजा मोहर्रम की शुरुआत १९ जुलाई का चांद देखकर २० जुलाई से होगी। इस बात की जानकारी मरकजी चांद कमेटी ने एक बयान जारी करके दी है। कमेटी ने कहा है, “मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर और इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ‘काजी-ए-शहर’ ने ऐलान किया है कि आज (18 जुलाई) को मोहर्रम का चांद दिखाई नहीं दिया है। इसलिए मुहर्रम की 01 तारीख 20 जुलाई को होगी और यौमे आशूरा 29 जुलाई 2023 को होगा। हालांकि शिया अजाखाने सजा दिए गए। मजलिसे इस्तेकबालिया बनारस, जौनपुर, लखनउ, आजमगढ, मउ व गाजीपुर आदि में होने की खबर मिली है।

दरअसल मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल का पहला महीना है। इसी महीने के साथ इस्लामिक नए साल की शुरुआत होती है। वैसे तो ये एक महीना है लेकिन इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुसलमान पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन समेत कर्बला में शहीद हुए ७२ लोगों की शहादत का गम मनाते हैं। सन 61 हिजरी (680 ईस्वी) में इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन को उनके 72 साथियों के साथ यजीदी सेना ने शहीद कर दिया था। मुहर्रम में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाते हैं। मातम करते हैं।  

इस दौरान मस्जिदों में एक से दस मुहर्रम तक सुन्नी मुसलमान शहादतनामा पढते हैं’ तकरीर होती है तो शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र करते हैं. उनका गम मनाने के लिए मजलिसें करते हैं। मजलिसों में इमाम हुसैन की शहादत बयान की जाती है। मजलिस में तकरीर (स्पीच) करने के लिए ईरान से भी आलिम (धर्मगुरू) आते हैं और जिस इंसानियत के पैगाम के लिए इमाम हुसैन ने शहादत दी थी उसके बारे में लोगों को विस्तार से बताया जाता है।

मंगलवार, 18 जुलाई 2023

Geeta press को गांधी शांति पुरस्कार देना बाबा साहब का अपमान होगा

कांग्रेसियों ने महामहिम राष्ट्रपति को लिखा पत्र 


Varanasi (dil India live). उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के ऐलान पर आज पूरे प्रदेश में जिला अधिकारी के द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। इसी क्रम में आज वाराणसी में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव हसन मेहंदी कब्बन एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर से जिलाधिकारी वाराणसी के माध्यम से जिलाधिकारी कि अनुपस्थिति में एसडीएम राजातालाब को ज्ञापन सौंपा गया और गुजारिश कि गई कि महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेजा जाए।

पत्र में उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार ने गीता प्रेस प्रकाशन को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। जब कि गीता प्रेस प्रकाशन से संबद्ध पत्रिका कल्याण में बाबा साहब अंबेडकर पर जातिगत टिप्पणी करते हुए लिखा गया, कि हिनवर्ण निचली जाति के होते हुए उन्होंने ने बुढ़ापे में एक ब्राह्मण महिला से शादी की और हिंदू कोड बिल पेश किया। पत्र में कहा गया कि जून 1940 पेज no 10--13 इसके अलावा भी अन्य बहुत से अवसरों पर इस प्रकाशन से ऐसी ही जातिगत टिप्पणियां वाले विचार प्रकाशित होते रहे, जो संविधान प्रदत समानता की मूल भावना के विपरीत है।

पत्र के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से विनम्र निवेदन किया गया है कि बाबा साहब को अपमानित करने और संविधान के मूल्यों के विपरीत आचरण करने वाले प्रकाशन को गांधी शांति पुरस्कार देने के सरकार के निर्णय पर अपनी आपत्ति के साथ हस्तक्षेप करें। क्यों की गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने से बाबा साहब का अपमान होगा।

प्रतिनिधिमंडल में हसन मेंहदी कब्बन,  नईम अहमद, आशीष सिंह विक्की, आफाक हुसैन शान एडवोकेट, हाजी तौफिक कुरेशी, मेंहदी हसन आब्दी, अब्दुल हमीद डोडे, जुबैर खान बागी सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

कांग्रेस अपना दिल बड़ा करें तो बात बने: लारी

मिशन 2024 फताह के लिए छोटे दलों का भी हो साथ 


Varanasi (dil India live). सपा के वरिष्ठ नेता अतहर जमाल लारी ने कहा है कि कांग्रेस अपना दिल बड़ा करें तो बात बने। मिशन 2024 फताह के लिए छोटे दलों का भी साथ हो। विपक्षी एकता में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी, कुमार स्वामी की पार्टी, जनता दल सेकुलर, केसीआर की पार्टी बीआरएस, उड़ीसा में बीजू जनता दल, असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी, चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और पूर्वोत्तर की व देश की तमाम छोटी पार्टियां जो भाजपा के खिलाफ हैं भाजपा को हराना चाहती हैं उन सबको साथ लिया जाए और इस पर भी फैसला किया जाए ताकि नितीश कुमार द्वारा कही गई वह बात कि हम भाजपा को 50 सीट पर ला देंगे वह सही हो और भाजपा को करारी शिकस्त दी जा सके। भाजपा जब गाली देने वालों को अपने साथ ले सकती है तो हम थोड़ा बहुत मनमुटाव खत्म करके सारे अपोजिशन को एक करें ताकि लोकतंत्र बच सके, संविधान की रक्षा हो सके और धर्मनिरपेक्षता कायम रहे।  

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...