शनिवार, 8 मार्च 2025

इनरव्हील सृष्टि के सदस्यों ने महिला पुलिसकर्मियों को बेहतर कार्य के लिए किया समम

महिला दिवस पर जुटी महिलाएं, हुए अनेक आयोजन 

मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live). आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इनरव्हील क्लब “सृष्टि” द्वारा सिगरा पुलिस थाने में एक विशेष सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में क्लब प्रेसिडेंट छवि अग्रवाल ने महिला पुलिस उपनिरीक्षक कुसुम जायसवाल समेत थाने में कार्यरत अन्य सभी महिला पुलिसकर्मियों से संवाद किया और उन्हें महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।

इनरव्हील सृष्टि क्लब के सदस्यों ने महिला पुलिसकर्मियों को बेहतर कार्य के लिए शुभकामनाएँ दीं एवं अंग्वस्त्रम स्मृतिचिह्न और प्रमाण पत्र भेंट कर “स्वयंसिद्धा” सम्मान से सम्मानित किया। अध्यक्ष छवि अग्रवाल ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी समाज के उत्थान एवम् सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा।

महिला पुलिसकर्मियों प्रीति कुमारी, प्रतिभा तिवारी, संध्या गौंड, काजोल सिंह ने पुलिस सेवा में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह इस नौकरी में खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं। अन्य महिला पुलिसकर्मियों ने भी अपनी ड्यूटी के दौरान के अपने अलग-अलग अनुभव साझा किए।

महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान पीड़ितों को भोजन कराया, किसी ने मोबाइल रिचार्ज करवाया, तो किसी ने यात्रा के लिए साधन उपलब्ध कराए। एक महिला पुलिसकर्मी ने ड्यूटी के दौरान मिले मंगलसूत्र को कई दिनों की खोजबीन के बाद उसकी मालकिन तक पहुंचाया। इसके अतिरिक्त महिला पुलिसकर्मियों ने कहा कि हम गांव में रहते हैं और गांव में ज्यादा पढ़ाई लिखाई और नौकरी को महत्व नहीं दिया जाता ऐसे में जब हमने पुलिस सेवा ज्वाइन की तो सभी गांव वासियों को हम पर गौरव महसूस हुआ।

कार्यक्रम के समापन पर पुलिस अधीक्षक ने भी सभी महिला पुलिसकर्मियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस कार्यक्रम में संस्था की वरिष्ठ सदस्य जयंती सामंत समेत यामिनी अग्रवाल, स्नेहा गुप्ता,एवम् सोनिया शाह उपस्थित रहीं ।

bhartiya daak कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश परिमण्डल का अधिवेशन संपन्न

राम रतन पाण्डेय प्रांतीय अध्यक्ष, राजीव कुमार सिंह प्रांतीय सचिव चुने गए 

Varanasi (dil India live)। आज 08 मार्च को भारतीय डाक कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश परिमण्डल, संवर्ग – सी के 15 वें द्विवार्षिक प्रान्तीय अधिवेशन का समापन हुआ। इससे पहले अधिवेशन का आगाज़ 07 मार्च को मुख्य अतिथि प्रणव कुमार, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल, उत्तर प्रदेश परिमंडल, भारतीय डाक कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी अनंत कुमार पाल, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय संगठन मंत्री संतोष कुमार सिंह, राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी सुपरवाइजर एसोसिएशन ग्रुप बी, काली मुत्थू एवं प्रांतीय सचिव अशोक यादव द्वारा दीप प्रज्जवलित कर हुआ।

अन्य विशिष्ट अतिथियों के रूप में राजीव सिंह, सहायक जनरल सीक्रेटरी BPEA, भारतीय मजदूर संघ, एम पी सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय मजदूर संघ तथा राजीव कुमार, प्रवर अधीक्षक वाराणसी पूर्व मण्डल कि मौजूदगी रही। आज समाप्त हुए अधिवेशन में राम रतन पाण्डेय प्रांतीय अध्यक्ष, राजीव कुमार सिंह प्रांतीय सचिव तथा कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार का चयन किया गया। साथ ही वाराणसी से सी अनिता सहायक सचिव एवं जगदीश शादेजा संघठंन मंत्री चुने गए।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में राम रतन पाण्डेय, जगदीश सडेजा, सदानंद, राकेश किरण, विकास राय, अभिषेक पाण्डेय, कुलभूषण तिवारी, हरिशंकर यादव, प्रदीप यादव, मनीष पाण्डेय, नीतीश पाण्डेय, दिनेश तिवारी एवं काशीनाथ तिवारी कि भूमिका अहम् रही।

विशेष एनएसएस शिविर के छठवें दिन मनाया "international women's day celebration"




Varanasi (dil India live). विशेष एनएसएस शिविर के छठवें दिन "international women's day celebration" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करके, महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देकर और महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और समानता के महत्व पर जोर देना था। कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. शशि प्रभा कश्यप के मार्गदर्शन में, व्यावहारिक सत्रों, सूचनात्मक वार्ता और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने के लिए कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी। इस दौरान एनएसएस थीम गीत गाया गया। कार्यक्रम अधिकारी ने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और आधिकारिक तौर पर सत्र शुरू किया। कार्यक्रम का समन्वय एनएसएस स्वयंसेवकों, तनु तिवारी और भाविका मोहिनानी द्वारा किया गया।

सत्र एक का विषय था आत्मरक्षा, सुरक्षा और संरक्षा, प्रशिक्षकों द्वारा, ओ.पी. चौरसिया, मार्शल आर्टिस्ट, वसंत कन्या महाविद्यालय में आत्मरक्षा कोच, और योग प्रशिक्षक और मिस मनीषा मौर्य, बीएचयू से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर, एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट धारक, और कराटे ब्लैक बेल्ट।

पहला सत्र एक व्यावहारिक आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला थी जिसे महिलाओं को व्यावहारिक सुरक्षा कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। ओ.पी. चौरसिया और मनीषा मौर्य ने दिखाया कि जब बाल, गर्दन, हाथ या कमर से पकड़ा जाता है तो कैसे बचना है। उन्होंने और उन्होंने कई हमलावरों के खिलाफ रक्षा रणनीतियों के बारे में बताया।

सत्र के दौरान, ओ.पी. चौरसिया सर ने आत्मरक्षा में अनुशासन और शारीरिक शक्ति के महत्व पर जोर दिया। प्रशिक्षकों ने मानसिक और शारीरिक शक्ति का निर्माण करने, खतरनाक स्थितियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास और अनुशासित जीवनशैली को प्रोत्साहित किया। सत्र ने एक मजबूत प्रभाव छोड़ा, प्रतिभागियों को व्यावहारिक रक्षा तकनीकों से लैस किया और उन्हें अधिक सतर्क और आत्मविश्वासी बनने के लिए प्रेरित किया।

दूसरा सत्र 'महिला अधिकार जागरूकता' विषय पर आधारित था। अतिथि वक्ता एडवोकेट सारिका दुबे थीं, वे एक गैर सरकारी संगठन "ख़ुशी की उड़ान" की संस्थापक हैं, और महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। यह सत्र महिलाओं के कानूनी अधिकारों और सुरक्षा के लिए समर्पित था। सारिका दुबे ने दर्शकों को जोश से संबोधित किया, घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, कानूनी संसाधन, हेल्पलाइन नंबर (जैसे 1090) और सहायता प्रणालियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उत्पीड़न या घरेलू हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं को तुरंत 1090 पर संपर्क करना चाहिए या सहायता के लिए जिला समिति से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने उत्पीड़न और ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करने वाले बच्चों की मदद करने के महत्व के बारे में खुली बातचीत को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, उन्होंने समाज में विडंबना को छुआ, जहाँ हम देवी की पूजा करते हैं, फिर भी महिलाएँ उत्पीड़न का सामना करती हैं, इस बात पर ज़ोर देते हुए कि हमारे आस-पास की महिलाओं का समर्थन और उत्थान करके दैनिक जीवन में सच्चा सशक्तिकरण शुरू होता है। उनके प्रेरक शब्दों ने सभी को लैंगिक समानता और सुरक्षा के बारे में मुखर और सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया।

तीसरा सत्र "कठपुतली शो" पर था, जिसे जयंती कुंडू, प्राथमिक विद्यालय शिक्षिका, छित्तूपुर खास, बीएचयू, वाराणसी द्वारा प्रस्तुत किया गया। जयंती कुंडू, छात्रों, स्वयंसेवकों और शिक्षकों के लिए एक मजेदार और आकर्षक माहौल बना रही थीं। कहानी इस पर केंद्रित थी: दो बहनें और उनका गहरा बंधन। कैसे उन्होंने मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ दिया। कठपुतली शो की थीम परिवारों के भीतर प्यार, देखभाल और एकता के महत्व पर आधारित थी।

प्रदर्शन में लैंगिक समानता, आपसी सम्मान और पारिवारिक सहयोग पर सूक्ष्मता से जोर दिया गया। छात्र मंत्रमुग्ध और मनोरंजन से भरपूर रहे, जबकि शक्ति, प्रेम और एकजुटता का मूल संदेश गहराई से गूंज उठा। शो के बाद, जयंती कुंडू ने छात्रों को हमेशा अपने भाई-बहनों और दोस्तों का समर्थन करने, अन्याय के खिलाफ खड़े होने, सभी के लिए दया और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। कठपुतली शो एक यादगार आकर्षण था, जिसमें मनोरंजन के साथ सामाजिक जागरूकता का संयोजन किया गया, जिससे सभी मुस्कुराते और प्रेरित हुए।

सत्र 4 में NSS इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप द्वारा कविता पाठ किया गया। एक भावपूर्ण क्षण में, डॉ. कश्यप ने महिलाओं को समर्पित एक सुंदर कविता सुनाई, जिसमें उनकी शक्ति, लचीलापन और समाज में योगदान का सार समाहित था। उनकी कविता ने महिलाओं के मौन संघर्ष और साहस को उजागर किया, जिससे सभी को उनके मूल्य को पहचानने और उनकी सराहना करने की प्रेरणा मिली। शक्तिशाली शब्द दर्शकों के साथ गहराई से जुड़े, एक स्थायी प्रभाव छोड़ते हुए और महिला सशक्तिकरण के महत्व को सुदृढ़ करते हुए।

सत्र 5 'सांस्कृतिक कार्यक्रम और अतिथि संबोधन' पर आधारित था। अतिथि वक्ता श्रीमती हरप्रीत सिंह, मालवीय शिशु विहार, बीएचयू में शिक्षिका और एक प्रसिद्ध कवि और लेखिका थीं। हरप्रीत सिंह ने एक भावपूर्ण कविता सुनाई, जिसमें महिलाओं के संघर्ष की अनकही कहानियों, स्वतंत्रता और समानता के महत्व और सामाजिक परिवर्तन के लिए कार्रवाई का आह्वान किया गया। उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए महिलाओं को उनके मूल्य को समझने, अपने अधिकारों के लिए लड़ने और अन्याय को कभी बर्दाश्त न करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अंतिम सत्र में एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाया गया। कार्यक्रम में शामिल थे: महिलाओं की शक्ति और लचीलेपन का प्रतीक नृत्य प्रदर्शन, महिलाओं के साहस और उपलब्धियों को उजागर करने वाली कविताएँ।

एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले सामाजिक मुद्दों और उनकी सामूहिक शक्ति को संबोधित करते हुए एक नाटक प्रस्तुत किया गया। उसके बाद महिलाओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित गायन प्रदर्शन।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह एक शानदार सफलता थी, जिसने प्रतिभागियों, स्वयंसेवकों और उपस्थित लोगों पर एक शक्तिशाली प्रभाव डाला। आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रचनात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से इस दिन महिलाओं को खुद की रक्षा करने, अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होने और समानता और सशक्तिकरण की वकालत करने के लिए सशक्त और प्रेरित किया गया।

सम्मानित अतिथियों, पेशेवर प्रशिक्षकों और उत्साही स्वयंसेवकों की उपस्थिति ने इस दिन को अविस्मरणीय और परिवर्तनकारी बना दिया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप द्वारा हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी को अपने समुदायों में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा की वकालत करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अंत में, राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जिसने माहौल को देशभक्ति, एकता और गर्व की गहरी भावना से भर दिया।

Ramzan mubarak (7) कसरत से दुरुद पढ़ने वाले आसानी से होंगे जन्नत में दाखिल

मुक़द्दस रमज़ान: नफ्स पर नियंत्रण का महीना 

Varanasi (dil India live). हिजरी कैलेंडर के 12 महीनों में रमज़ान 9 वां महीना है। दुनिया का ये अकेला महीना है जिसके आने से फिज़ा में रहते और नूर बरसता है। इस महीने का अदब मुस्लिम के साथ ही दुनिया के सभी मजहब के लोग करते हैं। इसकी वजह शायद यह है कि इस महीने को अल्लाह रब्बुल इज्जत ने अपना महीना कहा है। 

रमज़ान की अज़मतों का क्या कहना, अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने तमाम रहमतों और बरकतों को इस मुकद्दस महीने में नाज़िल फरमाया। माहे रमज़ान नफ्स पर नियंत्रण का महीना है। ऐसे तो हर दिन-हर रात दुरुद शरीफ पढ़ने का बेहद सवाब है मगर नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया है कि जो इंसान कसरत से इस पाक महीने में दुरुद शरीफ पढ़ेगा उसे बरोज़ कयामत पुलसिरात पर से आसानी से जन्नत में दाखिल कर दिया जायेगा। इसलिए इस महीने में दुरुद कसरत से पढ़ने वालों की तादाद बढ़ जाती है। इस महीने की 21, 23, 25, 27 व 29 तारीख शबे कद्र कहलाती है जो हज़ार महीनों की इबादत से भी बेहतर है। इन रातों में तमाम मुस्लिम खूब इबादत करते हैं। मोमिन 20 तरीख से ईद का चांद होने तक एतेकाफ पर बैठता है। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) फरमाते हैं कि जिसने रमज़ान का रोज़ा रखा और उसकी हुदूद को पहचाना और जिन गुनाहों से बचना चाहिये, उससे वो बचता रहा तो उसकी वो गुनाह जो उसने पहले की है उसका कफ़्फ़ारा हो जायेगा रमज़ान का रोज़ा। अल्लाह हदीस में फरमाता है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। अल्लाह का मज़ीद इरशाद है, बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। जब रोज़ा का दिन हो तो बेहूदा बातों से दूर रहें और बुराईयों से बचे। रोज़ा चूंकि अल्लाह के लिए हैतो रोज़ा रखकर बंदा अल्लाह को ही पा लेता है। तो फिर जानबुझ कर कोई बंदा क्यों अपना नुकसान करेगा। इस महीने में इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू नबी-ए-करीम के सदके में हम सबको बक्श दे और रोज़ेदारों को ईद की खुशियों के साथ नेक इंसान बनने की तौफीक दे..आमीन।

हफिज नसीम अहमद बशीरी

इमामे जुमा शाही मस्जिद ढाई कंगूरा

प्राथमिक विद्यालय में मनाया गया वार्षिकोत्सव



Varanasi (dil India live). आज 8 मार्च 2025 को प्राथमिक विद्यालय बराई विकास क्षेत्र चिरईगांव जनपद वाराणसी में वार्षिकोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनिल कुमार यादव (प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं जिला मंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीकृत 1160 जनपद वाराणसी) द्वारा किया गया।
 कार्यक्रम का संयोजन पुष्पा पांडेय (सहायक अध्यापिका), रंजू पांडेय ने किया। मुख्य अतिथि ग्राम सभा के बीडीसी कृपा शंकर चौहान एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष नितेश कुमार पांडेय उपस्थित थे। ग्राम सभा के सभी अभिभावक एवं बच्चों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में बच्चों को पूड़ी सब्जी एवं मिष्ठान का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अभिभावकों का अभिनंदन रंजू पांडेय ने किया।

PM Sri Primary school ठटरा (प्रथम) को मिला हाइजीन कॉर्नर

डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया' अभियान के तहत मिला कार्नर 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). 'डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया' अभियान के अंतर्गत रेकेट संस्था की ओर से पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय ठटरा प्रथम सेवापुरी, वाराणसी को हाइजीन कॉर्नर मिला। जनपद सुपरवाइजर वसीम अकरम की देखरेख में यह कॉर्नर स्कूल के ऑफिस में स्थापित किया गया,जिसमें 25 डेटॉल साबुन, 6 सैनिटाइजर, 6 लिक्विड हैंड वॉश एवं रिफिल पैक के साथ एक वजन मशीन प्रदान की गई। इसके साथ ही इस हाइजीन कॉर्नर में स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्टर आदि भी मौजूद हैं। इस अवसर पर वसीम अकरम ने बच्चों से संवाद भी स्थापित किया और दैनिक जीवन में हाइजीन और हाथ धुलाई की आदत को व्यवहार में लाने के बहुत सारे सुझाव भी दिए ।सहायक अध्यापक अब्दुर्रहमान ने बताया कि 3 साल पहले प्रदेश कोऑर्डिनेटर संजय सिंह ने विद्यालय में हाइजीन कॉर्नर लगवाने का वादा किया था जो अब पूरा हुआ। हाइजीन कॉर्नर के लिए स्कूल की इं.हेड टीचर नीलम केशरी सहित उपस्थित समस्त अध्यापक अब्दुर्रहमान, कल्पना सिंह,सौम्यता दुबे, संगीता सिंह,अंजली गुप्ता, राजेश कुमार , अशोक कुमार,मनोज कुमार,एवं गोपी वर्ना ने वसीम अकरम जी का धन्यवाद किया। सबसे ज्यादा स्कूल के बच्चे इस हाइजीन कॉर्नर को पाकर खुश नजर आए।

VKM Varanasi news:छात्राओं को व्यवसायिक कौशल प्रदान करती है वोकेशनल शिक्षा -रचना श्रीवास्तव

छात्राओं के सृजनात्मक कौशल विकास के लिए अनुभवात्मक प्रशिक्षण


Varanasi (dil India live)। वसन्त कन्या महाविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग द्वारा शहर के विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राओं के सृजनात्मक कौशल विकास के लिए द्विदिवसीय अनुभवात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत स्टेन्सिल छपाई और टाई एण्ड डाई का प्रशिक्षण दिया गया। 7 महाविद्यालयों (धीरेन्द्र महिला महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, बी.एल.डब्लू, धनष्यामदास पी.जी कालेज, आर्य महिला पी.जी. कालेज, वसंता कॉलेज फॉर वुमेन तथा शीएट) की 163 छात्राओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि अतुल शर्मा, आफिस इंचार्ज निट्रा ने छात्राओं की सराहना करते हुए महाविद्यालय को स्किल ओरिएन्टेड वर्कशाप के लिए बधाई दी। प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने आज के समय में वोकेशनल शिक्षा पद्यति के महत्व को इंगित करते हुए बताया कि यह छात्राओं को व्यवसायिक कौशल प्रदान करती है और उन्हें अपने चुने हुए क्षेत्र में सफल होने के लिए तैयार करती है। विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता देवडिया ने कहा कि व्यवसायिक प्रशिक्षण आज के दौर की माँग है और यदि छात्राओं को इसमें दक्ष बना दिया जाय तो घर बैठे ही कला का उपयोग करके विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से आसानी से आर्थिक उपार्जन किया जा सकता है। डॉ. सुनिता दीक्षित ने बताया की कला के गुर सीखने के बाद छात्राएं यदि आधुनिकता का समागम कर लें तो कौशल को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है।

कौशल प्रशिक्षण छात्राओं को वह अवसर प्रदान करती है। जिससे वे अपने परिवार के साथ रहते हुए आर्थिक उपार्जन के अवसर चुन सकती है। गृह विज्ञान विभाग की कई पुरा छात्राएं आज अपने व्यवसाय स्थापित करके नये मुकाम हासिल कर चुकी हैं। इस बार विभाग ने शहर के अन्य महाविद्यालयों को भी कौशल प्रशिक्षण के इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया है ताकि समाज में छात्राएं एक कुशल व्यवसायी बन सकें।

कार्यशाला में शेख सईदा सालेहा, अधीरा अमूल्या, श्वेता राठौर और काजल वर्मा ने प्रशिक्षुओं को स्टेंसिल छपाई और टाई एण्ड डाई की विभिन्न तकनीकों का प्रषिक्षण दिया तथा आधुनिकता के साथ कैसे इन कलाओं का सम्मिश्रण किया जा सकता है यह भी बताया। ये चारो प्रशिक्षक इसी महाविद्यालय की पुरा छात्राएं तथा अपने-अपने क्षेत्र में स्थापित व्यवसायी हैं। महाविद्यालय का यह प्रयास रहता है कि अपने पुरा छात्राओं के साथ सम्बन्ध सदैव सजीव रहे जिससे हम परस्पर उन्नति करते रहे। इस कार्यशाला में प्रो. गरिमा उपाध्याय, डॉ. अंशु शुक्ला, योगिता विश्वकर्मा, पद्मा के साथ वर्तमान छात्राओं का सहयोग रहा।

शुक्रवार, 7 मार्च 2025

VKM Varanasi में "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप" के 5 वें दिन भी नारीवादी शोध दृष्टिकोणों पर हुई चर्चा

नारीवादी अध्ययन में गुणात्मक दृष्टिकोण पर डाला प्रकाश

Varanasi (dil India live). वासंत कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप" के पाँचवें दिन भी नारीवादी शोध दृष्टिकोणों पर गहन चर्चा जारी रही, जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रतिष्ठित विद्वानों ने भाग लिया।

प्रथम सत्र का संचालन डॉ. राजीव दुबे, सह-प्राध्यापक, समाजशास्त्र विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू द्वारा किया गया। उन्होंने "नारीवादी शोध में गुणात्मक विधियाँ" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. दुबे ने नारीवादी अध्ययन में गुणात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार आख्यान (नैरेटिव), केस स्टडीज़ और नृवंशविज्ञान (ethnography) विधियाँ महिलाओं के जीवन अनुभवों को समझने में सहायक होती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये विधियाँ पारंपरिक पुरुष-प्रधान शोध ढाँचों को चुनौती देती हैं और लैंगिक यथार्थ को गहराई से समझने में मदद करती हैं।

द्वितीय सत्र में प्रो. मधु कुशवाहा, शिक्षा संकाय, बीएचयू ने "नारीवादी शोध में अंतःविषयता (intersectionality) की समझ" विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक पहचान जैसे लिंग, जाति, वर्ग और जातीयता किस प्रकार परस्पर जुड़ी होती हैं और वे उत्पीड़न एवं विशेषाधिकार के अनुभवों को किस तरह प्रभावित करती हैं। प्रो. कुशवाहा ने नारीवादी शोध में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सामाजिक असमानताओं की अधिक व्यापक समझ विकसित की जा सके।

दोनों सत्र अत्यंत विचारोत्तेजक और ज्ञानवर्धक रहे, जिसमें प्रतिभागियों को नारीवादी शोध पद्धतियों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया गया। संवादात्मक चर्चाओं ने शोधार्थियों को गुणात्मक एवं अंतःविषय (इंटरसेक्शनल) दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला का संचालन वैदेही सिंह (बी.ए., राजनीति विज्ञान विभाग) द्वारा किया गया, तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शशिकेश कुमार गोंड ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला में , डॉ. अनुराधा बापुली, डॉ. प्रियंका एवं डॉ. सिमरन सेठ सह-समन्वयक के रूप में उपस्थित रहीं।

लोक कलाओं पर वृहद अध्ययन की जरूरत - प्रो.बद्री नारायण

दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन





Varanasi (dil India live)। डीएवी पीजी कॉलेज में आईसीएसएसआर के सहयोग से अंग्रेजी विभाग एवं आईइडीएस के संयुक्त तत्वावधान में वाराणसी के कल्चरल कॉरिडोर पर कला, क्राफ्ट, लोक कला पर केंद्रित अध्ययन के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हुआ। मुख्य अतिथि जीबी पंत संस्थान, प्रयागराज से आये प्रो. बद्री नारायण ने लोक कलाओं पर अध्ययन के क्षेत्र में विस्तार की बात कही। उन्होंने कहा कि लोक कला और संस्कृति में अभी भी बहुत से पक्ष अछूते है जिन पर वृहद शोध की आवश्यकता है। कार्यशाला में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की एमेरिटस प्रोफेसर डॉ. नीता कुमार ने संस्कृति के विविध पक्षो पर विचार रखते हुए भारतीय परंपरा में पारिवारिक मूल्यों के महत्व को साझा किया। अध्यक्षता प्रो. अर्चना कुमार ने किया। प्रो.पंचानन दलाई, डॉ.वारदा सम्बुल आदि ने भी विचार रखे। संयोजिका डॉ. महिमा सिंह ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया। स्वागत प्रो. इंद्रजीत मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रियंका सिंह ने दिया। संचालन संस्कृति पाण्डेय एवं श्रीयुक्ता बासनेट ने किया। शुभम ने सहयोग किया।

विश्व दर्शन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

वाराणसी। विश्व दर्शन दिवस के अवसर पर शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज में दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. गोपाल साहू ने कहा कि दर्शनशास्त्र जीवंत मानवता का मूल मंत्र है, यह स्वयं से साक्षात्कार कराने वाली विद्या है। अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. दुर्गेश चौधरी ने कहा कि दर्शन जीवन से संदेह दूर कर सत्य से अवगत कराता है। डॉ. राहुल मौर्य ने कहा कि मानवीय मूल्यों और आदर्शों को ढूंढने में दर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका है। 

कार्यकारी प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण प्रो. सतीश सिंह, विषय प्रवर्तन डॉ. संजय सिंह, संचालन डॉ. संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रमेन्द्र सिंह ने दिया। इस मौके पर डॉ. अनामिका यादव, डॉ. शिवनारायण, डॉ. नजमुल हसन आदि शामिल थे।

7 दिनी NSS camp के 5 वें दिन हुई निःशुल्क नेत्र जांच

ग्रामीणों को निःशुल्क नेत्र जांच कर दिया गया परामर्श


Varanasi (dil India live). वाराणसी के चित्तूपुर खास गांव में पंचायत भवन मे 07 March को निशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। उमा प्रेम नेत्रालय, चितईपुर के ऑप्टोमेट्रिस्ट की टीम द्वारा इस शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों की निशुल्क नेत्र जांच और परामर्श दिया गया। शिविर का आयोजन एनएसएस की चल रही सामुदायिक सेवा पहल के तहत वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप द्वारा किया गया था।           


इस कार्यक्रम का उद्देश्य नेत्र स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना और ग्रामीण आबादी को सुलभ नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करना था।  डॉ. अरुण गुप्ता के नेतृत्व में ऑप्टोमेट्रिस्ट की टीम ने पूरी तरह से आंखों की जांच की, जिसमें दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण, अपवर्तन परीक्षण और रेटिना स्कैन शामिल थे। दृष्टि संबंधी समस्याओं वाले मरीजों को मुफ्त चश्मा प्रदान किया गया, जबकि आगे के उपचार की आवश्यकता वाले लोगों को अनुवर्ती देखभाल के लिए उमाप्रेम नेत्रालय में भेजा गया। डॉ. शशि प्रभा कश्यप ने उमाप्रेम नेत्रालय की टीम को उनके समर्थन और विशेषज्ञता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "नेत्र जांच शिविर एक बड़ी सफलता थी, और हम समुदाय को यह आवश्यक सेवा प्रदान करने में सक्षम होने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।" इस कार्यक्रम को ग्रामीणों ने खूब सराहा, जिन्होंने मुफ्त नेत्र देखभाल सेवाएं प्राप्त करने के अवसर की सराहना की। शिविर से स्थानीय आबादी के नेत्र स्वास्थ्य और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इस नेत्र जांच शिविर में 50 एनएसएस स्वयंसेवक, शिक्षक और प्राथमिक विद्यालय के छात्र और स्थानीय ग्रामीण लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

Mukhaddas Ramzan के पहले जुमे को मस्जिदों में माहौल दिखा नूरानी

या रब हम सबको पांचों वक्त का नमाज़ी बना दे...आमीन

जुमे की नमाज में अमन और मिल्लत की गूंजीं सदाएं

मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live). मुक़द्दस रमजान के पहले जुमे (7 मार्च) को मस्जिदों में नमाजियों का जहां हुजूम उमड़ा वहीं मस्जिदों का माहौल नूरानी नज़र आया। इस दौरान लोगों ने रब से दुआएं मांगी। इस साल रमजान में कुल चार जुमा पड़ेगा, जिनमें पहला जुमा आज है। इस्लाम में जुमे के दिन को छोटी ईद के तौर पर माना जाता है और रमजान के महीने में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन मस्जिदों में विशेष जुमे की नमाज अदा की जाती है और लोगों ने एक-दूसरे से मुसाफा कर जुमे की मुबारकबाद दी। मस्जिद लाटशाही में हाफ़िज़ हबीबुर्रहमान ने नमाज़ के पहले तकरीर कर रमज़ान की जहां फजीलत बयां किया वहीं नमाजे जुमा के बाद दुआ में उन्होंने रब मुल्क में अमन मिल्लत और रोज़गार में तरक्की के साथ ही से नमाजियों को पांचों वक्त का नमाज़ी बनाएं जाने की रब से दुआएं मांगी। ऐसे ही मस्जिद याकूब शहीद, मस्जिद अलकुरैश, शाही मुगलिया मस्जिद बादशाह बाग, शिया जामा मस्जिद दारानगर, मस्जिद लंगडे हाफिज, मस्जिद ज्ञानवापी, मस्जिद उल्फत बीबी, मस्जिद कम्मू खां, जामा मस्जिद नदेसर, मस्जिद दायम खां, मस्जिद हबीबीया गौरीगंज, मस्जिद नयी बस्ती, मस्जिद खाकी शाह बाबा, मस्जिद बुलाकी शहीद, मस्जिद बाबा फरीद, मस्जिद ढाई कंगूरा, मस्जिद अस्तबल शिवाला, मस्जिद जलालीपुरा, मस्जिद लाट सरैया, मस्जिद शक्कर तालाब, मस्जिद सुग्गा गडही आदि मस्जिदों में जुमे की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई।

Ramzan mubarak (6) सब्र व एखलाक में नरमी सिखाता है रमजान

रमज़ान दूसरे मज़हब के साथ मिल्लत का देता है पैग़ाम 

Varanasi (dil India live) मुकद्दस रमज़ान हमें सब्र करने के साथ ही अपने एखलाक में नरमी की सीख भी देता है। रमज़ान दूसरे मज़हब के साथ मिल्लत का पैगाम देता है। इसकी वजह यह है कि एक रोज़ेदार को रमज़ान में अल्लाह ने हर उस काम से बचने का हुक्म दिया है, जिसकी इजाज़त शरीयत और इंसानियत नहीं देती। इसी के चलते 12 महीनों में इस एक महीने का अपना अलग मुकाम है। रमज़ान इबादत और अदब का महीना तो है ही साथ ही इस पूरे महीने एक रोज़ेदार नफ्स पर कंट्रोल के साथ ही बेशुमार इबादत करते हुए तमाम तरह का सब्र अख्तियार करता है। मेरे प्यारे नबी (स.) ने फरमाया है कि ये महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है। रमज़ान में मासूम बच्चों व नौकरों से ज्यादा मेहनत व कड़े काम न लो, यह महीना इबादत और अदब व एहतराम का भी महीना है। इस महीने में अल्लाह के रसूल का हुक्म है कि रमज़ान आते ही बंदियों को रिहा कर दो। इस महीने में झगड़ा और फसाद को सख्ती से मना फरमाया गया है। इसलिए मोमिनीन को चाहिए कि मारपीट, बहस, लड़ाई-झगड़ा छोड़कर अमन और मिल्लत की नज़ीर पेश करें। जैसा हमारा रब चाहता है हमारे नबी (स.) चाहते हैं। रोज़ेदार रमज़ान का रोज़ा रख कर जहां ज़ाति तौर पर अपनी इस्लाह करता है वहीं वो एक अच्छा समाज भी बनाता है। ऐसे तो हर महीने हर दिन हर घंटे इंसान को पड़ोसियों के साथ, दूसरे मज़हब के साथ नरमी का हुक्म है मगर रमज़ान में खुसूसियत के साथ एक परिवार दूसरे परिवार का हक अदा करे, पड़ोसी मुसलमान हो या हिन्दू या दूसरे मजहब का उसके साथ नरमी बरती जाए। यूं तो हर दिन झगड़ा करना हराम करार दिया गया है। मगर इस बरकत वाले महीने की बरकत हासिल करने के लिए पूरे महीने रोज़दार को अपनी उन हरकतों से बचना चाहिए जिससे दूसरों को तकलीफ पहुंचती हो। यह महीना बक्शीश का महीना है। इसलिए बंदों को चाहिए कि अल्लाह और उसके रसूल से अपने तमाम गुनाहों के लिए रो-रोकर माफी मांगे। देर रात तक खूब इबादत करे। गरीबों, मिसकीनों व पड़ोसियों का हक अदा करें।

ऐ परवरदिगार तू नबी-ए-करीम के सदके में हम सबको रोज़ा रखने, इबादत करने की तौफीक दे, ताकि हम सबकी जिन्दगी कामयाब हो जाये.. आमीन।

           

मो. शाहिद खां
{सदर, हिन्दुस्तानी तहज़ीब वाराणसी}

इस्लामिक मामलों के जानकार मास्टर शमीम नहीं रहे

नगीने वाली मस्जिद के पास होगी जनाजे की नमाज़ 

वाराणसी। मरहूम अब्दुल करीम खान के बेटे नगर के प्रतिष्ठित शख्सियत इस्लामिक मामलों के जानकार हाजी मास्टर शमीम अहमद का रेवड़ी तालाब में इंतकाल हो गया है, उनके जनाजे की नमाज़ जुमा की नमाज के बाद नगीनेवाली मस्जिद के पास मैदान में होगी। रेवड़ी तालाब में ही आबाई कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। पेशे से शिक्षक मास्टर शमीम साहब सामाजिक और धार्मिक मामलों के बड़े जानकारों में शुमार थे। उनके इंतकाल से समाज की एक बड़ी क्षति हुई है जिसकी भरपाई मुश्किल है।

गुरुवार, 6 मार्च 2025

Masjid al-quresh समेत कई जगहों पर तरावीह पूरी

ककरमत्ता में खुशनुमा माहौल में तरावीह मुकम्मल



 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। मस्जिद अल कुरैश समेत कई जगहों पर नमाजे तरावीह जुमेरात को मुकम्मल हुई। मस्जिद अल कुरैश में मुफ्ती अब्दुल हन्नान साहब की मौजूदगी में हाफिज मोहम्मद इरफान ने नमाजे तरावीह मुकम्मल करायी। जैसे ही तरावीह खत्म हुई तमाम लोगों ने हाफ़िज़ साहब को फूल मालाओं से लाद कर जोरदार खैरमकदम किया। 

ककरमत्ता में नमाजे तरावीह

हाफ़िजे कुरान मोहसिन साहब ने अपने ककरमत्ता उत्तरी में मुराद साहब के दौलतखाने पर पांच रमज़ान को तरा़वीह खत्म करायी। इस दौरान हाफिजे़ कुरान हमीद, मोहम्मद मुराद, यासीन सिद्दीकी, मुहम्मद नसरुल्ला, शिब्बू, शाद के समेत काफी लोंगों ने हाफिजे कुरान का ज़ोरदार खैरमकदम किया। 

सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम से रुबरु हुई वीकेएम की छात्राएं

सड़क दुघर्टना में उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर

सात दिनी विशेष एनएसएस शिविर का चौथा दिन 





Varanasi (dil India live). बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी के प्राथमिक विद्यालय छित्तूपुर खास में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं और स्थानीय लोगों को सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार ड्राइविंग के महत्व के बारे में शिक्षित करना था। 

कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस ताली, थीम गीत और हम होंगे कामयाब गीत के साथ अतिथि वक्ता का स्वागत करने के बाद की गई। इस दौरान सड़क सुरक्षा जागरूकता पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी हुई। ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर, पुलिस ट्रैफिक कमिश्नरेट, वाराणसी देवानंद बरनवाल कार्यक्रम के अतिथि वक्ता थे। उन्होंने सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं, यातायात नियमों और लापरवाह ड्राइविंग के परिणामों पर बहुमूल्य जानकारी साझा की। उन्होंने वर्तमान सड़क दुर्घटना के आंकड़ों के बारे में बात की, दुनिया भर में: प्रति दिन 3,700 सड़क दुर्घटना मौतें, भारत में प्रति दिन 422 सड़क मौतें, सबसे अधिक प्रभावित आयु समूह: 16-45 वर्ष बताया। राज्यवार आंकड़ों में उत्तर प्रदेश (यूपी) पहले स्थान पर है जबकि एमपी दूसरे स्थान पर है और सड़क सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा। कुछ महत्वपूर्ण कानूनों के बारे में उन्होंने चर्चा की, जैसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), मोटर वाहन अधिनियम (एमवी अधिनियम) - सड़क सुरक्षा नियमों और दंड को नियंत्रित करता है, एमवी अधिनियम में संशोधन, बढ़ी हुई जुर्माना राशि और दंड। उन्होंने कहा कि स्कूल वाहन चालकों के पास कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए।  

उन्होंने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी), एचएसआरपी न होने पर जुर्माना, सड़क संकेत और जागरूकता, गति और हेलमेट विनियम, गुड सेमेरिटन कानून - धारा 134 (ए) प्रक्रिया और गोल्डन ऑवर (दुर्घटना के 1 घंटे के भीतर) में मदद करने पर किसी व्यक्ति को दिए जाने वाले पुरस्कार और यातायात नियम और दंड के बारे में भी बात की।

सुरक्षित ड्राइविंग के लिए संकेतों का ज्ञान आवश्यक

 सुरक्षित ड्राइविंग के लिए सड़क संकेतों का उचित ज्ञान आवश्यक है। उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए डिजिटल समाधान, डिजी लॉकर और एमपरिवहन ऐप पर भी जानकारी दी। एनएसएस स्वयंसेवकों में से एक, शिखा पटेल को दुर्लभ "गिव वे" संकेत की पहचान करने के लिए पदक मिला - जहां मुख्य सड़क यातायात लिंक सड़क यातायात को रास्ता देता है - एक अवधारणा जिसे  छात्र पहचानने में विफल रहे। अंत में इस नोट के साथ सत्र समाप्त हुआ कि सड़क सुरक्षा स्वयं और दूसरों के प्रति हमारी सचेत और सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

दर्शकों ने इंटरैक्टिव सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया, सवाल पूछे और सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा।  एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि प्रभा कश्यप ने दर्शकों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए देवानंद बरनवाल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "कार्यक्रम बहुत सफल रहा और हमें उम्मीद है कि यह हमारे स्वयंसेवकों, स्कूली छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं को अपनाने और अपने समुदायों में सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेगा।" 

सड़क सुरक्षा पर निकली रैली

दोपहर के भोजन के बाद कार्यक्रम का दूसरा सत्र शुरू हुआ। इस सत्र में सड़क सुरक्षा पर आधारित एक रैली सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूकता के लिए चित्तूपुर के गांव और सड़क से होते हुए विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू तक गई। सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा, वाराणसी की एनएसएस इकाई द्वारा छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई पहलों की श्रृंखला का हिस्सा था। इस जागरूकता कार्यक्रम में 50 एनएसएस स्वयंसेवक, प्रधानाचार्य, शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय के छात्र, स्थानीय लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

Quran, mukammal, तरावीह पूरे रमज़ान भर पढ़ना जरूरी

मस्जिद बारादरी में पांच दिन की तरावीह हुई मुकम्मल


Varanasi (dil India live)। रमजान के पवित्र महीने में बनारस के सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज मुकम्मल होनी शुरू हो गई है। इस मौके पर पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने बताया की बुनकर बिरादरना तंजीम बाइसी के सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन की सदारत में मोहल्ला नक्खीघाट स्थित मस्जिद बारादरी में पांच दिन की तरावीह की नमाज खत्म हुई। इस मस्जिद में तरावीह की नमाज हाफिज मोहम्मद आसिफ जैसे ही मुकम्मल की तमाम लोगों ने उनका जोरदार खैरमकदम किया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में लोगों ने नमाज अदा की। सरदार हाफिज मोइनुद्दीन ने इमामे तरावीह को सिर पर साफ़ा बांध कर माला पहना कर उनका जोरदार इस्तेक़बाल किया।

सरदार साहब ने कहा कि कुरान मुकम्मल हो गई है इसका ये मतलब नहीं है कि तरावीह अब नहीं पढ़ना है बल्कि सूरे तरावीह पूरे महीने भर पढ़ना है जब तक ईद का चांद न हो जाए। इस मौके पर मौजूद सरदार दरोगा, पार्षद पति हाजी ओकास अंसारी, बाबूलाल किंग, हाजी सुहैल, पार्षद डा. इम्तियाजुद्दीन, बाबू महतो, शमीम अंसारी, हाजी गुलाब, हाजी हाफिज नसीर, मोहम्मद परवेज,  हाजी यासीन मायिको, हाफिज अनवर, हाफिज अल्ताफ, हाजी अलीम, मास्टर मुमताज, हाजी अजमल, जैनुलआब्दीन, मोहम्मद महबूब सहित सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे।

परिषदीय विद्यालय में बाल साहित्य उपलब्ध कराये गये

छीतमपुर, चुमकुनी, दुबान और कैथी परिषदीय स्कूलों में बांटे गए साहित्य

सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट ने बताया व्यक्तित्व विकास के लिए साहित्य पढने की आदत जरूरी



मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live). चोलापुर विकासखंड के अंतर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित छीतमपुर, चुमकुनी, दुबान बस्ती और कैथी प्राथमिक विद्यालयों में बुधवार को सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा बच्चो की  रोचक पुस्तकें प्रदान करते हुए आशा बाल पुस्तकालय की श्रृंखला प्रारंभ की गयी है । एक देश समान शिक्षा अभियान के अंतर्गत  सभी को समान और बेहतर शिक्षा के अवसर की उपलब्धता के लिए संस्था द्वारा विगत तीन वर्षों से सरकारी स्कूलों में बाल साहित्य प्रदान किया जा रहा है । अब तक कुल 19 विद्यालयों पुस्तकालय प्रारंभ किये जा चुके हैं । 

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि तकनीक के वर्तमान दौर में बच्चों में पढने की रूचि कम हो रही है जबकि पढ़ने की आदत से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा और वे जागरूक होंगे अन्यथा सोशल मीडिया पर प्राप्त अधकचरी और असत्य जानकारियों को ही सत्य मानने से उनमे सही गलत की पहचान करने की क्षमता नष्ट हो जायेगी ।

छीतमपुर विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक अरविन्द कुमार पाण्डेय ने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए किताबों का बहुत महत्व है, इसमें निहित ज्ञान को आत्मसात करने से हम परिवार, समाज, देश और प्रकृति के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं । चुमकुनी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक दुर्गेश चौबे ने साथ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों के स्थानीय परिवेश और जानकारियों से अवगत वाली पुस्तकों को पढ़ने से उनके सामान्य ज्ञान में वृद्धि होगी।     

इस अवसर पर  प्रदीप सिंह, पंकज मित्तल, पूजा पाण्डेय, अबू मोहम्मद आदिल, रेनू सिंह, दुर्गेश चौबे, अनुराधा, संध्या शर्मा, लता सिंह, अजय सिंह, सोनी श्रीवास्तव, सरिता, ज्योति प्रकाश गुप्ता, रमेश प्रसाद, सुरेखा, मधुबाला आदि की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही ।


प्रेषक

वल्लभाचार्य पाण्डेय 

9415256848

बुधवार, 5 मार्च 2025

Bharat Ratna Ustaad Bismillah Khan के दौलतखाने पर इफ्तार दावत

नमाज, इफ्तार संग हुई मुल्क में अमन के लिए दुआएं 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। ५ मार्च यानी ४ रमजान को भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के आवास पर रमजान उल मुबारक के पहले बुधवार को कदीमी इफ्तार का आयोजन किया गया। काज़िम हुसैन और नाज़िम हुसैन के संयोजन में मौलना सैयद मोहम्मद अकील हुसैनी ने इफ्तार से पहले नमाज अदा कराई। इफ्तार के लिए दस्तरख्वान पर हर तरह की नेमत, फल, फूल , मिठाई, मेवा आदि मौजूद थी। इसके बाद मजलिस का आयोजन हुआ। मजलिस के बाद शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी सैयद फरमान हैदर ने खान साहब का पसंदीदा नोहा ‘मारा गया है तीर से बच्चा रबाब का, बच्चा भी वो जो पारा-ए-दिल था रबाब का।’ पेश किया। इसके बाद उनकी याद में मुल्क में अमन मिल्लत और देश तरक्की के लिए दुआख्वानी हुई और फातेहा पढ़ी गई। इस अवसर पर शिरकत करने वालों में मुर्तुजा शम्सी, मुनाजिर मंजू, आबिद उर्फी, जिया उल हसन, मोहम्मद सिब्तैन, शकील अहमद जादूगर, वली हसन, आफाक हैदर, काबे अली, तथा उनके परिवार के तमाम लोग शामिल हुए। इस अवसर पर हैदर ने बताया कि ७० सालों से अधिक समय से ये इफ्तार का आयोजन हो रहा है। खां साहब जब जीवित थे तो स्वयं रोजदारों का इस्तेकबाल करते थे। अब उनके परिवार के लोग ये रिवायत उनकी याद को ताज़ा रखने के लिए निभा रहे हैं।

Ramzan mubarak (5) ज़कात जल्द से जल्द हकदारों तक पहुंचा दें

जानिए क्या है जकात, क्यों इसे देने में जल्दी करें 

Varanasi (dil india live)। इस्लाम में ज़कात फर्ज हैं। ज़कात पर मजलूमों, गरीबों, यतीमों, बेवाओं का ज्यादा हक है। ऐसे में जल्द से जल्द हकदारों तक ज़कात पहुंचा दें ताकि वह रमजान व ईद की खुशियों में शामिल हो सकें। ये ज़कात देने का सही वक्त है। जकात फर्ज होने की चंद शर्तें है। मुसलमान अक्ल वाला हो, बालिग हो, माल बकदरे निसाब (मात्रा) का पूरे तौर का मालिक हो। मात्रा का जरुरी माल से ज्यादा होना और किसी के बकाया से फारिग होना, माले तिजारत (बिजनेस) या सोना चांदी होना और माल पर पूरा साल गुजरना जरुरी हैं। सोना-चांदी के निसाब (मात्रा) में सोना की मात्रा साढ़े सात तोला (87 ग्राम 48 मिली ग्राम) है। जिसमें चालीसवां हिस्सा यानी सवा दो माशा ज़कात फर्ज है।

सोना-चांदी के बजाय बाजार भाव से उनकी कीमत लगा कर रुपया वगैरह देना जायज है। जिस आदमी के पास साढ़े बावन तोला चांदी या साढ़े सात तोला सोना या उसकी कीमत का माले तिजारत हैं और यह रकम उसकी हाजते असलिया से अधिक हो। ऐसे मुसलमान पर चालीसवां हिस्सा यानी सौ रुपये में ढ़ाई रुपया जकात निकालना जरुरी हैं। दस हजार रुपये पर ढ़ाई सौ रुपया, एक लाख रुपया पर ढ़ाई हजार रुपया जकात देनी हैं। सोना-चांदी के जेवरात पर भी ज़कात वाजिब होती है। तिजारती (बिजनेस) माल की कीमत लगाई जाए फिर उससे सोना-चांदी का निसाब (मात्रा) पूरा हो तो उसके हिसाब से ज़कात निकाली जाए। अगर सोना चांदी न हो और न माले तिजारत हो तो कम से कम इतने रूपये हों कि बाजार में साढ़े बावन तोला चांदी या साढ़े सात तोला सोना खरीदा जा सके तो उन रूपर्यों की ज़कात वाजिब होती है।

इन्हें दी जा सकती हैं जकात

"ज़कात" में अफ़ज़ल यह है कि इसे पहले अपने भाई-बहनों को दें, फ़िर उनकी औलाद को, फ़िर चचा और फुफियों को, फ़िर उनकी औलाद को, फ़िर मामू और ख़ाला को, फ़िर उनकी औलाद को, बाद में दूसरे रिश्तेदारों को, फ़िर पड़ोसियों को, फ़िर अपने पेशा वालों को। ऐसे छात्र को भी "ज़कात" देना अफ़ज़ल है, जो "इल्मे दीन" हासिल कर रहा हो। ऊपर बताये गये लोगों को जकात तभी दी जायेगी जब सब गरीब हो, मालिके निसाब न हो। ज़कात का इंकार करने वाला काफिर और अदा न करने वाला फासिक और अदायगी में देर करने वाला गुनाहगार हैं। मुसलमानों को चाहिए कि जल्द से जल्द ज़कात की रकम निकाल कर गरीब, यतीम, बेसहारा मुसलमान को दें दे ताकि वह अपनी जरुरतें पूरी कर लें।

 इन्हें नहीं दी जा सकती ज़कात 

ज़कात बनी हाशिम यानी हजरते अली, हजरते जाफर, हजरते अकील और हजरते अब्बास व हारिस बिन अब्दुल मुत्तलिब की औलाद को देना जाइज नहीं। किसी दूसरे मजहब को ज़कात देना जाइज नहीं है। क्यों की ये एक मज़हबी टैक्स है। सैयद को जकात देना जाइज नहीं इसलिए कि वह भी बनी हाशिम में से है। कम मात्रा यानी चांदी का एतबार ज्यादा बेहतर हैं कि सोना इतनी कीमत सबके पास नहीं हो सकती। नबी के जमाने में सोना-चांदी की मात्रा मालियत के एतबार से बराबर थीं। अब ऐसा नहीं हैं। गरीब के लिए भलाई कम निसाब (मात्रा) में हैं।

 अगर आप "मालिके निसाब" हैं, तो हक़दार को "ज़कात" ज़रुर दें, क्योंकि "ज़कात" ना देने पर सख़्त अज़ाब का बयान कुरआन शरीफ में आया है। ज़कात हलाल और जायज़ तरीक़े से कमाए हुए माल में से दी जाए। क़ुरआन शरीफ में हलाल माल को खुदा की राह में ख़र्च करने वालों के लिए ख़ुशख़बरी है, जैसा कि क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है कि... "राहे ख़ुदा में माल ख़र्च करने वालों की मिसाल ऐसी है कि जैसे ज़मीन में किसी ने एक दाना बोया, जिससे एक पेड़ निकला, उसमें से सात बालियां निकलीं, उन बालियों में सौ-सौ दाने निकले। गोया कि एक दाने से सात सौ दाने हो गए। अल्लाह इससे भी ज़्यादा बढ़ाता है। जिसकी नीयत जैसी होगी, वैसी ही उसे बरकत देगा"।

  • हाफिज कारी शाहबुद्दीन 

(उस्ताद मदरसा जामिया फारुकिया, रेवड़ी तालाब वाराणसी)

Inter School Cricket टूर्नामेंट में सेंट पॉल चैंपियन

अर्पिता को उम्दा गेंदबाजी और बल्लेबाजी के लिए दिया गया गर्ल ऑफ़ द मैच

Sonbhadra (dil India live). 3rd इंटर स्कूल टूर्नामेंट सेंट पॉल स्कूल रामगढ़, सोनभद्र में 3, 4 और 5 मार्च को सोनभद्र क्रिकेट स्टेडियम में किया गया। बालक वर्ग एवं बालिका वर्ग के अंडर 15 टूर्नामेंट के इस आयोजन में चतरा ब्लॉक के 8 इंग्लिश मीडियम स्कूलों ने हिस्सा लिया। जिसमें बालिका वर्ग में सोनभद्र  ड्रीम स्कूल और सेंट पॉल स्कूल का फाइनल मैच हुआ। इस मैच को सेंट पॉल स्कूल ने 10 रन से जीता। गर्ल ऑफ़ द मैच अर्पिता पाल को उम्दा गेंदबाजी और बल्लेबाजी के लिए दिया गया। बालक वर्ग में स्काई मॉडल स्कूल बनाम डिप्स कॉन्वेंट सेमी फाइनल मैच हुआ। जिसमें स्काई मॉडल ने 63 रन से मैच जीत लिया। दूसरा सेमीफाइनल सेंट पॉल स्कूल बनाम सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बीच में हुआ। जिसमें सेंट पॉल स्कूल ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल को आठ रनों से हराया। 4/3/2025 को दिन में 11:00 बजे डिप्स कान्वेंट स्कूल और सेंट पॉल स्कूल का मैच खेला गया। सेंट पॉल स्कूल ने 17 रनों से मैच जीत लिया। मैन ऑफ़ द मैच आकाश यादव को दिया गया। इस मैच में अंपायर के तौर पर लव कुश, बच्चे लाल पॉल, चंद्र प्रकाश और प्रशांत थॉमस ने अंपायरिंग की। सेंट पॉल स्कूल के प्रिंसिपल गोरेटी असमपुर डेवलपमेंट इंडिया के डायरेक्टर अजय दत्त ने विजेता बच्चों को पुरस्कार वितरण किया। इस कार्यक्रम में चंद्रशेखर डोगरा, ममता, राजमती, स्वामी आदि उपस्थित थे।

तरावीह मुकम्मल होने पर इमामे तरावीह की हुई गुलपोशी

मस्जिदों में तीन और चार दिन की तरावीह हुई मुकम्मल




Varanasi (dil India live). रमजान का मुबारक महीने का पहला अशरा रहमतों का अपनी रफ़्तार में है, इसी के साथ मस्जिदों में तरावीह मुकम्मल होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मस्जिद लाट सरैया, मदरसा ख़ानम जान व मस्जिद मकदूम शाह बाबा समेत कई जगहों पर तरावीह मुकम्मल हो गई। मदरसा ख़ानम जान अर्दली बाजार में तीन रमज़ान को हाफ़िज़ रमज़ान अली ने जब तरवीह मुकम्मल की तो तमाम लोगों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। इस दौरान लोगों का हुजूम उनसे मुसाफे के लिए बेताब नजर आया।
पार्षद पति हाजी ओकास अंसारी ने बताया कि मस्जिदों में कितने दिनों की तरावीह की नमाजे पढ़ाई जाएंगी वो मस्जिद कमेटियां अपने अपने हिसाब से तरावीह की नमाज का शिड्यूल तय करते है। उसी कड़ी में लाठ मस्जिद सरैया में और मखदूम शाह बाबा की मस्जिद में तीन दिन की तरावीह की नमाज मुकम्मल हुई। इन दोनों मस्जिदों के मतवल्ली बुनकर बिरादराना तंजीम चौदहों के सरदार हाजी मकबूल हसन की अगुवाई में तरावीह पढ़ाई गई। लाट मस्जिद सरैया में हाफिज जुबैर ने और मखदूम शाह बाबा मस्जिद में हाफिज जुनैद अंसारी ने तीन दिन की तरावीह मुकम्मल करायी तो लोग उन्हें मुबारकबाद देते नज़र आएं। काफी लोगों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। तीन दिन की तरावीह की नमाज खत्म होने के बाद नमाजियों ने दोनों हाफिजों को गुलपोशी की और मुबारकबाद दिया। इस मौके पर मौजूद चौदहों के सरदार मकबूल हसन, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, पूर्व पार्षद कल्लू भाई, हाजी अब्दुल वहीद, हाजी बैतूल हसन, रिजवान अहमद, सरदार अलीमुद्दीन, हाजी रिजवान, हाजी अब्दुल अजीज, निजामुद्दीन, सरदार गुलाम नबी , अब्दुल रब अंसारी, नेसार, अब्दुल रशीद, सरदार समीम अहमद, साहिल खान, बबलू राईन, अब्दुल  मजीद, मल्लू भाई सहित सैकड़ों लोगो ने तरावीह की नमाज अदा की।

VKM Varanasi में नारीवादी शोध पद्धति कार्यशाला

दूसरे दिन लैंगिक समावेशिता और नारीवादी दृष्टिकोण पर हुआ विमर्श

कार्यशाला में डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी के राजनीति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. स्वाति नंदा ने "लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देना एवं लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देना" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. नंदा ने सामाजिक मानकों पर प्रश्न उठाने, पूर्वाग्रहों को समाप्त करने और शोध तथा दैनिक जीवन में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया।

 


Varanasi (dil India live). वाराणसी के वसंत कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी" कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों को विचारोत्तेजक चर्चाओं और प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुतियों के माध्यम से लैंगिक समावेशिता और नारीवादी दृष्टिकोण पर गहन विमर्श में संलग्न किया गया। कार्यशाला में डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी के राजनीति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. स्वाति नंदा ने "लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देना एवं लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देना" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. नंदा ने सामाजिक मानकों पर प्रश्न उठाने, पूर्वाग्रहों को समाप्त करने और शोध तथा दैनिक जीवन में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया। चर्चा को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए, डॉ. नंदा ने दो सशक्त लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया: आलिया भट्ट की "गोइंग होम" और ईरानी लघु फिल्म "बीइंग ए वुमन इन ईरान"। इन फिल्मों ने महिलाओं की सुरक्षा, स्वायत्तता और पितृसत्तात्मक संरचनाओं में उनके संघर्षों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद एक गहन चर्चा सत्र हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने फिल्मों में प्रस्तुत विषयों का नारीवादी शोध के संदर्भ में आलोचनात्मक विश्लेषण किया।

कार्यशाला का संचालन एम.ए. अंतिम वर्ष (राजनीति विज्ञान) की छात्रा, आदिया तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुराधा बापुली और कार्यशाला में सह समन्वयक डॉ सिमरन सेठ उपस्थित रहीं।

मंगलवार, 4 मार्च 2025

ज़रूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेना अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा

सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर के दूसरे दिन हुए कई आयोजन 



 


Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के यूनिट 014 ए द्वारा प्राथमिक विद्यालय, चित्तूपुर खास, बीएचयू, वाराणसी में "तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य" पर अत्यधिक जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस क्लैप और "लक्ष्य गीत" के साथ हुई।

यह कार्यक्रम, समग्र कल्याण को बढ़ावा देने पर शिविर के फोकस का हिस्सा है, यह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मनोविज्ञान विभाग के सम्मानित अतिथि वक्ता प्रोफेसर संदीप कुमार द्वारा एक समृद्ध सत्र था। सत्र में मानसिक स्वास्थ्य के दबाव वाले मुद्दे का पता लगाने के लिए विभिन्न विषयों के छात्रों को एक साथ लाया गया,  मनोविज्ञानी प्रो. संदीप कुमार ने तनाव को समझने, इसके कारणों और शैक्षणिक तथा व्यक्तिगत जीवन की मांगों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की गई। 

छात्रों को संबोधित करते हुए, प्रो. कुमार ने तनाव के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और माइंडफुलनेस, नियमित व्यायाम, समय प्रबंधन और सामाजिक समर्थन जैसे स्वस्थ मुकाबला तंत्र अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर तनाव के प्रभाव के बारे में भी बात की, जिससे चिंता, अवसाद और बर्नआउट जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। प्रो. कुमार ने छात्रों को आत्म-करुणा का अभ्यास करने और मानसिक लचीलापन बढ़ाने के लिए एक संतुलित जीवन शैली बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉ. शशि प्रभा कश्यप ने अपने उद्घाटन भाषण में छात्रों की मानसिक भलाई में सुधार और एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शिविर न केवल सामुदायिक सेवा प्रदान करने के लिए बल्कि छात्रों द्वारा अपने दैनिक जीवन में सामना की जाने वाली व्यक्तिगत और शैक्षणिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था। इंटरेक्टिव सत्र कई लोगों के लिए एक आँख खोलने वाला साबित हुआ, क्योंकि प्रो. कुमार ने प्रतिभागियों को वास्तविक समय में तनाव को संभालने के तरीके को समझने में मदद करने के लिए व्यावहारिक अभ्यास भी किए।

सत्र का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और परीक्षा के दौरान तनाव को प्रबंधित करने और शैक्षणिक दबाव को संतुलित करने के बारे में प्रश्न पूछे। प्रो. कुमार ने इन चिंताओं को संबोधित किया और छात्रों की ज़रूरतों के हिसाब से व्यावहारिक सुझाव दिए। उन्होंने सभी को यह भी याद दिलाया कि ज़रूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेना अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डॉ. शशि प्रभा कश्यप के मार्गदर्शन में आयोजित यह शिविर छात्रों को न केवल समाज सेवा के माध्यम से समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि अपने मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को भी प्राथमिकता देता है।आज के शिविर में विद्यालय की प्राचार्य, के साथ-साथ अन्य शिक्षिकाएं तथा 50 स्वयं सेविकाएं मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेवी का अनुकृति के द्वारा किया गया। तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर शशी प्रभा कश्यप के द्वारा किया गया। शिविर का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

world women's day पर प्रबुद्ध महिला मंच ने किया महिलाओं को सम्मानित

नर्सरी को नई पहचान देने वाली महिला का भी सम्मान

Varanasi (dil India live)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अंतर्गत आज मंगलवार को काशी प्रबुद्ध महिला मंच ने भेलूपुर स्थित एक होटल में विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी करती मंच की सदस्यों सहित अपनी मेहनत और लगन से एक स्वावलंबी महिला को सम्मानित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रिया अग्रवाल ने गणेश वंदना के साथ किया, तत्पश्चात मंच की अध्यक्षा अंजलि अग्रवाल ने कार्यक्रम की अतिथि रेनू मौर्य जो रामनगर में लक्ष्मी बाग नर्सरी की ओनर है जिन्होने अपनी मेहनत व लगन से नर्सरी को एक नई पहचान दी, उनकी इस उपलब्धियां के लिए उन्हें सम्मानित किया व महिला दिवस की महत्ता के बारे में प्रकाश डाला। संचालिका रेनू कैला ने सभी सदस्यों की उपलब्धियों का परिचय देते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया ।

शोभा कपूर व छवि के गायन, ममता जायसवाल, नीतू सिंह व पूनम के काव्य पाठ के साथ नूतन रंजन की मिमिक्री, डॉ शालिनी व रजनी जयसवाल द्वारा दिए गए ब्यूटी टिप्स, रीता अग्रवाल, गीता अग्रवाल, रीता कश्यप द्वारा महिला दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए। ममता तिवारी व चंद्रा शर्मा के महिला दिवस संबंधित गेम व हाउजी का आनंद सभी सदस्यों ने भरपूर उठाया। मंच की सभी सदस्यों को अध्यक्ष ने सम्मानित किया।अन्त मैं सभी सदस्यों ने संकल्प लिया की वह अपने आसपास और घर की सभी महिलाओं व बेटी बहू को आर्थिक व मानसिक रूप में पूरी तरह से सशक्त करें।

Ramzan mubarak (3) नेकी की दावत हो आम

माहे रमज़ान यानी सवाब ही सवाब और बरकतें ही बरकत 

Varanasi (dil India live)। जिस महीने में सवाब ही सवाब और बरकतें ही बरकत अल्लाह बंदे पर निछावर करता है। उस मुकद्दस बेशुमार खूबियों वाले महीने को रमज़ान कहा जाता है। रमज़ान महीने का एक और सुन्नतों भरा तोहफा खुदा ने हमें सहरी के रूप में अता किया है। रोज़े में सहरी का बड़ा सवाब है। सहरी उस गिज़ा को कहते हैं जो सुब्ह सादिक से पहले रोज़ेदार खाता है। सैय्यदना अनस बिन मालिक फरमाते हैं कि ‘‘नबी-ए-करीम (स.) सहरी के वक्त मुझसे फरमाते कि मेरा रोज़ा रखने का इरादा है मुझे कुछ खिलाओ। मैं कुछ खजूरें और एक बर्तन में पानी पेश करता।’ इससे पता यह चला कि सहरी करना बज़ाते खुद सुन्नत है और खजूर व पानी से सहरी करना दूसरी सुन्नत है। नबी ने यहां तक फरमाया कि खजूर बेहतरीन सहरी है। नबी-ए-करीम (स.) इस महीने में सहाबियों को सहरी खाने के लिए खुद आवाज़ देते थे। अल्लाह और उसके रसूल से हमें यही दर्स मिलता है कि सहरी हमारे लिए एक अज़ीम नेमत है। इससे बेशुमार जिस्मानी और रुहानी फायदा हासिल होता है। इसलिए ही इसे मुबारक नाश्ता कहा जाता है। किसी को यह गलतफहमी न हो कि सहरी रोज़े के लिए शर्त है। ऐसा नहीं है सहरी के बिना भी रोज़ा हो सकता है मगर जानबूझ कर सहरी न करना मुनासिब नहीं है क्यों कि इससे रोज़ेदार एक अज़ीम सुन्नत से महरूम हो जायेगा। यह भी याद रहे कि सहरी में खूब डटकर खाना भी जरूरी नहीं है। कुछ खजूर और पानी ही अगर बानियते सहरी इस्तेमाल कर लें तो भी काफी है। रमज़ान वो मुकदद्स महीना है जो लोगों को यह सीख देता है कि जैसे तुमने एक महीना अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया सुन्नतों और नफ़्ल पर ग़्ाौर किया, उस पर अमल करते रहे वैसे ही बचे पूरे साल नेकी और पाकीज़गी जारी रखो। नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया ‘‘तीन चीज़ों को अल्लाह रब्बुल इज्ज़त महबूब रखता है। एक इफ्तार में जल्दी, सहरी में ताखीर और नमाज़ के कि़याम में हाथ पर हाथ रखना।’ नबी फरमाते हैं कि इस पाक महीने को जिसने अपना लिया, जो अल्लाह के बताये हुए तरीकों व नबी की सुन्नतों पर चल कर इस महीने में इबादत करेगा उसे जन्नत में खुदावंद करीम आला मुक़ाम अता करेगा। यह महीना नेकी का महीना है। इबादत के साथ ही इस महीने में रोज़ेदार की सेहत दुरुस्त हो जाती है। रोज़ेदार अपनी नफ्स पर कंट्रोल करके बुरे कामों से बचा रहता है। ये महीना नेकी और मोहब्बत का महीना है। इस पाक महीने में जितनी भी इबादत की जाये वो कम है क्यों कि इसका सवाब 70 गुना तक अल्लाहतआला बढ़ा देता है, इसलिए कि रब ने इस महीने को अपना महीना कहा है। ऐ पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की इबादत, नबी की सुन्नतों पर चलने की व रोज़ा रखने की तौफीक अता फरमा..आमीन।

     हाफिज मौलाना शफी अहमद

{सदर, अंजुमन जमात रजाए मुस्तफा, बनारस}

DAV PG College : NSS स्वयंसेवकों ने गंगा निर्मलीकरण को निकाली रैली

फिट इण्डिया के लिए लगाई गई दौड़




Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। डीएवी पीजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना की विभिन्न इकाईयों द्वारा चल रहे सप्ताहव्यापी शिविर के अंतर्गत मंगलवार को चौथे दिन विविध आयोजन हुए। ईकाई बी में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश कुमार के नेतृत्व में फिट इण्डिया मैराथन का आयोजन हुआ। कंचनपुर स्थित पार्क एवं व्यायामशाला में मैराथन दौड़ का आयोजन हुआ जिसमें 50 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीएवी के शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. मीनू लाकड़ा रही, जिन्होंने सबको फिट इंडिया मुहिम के बारे में बताया। वहीं इकाई ई एवं एच के स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ऋचा गुप्ता एवं डॉ. प्रियंका बहल के निर्देशन में दुर्गाकुण्ड स्थित मणि मंदिर एवं बाग की साफ सफाई की। इस मौके पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय के अधिकारी एवं हास्य कवि डॉ. अजय श्रीवास्तव 'चकाचक ज्ञानपुरी' ने स्वयंसेवकों से संवाद किया। 

इसके अलावा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश कुमार झा, डॉ. दीपक कुमार शर्मा एवं डॉ. मनीषा सिंह के नेतृत्व में यूनिट जी, एफ एवं सी के स्वयंसेवकों ने गंगा निर्मलीकरण के लिए विशाल गंगा स्वच्छता रैली तुलसी घाट से शिवाला घाट तक निकाली। इसके बाद स्वयंसेवक शिवाला घाट स्थित मदर टेरेसा आश्रम पहुँचकर उन्हें दैनिक उपयोग की वस्तुएं भेंट की। इस मौके पर मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ. गंगाधर मिश्र ने भारतीय संस्कृति परम्परा एवं गंगा नदी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

अल्लहमदुलिल्लाह, यहां तो अभी से ही सारे नमाज़ी बैठ गये एतेकाफ पर

पूरे महीने का एतेकाफ यहां रख रहे हैं रोजेदार 

Varanasi (dil india live). रमजान की खास इबादतों में शामिल "एतेकाफ" अमूमन रमजान के आखिरी अशरे में रहा जाता है मगर नबी ने कई बार पूरा रमजान यानी 30 दिन एतेकाफ किया था। नबी कि इसी सुन्नतों पर अमल करते हुए दावते इस्लामी इंडिया के मेंबर्स मस्जिद कंकडियाबीर में पूरे रमजान एतेकाफ पर बैठ रहे हैं। इस बार भी दावते इस्लामी इंडिया के मेम्बर्स एतेकाफ पर बैठ गए हैं। पूरी मस्जिद इबादतगुजारो से भरी हुई है। एक साथ इबादत, एक साथ पंचवक्ता नमाज जमात से अदा करना व एक साथ रोज़ा इफ्तार के साथ ही देश दुनिया में अमन और मिल्लत के लिए दुआएं करने का नजारा यहां देखते ही बनता है। दावते इस्लामी इंडिया के डा. साजिद अत्तारी बताते हैं कि हर साल दावते इस्लामी इंडिया के लोग एक साथ पहले रमजान से एतेकाफ पर बैठ जाते हैं और जब ईद का चांद होता है तो एतेकाफ पूरा करके अपने घरों को लौटते हैं।

क्या है एतेकाफ

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है। इसी इबादत का नाम एतेकाफ है। मगर दावते इस्लामी इंडिया के मेम्बर्स एक रमज़ान से एतेकाफ पर हैं।

एतेकाफ सुन्नते कैफाया

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है, यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी हो गया अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। 

इनरव्हील सृष्टि के सदस्यों ने महिला पुलिसकर्मियों को बेहतर कार्य के लिए किया समम

महिला दिवस पर जुटी महिलाएं, हुए अनेक आयोजन  मोहम्मद रिजवान  Varanasi (dil India live). आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इनरव्हील क्लब...