मंगलवार, 14 मार्च 2023

Medical news: 18 मार्च तक मनाया जाएगा विश्व ग्लूकोमा सप्ताह

आँखों की समस्या न करें नजरंदाज, नियमित कराएं जांच

इस बार थीम ‘आओ अदृश्य ग्लूकोमा को हराए

Varanasi (dil india live).आँखों के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए| ऐसा करना आंखों की परेशानी को और बढ़ा सकता है| इसलिए समय-समय पर इसकी जांच कराने और आंखों की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है| प्रत्येक वर्ष 12 मार्च विश्व ग्लूकोमा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही 18 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है| 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि ग्लूकोमा सप्ताह के तहत जिले के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जनमानस में आंखों में ग्लूकोमा रोग से संबंधित जागरूकता, चिकित्सकीय परामर्श, शिविर, रैली का आयोजन किया जाएगा| इसका मुख्य उद्देश्य ऑप्टिक तंत्रिका परीक्षण सहित नियमित आंखों की जांच के लिए लोगों को प्रोत्साहित करके ग्लूकोमा द्वारा होने वाले अंधेपन को


समाप्त करना है| इस बार इसकी थीम ‘आओ अदृश्य ग्लूकोमा को हराएँ’ रखी गई है। 

राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर ग्लूकोमा सप्ताह का आयोजन करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक के कार्यक्रम प्रबन्धक, आशा संगिनी व सीएचओ एवं आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक कर ग्लूकोमा स्क्रीनिंग (जांच) करने के लिए प्रेरित करेंगे| लोगों को जानकारी दी जाएगी कि इस समस्या के दौरान आंखों में तरल पदार्थ का दबाव बढ़ जाता है| शुरुआती अवस्था में न तो इस बीमारी के कोई लक्षण प्रकट होते हैं और न ही कोई संकेत| जांच में देरी से मरीज दृष्टि भी चली जाती है| ग्लूकोमा को आम भाषा में काला मोतिया भी कहते हैं| यह रोग ऑप्टिक तंत्रिका (दृष्टि के लिए उत्तरदायी तंत्रिका) में गंभीर एवं निरंतर क्षति करते हुए धीरे-धीरे दृष्टि को समाप्त कर देता है|यदि इस रोग का समय रहते पहचान व उपचार न किया जाए तो व्यक्ति अंधा भी हो सकता है| काला मोतिया की पहचान यदि प्रारंभिक चरणों में कर ली जाए तो दृष्टि को कमजोर पड़ने से रोका जा सकता है| ऐसे में नियमित जांच कराएं और आंखों में होने वाले किसी भी नए बदलाव या लक्षण पर ध्यान दें । उन्होंने बताया कि एलबीएस चिकित्सालय रामनगर, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, डीडीयू चिकित्सालय पांडेयपुर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय बीएचयू में आंख संबंधी जांच व उपचार की सुविधा मौजूद है। 

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ वीएस त्रिपाठी ने कहा कि आंख संबंधित समस्या से बच्चों पर विशेष देने की जरूरत है। आंखों की बीमारी से बचाव के लिए उनको चाहिए कि आनलाइन पढ़ाई करते समय मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर को अपनी आंखों के लेवल से कम से कम 15 से लेकर 20 डिग्री नीचे रखें। पावर का चश्मा लगाते हैं तो आनलाइन पढ़ाई करते समय चश्मा जरूर लगाएं। मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर से पढ़ाई करने के बाद 20 मिनट के लिए आंखों को आराम अवश्य दें। स्क्रीन पर नजरें टिका कर पढ़ाई करने के बजाय आंखों की पलक गिराते उठाते रहना चाहिए। लगातार कई घंटों तक मोबाइल, लैपटाप और कंप्यूटर के उपयोग से कई गंभीर समस्या हो सकती हैं। आंखों से संबंधित थोड़ी भी परेशानी हो तो दवा लेने से पहले नेत्र रोग चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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