शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में अटेवा ने एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो का लगाया नारा

निकाली पदयात्रा, शिक्षक कर्मचारियों ने की शिरकत

वाराणसी 22 अक्टूबर(dil india)। अटेवा पेंशन बचाओ मंच उ.प्र. के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धुजी एवं प्रदेश महामंत्री नीरजपति त्रिपाठी के आह्वान पर अटेवा पेंशन बचाओं मंच वाराणसी द्वारा सायं 4 बजे एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पद यात्रा, विनोद यादव जिला संयोजक के नेतृत्व में निकाली गयी । यह पद यात्रा उ. प्र . चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ कार्यालय पीडब्लूडी से जिलाधिकारी कार्यालय तक हुई । वहां पहुॅचकर एन ० पी ० एस ० समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने एवं निजीकरण बंद करने सम्बन्धित मांग पत्र जिलाधिकारी वाराणसी के माध्यम से मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार को भेजा गया



। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग / बेसिक शिक्षा विभाग , पीडब्लूडी विभाग , सिंचाई विभाग , स्वास्थ्य विभाग , फार्मासिस्ट संघ , सफाई विभाग , राजस्व विभाग इत्यादि के नेताओं ने अपने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षक / कर्मचारी एवं अधिकारी किसी भी प्रदेश एवं देश की रीढ़ होते हैं उन्हें अपनी - अपनी मांगों के लिए बार - बार सड़क पर आकर संघर्ष करना पड़ रहा है , जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है । कभी शिक्षक / कर्मचारी सेवा में आने के बाद अपने भविष्य के लिए निश्चिन्त हो जाते थे , क्योंकि उनके बुढ़ापे की लाठी पेंशन थी । किन्तु इसे भी समाप्त कर बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गयी । जिससे लाखों - लाख शिक्षक / कर्मचारी का भविष्य अन्धकार मय हो गया , और उन्हें अपने भविष्य की चिन्ता सताने लगी है ,सेवानिवृत्त के बाद बुढ़ापा कैसे कटेगा इसी में वह चिन्तित रहता है ।दूसरी ओर सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कमजोर वर्ग के खिलाफ अमीरों का एक षड़यंत्र है जो न देशहित में है और न ही जनहित में है । यह केवल अमीरों / उद्योगपतियों के हित में है अतः सरकार से आग्रह है कि एन०पी०एस० समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करें एवं निजीकरण को अविलम्ब बंद किया जाय। 

इनकी रहीं खास मौजूदगी:

इस पद यात्रा में अटेवा वाराणसी संरक्षक रामचन्द्र गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येन्द्र राय, ज़िला संयोजक विनोद यादव, उमेश बहादुर सिंह पीडब्लूडी, एस.पी. यादव फार्मासिस्ट संघ, सुधीर कुमार सिंचाई विभाग, अभिजय श्रीवास्तव स्वास्थ्य विभाग, मनबोध यादव जिला महामंत्री, जिला सहसंयोजक- डॉ. एहतेशामुल हक, वेद सिंह, राकेश कुमार सरोज, जिलामंत्री बी.एन. यादव, कोषाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश गुप्त, संगठन मंत्री जफर अंसारी, सतीश वर्मा, मिडिया प्रभारी रामचन्दर, जिलाध्यक्ष सोम शिक्षक रामहरख चौधरी, अध्यक्ष सफाई कर्मचारी संघ कृष्ण कुमार, सोशल मिडिया प्रभारी सुरेन्द्र प्रताप सिंह, नगर संयोजक गुलाब चन्द्र कुशवाहा, महामंत्री अंजनी कुमार सिंह, मीनाक्षी पाण्डेय, पूजा सिंह, आरती, नीरज यादव, अंशु दूबे पुष्पा सिंह, ज्योति द्विवेदी, श्वेता जायसवाल, इमरान अंसारी, प्रणव यादव, राजेश प्रजापति, राजेश सिंह, विनय कुमार सिंह, शशांक शेखर, शैलेश कुमार, सुबाष चन्द्र, श्यामाकान्त यादव, नरेन्द्र प्रसाद, अजय यादव, प्रमोद कुमार पटेल, संजय पाल, राममूर्ति, शिवमनी, रविन्द्र कुमार यादव, शेषनाथ पाल, जोगेन्द्र सोनकर, शकील अहमद, रहमत अली, आरिफ खान, सुहैल अहमद, अनीता सिंह, मुहम्मद जाबिर, आमरा जमाल, सादिया तबस्सुम, विनोद यादव, फरजाना, शैलबाला, अरविन्द यादव, आयशा, नौशाद अंसारी, उजमा महबूब, जहीर, गिरीश चंद्र यादव, रविन्द्र, गोविन्द, सतीश, सुनील कुमार गुप्ता, अश्वनी प्रसाद, परमानन्द, संदीप उमेश, संजय प्रभाकर, आतिफ मोहम्मद खालिद, राममिलन यादव, विनोद यादव, पीयुष कुमार, लल्लन यादव, सत्येन्द्र कुमार सिंह, अमरेन्द्र, धर्मेन्द्र कुशवाहा, आलोक मौर्य सहित सैकड़ों शिक्षक कर्मचारी उपस्थित थे।

शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

शेर-ए-बनारस बॉडी बिल्डिंग प्रतिस्पर्धा में जुटेंगे बॉडी बिल्डर

24 को दमखम दिखाएंगे बनारस के बॉडी बिल्डर

वाराणसी, 22 अक्टूबर(dil india)। कोरोना की दूसरी लहर के बाद वाराणसी में पहली बार बॉडी बिल्डिंग प्रतिस्पर्धा आयोजित होने जा रही है। काशी डिस्ट्रिक्ट बॉडी बिल्डिंग एवं फिटनेस एसोसिएशन के तत्वावधान में आगामी 24 अक्टूबर,2021 को 12 वीं शेर-ए-बनारस प्रतियोगिता का आयोजन लालपुर स्थित जीवनदीप पब्लिक स्कूल के प्रांगण में किया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को शिवाला स्थित द जिम में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आयोजित एक प्रेस वार्ता में विस्तृत जानकारी दी। संस्था के अध्यक्ष अहमद फैसल महतो ने बताया की दुबारा लॉकडाउन के बाद से ही बॉडी बिल्डरों के लिए किसी भी तरह की स्पर्धा आयोजित ना होने से उनमें निराशा का भाव आ रहा था, इसे देखते हुए एसोसिएशन शेर-ए-बनारस आयोजित करने का फैसला किया गया। यह स्पर्धा सभी के लिए होगी जिसमें देश भर के बॉडीबिल्डर प्रतिभाग करेंगे। प्रतिस्पर्धा  कुल 7 भारवर्गों में तथा 1 फिटनेस फिजिक कैटेगरी में आयोजित होगी। कैटेगरी में 0-55, 55-60, 60-65, 65-70, 70-75 और  80+ तक के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। हर ग्रुप से बेस्ट ऑफ फाइव चुने जाएंगे उनमें से चुने गए को शेर-ए-बनारस का खिताब मिलेगा वही दूसरे नम्बर पर आये खिलाड़ी को मिस्टर मशलमैन से नवाजा जाएगा। प्रतिस्पर्धा में टाइटल विजेता को 10,000 रुपए नकद तथा मशलमैन को 5,000 रुपए नकद के साथ अन्य विजेताओं में कुल 51,000 रुपए नकद पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। 

अहमद फैसल महतो ने बताया कि बाहर से आने वाले खिलाड़ियों के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था भी कार्यक्रम स्थल पर की जाएगी, वही स्थानीय खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन एक दिन पूर्व शिवाला स्थित द जिम में ही होगा। पत्रकार वार्ता में निदेशक मोहम्मद सगीर, चैयरमैन फसरूद्दीन खान, निसार अहमद, रियासुद्दीन, कैस अंसारी, मयंक उपाध्याय आदि पदाधिकारी शामिल रहें।

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

इनरव्हील ने दिया सेवाकार्य पर ज़ोर

इनररव्हील मित्रम की डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन विजिट

वाराणसी 21 अक्टूबर(dil india)। इनररव्हील क्लब वाराणसी मित्रम का डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन विजिट होटल द्वारका में ट्रामा सेंटर के सामने संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन अर्चना बाजपेई ने क्लब के कार्यों की सराहना की और सेवा कार्यों पर ज़ोर दिया।

पूर्व एसोसिएशन कोषाध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने भी क्लब के कार्यों के बारे में अपने विचार रखे। क्लब ने समाज सेवा के अंतर्गत 5 लड़कियों को स्टेशनरी, टिफिन, बोतल इत्यादि दिए। अध्यक्ष अमृता शर्मा ने समाज सेवा के प्रति लोगों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई।


इससे पूर्व सतरूपा केसरी ने गणेश वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का विधिवत आगाज किया। कार्यक्रम का संचालन उमा केसरी ने किया तो धन्यवाद ज्ञापन वाइस प्रेसिडेंट नूतन रंजन ने दिया। इस अवसर पर ममता तिवारी, सुषमा अग्रवाल, शीला अग्रवाल, निशा अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, मंजू केसरी ,चंद्र शर्मा, अमृता सिंह, रीता कश्यप, रानी केसरी उपस्थित थे।

तिरंगा यात्रा के लिए पहुँचे राज्यसभा सांसद हिरासत में


तिरंगा यात्रा स्थगित, निरस्त नहीं

  • अगली तिथि जल्द होंगी घोषित:संजय सिंह
  • तिरंगा यात्रा अवैध कैसे: संजय सिंह

  • योगी राज्य में तिरंगा यात्रा निकलना भी अपराध:संजय सिंह

वाराणसी 21 अक्टूबर (dil india)। आम आदमी पार्टी द्वारा पूर्व घोषित तिरंगा संकल्प यात्रा कचहरी स्थित अम्बेडकर पार्क से तेलियाबाग स्थित पटेल प्रतिमा तक होना था। उसे आम आदमी पार्टी ने स्थागित कर दिया है। आप ने आरोप लगाया कि यात्रा को प्रशासन ने बल पूर्वक रोकने का प्रयास किया और यात्रा में सम्मिलित होने आ रहें राज्यसभा सांसद/प्रदेश प्रभारी संजय सिंह और साथियों को गणेशपुर स्थित BHEL के पास भारी पुलिस बल लगाकर बलपूर्वक हिरासत में ले लिया गया। कारण पूछने पर पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया।

लगभग 05 घंटे वहीं रहने के पश्चात प्रशासन के अनुरोध पर कि श्रीलंका का डेलिगेशन आया हुआ है और आगामी त्योहारों के वजह से सुरक्षा व्यवस्था की दिक्कत हैं, आदि के संदर्भ में संजय सिंह ने तिरंगा यात्रा को स्थगित करने की सूचना देते हुए कहा कि आगामी तिथि जल्द घोषित की जायेंगी।

      इसके पूर्व आज सुबह 08 बजे संजय सिंह को भारी पुलिस बल को लगाकर गणेशपुर में हिरासत में लिये जाने पर संजय सिंह ने तिरंगा यात्रा को अनुमति न दिये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में समर्थकों द्वारा हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार करने की तो छूट हैं, परंतु तिरंगा लेकर चलने की छूट नहीं हैं। भारत माता की जय बोलने की छूट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब सरकार तिरँगा यात्रा रोकेंगी, तब-तब उससे ज्यादा ताकत से तिरंगा यात्रा करने का हमारा प्रयास होगा। उन्होंने प्रशासन द्वारा कार्यकर्ताओं को दिये गये नोटिस में तिरंगा यात्रा को अवैध घोषित किये जाने के शब्दों पर ऐतराज जताते हुए, आदित्यनाथ राज्य की आलोचना करते हुए कहा कि तिरंगा यात्रा अवैध कैसे हो सकती हैं। 



प्रदेश प्रवक्ता सहित कई नेता नज़रबंद

 प्रस्तावित "तिरंगा संकल्प यात्रा" से घबरायी हुई सरकार ने यात्रा के प्रारम्भ स्थल अम्बेडकर पार्क और मलदहिया स्थित पटेल चौक को किले में तब्दील कर दिया और यात्रा के समर्थन में लगें पोस्टर, बैनर को तुरंत ही उतरवा दिया। तिरंगा यात्रा के स्थगित होने की सूचना 01 बजे ही आ गयी परंतु नजरबंद लोगो और गिरफ्तार लोगों को शाम 03:30 बजे समाचार लिखे जाने तक नहीं छोड़ा गया। तिरंगा संकल्प यात्रा से एक दिन पहले ही प्रदेश सहप्रभारी अभिनव राय, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, प्रदेश सचिव देवकांत वर्मा, जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, जिला महासचिव अखिलेश पांडेय, सरोज शर्मा, अंजना सिंह, दक्षिणी अध्यक्ष सौरभ यादव सहित लगभग सभी सक्रिय कार्यक्रताओं को कार्यक्रम में सम्मिलित न होने की चेतावनी पुलिस द्वारा दी गई और नोटिस भी तामील की गई। इसके अतिरिक्त प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, जिला मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, रोहनियां प्रत्याशी पल्लवी वर्मा सहित कई लोगों को घर पर ही नजरबंद कर दिया गया।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह के हिरासत का विरोध कर रहें 40 कार्यक्रताओं को गणेशपुर से गिरप्तार कर पुलिस लाईन ले जाया गया। गिरफ्तार प्रमुख लोगों में सर्वश्री प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल विंग अनुप पांडेय, प्रदेश सचिव कृष्णकांत तिवारी,प्रदेश सचिव महिला विंग रेखा जायसवाल, जिलाध्यक्ष महिला विंग शारदा टंडन, अनिता यादव, उत्तरी विधानसभा अध्यक्ष महफूज अहमद, राजन कुमार मौर्य, कमलेश यादव, मो. हिदायतुल्लाह, जयकिशन पटेल, राम सूरत सिंह, विनय राजभर आदि। आज के कार्यक्रम में अन्य मौजूद लोगों में सर्वश्री प्रदेश सहप्रभारी अभिनव राय, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष स्टूडेंट विंग वंशराज दुबे, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अनुराग मिश्रा, प्रदेश सचिव प्रवीण यादव,शिवपुर प्रत्याशी सतीश सिंह, सुशांत राज भारत, मंडल अध्यक्ष व्यापार मंडल अनुराग अग्रवाल, जुबैर अहमद आदि।

अन्नदाता किसान देश पर करेगा राज


किसान पदयात्रा का काशी में समापन

  • चंपारण से गांधी-शास्त्री जयंती पर हुई थी शुरु

वाराणसी 20 अक्टूबर(dil india)। चंपारण से गांधी-शास्त्री जयंती के दिन २ अक्टूबर को शुरू हुई १९ दिनी ४०० किसानों की पदयात्रा २० अक्टूबर को वरुणा नदी किनारे शास्त्री घाट पहुंची। वाराणसी, चंदौली, मऊ, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर और मध्य प्रदेश के किसानों ने वाराणसी के नागरिक संगठनों के साथ मिलकर मुख्य रूप से ओडिशा से आये किसान पदयात्रियों का स्वागत किया।

शास्त्री घाट में अपराह्न १ से ४ बजे तक आयोजित सभा में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय समिति के डाक्टर सुनिलम ने कहा कि किसान विरोधी तीनों काले कानूनों का विरोध करते हुए पंजाब के किसान दिल्ली में दो दिन की रैली के लिए आ रहे थे, और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पानी, खाई और चट्टान के पत्थर से रोकने का प्रयास किया, रैली नहीं रुकी, ११ महीनों से लगातार धरना चल रहा है, यह देश के किसानों का त्याग भरा जज्बा है जो सफलता पाए बिना रुकेगा नहीं| कर्नाटक के किसान नेता वी आर पाटील ने कहा की ७ नवम्बर तक कन्याकुमारी से लेकर दिल्ली तक एक बृहद किसान यात्रा शुरू हो रही है जो देश के विभिन्न प्रदेशों का भ्रमण करते हुए किसान आन्दोलन की पहली वर्षगाँठ के दिन २६ नवम्बर को दिल्ली पहुंचेगी और मोदी सरकार को लालाकरेगी |  सोशलिस्ट किसान यूनियन के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. संदीप पाण्डेय ने कहा कि शायद यह सरकार के कान बंद हैं, यदि यह सरकार किसानों की पुकार नहीं सुन रही है तो २०२२ के उत्तर प्रदेश चुनाव और २०२४ के लोक सभा चुनाव में देश की जनता अन्नदाता के अपमान के बदले में सत्तासीन पार्टी को सबक सिखाएगी | उन्होंने कहा की सरकार के लोग तालिबानियों से वार्ता करने रूस जा रहे है  लेकिन ११ महीनों से आंदोलनरत किसानों से बात नहीं कर रहे हैं |

कार्यक्रम की शुरुवात में चंदौली से

कार्यक्रम की शुरुवात में चंदौली जिले के किसान नेता सुरेश यादव के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन के  लोग लखीमपुर में शहीद हुए किसानों का अस्थि कलश ले आये और मौन रखकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी| पदयात्रा के संयोजक अक्षय कुमार एवं हिमांशु तिवारी, बिहार किसान संघर्ष समिति के नेता दिनेश सिंह, एकता परिषद् बिहार के प्रदीप प्रियदर्शी, नीति भाई, सुनील सहस्रबुद्धे, बलिया के किसान नेता अखिलेश सिंह और राघवेन्द्र सिंह, मोरादाबाद के किसान नेता राकेश रफीक आदि ने भी सभा को संबोधित किया। वाराणसी के वरिष्ठ समाजवादी नेता विजय नारायण ने अध्यक्षता की। फादर आनंद ने पदयात्रा समापन सभा की तरफ से एक ग्यारह-सूत्री प्रस्ताव को पढ़कर सुनाया जिसे सभी लोगों ने ध्वनी मत से पारित किया | कार्यक्रम की शुरुवात में राम जनम ने सभी पदयात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि बनारस कबीर, रैदास, बाबा भोलेनाथ और मुंशी प्रेमचंद की नगरी है, और इसी शहर से किसान विरोधी क़ानून की चुनौती दी जानी चाहिए|  पारमीता ने संचालन ने किया। कसभा शुरू होने से पूर्व लोकविद्या जन आंदोलन और प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने जन जागृति के गीत गाये|

कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के किसान नेता ईश्वर चंद के नेतृत्व में सतना, कटनी, जबलपुर के ५० किसान महिलायें और ओडिशा के सेशादेव नंदा, उमाकांत भारत, निनई राज, रश्मि रंजन स्वाइन, मुनवर अली, अमृतसर से राष्ट्रीय महिला किसान मोर्चा की दलजीत कौर, सर्व सेवा संघ, वाराणसी के राम धीरज, अनूप श्रमिक, मनीष शर्मा, डॉक्टर मुनीज़ा रफीक खान,डॉ मोहम्मद आरिफ,राजेन्द्र चौधरी, शहजादी, श्रीप्रकाश, बुनकर नेता अहमद, धनंजय त्रिपाठी, सच्चिदानंद ब्रह्मचारी, सतीश सिंह, रमण पन्त, गोकुल दलित, सागर गुप्ता, अधिवक्ता प्रेम प्रकाश यादव, नंदलाल मास्टर,  आदि उपस्थित रहे। भारतीय किसान यूनियन, स्वाराज किसान आन्दोलन, कृषिभूमि बचाओ मोर्चा, किसान एकता मंच, जय किसान आंदोलन, किसान मजदूर एकता परिषद, पूर्वांचल किसान यूनियन, जॉइंट एक्शन कमेटी, भगत सिंह छात्र मोर्चा, लोकसमिति, लोकचेतना समिति, कम्युयूनिस्ट फ्रंट, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा, रिदम, साझा संस्कृति मंच, खदान मजदूर यूनियन और बुनकर यूनियन  के सदस्य लोग उपस्थित रहे|


सभा में पारित प्रस्ताव

गांधीजी के नेतृत्व में किसानों के चंपारण सत्याग्रह के 104 साल बीत जाने के बाद भी भारत के किसानों को खेती - किसानी के सवाल पर आंदोलन करना पड़ रहा है। तब और अब में फर्क सिर्फ इतना आया है कि तब अंग्रेज शासन कर रहे थे और अब भारतीय। उस समय नील की खेती और उसके दाम को ब्रिटिश कंपनियां नियंत्रित कर रही थी । अब दुबारा से खेती को कंपनियों को देनी की साजिश है ।

तीनों काले कानून के विरोध में और एम. एस. पी के गारंटी के कानून के लिए देशभर के किसान पिछले ग्यारह महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के सामूहिक नेतृत्व में आंदोलित हैं , लेकिन सरकार है कि उसके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।लोगों द्वारा चुनी गयी सरकार का ऐसा रवैया लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। 

ऐसे दौर में हम सब लोगों का कर्तव्य है कि किसान के इस जीवन- मरण प्रश्न को देश भर में जोर - शोर से सत्याग्रह के माध्यम से ले जाया जाए। जनजागरण के लिए सत्याग्रह के तौर पर हम साथियों ने उसी चंपारण से पदयात्रा करने का निर्णय लिया, जहाँ गांधी जी ने किसानों के लिए 1917 में सत्याग्रह किया था । आइए हम सब मिल कर एक साथ एकजुट होकर यह प्रस्ताव देश भर में सवाल के रुप ले जाएं।

लोकनीति सत्याग्रह के प्रधानमंत्री से ग्यारह सवाल-

1.लोकतंत्र में अलोकतांत्रिक निर्णय क्यों? 650 से ज्यादा किसानों के शहादत के बाद भी किसानों से मिलने के लिए आपकी संवेदना क्यों नहीं जगी ? 

2. तीनों काले कानून कब वापस होंगे? 

3. एम. एस. पी. पर कानूनी गारंटी क्यों नहीं ? 

4. नौजवानों के रोजगार पर फैसला कब ? किसानों को सामाजिक सुरक्षा भत्ता क्यों नहीं ? 

5. कमर तोड़ महंगाई से राहत कब ? 

6.करोना से दिखाई दिए विफल स्वास्थ्य सिस्टम की जिम्मेदारी किसकी ? अस्पतालों की हालत कब सुधरेगा ? 

7.पढ़ाई, दवाई, कमाई, महंगाई, उचित मूल्य जैसे जरुरी सवाल सत्ता में आने के इतने साल बाद भी आपके एजेंडे में क्यों नहीं? 

8.मजदूरों के पलायन और बढ़ती अमीरी- गरीबी असमानता का जिम्मेदार कौन ?

9. कॉर्पोरेट और विदेशी कंपनियों के हाथ की कठपुतली सरकार कब तक बनी रहेगी? 

10.प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंन लूट की छूट कब तक?

11. लखीमपुर के किसानों को न्याय मिले , गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा बर्खास्त हो।

हम हज़ारों किसान बनारस में एकजुट होकर यह प्रस्ताव पारित कर रहें हैं की इन सवालों को देश भर में ले जायेंगे और प्रधानमंत्री जी को जवाब देने के लिए मजबूर करेगे।

बुधवार, 20 अक्तूबर 2021

बदल रही हाथी की चाल


बसपा के लिए चुनौती बना मिशन फतह 2022 !

-बेस वोट रहा नहीं, नेता कोई बचा नहीं

वाराणसी(dil india)। कभी तिलक तराजू और तलवार...का नारा देकर सियासत में सिफर से शिखर तक पहुंचने वाली बहुजन समाज पार्टी इस बार कठिन दौर से गुज़र रही है। बसपा का बेस वोट भाजपा में शिफ्ट हो जाने से बसपा प्रमुख मायावती चिंतित है। कभी बसपा ने नारा दिया था यूपी हुई हमारी है, अब दिल्ली की बारी है मगर हुआ उल्टा, यूपी भी गयी और दिल्ली तो पहले से ही दूर है। अगर संगठन का जायजा लिया जाये तो मायावती और सतीश चन्द्र मिश्रा के बाद पार्टी में दूर-दूर तक कोई सूरमा नज़र नहीं आ रहा है जो कोई करिश्मा करता दिखाई दे। बसपा से बाहर जाने वालों की लम्बी फेहरिस्त है। हाल के महीनों में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इससे बसपा मुस्लिम वोट बैंक को भी लेकर परेशानियों में घिर गयी।  अब पार्टी महासचिव के कंधे पर बसपा से ब्राहम्णों को जोड़ने का भार है मगर सतीश चन्द्र मिश्रा इसमें कितना सफल होंगे ये तो वक्त ही बतायेगा। फिलहाल बसपा दुविधा और परेशानियों के दौर से गुज़र रही है। एक रिपोर्ट...

बहुजन समाज पार्टी किस कदर कठिन दौर से गुज़र रही है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अन्य दलों से अलग चलने वाली बहुजन समाज पार्टी भी अब दूसरे सियासी दलों की राह पर है। बसपा 31 साल के इतिहास पर अगर नज़र डालें तो सब कुछ बदला-बदला सा नज़र आ रहा है। इस चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए बहुजन समाज पार्टी लोक लुभावने वायदे कर रही है। बसपा अब बहुजन समाज के बजाय सर्वसमाज की बाते करती दिखाई दे रही है। प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठियां पिछले दिनों की गयी। भाजपा की तरह सत्ता में आने पर धार्मिक एजेंडे को भी धार देने की बात कर रही है। इसको देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बसपा अपना मूल रंग-ढंग बदल चुकी है।

प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी से नैया होगी पार!

बसपा अमूमन घोषणा पत्र नहीं जारी करती है और न ही यह बताती है कि वह सत्ता में आने पर क्या करेगी, लेकिन इस बार मायावती ने यह साफ कर दिया हैं कि वह सत्ता में आने पर क्या-क्या करने वाली हैं। प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी के समापन पर सभी संस्कृत स्कूलों को सरकारी सुविधाएं देने, वित्तविहीन शिक्षकों के लिए आयोग बनाने और तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने का वादा तो मायावती ने किया ही साथ में यह भी साफ कर दिया कि अब वो सत्ता में आने पर स्मारक, पार्क व संग्रहालय नहीं बनवाएंगी यह भी साफ कर दिया कि अयोध्या, काशी व मथुरा का विकास कराएंगी। वो सभी वर्गों को ध्यान में रख कर चुनावी वायदे कर रही हैं। इस बार उनकी नज़र सभी वर्ग के वोट पर है। वो युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही हैं तो कर्मियों की मांगों को पूरा करने के लिए आयोग बनाने की बात कर रही हैं। किसानों के हितों की बात कर रही हैं, तो सिखों को भी खुश करने के लिए वायदे कर रही हैं। ब्राह्मण, मुस्लिम, महिला, मजदूरों के लिए उनके चुनावी एजेंडे में बहुत कुछ है।

मुख्तार अंसारी को कभी वक्त का सताया हुआ इंसान बताने वाली मायावती ने टिकट न देने का पहले ही ऐलान करके सभी को चौका दिया।  मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफज़ाल अंसारी गाज़ीपुर से बसपा के सांसद हैं मगर उनके भी दूसरे दलों में जाने की अटकलें लगातार आ रही है सच्चाई क्या है यह तो आने वाला समय बतायेगा मगर मुख्तार के सबसे बड़े भाई शिबगतुल्लाह अंसारी सपा की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। ऐसे में बहुत हद तक अफज़ाल और मुख्तार के भी सपा में जाने के संकेत मिल रहे हैं। इसके चलते भी बसपा को आंशिक नुकसान होना तय है। क्यों कि कहा जाता है कि अंसारी परिवार पूर्वांचल की गाजीपुर, मऊ समेत कई सीटों पर अपना प्रभाव रखता है वो भले जीते या न जीते समीकरण उनके ही इशारों पर बनते रहे हैं। सपा प्रमुख जब तक मुलायम सिंह यादव थे तब उन्होंने अंसारी बंधुओं और अतीक सरीखे नेताओं को अपने साथ रखा था मगर जब कमान अखिलेश यादव के हाथ में आयी तो उन्होंने अंसारी परिवार से दूरी बना ली थी। 

माया का ट्वीट वार

अमूमन मीडिया खासकर सोशल मीडिया  से दूरी बनाए रखने वाली मायावती। समय-समय पर मीडिया को कोसने वाली बसपा अब सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। मायावती को हर मुद्दे अब ट्वीट करने में मज़ा आ रहा है। सतीश चंद्र मिश्र बकायदे पीआर एजेंसी लगाए हुए हैं। यानी अब बसपा समझ गयी है कि सभी को साथ लेकर चलना होगा और सोशल मीडिया आज का बहुत ज़रूरी हथियार है।

दूसरे दलो में गए बसपा के ये चेहरे 

कांशी राम के खास सहयोगी राज बहादुर कभी बसपा के खास चेहरे हुआ करते थे। सबसे पहले बसपा से बाहर हुए, उनके अलावा आरके चौधरी, डॉक्टर मसूद, शाकिर अली, राशिद अल्वी, जंग बहादुर पटेल, बरखू राम वर्मा, सोने लाल पटेल, राम लखन वर्मा, भागवत पाल, राजाराम पाल, राम खेलावन पासी, कालीचरण सोनकर, रामवीर चौधरी, बाबूराम कुशवाहा, स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अब उदय लाल मौर्य आदि अनेक ऐसे नेता हैं जो बसपा में थे।  इनमें आरके चौधरी, काली चरण सोनकर व सोने लाल पटेल ने अपनी पार्टी बना ली थी। इसमें से कई तो अब इस दुनिया में भी नहीं हैं।

शानदार गीतों पर हुआ डांडिया-गरबा

डांडिया संग सेल्फी की रही धूम

  • कोविड के बाद डांडिया का पहली बार जमा रंग


वाराणसी 20 अक्टूबर (dil india)। रंग-बिरंगी रोशनी, बॉलीवुड बीट्स के संग गुजारी गीतों के धुनों पर सखियों की जो मस्ती शाम ढलते ही शुरू हुई वो देर रात तक चलती रही।वातावरण में गुजराती गानों की धुन और हाथों में डांडिया स्टिक लिए ताल के साथ लय मिलाते कदम, जहां मौजूद हर महिलाएं डांडिया नाइट का आनंद ले रही थी। महिलाएं, युवतियां दिलकश गीतों के साथ ताल मिलाती नज़र आयी। काफी युवतियां नृत्य के साथ स्मृतियां सहेजने के लिए सेल्फी लेती आयी।

यह नज़ारा था होटल मदीन का। यहां महिला काशी दर्पण संस्था की ओर से झंकार त्योहारों की आयोजन के तहत डांडिया नाइट का आयोजन किया था। आयोजन में रंग-बिरंगे परिधानों में महिलाएं, युवतियां गुजराती गानों पर डांडिया व गरबा के साथ ही पंजाबी गानों पर घंटो थिरकती दिखी। इस मौके पर कई एक्टिविटीज हुईं, नृत्य के साथ ही दीपावली मनाते हुए हाऊजी में भी सभी ने हिस्सा लिया और जमकर मस्ती की।


इससे पहले डांडिया नाइट में गुजरात के लोकगीतों और फिल्मी गानों में महिलाओं ने युगल गीत, समूह नृत्य पर डांडिया व गरबा किया। नीधि, शालिनी अग्रवाल, मिहिका, संगीता, मुस्कान, शिल्पी, रुपाली, प्रीति,नेहा, श्रुति,तृप्ति, मोनिका, रौशनी, उपासना,पारुल, शालिनी,नूतन, सेडी, शिखा, विनीता, सुमीता, श्वेता और मीनाक्षी अग्रवाल ने खूब मस्ती की।
 लायंस क्लब वाराणसी की विभिन्न शाखाओं की ओर से महमूरगंज स्थित लॉन में डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। इसमें क्लब के सदस्यों ने ढेर सारी मस्ती की। मुख्य अतिथि मंडलाध्यक्ष चैतन्य पांड्या रहे। इस दौरान पीके सिंह, दीपक अग्रवाल, क्षितिज शर्मा, भावना पांड्या, पूजा भल्ला, सुमन, सत्य प्रकाश गुप्ता, दिवाकर मिश्रा आदि मौजूद रहे। वहीं, द दीवा क्लब की ओर से तरना स्थित लॉन में डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने ढेर सारी मस्ती की और रोचक खेलों में हिस्सा लेकर उपहार जीते।

वाराणसी व्यापार मंडल और यूथ क्लब की ओर से महमूरगंज स्थित एक लान में डांडिया महोत्सव का आयोजन हुआ। वाराणसी महिला व्यापार मंडल और पूर्वांचल महिला व्यापार मंडल की पूरी टीम ने पूरे जोश खरोश के साथ डांडिया महोत्सव में हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा रहे। इस दौरान रमेश निरंकारी, सुनीता सोनी, चांदनी श्रीवास्तव, नीलिमा चौबे, राकेश त्रिपाठी, निर्मला देवी, आलोक, डॉली, प्रतिमा आदि मौजूद रहे

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