मंगलवार, 25 जुलाई 2023

Post office ने जनजातीय उत्पाद 'कत्था' पर जारी किया विशेष आवरण

जनजातीय उत्पादों के विशेष आवरण से देश-दुनिया में होगी कत्था कि ब्रांडिंग 



Varanasi (dil India live). आजादी का अमृत महोत्सव 2.0 के तत्वावधान में भारतीय डाक विभाग द्वारा पूरे देश में जनजातीय उत्पादों पर 75 विशेष आवरण जारी किये जा रहे हैं। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने वाराणसी के प्रगतिशील किसान पद्मश्री श्री चंद्रशेखर सिंह और प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव संग जनजातीय उत्पाद 'कत्था' पर विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन प्रधान डाकघर, वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में किया। इस विशेष आवरण पर अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष पर जारी डाक टिकट लगाकर इसका विरूपण किया गया। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विशेष आवरण जारी करते हुए कहा कि विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों के आदिवासी अपने हस्तशिल्प और जैविक व  प्राकृतिक उत्पादों के माध्यम से न सिर्फ विरासतों को सहेज रहे हैं बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था की अभिवृद्धि में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कत्था खरवार जनजाति का उत्पाद है। इस जनजाति ने सबसे पहले इसके अर्क को अपने व्यवसाय के रूप में एकत्र करना शुरू किया था। लाल कत्थे का इस्तेमाल पान में तो सफ़ेद कत्थे का इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता है। मनोदैहिक और चिकित्सीय गुणों के कारण प्राचीनकाल से ही भारत में कत्थे का प्रयोग किया जाता है।


पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट और विशेष आवरण अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। एक जिला-एक उत्पाद, जीआई उत्पादों से लेकर जनजातीय उत्पादों तक पर जारी विशेष आवरण देश-दुनिया में इनकी ब्रांडिंग कर प्रचार-प्रसार बढ़ाते हैं और समावेशी विकास के तहत 'वोकल फॉर लोकल' एवं 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को मूर्त रूप देते हैं। फिलेटली को हॉबी के रूप में अपनाकर युवा वर्ग भी डाक टिकटों और विशेष आवरणों के माध्यम से तमाम जानकारियां प्राप्त कर ज्ञान में रचनात्मक अभिवृद्धि कर सकेंगे।विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रगतिशील किसान पद्मश्री श्री चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि डाक विभाग अपने विशाल और विश्वसनीय नेटवर्क के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुँचकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ रहा है। कृषि से लेकर जनजातीय समाज से जुड़े उत्पादों, विरासतों, विभूतियों और विभिन्न पहलुओं पर डाक टिकट और विशेष आवरण जारी कर उन्हें नई पहचान दे रहा है। प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव ने बताया कि उक्त विशेष आवरण मय विरूपण 25 रुपए में फिलेटलिक ब्यूरो, वाराणसी प्रधान डाकघर में उपलब्ध होगा। 

इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक राजन, डाक अधीक्षक विनय कुमार, सीनियर पोस्टमास्टर एसपी राय, सहायक अधीक्षक अजय कुमार, दिलीप सिंह यादव, आइपीपीबी मैनेजर सुबलेश सिंह, डाक निरीक्षक सर्वेश सिंह, श्रीकांत पाल, दिलीप पांडेय, श्रीप्रकाश गुप्ता, दीपमणि, जगदीश सडेजा, सुशांत सिंह सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, फ़िलेटलिस्ट इत्यादि उपस्थित रहे।

सोमवार, 24 जुलाई 2023

Moharram 5: छत्तातले से निकला कदीमी जुलूस, उमड़ा जनसैलाब

...जब नहर पर आदा ने अलमदार को मारा




Varanasi (dil India live)। वक़्फ मस्जिद व इमामबाड़ा मौलाना मीर इमाम अली व मेहंदी बेगम गोविंदपूरा छत्तातले से कदीमी पांचवी मोहर्रम का जुलूस अपनी पुरानी परंपराओं के अनुसार मुतवल्ली सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे एहतमाम उठाl जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कर्बला के शहीदों के मसायब बयान किए। जुलूस उठने पर नजाकत अली खां व उनके साथियों ने सवारी शुरू की-जब नहर पर आदा ने अलमदार को मारा… l जुलूस गोविंदपूरा, राजा दरवाजा, नारियल बाजार, चौक होते हुए दालमंडी स्थित हकीम काजिम के अज़ाख़ाने पर पहुंचा जहां से अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहाख्वानी शुरू कि- मुझको जन्नत ये अज़ाख़ाने लगे… l जिसमें वफा बुतुराबी, शराफत हुसैन, लियाकत अली खां, साहब ज़ैदी, शफाअत हुसैन शोफी ने नौहाख्वानी कीl दर्द भरे नौहों के बो सुनकर तमाम लोगों ने मातम का नजराना पेश किया। जुलूस दालमंडी, खजुर वाली  मस्जिद, नई सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महल, पितरकुंड, मुस्लिम स्कुल होते हुए लल्लापूरा स्थित दरगाहे फ़ातमान पहुंचाl पूरे रास्ते उस्ताद फतेह अली खां व उनके साथियों ने शहनाई पर आंसुओं का नज़राना पेश किया l फ़ातमान से जुलूस पुनः वापस मुस्लिम स्कुल, लाहंगपूरा, रांगे की ताज़िया, औरंगाबाद, नई सड़क कपड़ा मंडी, दालमंडी नया चौक होते हुए अजाखाने में आकर देर रात समाप्त हुआ। इससे पहले चार मोहर्रम को ताजिये का जुलूस शिवाला में सै. आलीम हुसैन रिजवी के अजाखाने से गौरीगंज स्थित मशहूर पत्रकार काजिम रिजवी के इमामबाड़े पर जाकर समाप्त हुआ। वहीं चार मोहर्रम को ही चौहट्टालाल खां में इम्तेयाज हुसैन के मकान से 2 बजे दिन में जुलूस उठकर इमामबाड़े गया। चौथी मुहर्रम को ही तीसरा जुलूस अलम व दुलदुल का चौहट्टा लाल खां इमामबाड़ा से रात 8 बजे उठकर अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ सदर इमामबाड़ा पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में अजादार दर्द भरे नौहों पर मातम का नजराना पेश करते हुए चल रहे थे।

मंदिर नहीं अजाखाना ''कुम्हार'' का है दिल


Varanasi (dil India live). भीतर से देखने में पूरी तरह मंदिर, मगर है अजाखाना (इमामबाड़ा) कहते हैं ये उस नन्हें कुम्हार का दिल है जिससे इस अजाखाने के निर्माण कि कहानी जुड़ी हुई है। बात हो रही है हरिश्चंद्र घाट स्थित एक ऐसे अजाखाने की जिसकी बुनियाद की कहानी एक हिंदू कुम्हार की अकीदत से जुड़ी है। कुम्हार के अटूट विश्वास के कारण ही इस अजाखाने का नाम कुम्हार का अजाखाना पड़ा। इसमें एक ओर जहां शिया मुस्लिम मजलिस करते हैं तो वहीं हिंदू हाथ जोड़कर अकीदत से फूल चढ़ाते हैं। शहर ही नहीं बल्कि दुनिया का लगभग हर अजाखाना गुंबदनुमा होता है, जो मस्जिद या मकबरे की सूरत में नजर आता है। वहीं हरिश्चंद्र घाट के कुम्हार का अजाखाना मंदिर की तरह दिखता है। मुहर्रम आते ही यहां के हिंदू इसकी साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम कराते हैं।

तवारीखी अजाखाने कि कहानी 

हरिश्चंद्र घाट स्थित कुम्हार का अजाखाना लगभग डेढ़ सौ वर्ष से भी पुराना है। इसकी देखरेख एक हिंदू कुम्हार परिवार कर रहा है, तो वहीं सरपरस्ती शिया वर्ग के हाथ है। अजाखाना के मुतवल्ली सैयद आलिम हुसैन रिजवी बताते हैं कि डेढ़ सौ वर्ष पहले इमामबाड़े के पास ही एक हिंदू कुम्हार परिवार रहता था। कुम्हार का एक बेटा था, जो हर वर्ष मुहर्रम पर मिट्टी की ताजिया बनाया करता था। पिता ने पहले तो बच्चे को ताजिया बनाने से मना किया। जब वह नहीं माना तो उसकी खूब पिटाई की। पिटाई के बाद बच्चा इतना बीमार हुआ कि वैद्य, हकीम भी काम न आए। बेटे को लेकर पिता की चिंता बढ़ने लगी। मंदिर, मस्जिद, मजार पर उसने हाजिरी लगाई, लेकिन कोई फायदा न हुआ। फिर एक दिन कुम्हार ने सपने में देखा कि एक बुजुर्ग उसके सामने खड़े हैं। वह कह रहे हैं कि तेरा बेटा मुझसे अकीदत रखता है। तुमने उसे ताजिया बनाने से रोक दिया, तो वह बीमार पड़ गया है। अगर तुम्हें उससे मोहब्बत नहीं है तो मैं उसे अपने पास बुला लेता हूं। कुम्हार ने स्वप्न में ही अपनी गलती मानते हुए कहा कि बस एक बार आप मुझे माफ करके मेरे बच्चे को ठीक कर दें। इस पर बुजुर्ग ने कहा कि नींद से उठकर देख, तेरा बच्चा खेल रहा है। आलिम हुसैन अपने बुजुर्गो की जुबानी बातों को याद करते हुए बताते हैं कि नींद से जगकर कुम्हार ने देखा कि जो बच्चा गंभीर रूप से बीमार था, वह न केवल पूरी तरह स्वस्थ था, बल्कि बच्चों के साथ खेल रहा था।

हिंदू कुम्हार की आस्था के कारण ही अजाखाने के निर्माण के समय इसको मंदिर जैसा रूप दिया गया और नाम भी कुम्हार का अजाखाना रखा गया। उसी समय से आस-पास के हिंदू भाइयों की आस्था अजाखाने से जुड़ गई। मुहर्रम में जब भी अजाखाना खुलता है, वहां दोनों मजहब के लोग जुटते हैं। इसके अलावा 9 वीं व 10 वीं मुहर्रम का विश्व प्रसिद्ध दूल्हे का जुलूस यहा सात बार सलामी देता है। आलिम हुसैन बताते हैं कि उन दिनों अवध के नवाब शहादत हुसैन अपने वालिद से नाराज होकर बनारस आ गए थे। उन्हीं की वंशज बाराती बेगम ने कुम्हार के बेटे का इमाम हुसैन के प्रति लगाव देख यह अजाखाना बनवाया। इसकी देख रेख युद्ध-कौशल की शिक्षा देने वाले सैयद मीर हसन के परिवार को सौंपी गई। सैयद आलिम हुसैन और उनका कुनबा उन्हीं का वंशज हैं।

ताज़िया, अलम व दुलदुल की ज़ियारत को उमड़ा हुज़ूम 

Varanasi (dil India live). ४ मुहर्रम को गमे imam Hussain के सिलसिले से चौहाट्टा लाल खां और शिवाले से ताज़िया अलम दुलदुल आदि के जुलूस उठाये गए। इस दौरान शिवाला में सैयद आलिम हुसैन रिज़वी के अजाखाने से ताजिये का जुलूस उठाया गया जो अन्जुमने गुलज़ारिया अब्बासिया के ज़ेरे इंतेज़ाम अपने क़दीमी रास्तो से होता हुआ गौरीगंज में मशहूर वरिष्ठ पत्रकार काजिम रिज़वी के आजाखने पर जाकर समाप्त हुआ। रास्ते मे ज़ियारत करने वालों की भीड़ मौजूद थी। चौहट्टा लाल खां  में दो जुलूस उठाये गए। दिन मे ताबूत का जुलूस इम्तियाज़ हुसैनके इमामबाड़े से अंजुमन आबिदिया ने उठाया, वहीं रात का जुलूस चौहट्टे के इमामबाड़े से अंजुमन आबिदिया के ज़ेरे इंतेज़ाम उठाया गया। जुलूस नोहा मातम करते हुऐ सदर इमामबाड़े पहुंचा। कज़्ज़ाक़पुरा से लेकर जलालीपुरा तिराहा से सदर इमामबाड़े जाने में अज़ादारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गड्ढों और कीचड़ से भरी सड़को पर चलते हुऐ जुलूस वालों को इस कदर परेशानी हुईं कि तमाम अजादारों ने कहा कि इस मार्ग को दुरुस्त करने कि मांग लम्बे समय से कि जा रही थी मगर प्रशासन ने समय रहते इसे ठीक नहीं किया।

हज़रत अली समिति के सचिव हाजी फरमान हैदर ने बताया की इस रास्ते को ऐसा बनाया जाए कि कम से कम चलने जैसा हो जाए। क्यों कि ३१ जुलाई तक दर्जनों जुलूस में लाखों लोग जिसमें महिलाएं और बच्चे भी होंगे। इसी  रास्ते से गुज़रेंगे। प्रशासन को इसका संज्ञान लेना चाहिए । ५ वी मुहर्रम को भी आधा दर्जन जुलूस विभिन्न इलाकों में आज उठाये जायेंगे।

रविवार, 23 जुलाई 2023

imam Hussain कि याद में निकले कई जुलूस

कुम्हार के इमामबाड़े में जियारत करते दोनों मजहब के लोग (फाइल)

ताज़िया, अलम व दुलदुल की ज़ियारत को उमड़ा हुज़ूम उबड-खाबड़ रास्तो से जुलूस पहुंचा सदर इमामबाड़े


Varanasi (dil India live). ४ मुहर्रम को गमे imam Hussain के सिलसिले से चौहाट्टा लाल खां और शिवाले से ताज़िया अलम दुलदुल आदि के जुलूस उठाये गए। इस दौरान शिवाला में सैयद आलिम हुसैन रिज़वी के अजाखाने से ताजिये का जुलूस उठाया गया जो अन्जुमने गुलज़ारिया अब्बासिया के ज़ेरे इंतेज़ाम अपने क़दीमी रास्तो से होता हुआ गौरीगंज में मशहूर वरिष्ठ पत्रकार काजिम रिज़वी के आजाखने पर जाकर समाप्त हुआ। रास्ते मे ज़ियारत करने वालों की भीड़ मौजूद थी। चौहट्टा लाल खां  में दो जुलूस उठाये गए। दिन मे ताबूत का जुलूस इम्तियाज़ हुसैनके इमामबाड़े से अंजुमन आबिदिया ने उठाया, वहीं रात का जुलूस चौहट्टे के इमामबाड़े से अंजुमन आबिदिया के ज़ेरे इंतेज़ाम उठाया गया। जुलूस नोहा मातम करते हुऐ सदर इमामबाड़े पहुंचा। कज़्ज़ाक़पुरा से लेकर जलालीपुरा तिराहा से सदर इमामबाड़े जाने में अज़ादारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गड्ढों और कीचड़ से भरी सड़को पर चलते हुऐ जुलूस वालों को इस कदर परेशानी हुईं कि तमाम अजादारों ने कहा कि इस मार्ग को दुरुस्त करने कि मांग लम्बे समय से कि जा रही थी मगर प्रशासन ने समय रहते इसे ठीक नहीं किया।

हज़रत अली समिति के सचिव हाजी फरमान हैदर ने बताया की इस रास्ते को ऐसा बनाया जाए कि कम से कम चलने जैसा हो जाए। क्यों कि ३१ जुलाई तक दर्जनों जुलूस में लाखों लोग जिसमें महिलाएं और बच्चे भी होंगे। इसी  रास्ते से गुज़रेंगे। प्रशासन को इसका संज्ञान लेना चाहिए । ५ वी मुहर्रम को भी आधा दर्जन जुलूस विभिन्न इलाकों में आज उठाये जायेंगे।

Varanasi में रोटरी मंडल की प्रथम इन्टरसिटी मीट

वाराणसी पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय निर्देशक, जोरदार स्वागत 

-मंडल के रोटरी मेम्बर्स में दिखा गजब का उत्साह 






Varanasi (dil India live). रोटरी मंडल द्वारा स्थानीय शुभम् लाॅन, महमूरगंज में आयोजित प्रथम अंतर नगरी गोष्ठी में मंडल के विभिन्न जिलों से क्रमशः इलाहाबाद, बस्ती, बाराबंकी, छतरपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, लखनऊ, मिर्जापुर, मऊ, महाराजगंज, विंध्याचल, वाराणसी के विभिन्न क्लबों से आए लगभग 700 रोटरी के प्रतिनिधियों ने सहभागिता किया।इस अवसर पर रोटरी के अंतरराष्ट्रीय निदेशक टी एन सुब्रमण्यम ने अपने उद्बोधन में रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पूरी दुनिया में किये जा रहे कार्यों को विस्तारपूर्वक बतलाया और रोटरी थीम क्रियेट 'होप इन द वर्ल्ड' के अन्तर्गत रोटेरियन को कार्य करने के लिए प्रेरित किया ।

रोटरी मंडल के गवर्नर सुनील बंसल ने बतलाया कि मंडल के अन्तर्गत आने वाले ९१ क्लबों के लगभग चार हजार सदस्यों द्वारा सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है और हमें इसका विस्तार एवं प्रचार की आवश्यकता है । उन्होंने बतलाया कि हमारी अगली इन्टरसिटी मीट २० अगस्त को लखनऊ में आयोजित है। इन्टरसिटी चेयरमैन दिनेश गर्ग ने बतलाया कि इस तरह के आयोजन से हम आपस में एक-दूसरे से जुड़ते हैं और उनके कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

मंडल प्रशिक्षक के के श्रीवास्तव ने रोटरी थीम के बारे में बतलाया और इस विषय पर एक प्रतियोगिता का आयोजन भी सदस्यों के मध्य किया, जिसके विजेता क्रमशः आतिथ्य क्लब रोटरी क्लब वाराणसी गंगा के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। सभा का आरंभ राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। वृंदा सुरेका ने नृत्य के माध्यम से देवी वंदना प्रस्तुत किया। कार्यक्रम संयोजक दीपक अग्रवाल ने सभा का संचालन किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता नुपुर संधु ने मेंटल हेल्थ एंव उपचार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी ।

सभा के अंत में मंडल सचिव देव प्रमोद अग्रवाल ने इतनी अच्छी उपस्थिति एवं सहभागिता के लिए सभी को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर पूर्व गवर्नर प्रदीप मुखर्जी, हरिमोहन शाह, डॉ प्रमोद कुमार, रंजीत सिंह, संजय अग्रवाल, सतपाल गुलाटी, सुरेश अग्रवाल, डॉ आशुतोष अग्रवाल एवं दिनेश आनंद, धर्मेंद्र गोयल, संजय गुप्ता, प्रशांत नागर, राजीव टंडन, मनीष चौधरी, राजेश जैन सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इससे पहले रोटरी मंडल की प्रथम इन्टरसिटी मीट में पहुंचे अंतरराष्ट्रीय निदेशक का जोरदार स्वागत किया गया।इस दौरान रोटेरियन का उत्साह देखते ही बन रहा था।

Moharram 2023: नवाब की ड्योढ़ी से निकले Duldul ki ziyarat को जुटा हुजूम

अंजुमनों के दर्द भरे नौहों से लोगों की आँखे हुई नम
दुलदुल का फाइल फोटो 
Varanasi (dil India live). कर्बला के शहीदों व असीरो की याद में देश दुनिया में के तकरीर, मजलिस, जुलूस व मातम का नजराना पेश करने का सिलसिला अब तेज हो चला है। इसी सिलसिले से तीन मोहर्रम का बनारस का मशहूर जुलूस रात में निकाला गया। नवाब कि ड्योढ़ी से निकले दुलदुल आलम, ताबूत और ताजिये के इस जुलूस में अंजुमनों ने नौहाखवानी व मातम का नजराना पेश किया। औसानगंज स्थित मिर्जा हाशमी रजा अली बख्त के इमामबाड़े से निकले दुलदुल के इस जुलूस के उठने के पूर्व प्रोफेसर अजीज हैदर ने मजलिस पढ़ी। जुलूस में अंजुमन जव्वादिया एवं अंजुमन हुसैनियां ने नौहाख्वानी और मातम का नजराना पेश किया। जुलूस लोहटिया, काशीपुर, नारियल बाजार, दालमंडी, नयी सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महाल, पितरकुण्डा होते हुए देर रात्रि दरगाह-ए-फातमान पहुंचा। ऐसे ही पूर्वांचल भर में कई जगहों पर तीसरी मोहर्रम के जुलूस में दुलदुल के साथ ही ताजिया ताबूत भी शामिल थे। जुलूस के दौरान अंजुमनों ने नौहाखवानी और मातम पेश किया।

Kashi prabudh mahila Manch ने मनाया सावन की फुहार



Varanasi (dil India live). काशी प्रबुद्ध महिला मंच ने सावन की फुहार कार्यक्रम गुरुधाम स्थित एक होटल में आयोजित किया। अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हरियाली तीज एवं फ्रेंडशिप डे की अग्रिम बधाई दी। संयोजिका नीतू सिंह एवं मनीषा अग्रवाल ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। कजरी शोभा कपूर एवं छवि अग्रवाल ने प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। डॉक्टर ममता तिवारी ने कैसे खेलन जैबू सावन में...पर नृत्य प्रस्तुत किया। चंद्रा शर्मा, रीता अग्रवाल, रीता कश्यप एवं कमलेश गुप्ता ने सामूहिक सावन गीतों से रिमझिम बारिश का अहसास कराया । रेनू कैला,रीता भट्ट एवं संगीता अग्रवाल ने कविता पाठ कर मौहोल खुशनुमा कर दिया।नूतन रंजन, ममता पांड्या ने  सावन और दोस्ती पर गेम्स कराए। सभी को फ्रेंडशिप बैंड बांध दोस्ती के रिश्ते को मजबूत किया। धन्यवाद ज्ञापन रेनू कैला ने किया।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...