गुरुवार, 16 मार्च 2023

Madarsa usmania में जश्ने दस्तारबंदी, 32 बच्चे पुरस्कृत

हाफिज़ मु.अरमान व मु. सैफ की हुई दस्तारबंदी 

दीन का रास्ता छोड़ना हमारी बर्बादी की वजह :कारी डा. ज़फरुल इस्लाम


Mau (dil india live)।  काज़ीपुरा, घोसी स्थित मदरसा उस्मानिया में जलसा जश्ने दस्तारबंदी का आयोजन किया गया।इस सालाना जलसे में जहां दो हाफिज़ों क्रमशः मु.अरमान व मु० सैफ की दस्तारबंदी हुई वहीं कुरान मुकम्मल करने वाले मदरसे के 32 बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर अपनी कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले तलबा को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। अब्दुल मन्नान खान की सरपरस्ती और कारी मुज़फ्फरुल इस्लाम की निज़ामत में चले इस जलसे का आगाज़ हाफिज सादिक खान ने पाक कुरान की तिलावत से किया।

इस सालाना जलसे को खेताब करते हुए इस्लामिक विद्वान कारी डा. ज़फरुल इस्लाम ने कहा कि आज मुसलमानों की परेशानियों की वजह उनका दीन के बताए हुए रास्ते से भटक जाना है। दुनियावी चकाचौंध में वो कुरान व इस्लाम के बताए हुए रास्तों से दूर होता जा रहा है। मदरसों की तालीम  पर रौशनी डालते हुए कहा कि अब मदरसों में दीनी तालीम के साथ दुनियाबी तालीम भी दी जा रही है। जिसकी वजह से मदरसों के बच्चे दीन के मामलों के साथ दुनिया के तमाम मामलों में तरक्की करते जा रहे हैं। उन्होंने मौजूद लोगों से हर हाल में अपने बच्चों को पढ़ाने की अपील की। 

इस अवसर पर शायर खैरुल बशर आज़मी के नाते पाक के साथ मदरसे के बच्चों ने नात, हम्द वो नज़्म से लोगों को फैजयाब किया। मदरसे के बच्चों की मौलाना मन्नान, इफ़्तेख़ार अहमद, मलिक सिराजुद्दीन, एडवोकेट ए. जेड. इस्लाम, तनवीर अहमद, मसूद आलम, राशिद खान, मुशीर अहमद आदि ने हौसला अफजाई की। क़ाज़ी फैजुल्लाह, मौलाना इरशाद नोमानी, हाफिज मोनीरुल इस्लाम, हाफिज सादिक खान, मौलाना महफूज़ुर्रहमान, मौलाना अलकमा सिद्दीकी, अमीना, फातिमा, आयशा खातून, उम्मे ऐमन, यासमीन आदि शिक्षक शिक्षिकाएं व्यवस्था संभाले हुए थी। कार्यक्रम के अंत में मदरसा प्रबंधक काज़ी फैजुल्लाह ने मेहमानों के शुक्रिया अदा किया।

मंगलवार, 14 मार्च 2023

Medical news: 18 मार्च तक मनाया जाएगा विश्व ग्लूकोमा सप्ताह

आँखों की समस्या न करें नजरंदाज, नियमित कराएं जांच

इस बार थीम ‘आओ अदृश्य ग्लूकोमा को हराए

Varanasi (dil india live).आँखों के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए| ऐसा करना आंखों की परेशानी को और बढ़ा सकता है| इसलिए समय-समय पर इसकी जांच कराने और आंखों की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है| प्रत्येक वर्ष 12 मार्च विश्व ग्लूकोमा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही 18 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है| 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि ग्लूकोमा सप्ताह के तहत जिले के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जनमानस में आंखों में ग्लूकोमा रोग से संबंधित जागरूकता, चिकित्सकीय परामर्श, शिविर, रैली का आयोजन किया जाएगा| इसका मुख्य उद्देश्य ऑप्टिक तंत्रिका परीक्षण सहित नियमित आंखों की जांच के लिए लोगों को प्रोत्साहित करके ग्लूकोमा द्वारा होने वाले अंधेपन को


समाप्त करना है| इस बार इसकी थीम ‘आओ अदृश्य ग्लूकोमा को हराएँ’ रखी गई है। 

राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर ग्लूकोमा सप्ताह का आयोजन करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक के कार्यक्रम प्रबन्धक, आशा संगिनी व सीएचओ एवं आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक कर ग्लूकोमा स्क्रीनिंग (जांच) करने के लिए प्रेरित करेंगे| लोगों को जानकारी दी जाएगी कि इस समस्या के दौरान आंखों में तरल पदार्थ का दबाव बढ़ जाता है| शुरुआती अवस्था में न तो इस बीमारी के कोई लक्षण प्रकट होते हैं और न ही कोई संकेत| जांच में देरी से मरीज दृष्टि भी चली जाती है| ग्लूकोमा को आम भाषा में काला मोतिया भी कहते हैं| यह रोग ऑप्टिक तंत्रिका (दृष्टि के लिए उत्तरदायी तंत्रिका) में गंभीर एवं निरंतर क्षति करते हुए धीरे-धीरे दृष्टि को समाप्त कर देता है|यदि इस रोग का समय रहते पहचान व उपचार न किया जाए तो व्यक्ति अंधा भी हो सकता है| काला मोतिया की पहचान यदि प्रारंभिक चरणों में कर ली जाए तो दृष्टि को कमजोर पड़ने से रोका जा सकता है| ऐसे में नियमित जांच कराएं और आंखों में होने वाले किसी भी नए बदलाव या लक्षण पर ध्यान दें । उन्होंने बताया कि एलबीएस चिकित्सालय रामनगर, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, डीडीयू चिकित्सालय पांडेयपुर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय बीएचयू में आंख संबंधी जांच व उपचार की सुविधा मौजूद है। 

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ वीएस त्रिपाठी ने कहा कि आंख संबंधित समस्या से बच्चों पर विशेष देने की जरूरत है। आंखों की बीमारी से बचाव के लिए उनको चाहिए कि आनलाइन पढ़ाई करते समय मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर को अपनी आंखों के लेवल से कम से कम 15 से लेकर 20 डिग्री नीचे रखें। पावर का चश्मा लगाते हैं तो आनलाइन पढ़ाई करते समय चश्मा जरूर लगाएं। मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर से पढ़ाई करने के बाद 20 मिनट के लिए आंखों को आराम अवश्य दें। स्क्रीन पर नजरें टिका कर पढ़ाई करने के बजाय आंखों की पलक गिराते उठाते रहना चाहिए। लगातार कई घंटों तक मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर के उपयोग से कई गंभीर समस्या हो सकती हैं। आंखों से संबंधित थोड़ी भी परेशानी हो तो दवा लेने से पहले नेत्र रोग चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

सोमवार, 13 मार्च 2023

G-20 Educational समिट में 4 जनपदों के 300 जुटे Teachers


Varanasi (dil india live). बेसिक शिक्षा विभाग वाराणसी एवं टीम उन्नयन द्वारा मंडलीय शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन आयुक्त सभागार कचहरी वाराणसी में किया गया। शैक्षिक संगोष्ठी का लक्ष्य बेहतर शिक्षा उन्नत भविष्य था। यह कार्यक्रम G-20 एजुकेशनल समिट 2023 के अंतर्गत आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उत्तर प्रदेश रविंद्र जायसवाल एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. कमलेश झा (संयोजक शिक्षक प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र) थे। सम्मानित अतिथि ए. डी. बेसिक एवं डाइट के प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ल ने अपने उद्बोधन से शिक्षकों में ऊर्जा का संचार किया। कार्यक्रम में खंड शिक्षाधिकारी चिरईगांव स्कंद गुप्ता, प्रदीप मिश्रा, काशी विद्यापीठ, संजय कुमार यादव सेवापुरी, अमित खंड शिक्षाधिकारी हरहुआ, क्षमाशंकर पांडेय, खंड शिक्षाधिकारी बड़ागांव, शशिकांत श्रीवास्तव, आराजी लाइन एवं डेटॉल के स्टेट रिप्रेजेंटेटिव संजय सिंह मौजूद थे।

संगोष्ठी में लगभग 4 जनपदों से 300 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इनमें समस्त वाराणसी मंडल से जनपद जौनपुर, गाजीपुर एवं चंदौली के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया एवं अपनी शैक्षिक गतिविधियों से जुड़ी प्रस्तुतियां दीं। उन्नयन संगोष्ठी की कोर टीम में शामिल सदस्यों अब्दुर्रहमान, कविता बसाक, दीप्ति मिश्रा, किरन, मनीषा, अंकिता प्रसाद, आकांक्षा, रीता सिंह, मंजू तिवारी, पिनाकिनी मिश्रा, अनिता राय के अथक प्रयास व सहयोग से कार्यक्रम सफल हुआ।

कार्यक्रम का संचालन  संयोजक टीम उन्नयन की संस्थापक छवि अग्रवाल द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन आकांक्षा शुक्ला ने किया।

रविवार, 12 मार्च 2023

School बच्चों की तरक्की का ज़रिया होता है : अपर पुलिस कमिश्नर वाराणसी

मेधावी छात्रों का हुआ सम्मान 




Varanasi (dil india live). रविवार की सुबह बुनकर बहुल क्षेत्र स्थित गुलिस्ताँ स्कूल क़ाज़ी सादुल्लाहपुरा (छविमहल रोड) जैतपुरा, वाराणसी के प्रांगण मे छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि  अपर पुलिस आयुक्त, कानून व्यवस्था, वाराणसी संतोष कुमार सिंह के हाथों से मेधावी छात्र एवं छात्राओं को वार्षिक अंकपत्र और इनाम तकसीम किया गया I बच्चों की हौसला अफजाई करते हुए उन्होने कहा कि स्कूल बच्चों की तरक्की का जरिया होता है I आज के दौर मे मजहबी शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा का होना अति आवश्यक है I बड़ी संख्या मेँ बच्चों के साथ उनके अभिभावक की उपस्थिती को देख कर विशिष्ट अतिथि डीसीपी ममता रानी ने स्कूल कमेटी के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि मुस्लिम क्षेत्रों मेँ इस तरह के आयोजन से बच्चों को एक नई दिशा और रौशनी मिलेगी और एक नया शिक्षित समाज बनेगाI मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने कहा कि बिना संस्कार के शिक्षा बेकार है इसलिए हमे अपने बच्चों को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए। प्रबन्धक अब्दुल मोबीन ने अतिथियों का स्वागत किया और स्कूल की आगामी शिक्षण संबंधी जानकारी दी I 

प्रोग्राम का संचालन प्रधानाचार्य मोहम्मद शाहिद अंसारी, ने और अध्यक्षता बाबू हाजी साहब ने की I   

मुख्य रूप से प्रोग्राम में बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के सदर सरदार हाजी हाफिज़ मोइनूद्दीन, मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी, हाजी मुख्तार अहमद, हाजी इश्तियाक अहमद, रिजवान अहमद एडीजे (जुडीशियल मेम्बर), मौलाना ज़ेर हसन इमानी, इशरत उसमानी (महासचिव जमीअतुल अंसार), सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक, शमीम रियाज़, इरफानूल हक़, स्वालेह अंसारी, बुनकर नेता शमीम अंसारी, अली हुसैन, हाजी गुलाब , हाफिज़ नसीर, हाजी अनवार, मुजफ्फर आलम, व बच्चों के साथ भारी संख्या में उनके माता-पिता, अभिभावक और शिक्षकगण आदि उपस्थित रहे।

शनिवार, 11 मार्च 2023

दवा से भी प्रोस्टेट का इलाज संभव: Dr samir trivedi.



Varanasi (dil india live). 11  मार्च को मदनपुरा स्थित महमूद मार्केट में एम, ए, टी, मेमोरियल चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा स्वास्थ जागरूकता अभियान के तहत एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें प्रोस्टेट की बीमारी जो तेजी से बढ़ रही है उसके इलाज और रोक थाम के लिए और अपने आप को कैसे और भी  बीमारी से बचाए उसके बारे में लोगो को जानकारी दी गई। प्रोग्राम की शुरुआत मौलाना जफर नोमानी ने कुरान की तिलावत कर की । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में BHU के प्रो0 डा. समीर त्रिवेदी और प्रो. डा. मुमताज अंसारी शामिल हुए । अध्यक्षता डा. शमसुद्दीन ने की। संचालन सोसाइटी के सचिव डा. अख्तर मसूद ने की।
इस मौके पर डा. समीर त्रिवेदी ने कहा कि आज एम ए टी सोसाइटी ने स्वास्थ जागरूकता प्रोग्राम रखा है इसका विषय प्रोस्टेट की बीमारी का इलाज कैसे किया जाए? इससे कैसे बचाव किया जाए? इस अहम बीमारी के रोक थाम के लिए और जागरूकता के लिए ये प्रोग्राम काफी महत्वपूर्ण है। मैं सोसाइटी के लोगो को बधाई देता हूं कि आज के इस भाग दौड़ के समय में हम सब अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते और उसी का नतीजा है की हमारे शरीर में तरह तरह की बीमारी पैदा हो जाती है ये प्रोस्टेट की बीमारी ज्यादातर पचास साल के ऊपर के लोगो को होती है और ये बीमारी जब किसी को हो जाती है तो इसका एक मात्र इलाज ऑपरेशन ही होता था। पर अब मेडिकल साइंस इतना आगे हो गया है की अब दवा से भी प्रोस्टेट का इलाज हो जाता है ।  ये बीमारी शरीर में पैदा न हो उसके लिए हम सभी को अपने रोज मर्रा के जीवन में खान पान पर बहुत ध्यान देना होगा तब जा कर इस बीमारी से अपने आप को बचा सकते है । इस मौके पर प्रो0 डा0 मुमताज अंसारी ने कहा की आज हर आम इंसान किसी न किसी बीमारी से परेशान है और सरकार भी अनेकों बीमारियों से बचने के लिए समय समय पर जागरूकता अभियान चलाती रहती है । हम सब अपने आप को कैसे फिट रखे अपने सेहत का कैसे ख्याल रखे ये। बहुत जरूरी है हमे चाहिए की समय से खाना खाए और पानी ज्यादा से ज्यादा पिए जिससे आप कई बीमारियों से बच सकते है अक्सर देखा गया है की लोग अपने खाने पीने पर ध्यान नहीं देते इस लिए कई बीमारी शरीर में पैदा हो जाती है। कोशिश करनी चाहिए की अपने जीवन में खाने पीने का एक टाइम टेबल बना ले इससे सभी को बहुत फायदा होगा। वक्ताओं में डा. शमसुद्दीन। डा. मो. इब्राहीम ने भी अपनी अपनी बातो को रखा। 

सभी का स्वागत पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सोसाइटी के अध्यक्ष जावेद अंसारी ने किया। इस मौके पर मौजूद हाजी अबुल हासिम, हाजी मो. जुबैर, हाजी अहमद बाबू, शाहिद कबीर, अब्दुल अजीम, हबीबुर्रहमान, मो. जकारिया, मौलाना नादिर लूतफी, नासिर हन्ना, जाहिद असलम, मो. शकील अहमद, डा. अब्दुर रहमान सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। 

कभी तो होगा khuda मेहरबां गरीबों पर, कभी तो अहले सितम का गुरूर निकलेगा...

अदब सराय की साहित्यिक संगोष्ठी में अतीक अंजर का सम्मान



Varanasi (dil india live). सामाजिक व अदबी संस्था अदब सराए बनारस के तत्वाधान में 11 मार्च की रात्रि को पराड़कर समृति भवन के गर्द सभागार मैदागिन में प्रवासी भारतीय शायर एवं लेखक दोहा कतर से तशरिफ लाए अतीक अंजर के सम्मान में संस्था ने "अतीक अंजर के साथ एक शाम ' के उन्वान से उनके समस्त लेखन एंव व्यत्तित्व पर परिचर्चा और mushayera का अयोजन किया गया। कार्यक्रम संस्था के संस्थापक सदस्य डा. शाद मशरिकी, आलम बनारसी, जमजम रामनगरी और डा. फरहत इसार ने अतिथीयों को गुलदस्ता पेश करके सम्मानित किया। संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक अहमद ने अतीक अंजर को शायरी में निरंतर सामाजिक मुद्दों के साथ ही ठगे, शोषित, असहाय और छले हुए नागरिकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए "कबीर एवार्ड" से अलंकृत किया। इस सम्मान और शहरे बनारस से मिले इस मुहब्बत से भाव विभोर अतीक अंजर साहब ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की कशी नगरी जो कि मेरा जन्म स्थान है इसी दयारे इल्मो फन में मेरी शिक्षा दीक्षा भी हुई है। इस शहर ने मुझे इस लायक बनाया है कि दोहा कतर ही नहीं दुनिया के अधिकतर हिस्सो में जहाँ उर्दू और हिन्दी बोली जाती और समझी जाती हैं। मेरी नज्में दिलचस्पी के साथ पढ़ी जाती है। उसका प्रमुख कारण यह है कि जब समय अपवाह बन रहा हो और सच को झूठ बनाने पर आमादा हो। जब मंशाएं कुटिल व हिंसक हो, विवेक लकवा ग्रस्त और विचार ध्वनियों के शोर की तरह भिनभिना रहा हों तब दुनिया के नकशे पर मेरी नई किताब "अच्छे दिन को शोक" जन्म लेती हैं। आज मेरे शहर बनारस और अदब सराय ने मुझे जो इज्जत और सम्मान दिया हैं। यह मेरे निजी एवं शेअरी जीवन का कभी न भुलने वाला पल हैं। अतीक अंजर ने इस अवसर पर अपनी कई नज्में और गजलें श्रोताओं के फरमाइश पर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा. मुर्शफ अली ( उर्दू विभाग बनारस हिन्दु युनिर्वसिटी ) ने पहले वक्ता के रूप में रिसर्च स्कालर दिवाकर तिवारी को अतीक अंजर की शाइरी के नज्मिया हिस्से पर गुफ्तगू करने के लिए बुलाया दिवाकर तिवारी ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा की अतीक अंजर उस कबीले के शायर है जहाँ एक तरफ बेशतर फनकार अपनी नज्मों लय, तुक शब्दों के सौदर्य पर ध्यान देते हैं, वहीं दूसरी ओर अतीक अंजर अपने समस्त लेखन को आम नागरिक के जीवन को उसके कच्चे रूप में ही जन सामान्य के सामने रख दिया हैं। उन्होंने गाँव देहात के जीवन को सिर्फ देखा ही नहीं बल्कि जिया भी हैं। प्रोफेसर शाहिना रिजवी ने कहा कि मुहब्बत का पैगाम हम सब को आम करना चाहिए, मुहब्बत से ही हिंदुस्तान में एक बेहतरीन माहौल बन सकता है। समारोह के वरिष्ठ वक्ता बनारस हिन्दू युनिर्वसिटी उर्दू के विभागागध्यक्ष प्रोफेसर आफताब अहमद आफाकी ने कहा कि तानाशाही एवं लोकतंत्र के पक्ष में खड़ा होने वाला शायर अपनी रचनाओं में अच्छे दिन का शोक, में शब्दों, बिम्बों, अर्थो और वाक्य रचना में निहित, निरा, कोरा, लिज लिजा भावुक रसायन नहीं हैं। बल्कि गाँव के गलियों और टोला मुहल्लों में बोली जाने वाली सादा और आसान शब्द कोश है जिसके द्वारा वो जन सामान्य को अपनी बातें समझाने में कामयाब ही नहीं बल्कि उसके दुख का साथी बन जाते हैं ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात विद्वान, साहित्यकार आलोचक एंव शायर शमीम तारिक ने अतीक अंजर के समस्त लेखन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की उनकी शायरी आने वाले जमानों में भी अपने रंग और सुगन्ध की ताजगी का आभास दिलाती रहेगी। मुझे यह कहने में जरा भी संकोच नहीं है कि अतीक की रचनाए विरोध और राजनीतिक भागीदारी की आधुनिक उर्दू हिन्दी कविता की एक नई शाखा को जांच के लिए एक उच्च आधार बनाती हैं । 

कार्यक्रम का दूसरा भाग मुशाएरे का था जिसके संचालन की जिम्मेदारी इशरत उस्मानी ने संभाली पहले शायर के रूप में जम जम रामनगरी को अवाज दी गई, जिन्होंने अपने कलाम पेश करते हुए कहा कि, मर गए लड़ते हुए अगली सफों में जॉबाज शाहजादे तो फकत जंग के किस्से में रहे...। आलम बनारसी ने पढ़ा, आबरू कितनों की पिन्हा चुप के पैराहन में है, ये खुला जब खुद को उसने बे लेबादा कर लिया...।

डॉक्टर बख्तिया नवाब ने कहा, कभी तो होगा खुदा मेहरबां गरीबों पर, कभी तो अहले सितम का गुरूर निकलेगा...।

शाद मशराकी ने कहा, जो अपने उसूलों की हिफाजत में लगा हो, उस शख्स का दामन कभी मैला नहीं होगा...। 

सुहैल उस्मानी ने कहा, बस जरूरत तलक साथ थे और फिर हम जुदा हो गए...।

खालिद जमाल ने कहा, बहाना अब बना तू और कोई, ये किस्सा भी है मेरा कुछ सुना सा...। गुफरान अमजद ने कहा, कोई फिरऔन लरजता हुआ देखा तुमने, शहरे इजहार में मूसा तो बहुत फिरते हैं। शाद अब्बासी ने कहा कि, हमारे हाथ में कश्कोल एक अमानत हैं, सवाल अपने लिए आज तक किया ही नहीं। समर गाजीपुरी के भी कलाम पसंद किए गए।

       इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अतीक अंसारी, सर सैयद सोसाइटी के हाजी इश्तियाक अहमद, जमजम रामनगरी, शाहिना रिजवी, आगा नेहाल, सलाम बनारसी, डॉक्टर एहतेशामुल हक, शमीम रियाज़, एच हसन नन्हें, मुस्लिम जावेद अख्तर, इरफानुल हक, शकील अंसारी आदि लोग शामिल थे।

Lucknow में जुटेंगे देश भर के shiya Muslim

बनारस से कल रवाना होंगे सैकड़ों शिया
Varanasi (dil india live). 12 मार्च को प्रमुख शिक्षा धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी की क़यादत में अज़ीमुशान इज्तेमा बड़े इमामबाड़ा, लखनऊ में मुनाअक़्क़ीद होने जा रहा है जिसमें पूरे हिन्दुस्तान से शिया Muslim पहुंच रहे हैं। वाराणसी से सैय्यद एजाज़ हुसैन गुड्डू बाक़री के साथ शहर बनारस से काफ़ी तादाद में मोमिनीन इस जलसे को कामयाब बनाने के लिए रविवार को सुबह रवाना होंगे। एजाज़ हुसैन गुड्डू ने बताया की ये जलसा शिया समाज के लोगों के हक़ की आवाज़ के लिए है। शिया समाज के सबसे बड़े आलिमे दिन मौलाना कल्बे जव्वाद साहब इसकी सदारत करेंगे। हमेशा की तरह मौलाना साहब इस बार भी क़ौम की आवाज़ बनेंगे और क़ौम के लोगों का हक़ दिलाने का काम करेंगे। इस कार्यकम की पूरी जिम्मेदारी शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अली ज़ैदी, शामिल शम्सी, मिसम रिज़वी, अमील शम्सी, हुसैनी टाइगर व दीगर ज़िम्मेदाराना तमाम मोमिनिन से शिरक़त की गुज़ारिश किया है।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...