आरक्षण अधिसूचना की गई जारी
लखनऊ (दिल इंडिया लाइव/हिमांशु राय)। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण नियमावली जारी कर दी गई है। इसके बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। अपर मुख्य सचिव मनाेज कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि नियमावली के अनुसार, पंचायतों में आरक्षण चक्रानुक्रम रीति से ही होगा लेकिन जहां तक हो सके, पूर्ववर्ती निर्वाचनों अर्थात सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जनजातियों को आवंटित नहीं की जाएगी और अनुसूचित जातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जातियों को आवंटित नहीं की जाएंगी। इसी तरह पिछड़े वर्गों को आवंटित जिला पंचायतें पिछड़े वर्गों को आवंटित नहीं की जाएंगी। पंचायत चुनाव में कोई भी पंचायत जातिगत आरक्षण से वंचित नहीं रहेगी। अब तक चक्रानुक्रम आरक्षण से ऐसी कई पंचायतें बची रह गईं, जिन्हें ना ओबीसी के लिए आरक्षित किया जा सका और न ही अनुसूचित जाति के लिए। ऐसे में इस बार आरक्षण प्रक्रिया लागू करने के लिए चक्रानुक्रम के तहत नया फार्मूला अपनाया जाएगा। खास बात यह है कि वर्ष 1995 से अब तक के 5 चुनावों में जो पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होती रहीं और ओबीसी के आरक्षण से वंचित रह गई, वहां ओबीसी का आरक्षण होगा लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा निगाहें जिला पंचायत परिषद अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर लगी हुई है। बता दें कि इस बार उप्र के सभी 75 जिलों में एक साथ पंचायतों के वार्डों के आरक्षण की नीति लागू होगी। वर्ष 1995 में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था और उसमें आरक्षण के प्रावधान लागू किए गए थे लेकिन तब से अब तक हुए पांच पंचायत चुनावों में जिले के कई ग्राम पंचायतें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के पद आरक्षित होने से वंचित रह गए। ऐसे में इस बार जिला पंचायत परिषद के सभी 20 वार्डों, ग्राम प्रधान के 244 , क्षेत्र पंचायत के 505 और वार्ड सदस्य के 3322 पदों के आरक्षण में चक्रानुक्रम फार्मूला अपनाया जाएगा। पहले यह देखा जाए कि वर्ष 1995 से अब तक के पांच चुनावों में कौन सी पंचायतें अनुसूचित जाति (एससी) व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित नहीं हो पाई हैं और इन पंचायतों में इस बार प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेन्द्र का कहना है कि इस नए फैसले से अब वह पंचायतें जो पहले एससी के लिए आरक्षित होती रहीं और ओबीसी के आरक्षण से वंचित रह गईं, वहां ओबीसी का आरक्षण होगा और इसी तरह जो पंचायतें अब तक ओबीसी के लिए आरक्षित होती रही हैं वह अब एससी के लिए आरक्षित होंगी।
1 टिप्पणी:
Covid ke baad hona chahiye
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