अब्बास अंसारी के घर छायी रमज़ान में ही ईद की खुशियां
मोहम्मद रिजवान
New Delhi (dil India live). मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी आखिरकार 2 साल 8 महीने की कैद के बाद जेल से बाहर आ गए हैं। गैंगस्टर एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च 2025 को उन्हें जमानत दी थी, जिसके बाद शुक्रवार को उनकी रिहाई हो सकी। इस घटना ने उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है। वहीं मुख्तार अंसारी के रमज़ान के पहले ही ईद की खुशियां छाई गई है।
चित्रकूट कोर्ट ने दी हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चित्रकूट कोर्ट ने अब्बास की रिहाई के लिए औपचारिक आदेश जारी किया। कोर्ट ने दो जमानतदारों से 2-2 लाख रुपये की जमानत मंजूर की और जेल प्रशासन को रिहाई के निर्देश दिए। इसके बाद चित्रकूट जेल में जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी हुई और अब्बास को आजाद कर दिया गया।
दरअसल अब्बास अंसारी को नवंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिरासत में लिया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत गंभीर आरोप लगे थे। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें चित्रकूट जेल भेज दिया गया, जहां वह बीते ढाई साल से बंद थे। ED की जांच में अब्बास पर अवैध तरीके से धन जुटाने और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का शक जताया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई राह
लंबे समय तक जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 7 मार्च 2025 को राहत दी। इस फैसले के बाद कानूनी प्रक्रिया तेज हुई और आखिरकार उनकी रिहाई का दिन आ गया।
अब्बास की रिहाई ने यूपी की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। SBSP के समर्थक इसे बड़ी जीत मान रहे हैं और जश्न की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं, विपक्षी दलों के लिए यह सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका बन सकता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि जेल से बाहर आने के बाद अब्बास अंसारी अपने राजनीतिक करियर को किस दिशा में ले जाएंगे। क्या वह पिता मुख्तार अंसारी की विरासत को आगे बढ़ाएंगे या नई राह चुनेंगे? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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