गुरुवार, 20 मार्च 2025

...पड़े हैं गश में अली खून में नहाय हुए

19 वी रमज़ान की पूर्व संध्या पर मनाया  गया ग़मे अली

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live).19 रमज़ान की पूर्व संध्या पर मुसलमानों ने हज़रत अली की शहादत के सिलसिले से मजलिस और मातम का आयोजन किया गया। शहर की 32 मस्जिदों में 28 अंजुमनो द्वारा नौहाखवानी व मातम के साथ मौला-ए-कायनात को खिराज-ए-अकीदत पेश किया गया । 

कलिमहाल मस्जिद में मजलिस को।खिताब करते हुए हाजी फ़रमान हैदर ने कहा कि 1406 साल पहले मस्जिदे कूफ़ा में सुबह की नमाज़ पढ़ते हुए हज़रत अली के सिर पर अब्दुर्रहमान इब्ने मुलजिम ने तलवार से वार किया। इस वार से हज़रत अली ज़ख़्मी हुए और 2 दिन बाद 21 रमज़ान सं 40 हिजरी को उनकी शहादत हुई। इस सिलसिले से देश और दुनिया के साथ शहर बनारस में भी पूरी शिद्दत के साथ उनका ग़म शिया मुस्लिम मनाते है । जिसमें शहर में 19 व 21 रमज़ान को जुलूस भी निकाला जाता है। 

फरमान हैदर ने बताया कि हज़रत अली का भव्य रौज़ा नजफ़ इराक़ में है, और इसी रौज़ा का मिलता जुलता रूप बनारस की दरगाहे फ़ातिमान में भी है। उन्होंने कहा कि घरों में भी अगले 3 दिनों तक मजलिस का आयोजन होगा। कई अंजुमने शबबेदारी करती हैं और ताबूत भी उठाएंगी।

मौला-ए-कायनात का मातम 21 को

वाराणसी। दरबारे सईदा में मौला-ए-कायनात का मातम 20 रमज़ान को दरगाहे फातमान में होगा। सैयद फिरोज़ हुसैन रिजवी ने बताया कि 21 मार्च शुक्रवार को रात 9 बजे यह आयोजन दरगाहे फातमान, लल्लापुरा, बनारस में होगा जिसको हुज्जत उल-इस्लाल मौलाना सज्जाद हुसैन रिज़वी, मौलाना सैय्यद मोहम्मद अकील हुसैनी खेताब करेंगे। अंजुमन हैदरी, चौक बनारस, अंजुमन जव्वादिया पितरकुंडा, बनारस नौहाखवानी और मातम का नज़राना पेश करेगी।

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