व्याख्यान श्रृंखला ‘दलित महिलाएं और सामाजिक हिंसा, में बोली अनीता
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव/बहादुर सिंह)। प्रख्यात दलित विचारक एवं दलित लेखक संघ, नई दिल्ली की अध्यक्ष डाॅ. अनीता भारती ने कहा कि दलित महिलाए समाज में सबसे ज्यादा हिंसा का सामना करती है। समाज में तो वे उपेक्षित है ही, परिवार में भी उन्हें उत्पीड़न झेलना पड़ता है। वे डीएवी पीजी काॅलेज के आईक्यूएसी के तत्वावधान में ग्रीवांस एण्ड रिड्रेसल कमेटी द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में ‘दलित महिलाए और सामाजिक हिंसा‘ विषय पर आयोजित आॅनलाइन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थी। डाॅ. अनीता ने कहा कि आजादी के सत्तर साल बाद भी ग्रामीण इलाकों में दलित, आदिवासी महिलाएॅ अंधविश्वास के नाम पर डायन और अपशकुनी बता कर मार दी जाती है। उन्होंने कहा कि समाज दलितों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है और लोगों में संवेदनशीलता की भी कमी दिख रही है, इसी संवेदनशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता है, तभी दलित महिलाएॅ भी समाज में बराबरी का हक पा सकेंगी। उन्हें भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराना होगा तभी उनका मानसिक विकास भी हो सकेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के उप प्राचार्य डाॅ. शिव बहादुर सिंह ने कहा कि भारतीय समाज अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमंे दलित महिलाएॅ समाज के सबसे नीचले पायदान पर मिलती है। उनके उत्पीड़न में समाज के हर वर्ग की बराबर की भूमिका है। कार्यक्रम का संयोजन समन्वयक डाॅ. ऋचारानी यादव ने किया। संचालन डाॅ. मीनू लाकड़ा एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. पारूल जैन ने दिया। इस अवसर पर स्वाति नंदा, ओम प्रकाश कुमार, हसन बानो, सीमा कुमारी, साक्षी चौधरी सहित महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यापक एवं छात्र - छात्राएॅ जुड़े रहे।
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