सोमवार, 18 अप्रैल 2022

रमज़ान में तरावीह हर मोमिन को अदा करना ज़रुरी

 


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मुकद्दस रमजान में पूरे महीने जिस तरह से मोमिन को रोज़ा रखना ज़रूरी है वैसे ही उसे तरावीह की नमाज़ भी अदा करना ज़रुरी होता है। रोज़ा फर्ज़ है और तरावीह सुन्नत। इसके बावजूद तरावीह अदा करना इस्लाम में बेहद ज़रूरी करार दिया गया है, इसलिए कि तरावीह नबी-ए-करीम को बेहद पसंद थी। 

रमज़ान को इबादत का महीना माना जाता है और इस महीने की बहुत अहमियत है। इस  मुकददस महीने में मुसलमान महीने भर रोजे (व्रत) रखता है। पांच वक्त की नमाज और नमाजे-तरावीह अदा करता हैं। कुछ मस्जिदों में तरावीह 4 दिन कि तो कहीं 6 दिन तो कहीं 15 दिन में अदा की जाती है। उलेमा कहते हैं कि अगर किसी ने 4 दिन की तरावीह या 15 दिन की तरावीह मुकम्मल कर ली तो वो ये न सोचे कि तरावीह उसकी हो गई। उलेमा कहते है कि तरावीह पूरे महीने अदा करना ज़रूरी है। तरावीह चांद देखकर शुरू होती है और चांद देखकर ही खत्म होती है। तरावीह में पाक कुरान सुना जाता है। अगर किसी ने 4 दिन, 7 दिन या 15 दिन या जितने भी दिन की तरावीह मुकम्मल की हो उसे सुरे तरावीह महीने भर यानी ईद का चांद होने तक अदा करना चाहिए।

रोज़ेदारों की दुआएं होती है कुबुल  

रमज़ान में देश दुनिया में अमन के लिए दुआएं व तरक्की के लिए दुआएं मांगी जाती है। दरअसल रमजान का पाक महीना इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस पाक महीने में लोग इबादत करके अपने रब का जहां शुक्रिया अदा करते हैं वहीं इस महीने में दुआएं कुबुल होती है।

क्या होती है तरावीह

 रमजान में मोमिन दिन में रोज़ा रखते हैं और रात में तरावीह की नमाज़ अदा करते है। यह नमाज़ बीस रिकात सामूहिक रुप से अदा की जाती है। इस नमाज को कम से कम 3 दिन ज्यादा से ज्यादा 30 दिन में पढ़ा जाता है जिसमें एक कुरान मुकम्मल की जाती है। खुद पैगंबर हुजूर अकरम सल्लललाहो अलैह वसल्लम ने भी नमाज तरावीह अदा फरमाई और इसे पसंद फरमाया।

हैप्पी ईस्टर... की चर्चेज़ में गूंजी सदाएं

प्रभु यीशु के जी उठने पर खुशियों में डूबे मसीही


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। प्रभु यीशु मसीह के जी उठने की खुशियों में इतवार को देश-दुनिया के साथ ही अपने शहर बनारस का मसीही समुदाय भी डूबा नज़र आया। चर्चेज़, गिरजाघरों व प्रार्थना स्थलों पर हैप्पी ईस्टर...की सदाएं गूंजती रही। संडे को जहां ईस्टर बन और एग खिला कर लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी वहीं गरीबों और मजलूमों की मदद की गई।

प्रभु ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में चर्चेज से लेकर घरों तक आकर्षक सजावट की गयी थी। हर तरफ लोग खुशियां मनाते-बांटते दिखेंगे। सडे को जहां ईस्टर बन खिला कर लोग एक दूसरे को मुबारकबाद दिया। यूं तो ईस्टर का जश्न शनिवार की रात सेंट मेरीज महागिरजा में यीशु के जी उठने कि खुशी में भव्य आयोजन संग शुरू हो गया था। वहां इस्टर नाइट का आयोजन किया गया। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में फेस्टिवल का उत्साह दिख रहा था। इस दौरान जी उठा, जी उठा, मौत गयी हार...गीत महागिरजा में गूंजने लगे। कलवारी का हुबहू पहाड़ पर कब्र खुली और उसमें प्रभु यीशु जी उठें। पूरा गिरजाघर बिशप यूज़ीन जोसेफ की अगुवाई में गीत गाता हुआ उठ खड़ा हुआ। प्रभु यीशु के जी उठने का जश्न जो शनिवार की देर रात शुरू हुआ वो समाचार लिखे जाने तक इतवार को अपने शबाब पर था।


ईस्टर संडे को चर्जेज में स्पेशल प्रेयर का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल हुए। वे सुबह सुबह अपने हाथों में कैंडिल लेकर चर्च गए और वहां प्रेयर किया। सेंट मेरीज महागिरजा में फादर विजय शांतिराज, लाल गिरिजाघर में पादरी संजय दान, सेंट पाल चर्च में पादरी सैमजोशुआ सिंह, सेंट थॉमस चर्च में पादरी न्यूटन, बेथेलफुल गोस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, ईसीआई चर्च सुंदरपुर में पास्टर नवीन ज्वाय व पास्टर दशरथ पवार, चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जॉन, रामकटोरा चर्च में पादरी आदित्य कुमार सहित अन्य चर्चेज में लोग प्रार्थना करने जुटे हुए थे। घरों और चर्चेज में लोगों ने प्रभु के जी उठने की खुशी में एक से बढ़कर एक कैरोल गीत गाये। मसीही समुदाय के लोग अपने प्रियजनों की कब्रों पर श्रद्धा के फूल अर्पित करने भी पहुंचे हुए थे।

दरअसल हजारों साल पहले इंसानियत के दुश्मनों ने यीशु को क्रूस पर लटका दिया था। हर कोई इस क्रूर हादसे से सहम गया था। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अचानक रविवार यानी ईस्टर को प्रभु यीशु फिर से जी उठे थे। मातम की घड़ियां खत्म हुई और हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गयी। प्रभु जी उठे हैं। अब हमारे दुखों का अंत होगा। कहीं भी कोई रोता बिलखता नहीं दिखेगा। हर किसी के मन में ऐसे ही जज्बातों का समंदर उमड़ता दिखा।

शनिवार, 16 अप्रैल 2022

प्रधान डाकघरों में अब यू.पी.आई. (क्यूआर कोड) के माध्यम से भी भुगतान की सुविधा

प्रधान डाकघरों में काउंटरों पर लगे क्यूआर कोड 

कोड स्कैन करके आसानी से कर सकेंगे डिजिटल भुगतान



Varanasi 16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। डाक विभाग भी नवीनतम टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अपनी सेवाओं को कस्टमर फ्रेंडली बना रहा है। इसी क्रम में अब प्रधान डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यू.आर. कोड लगाये गए हैं, जिन्हें स्कैन कर ग्राहक यू.पी.आई के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। पोस्टमास्टर जनरल वाराणसी परिक्षेत्र श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पहले फेज में सभी प्रधान डाकघरों में 16 अप्रैल से इस सेवा का शुभारंभ किया गया। इनमें वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघरों - प्रधान डाकघर वाराणसी, वाराणसी कैंट, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया व रसड़ा में इस सेवा का शुभारंभ हुआ है। प्रधान डाकघरों में स्पीड पोस्ट, पार्सल, पंजीकृत पत्रों की बुकिंग और देश-विदेश को भेजे जानी वाली विभिन्न प्रकार के पत्र/पार्सल व अन्य डाक वस्तुओं के बुकिंग चार्ज का भुगतान अब कैश के अलावा डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भी हो सकेगा। डाक विभाग ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था के लिए क्यू.आर. कोड से यू.पी.आइ आधारित आनलाइन भुगतान की सुविधा ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा दी है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डिजिटल भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रधान डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यू.आर. कोड लगाये गए है जिसका प्रयोग कर यू.पी.आई के माध्यम से डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। पत्र/पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पॉइंट ऑफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी और क्यू.आर. कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न करने को कहा जाएगा। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन कर किसी भी यू.पी.आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, एमेजन पे आदि के द्वारा भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेन्ट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा और ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा डाकघरों में इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुद्रढ़ होगी। अब  डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर रुपयों की समस्या से राहत मिल जाएगी और काउंटर पर बैठे डाक सहायक को रुपयों के लेन-देन से भी छुटकारा प्राप्त हो जाएगा। काउंटर पर रुपयों का लेन-देन शामिल न होने से समय की भी बचत होगी। हालांकि नकद रकम देकर डाक वस्तुओं की बुकिंग का कार्य भी पूर्व की ही भांति होता रहेगा।

खजूर, किशमिश, मुनक्के पर भी निकाल सकते हैं फितरा

ईद की नमाज़ के पहले अदा कर दें सदका-ए-फित्र



वाराणसी 16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। रमज़ान में फितरा कितना निकाला जाना चाहिए है? यह सवाल नसीम ने दालमंडी से किया। जवाब में उलेमा ने कहा कि 2 किलो 45 ग्राम वो गेंहू जिस क्वालिटी का मोमिनीन खाने में इस्तेमाल करते है उस के हिसाब से एक आदमी को अपना फितरा निकालना है। इसका खास ध्यान रखने की ज़रुरत है कि हम किस क्वालिटी का गेंहू खाते हैं। मसलन आप अगर 20 रुपये किलों का गेंहू खाते हैं तो यह रकम तकरीबन 45 रुपये आती है। शब्बीर ने रामनगर से फोन किया कि गेंहू के अलावा और भी कुछ निकाला जा सकता है? इस पर उलेमा ने कहा कि जो अमीर है वो जौ, खजूर, किशमिश व मुनक्का जिस क्वालिटी का खाते हैं उस पर भी फितरा दें तो ज्यादा अफज़ल होगा। क्यों कि गेंहू सबसे सस्ता है, जो लोग केवल गेहूं पर डिपेंड है उनके लिए तो ठीक है मगर जो अमीर है, जौ, खजूर, किशमिश व मुनक्का भी लगातार इस्तेमाल करते हैं उन्हें चाहिए कि इसमें से किसी एक के बराबर फितरा निकाल कर गरीब को ईद की नमाज़ के पहले अदा कर दें। रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।

इन नम्बरों पर उलेमा करेंगे आपकी रहनुमाई
रमज़ान के लिए अगर आपके ज़ेहन में कोई सवाल है तो आपकी रहनुमाईके लिए उलेमा मौजूद हैं। मोबाइल नम्बर-: 9415996307, 9450349400, 9026118428,  9554107483

कब्र का पत्थर हटा, मौत को मात दे जी उठे प्रभु यीशु


वाराणसी16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। ईसा मसीह के चमत्कारों से डरकर रोमन गवर्नर पिलातुस ने उन्हें येरुशलम के पहाड़ पर फांसी पर चढ़ा दिया था। ऐसी मान्यता है कि इसके तीन दिन बाद वह फिर जीवित हो उठे। बाइबिल के मुताबिक, रोमी सैनिकों ने ईसा को कोड़ों से मारा। उनके सर पर कांटों का ताज सजाया और उन पर थूका। पीठ पर अपना ही क्रॉस उठवा कर, उन्हें उस पहाड़ी पर ले जाया गये, जहां उसी क्रॉस पर उन्हें लटका दिया गया। अंत में क्रूस पर उनकी मौत हो गई, मगर यीशु ने मरने के तीन दिन बाद पुन: जीवित होकर यह दिखा दिया कि  सच्चाई कभी मरती नहीं। पवित्र आत्माएं किसी के मारने से अगर मर सकती हैं तो पुन: जीवित भी हो सकती हैं। बिशप हाउस से जुड़े फादर थामस कहते हैं कि सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु इसी दिन जी उठे थे। इसी की खुशी में ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मनाया जाता है। परंपरागत रूप से यह पर्व 40 दिनों तक चलता है। गुड फ्राइडे को लोग जहां शोक मनाते हैं, वहीं ईस्टर पर खुशियां लौट आती हैं। ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों में मोमबत्तियां जलाते हैं और इस दिन ईस्टर लंच का आयोजन भी किया जाता है।

फिर लौटती है खुशियां

हजारों साल पहले इंसानियत के दुश्मनों ने प्रभु यीशु को क्रूस पर लटका दिया था। हर कोई इस क्रूर हादसे से सहम गया। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अचानक रविवार यानी ईस्टर को प्रभु यीशु फिर से जी उठे। मातम की घड़ियां खत्म हुई और हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गयी। प्रभु जी उठे हैं। अब हमारे दुखों का अंत होगा। कहीं भी कोई रोता बिलखता नहीं दिखेगा। हर किसी के मन में ऐसे ही जज्बातों का समंदर उमड़ता दिखा।

इस बार का संडे इसलिए खास है क्योंकि दुनिया भर में ईस्टर मनाया जायेगा। हालांकि, पिछ्ले दा वर्षो से कोरोना वायरस के कारण इस त्योहार की धूम नहीं देखी गई। सभी लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में बंद थे और घर पर ही ईस्टर मनाया गया था मगर इस बार हालात बदले हैं। ये और बात अलग है कि ईस्टर का जश्न क्रिसमस की तर्ज पर नहीं मनाया जाता, लेकिन इसका ईसाइयों के बीच महत्व क्रिसमस से कम नहीं है।

आज है ईस्टर नाइट

प्रभुके जी उठने की खुशी में चर्चेज से लेकर घरों तक आकर्षक सजावट की गयी है। हर तरफ लोग खुशियां मनाते-बांटते दिखेंगे। सडे को जहा ईस्टर बन खिला कर लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देंगे, वही आज रात सेंट मेरीज महागिरजा में यीशु के जी उठने कि खुशी में भव्य आयोजन इस्टर नाइट होगा। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में फेस्टिवल का उत्साह दिखेगा। वही इस्टर संडे को चर्जेज में स्पेशल प्रेयर का आयोजन होगा। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल होंगे। वे सुबह सुबह अपने हाथों में कैंडिल लेकर चर्च जायेंगे और वहां प्रेयर किया जायेगा। सेंट मेरीज महागिरजा, लाल गिरिजा, तेलियाबाग चर्च, सेंट पाल चर्च, सेंट थॉमस चर्च, बेथेलफुल गोस्पल चर्च, ईसीआई, चर्च सुंदरपुर, चर्च आफ बनारस, रामकटोरा चर्च सहित अन्य चर्चेज में लोग प्रार्थना करेंगे। घरों और चर्चेज में लोगों ने प्रभु के जी उठने की खुशी में एक से बढ़कर एक कैरोल गायेगे। मसीही समुदाय के लोग अपने प्रियजनों की कब्रों पर श्रद्धा के फूल अर्पित करेंगे।

अब शिखा और शालिनी अग्रवाल के हाथों में दर्पण की कमान

महिला काशी दर्पण का 12 वां पद ग्रहण समारोह मना



वाराणसी 16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। महिला काशी दर्पण की वर्ष " 2021 2022" की अध्यक्ष हीमा रस्तोगी की विदाई व नये सत्र 2022-2023 के लिए शिखा अग्रवाल को अध्यक्ष और शालिनी अग्रवाल को सचिव बनाये जाने का भव्य आयोजन एक होटल में किया गया।

सत्र बदलने के साथ ही नई अध्यक्ष व सचिव की टीम नई उमंग के साथ पदासीन हुई। उन्होंने अपनी नई सोच के साथ नये नये कार्यक्रम के साथ संस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने का खाका खींचा। आयोजन के दौरान इस वर्ष पद ग्रहण समारोह पर लता मंगेशकर को श्रद्धांजली देते हुए उनके गाये गानों पर नृत्य व गायन का आयोजन कर संस्था सदस्यों द्वारा किया गया है। संस्था की संस्थापक अध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल का स्वागत करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मिनाक्षी अग्रवाल का हमेशा से यही प्रयास रहता है कि वे महिलओं की छिपी हुई प्रतिभा को बाहर निकालती है। यह मंच उन्होंने महिलओं के बेहतर सोच के साथ आगे आने के लिए बनाया है। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर होना समाजसेवा जैसे कार्यों के लिए प्रेरित किया और वह इस नेक कार्य में सफल रही।

आयोजन में संस्था की सदस्य दिव्या ने गीत पेश किया जहाँ में जाती हूँ होटो पे ऐसी बात...। लग जा गले, वो चलो, वो चली देखो प्यार की गली से सभी का दिल जीत लिया। इस मौके पर मुस्कान व वर्षा केशरी ने, मोरनी बागा में बोले स्वर... तो रूपाली ने पेश किया, अजीब दास्ता है ये...। स्वर व शिल्पी ने, तेरा मेरा प्यार अमर...व सीमा जायसयवाल ने दो घुटं मुझे भी पिला दें। हिमा ने जीया जले जा जले...प्रस्तुत कर लता मंगेशकर की याद ताजा कर दी।

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022

प्राथमिक विद्यालय बनपुरवां में लगा नवीन नामांकन मेला

स्कूल चलो अभियान एवं रिपोर्ट वितरण 



वाराणसी १५ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा विकास क्षेत्र- काशी विद्यापीठ में नामांकन मेला, स्कूल चलो अभियान और कक्षा एक के छात्रों का रिपोर्ट कार्ड वितरण कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। कार्यक्रम में अधिकतम अंक अर्जित करने वाले सभी बच्चों एवं उनके अभिभावकों को सम्मानित किया गया। आर्यन पटेल ने 300 में 283 अंक अर्जित कर प्रथम स्थान,शुभम राय ने 270 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान वहीं परिधि यादव ने 267 अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान प्राप्त किया। कक्षाध्यापिका छवि अग्रवाल की इस सराहनीय पहल द्वारा अभिभावक अपने बच्चों की प्रगति देखकर प्रसन्न हुए तथा विद्यालय का हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया तथा विद्यालयी व्यवस्था पर संतोष एवं भरोसा जताया। विद्यालय प्रांगण में इस कार्यक्रम के आयोजन से समुदाय में विद्यालय के प्रति सकारात्मक सन्देश का प्रसार हुआ एवं नामांकन में सराहनीय वृद्धि हुई।

Road Show के दौरान अचानक बिगड़ी Govinda की तबीयत

महाराष्ट्र चुनाव में कर रहे थे प्रचार, बीच में ही छोड़ा रोड शो  Varanasi (dil India live)। फिल्म अभिनेता गोविंदा फिर मुश्किल में हैं। इस बार...