रविवार, 14 फ़रवरी 2021

शामायली फातेमा की दोनों किडनियां खराब, फिर भी नहीं हो रहा इलाज

पीएम मेादी की काशी में कैसे बचेगी गरीब की बेटी

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। बनारस का नई सड़क इलाका देश भर में अपनी जिन्दादिली के लिए मशहूर है। वो और बात है कि यहाँ एक ऐसी माँ भी रहती है जो मोटी रकम न होने की वजह से अपनी बेटी की जिंदगी तिल तिल खत्म होते देखने को मजबूर है, मगर उसकी मदद राजनेता से लेकर सीएम, पीएम किसी ने नहीं की। हम बात कर रहे हैं नई सड़क की रहने वाली शाज़िया बेगम की। शाज़िया के शौहर का इंतेकाल हो चुका है। उनकी मौत के सदमे से शाज़िया अभी उभर भी नहीं पायी थी उनकी बेटी शामायली फातेमा की दोनों किडनियां खराब हो गयी। छूटपूट मदद से भी जब काम नहीं बना तो शाज़िया ने अपनी बेटी के इलाज के लिए जून में अपने शहर बनारस के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगायी थी, मगर इतना लम्बा अर्सा बीतने के बाद भी अब तक किसी ने कोई मदद नहीं की। इससे शाज़िया को गहरा धक्का लगा। अपनी बेटी को ज़िंदगी और मौत के बीच झूलते देख शाज़िया का परेशान होना स्वाभाविक है। लाकड़ाउन में तमाम लोगों की मदद करने वाले हरदिल अज़ीज फिल्म अभिनेता सोनू सूद से बनारस की इस मां ने गुहार लगायी है। 

शाज़िया कहती है कि हम गरीब है। शामायली के अब्बू थे तब तक हमें कोई परेशानी नहीं थी। उनके इंतेकाल ने हमें तोड़ दिया।

ऐसे टूटा दुख का पहाड़

शाज़िया बताती हैं कि शौहर के इंतेकाल के बाद एक दिन शामायली की तबीयत अचानक खराब हो गयी। डॉक्टर ने जब टेस्ट करवाया तो पता चला की उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। इस पर हम उसे कबीरचौरा ले गए जहां सामाजिक कार्यकर्ता डा. गुफरान जावेद ने लोगों की मदद से उसका इलाज शुरू कराया, लेकिन कुछ ही दिन में उसे बीएचयू रेफर कर दिया गया पर कोरोना काल आते ही सब कुछ ख़त्म होता नज़र आ रहा था। मगर डॉ राम गोपाल के निर्देशन में उसका फिर इलाज शुरू हुआ लेकिन कोरोना ने डॉक्‍टर साहब को भी छीन लिया। अब तो सारी आस ही खत्म हो गई है। रब के सिवाय अब कोई आसरा नहीं है। दिन रात रब से दुआ करती हूँ, मौला तू ही कोई करिश्मा कर दे, मेरी बेटी की ज़िन्दगी बचा दे। डा. गुफरान कहते हैं, वो कोशिश में हैं कि इलाज के लिए कुछ लोगों को तैयार करें ताकि एक गरीब की बेटी की जान बचायी जा सके। 

बहरहाल अब तो समय ही बतायेगा कि शमायली कि जिंदगी कैसे बचेगी? गरीब की बेटी की जान बचाने के लिए कोई बड़ी पहल हो भी पायेगी या नहीं?


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