बुधवार, 5 जून 2024

Lok sabha election: Etawah फिर सुर्खियों में

इटावा से आधा दर्जन ने तय किया संसद का सफर 


Etawah (Aman/ dil India live).  2311 वर्ग किमी में फैला इटावा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस एक जिले से 6 लोग संसद पहुंचे हैं। कन्नौज, मैनपुरी व आगरा से घिरे इटावा की यूं तो सियासी कहानी 1990 के दशक में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से शुरू होती है। तब पहली बार उनकी सियासी पारी की वजह से यह जिला सुर्खियों में आया। और इस बार एक साथ छह उम्मीदवारों ने अलग-अलग सीटों से जीत दर्ज कर इटावा का नाम रौशन किया है। हालांकि इससे पहले भी इस जिले से 4 सदस्य एक साथ संसद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच चुके हैं।

2014 में जिले के मुलायम सिंह, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव को अलग-अलग सीटों पर जीत मिली थी। 2019 में भी इस जिले से मुलायम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव और प्रेमदास कठेरिया को जीत मिली थी मगर पहली बार 6 सांसद यहां से चुने गए हैं। इसमें अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं। इटावा जिले के सैफई के रहने वाले हैं। अखिलेश इस बार कन्नौज से चुनाव मैदान में थे। इटावा से कन्नौज की दूरी करीब 100 किलोमीटर है। उन्होंने कन्नौज सीट पर बीजेपी के सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार वोटों से हराया है। अखिलेश कन्नौज से पहले भी सांसद रह चुके हैं। कन्नौज सीट पर पिछली बार उनकी पत्नी चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक ने हरा दिया था।

कन्नौज सीट पर पहली बार मुलायम परिवार को साल 1999 में जीत मिली थी। उस वक्त मुलायम सिंह खुद यहां से जीते थे। बाद में उन्होंने यह सीट अपने बेटे अखिलेश को दे दी थी। ऐसे ही अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल मैनपुरी लोकसभा से इस चुनाव में जीतकर संसद पहुंची हैं। डिंपल 2022 में यहां से उपचुनाव भी जीत चुकी हैं। मैनपुरी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है। इस बार डिंपल का मुकाबला बीजेपी के कद्दावर मंत्री जयवीर सिंह से था। चुनाव आयोग के मुताबिक डिंपल ने बीजेपी के जयवीर सिंह को 2 लाख 21 हजार वोटों से हराया है। यहां बीएसपी के शिव प्रसाद यादव को 66 हजार मत मिले हैं। 

मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी इस बार संसद पहुंचे हैं। धर्मेंद्र सपा सिंबल पर पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़े और निरहुआ को पराजित किया। धर्मेंद्र मुलायम के भाई अभयराम यादव के बेटे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक धर्मेंद्र ने बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को 1 लाख 61 हजार वोटों से हराया है। धर्मेंद्र को इस चुनाव में 5 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। आजमगढ़ सीट भी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से मुलायम और अखिलेश दोनों सांसद रह चुके हैं। 

अखिलेश के चचेरे भाई आदित्य यादव भी बदायूं सीट से 18 वीं लोकसभा में पहुंच चुके हैं। आदित्य शिवपाल यादव के बेटे हैं और सपा ने उन्हें बदायूं सीट से मैदान में उतारा था। सपा ने इस सीट पर 2 बार अपना उम्मीदवार बदला। आखिर में यहां से आदित्य टिकट लेने में कामयाब रहे। चुनाव आयोग के मुताबिक आदित्य ने बीजेपी के दुर्गविजय सिंह शाक्य को 34 हजार वोटों से हराया है। आदित्य को 5 लाख 18 हजार वोट मिले, जबकि शाक्य को करीब 4 लाख 66 हजार। 

ऐसे ही सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय भी इस बार संसद जाने में कामयाब हो गए हैं। अक्षय फिरोजाबाद सीट से मैदान में थे। यह इटावा के बगल की सीट है। अक्षय इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2019 में उन्हें बीजेपी के चंद्रसेन जादौन ने हरा दिया था। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार अक्षय ने बीजेपी के विश्वदीप सिंह को करीब 89 हजार वोटों से हराया है। अक्षय को 5 लाख 43 हजार वोट मिले हैं। यहां बीएसपी भी एक्स फैक्टर साबित हुआ है। बीएसपी के चौधरी बशीर को 90 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।

इटावा के भरथना तहसील के जितेंद्र दोहरे भी इस बार संसद पहुंच गए हैं। जितेंद्र ने सपा के सिंबल पर इटावा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। 2014 से ही यहां पर बीजेपी का कब्जा था।

चुनाव आयोग के मुताबिक जितेंद्र दोहरे ने बीजेपी के रामशंकर कठेरिया को 58 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। कठेरिया मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। जितेंद्र को चुनाव में 4 लाख 90 हजार से ज्यादा मत मिले हैं। इस तरह 6 लोगों को संसद पहुंचाने की वजह से इटावा फिर सुर्खियों में है।

UP में बीजेपी ने महज़ 33 लोकसभा सीटें जीती

पीएम मोदी ने जीता बनारस 


Lucknow (dil India live)। उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 33 लोकसभा सीटें जीती है इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत भी शामिल हैं। जीत के बाद मोदी ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। कहा कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी के सम्मानित मतदाताओं ने लगातार तीसरी बार मुझे अपना सांसद चुना है। ये काशी के लाखों मतदाताओं के विश्वास की विजय है। मेरी काशी के परिवार के हर सदस्य को इस जीत के लिए हृदय से आभार। मेरा विश्वास है कि काशी की विकास यात्रा भविष्य में और तेज गति से आगे बढ़ेगी। वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के अजय राय को 152513 वोटों से हराया यहां बसपा के अतहर जमाल लारी तीसरे स्थान पर रहे।

यूपी में भाजपा का कौन प्रत्याशी कहां से जीता

अमरोहा से कंवर सिंह तंवर 28670 वोट से जीते, मेरठ से अरुण गोविल 10585 वोटों से जीते, गाजियाबाद से अतुल गर्ग 336965 वोट से जीते। मथुरा से हेमामालिनी 293407 वोटों से जीती, गौतमबुद्धनगर से महेश शर्मा 559472 वोट से जीते, हाथरस से अनूप वाल्मीकि 247318 वोट से जीते। बुलंदशहर से भोला सिंह 275134 वोटों से जीते, आगरा से एसपी सिंह बघेल 271294 वोट से फतेहपुर सिकरी से राजकुमार चाहर 43405 वोट से व बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार 34804 वोटों से चुनाव जीते। पीलीभीत से जितिन प्रसाद 164935 वोटों से, हरदोई से जयप्रकाश रावत 27856 वोटों से, उन्नाव से साक्षी महाराज 35818 वोटों से, लखनऊ से राजनाथ सिंह 135159 वोट से तो फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत 2678 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे। कानपुर से रमेश अवस्थी 20968 वोटों से, अकबरपुर से देवेंद्र सिंह 44345 वोटों से, झांसी से अनुराग शर्मा 102614 वोटों से जहां चुनाव जीतने में कामयाब रहे। कैसरगंज से करण भूषण 148843 वोट से जीते, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल 42728 वोट से जीते तो बहराइच से आनंद कुमार 64227, महराजगंज से पंकज चौधरी 35451 वोट से, गोरखपुर से रवि किशन 103626 वोट से जीते, कुशीनगर से विजय कुमार 81790 वोट से जीते। ऐसे ही देवरिया से शशांकमणि त्रिपाठी 34842 वोट से, बांसगांव से कमलेश पासवान 3150 वोटों से तो गोंडा से कीर्तिवर्धन सिंह 46224 वोटों से चुनाव जीत गए।

वहीं फूलपुर से प्रवीण पटेल 4332 वोट, भदोही से विनोद बिंद 44072 वोटों से अलीगढ़ से सतीश गौतम 15647 वोटों से, शाहजहांपुर से अरुण सागर 55379 वोट से चुनाव जीतने में सफल रहे।  मिश्रिख से अशोक रावत 33406 वोटों से जीते 

मंगलवार, 4 जून 2024

Akhilesh yadav बोलें जनता को प्रणाम, जनमत को सलाम

संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण बचाने की जीत: अखिलेश यादव 

Varanasi (dil India live). इंडिया गठबंधन और सपा के बेहतरीन प्रदर्शन जीत पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि जागरूक जनता ने देश को एक बार फिर से नयी राह दिखायी है, नयी आस जगायी है। ये संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण बचाने की और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करवाने की जीत है। उप्र की प्रगतिशील जनता के विचार ही वोट के रूप में हमें मिले हैं। ये बँटवारे की नकारात्मक राजनीति के ख़िलाफ़, सौहार्द-भाईचारे और सकारात्मक राजनीति की जीत है। ये INDIA गठबंधन और PDA की एकता की जीत है। सबको हृदय से धन्यवाद, दिल से शुक्रिया।

उत्तर प्रदेश के इन 37 सीटों पर सपा को जीत

➡कन्नौज से अखिलेश यादव 170922 वोटों से जीते

➡मैनपुरी से डिंपल यादव 221639 वोट से जीतीं

➡आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव 161035 वोटों से जीते

➡गाजीपुर से अफजाल अंसारी 124861 वोटों से जीते

➡कैराना से इकरा हसन 69116 वोटों से जीतीं

➡मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक 24672 वोटों से जीते

➡रामपुर से मुहिबुल्ला 87434 वोटों से जीते

➡मुरादाबाद से रुचिवीरा 105762 वोटों से जीतीं

➡संभल से जियाउर्रहमान बर्क 121494 वोट से जीते

➡फिरोजाबाद से अक्षय यादव 89312 वोट से जीते

➡आंवला से नीरज मौर्य 15969 वोटों से जीते

➡खीरी से उत्कर्ष वर्मा 34329 वोटों से जीते

➡बदायूं से आदित्य यादव 34991 वोटों से जीते

➡धौरहरा से आनंद भदौरिया 4449 वोटों से जीते

➡मोहनलालगंज से आरके चौधरी 70292 वोट से जीते

➡सुल्तानपुर से रामभुआल निषाद 43174 वोट से जीते

➡प्रतापगढ़ से शिवपाल सिंह पटेल 66206 वोट से जीते 

➡इटावा से जितेंद्र कुमार दोहरे 58419 वोट से जीते

➡जालौन से नारायण अहिरवार 53898 वोट से जीते

➡बांदा से कृष्णा पटेल 71210 वोटों से जीतीं

➡फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल 33199 वोटों से जीते

➡कौशांबी से पुष्पेंद्र सरोज 103944 वोटों से जीते

➡बस्ती से राम प्रसाद चौधरी 100993 वोट से जीते

➡फैजाबाद से अवधेश प्रसाद 54567 वोट से जीते

➡अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा 137247 वोट से जीते

➡श्रावस्ती से रामशिरोमणि वर्मा 76673 वोट से जीते

➡लालगंज से दारोगा प्रसाद सरोज 115023 वोट से जीते

➡संतकबीरनगर से पप्पू निषाद 92170 वोट से जीते

➡घोसी लोकसभा से राजीव राय 162943 वोट से जीते

➡बलिया से सनातन पांडेय 43384 वोटों से जीते

➡जौनपुर से बाबूसिंह कुशवाहा 99335 वोटों से जीते

➡मछलीशहर से प्रिया सरोज 35850 वोटों से जीतीं

➡चंदौली से विरेंद्र सिंह 21565 वोटों से जीते

➡रॉबर्ट्सगंज से छोटे लाल 129234 वोटों से जीते

➡एटा लोकसभा से देवेश शाक्य 28052 वोटों से जीते

➡सलेमपुर से रमाशंकर राजभर 3573 वोटों से जीते

सोमवार, 3 जून 2024

Ghazi Miya की फिर लौटी बारात

शादी न होने की निभाई गई रस्म, लगा मेला





Varanasi (dil India live)। जैतपुरा क्षेत्र के बड़ीबाजार सलारपुरा में रविवार को हजरत सैय्यद सालार मसऊद गाजी (गाजी मियां) की शादी की रस्म निभाई गई। इस दौरान दरगाह पर उमड़ी दोनों वर्गों के अकीदतमंदों की भीड़ से पूरा इलाका गुलज़ार था, इस दौरान गाजी मियां का उर्स भी मनाया गया और मजार पर लगे मेले में वाराणसी और आसपास के जायरीन फातिहा पढ़ने, गुलपोशी और चादरपोशी के लिए जुटे रहे। देर रात जैनपुरा छहमुहानी स्थित मोहम्मद सलाउद्दीन के आवास से गाजे बाजे और आतिशबाजी के बीच गाजी मियां की बारात निकली। मजार पर बरात के पहुंचने के बाद परम्परानुसार घरातियों व बरातियों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। शादी की रस्म चल ही रही थी कि वहां रखा मटका टूट गया, फिर क्या था बाराती नाराज़ हो गये। बात बढ़ती गई और शादी की रस्म अगले वर्ष के लिए टाल दी गई। दरगाह कमेटी के गद्दीनशीन हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने बताया कि सदियों से हर साल धूमधाम से बारात निकाली जाती है, सारी रस्में भी अदा होती हैं, लेकिन गाजी मियां की शादी नहीं हो पाती। इस लक्खी मेले में मुस्लिम और हिन्दू दोनों वर्ग के लोग अकीदत से शामिल होते है। उधर, गाजी मियां की शादी में आंधी पानी आने की भी सदियों से परम्परा है।

गाज़ी मियां के मेले के में लगा चिकित्सा व गुमशुदा बच्चों का सहायता शिविर

सुल्तान ने 275 लोगों का किया स्वास्थ्य परीक्षण 

निःशुल्क दवा वितरित की गई व 25 गुमशुदा बच्चों को अभिभावकों से मिलाया गया



Varanasi (dil India live). समस्त जानदारों की सेवा सबसे बड़ा पुनीत कार्य माना जाता है, इस पुनीत कार्य के लिए सभी धर्म के लोगों को बढ़ चढ़ कर चाहिए, हमे सेवा खुशी खुशी करनी चाहिए, उससे घबराना नहीं चाहिए। उक्त बातें हिन्दू मुस्लिम एकता एवं सौहार्द का प्रतीक सैय्यद सालार मसऊद गाजी मियां के ऐतिहासिक उर्स व मेले के अवसर पर रविवार को बड़ीबाज़ार बुनकर मार्केट,वाराणसी में सामाजिक संस्था " सुल्तान क्लब" की ओर से निःशुल्क चिकित्सा एवं गुमशुदा बच्चों /बड़ों का सहायता शिविर के उद्घाटन के अवसर पर संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक ने कही। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा से मनुष्य को सुख शांति की अनुभूति होती है जिस से मनुष्य कर्तव्य पथ पर अग्रसर होता है, आगे उन्होंने कहा कि हमें फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए, फास्ट फूड से अनेकों प्रकार की बीमारिया जन्म लेती है गंगा जमुनी तहजीब के शहर बनारस में सभी धर्मों के लोग मिल जुल कर त्योहार मनाते रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर नसीम अख्तर ने कहा कि ऐसे कामों से खुदा बहुत खुश होता है, जो सिर्फ निःशुल्क मानव सेवा करता है उन्हे जन्नत में जाने का रास्ता आसान हो जाता है। बनारस पब्लिक स्कूल के सेक्रेटरी इशरत उस्मानी ने कहा कि यह संस्था पिछले 29 वर्षों से सैकड़ों जगह पर इस प्रकार का शिविर लगा कर बड़ा ही पुनीत कार्य करती चली आ रही है। शिविर में बाल रोग विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ और सामान्य रोगों के वरिष्ठ चिकित्सकों ने लोगों को रोग से बचाव के उपाय के साथ स्वस्थ रहने के गुण बताए तथा अपने खाने पीने पर विशेष सावधानी बरतने को सलाह दिया।

शिविर में 275 महिला-पुरुष व बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाएँ वितरित की गई तथा 25 गुमशुदा बच्चों/बड़ों को ध्वनि प्रसारण के माध्यम से अभिभावकों से मिलवाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, संचालन सचिव जावेद अख्तर, अब्दुर्रहमान ने किया।

            शिविर को कामयाब बनाने में डॉक्टर एहतेशामुल हक, एच. हसन नन्हें, मुस्लिम जावेद अख्तर, अजय कुमार वर्मा, महबूब आलम, अब्दुर्रहमान, शमीम रियाज़, डॉक्टर नसीम अख्तर, डॉक्टर मोहम्मद अरशद, डॉक्टर मुहम्मद जाहिद, डॉक्टर अजहर खान, डॉक्टर साजिद, डॉक्टर बेलाल, इशरत उस्मानी, पार्षद मुहम्मद तैयब, पूर्व पार्षद रमजान अली, अबू हाशिम एडवोकेट, मुख्तार अहमद, मोहम्मद इकराम, हाफिज मुनीर, नसीमुल हक, डॉक्टर जियाउर्रहमान सोनू, जुल्फेकार अली नक्शबंद, असलम खलीफा, सुलेमान अख्तर, शकील अंसारी,शाहनवाज खान, ज़ीशान अख्तर, इरफान इत्यादि का सराहनीय योगदान रहा है।

रविवार, 2 जून 2024

GNRF इंडिया ने की खिदमत, यात्रियों को पिलाया ठंडा पानी

गर्मी और उमस में गरीब नवाज़ रीलीफ फाउंडेशन ने यात्रियों की किया खिदमत




Varanasi (dil India live)। भीषण गर्मी से लोगों को राहत देने के मकसद से दावते इस्लामी इंडिया द्वारा संचालित गरीब नवाज़ रीलीफ फाउंडेशन ने सिटी स्टेशन अलईपुरा व मदनपुरा में लोगों की खिदमत की। इस दौरान भीषण गर्मी में प्यास से बेहाल लोगों को ठंडा पानी पिलाया गया। भीषण गर्मी में फांउडेशन के मेम्बर्स ने ठंडा पानी और मीठा शर्बत आम राहगीरों को पिलाकर लोगों का दिल जीत लिया।

दावते इस्लामी के मेम्बर डाक्टर साजिद अततारी ने कहा कि गरीब, ट्रेन में सफर करने वाले यात्री व अन्य राहगीर इस भीषण गर्मी का ज्यादा शिकार हो रहे हैं पानी की कमी से वो कई तरह की बीमारियों का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में गरीब नवाज़ रीलीफ फाउंडेशन ने थोड़ी सी राहत देने की कोशिश की है। अगर थोड़ी थोड़ी कोशिश अन्य संस्थाओं द्वारा भी किया जाएं तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है। इस मौके पर डा. मुबससिर, डा. शम्स तबरेज, अफरोज अततारी, मुस्तकीम अततारी, शाहिद अततारी, शमीम अततारी, मो. शाहाब, जुलकरनैन बरकाती, मो. वसीम, मदनी रज़ा, इरफान, सैफ, मुजम्मिल व सरफराज आदि मौजूद थे।

शनिवार, 1 जून 2024

VARANASI MP ELECTION NEWS: महज़ 56.35 फीसदी ही हुआ मतदान, सभी लोग हैरान

शुरुआती दौर में तेज़ी से हुई थी वोटिंग, अंतिम तीन घंटे रहे बेहद सुस्त 














Varanasi (dil India live)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मतदान के कम प्रतिशत ने सभी को चौंका कर रख दिया है। यहां का मतदान प्रतिशत पिछले दो बार की तुलना में कम हुआ है। जिसके बाद तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं। वाराणसी में इस बार कुल 56.35 प्रतिशत मतदान हुआ है। हालांकि शुरुआती दौर में सुबह छह बजे से ही लोगों की कतार लग गई थी और वोटिंग तेज़ी से हुई थी, लेकिन अंतिम तीन घंटे बेहद सुस्त रहें। आंकड़ों पर गौर करें तो शहर उत्तरी- 54.55 प्रतिशत, शहर दक्षिणी-57.7 प्रतिशत, कैंट- 51.47 प्रतिशत, सेवापुरी-60.93 प्रतिशत व रोहनिया में – 58.77 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं वाराणसी के चंदौली लोकसभा अंतर्गत शिवपुर विधानसभा में 63.53 व अजगरा में 65.63 प्रतिशत मतदान हुआ।कम मतदान ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है। वैसे यह बात सर्वविदित है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का फायदा हमेशा सत्तारूढ़ पार्टी को होता है, लेकिन अब मोदी के गढ़ में कम मतदान ने भाजपा नेताओं के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। बीजेपी ने इस बार के चुनाव में पीएम को 10 लाख वोट दिलाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा था। इसी के बूते पर भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दिया था। अब देखना यह है कि सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा। इसके लिए 4 जून तक करना होगा इंतजार।हालांकि मौसम में नमी रहने के  बावजूद कम मतदान ने कई सवाल खड़ा कर दिया हैं। कम मतदान ने सभी दलों की धुकधुकी बढ़ा दी है। 

38000 Students को राहत देने की टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया की मांग

कामिल व फाज़िल मदरसा छात्रों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाए-हाजी दीवान साहेब ज़मा - मदरसा नियमावली से अगे बढ...