अंजुमनों के दर्द भरे नौहों से लोगों की आँखे हुई नम
दुलदुल का फाइल फोटो |
Varanasi (dil India live). कर्बला के शहीदों व असीरो की याद में देश दुनिया में के तकरीर, मजलिस, जुलूस व मातम का नजराना पेश करने का सिलसिला अब तेज हो चला है। इसी सिलसिले से तीन मोहर्रम का बनारस का मशहूर जुलूस रात में निकाला गया। नवाब कि ड्योढ़ी से निकले दुलदुल आलम, ताबूत और ताजिये के इस जुलूस में अंजुमनों ने नौहाखवानी व मातम का नजराना पेश किया। औसानगंज स्थित मिर्जा हाशमी रजा अली बख्त के इमामबाड़े से निकले दुलदुल के इस जुलूस के उठने के पूर्व प्रोफेसर अजीज हैदर ने मजलिस पढ़ी। जुलूस में अंजुमन जव्वादिया एवं अंजुमन हुसैनियां ने नौहाख्वानी और मातम का नजराना पेश किया। जुलूस लोहटिया, काशीपुर, नारियल बाजार, दालमंडी, नयी सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महाल, पितरकुण्डा होते हुए देर रात्रि दरगाह-ए-फातमान पहुंचा। ऐसे ही पूर्वांचल भर में कई जगहों पर तीसरी मोहर्रम के जुलूस में दुलदुल के साथ ही ताजिया ताबूत भी शामिल थे। जुलूस के दौरान अंजुमनों ने नौहाखवानी और मातम पेश किया।
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