वाराणसी 13 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। डाक विभाग द्वारा 14 से 28 सितंबर, 2021 तक 'हिंदी पखवाड़ा' का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी में 14 सितंबर को शाम 3 बजे वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा इसका शुभारंभ किया जाएगा। सहायक निदेशक (राजभाषा) राम मिलन ने बताया कि इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। 15 सितंबर को हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता (विषय-आजादी का अमृत महोत्सव), 16 को हिंदी टंकण प्रतियोगिता, 17 को हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता, 20 को हिंदी टिप्पण एवं आलेखन प्रतियोगिता, 21 को हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता (विषय - कोविड-19 के दौर में डाक विभाग की भूमिका पर मित्र को पत्र), 22 को हिंदी श्रुतलेखन प्रतियोगिता, 23 को हिंदी कार्यशाला और 28 सितंबर को समापन समारोह और पुरस्कार वितरण होगा। सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।
सोमवार, 13 सितंबर 2021
रविवार, 12 सितंबर 2021
पर्युषण पर्व के तीसरे दिन जैन मंदिर में दर्शन,पूजन व पूजन
छल से प्राप्त लक्ष्मी शाश्वत नहीं रहती नष्ट हो जाती है: मुनि विशद सागर
वाराणसी 12 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)| पर्युषण पर्व के तीसरे दिन जैन मंदिर भेलूपुर में प्रातः से विविध धार्मिक कृत्य प्रारंभ हुए। योग , ध्यान , सामायिक , भगवंतो का जलाभिषेक ,शांति धारा मुनिश्री के मंत्रोच्चारण के साथ किया गया ।रवि व्रत के साथ भगवान सुपार्श्वनाथ जी के गर्भ कल्याणक पूजा भी संपन्न हुई ।श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे दस दिवसीय दशलक्षण पर्व के तृतीय दिवस पर रविवार को प्रातः आचार्य मुनि 108 विशद सागर जी तृतीय अध्याय “ *उत्तम* *आर्जव* *धर्म* “ पर व्याख्यान देते हुए कहा -“हम सब को सरल स्वभाव रखना चाहिए ,कपट का त्याग करना चाहिए ।कपट के भ्रम में जीना , दुखी होने का मूल कारण है ।आत्मा ज्ञान, ख़ुशी , प्रयास ,विश्वास जैसे असंख्य गुणों से सिंचित है । सीधा-सादा सरल होना ही सहजता है और सहजता ही जीवन में आ जाना ही सरलता है ।”मुनि श्री ने कहा -“जो मनुष्य अपने मन से कपट करना ,धोखा देना ,चोरी करना ,ऐसी भावों को निकाल देता है व अपने स्वभाव को सरल व विनय से युक्त बना लेता है ।उसे ही उत्तम आर्जव धर्म कहते हैं ।कपटी व्यक्ति स्वयं ही अपने को धोखा देता है , वह दूसरे की अपेक्षा स्वयं अपनी ही हानि अधिक करता है ।मनुष्य अगर छल कर लक्ष्मी प्राप्त कर लेता है तो वह लक्ष्मी शाश्वत नहीं रह पाती है ,नष्ट हो जाती है । मुनि जी ने कहा तन उजला किस काम का जब तक मन में मैल , मन का मैल ही करें शुरू मन मुटाव का खेल । “कपट नरक का द्वार है मत कर माया चारी , आर्जव धर्म को धार चपल मन हो निज सुख तैयारी ।”
रविवार को प्रातः भगवान सुपार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली भदैनी (जैन घाट ) में भगवान के गर्भ कल्याणक की विशेष पूजा की गई ।प्रातः सारनाथ ,चंद्रपुरी , नरिया , भदैनी मैदागिन एवं ग्वालदास साहूलेन में प्रातः 10 लक्षण पूजन अभिषेक किया गया ।सायंकाल मंदिरों में प्रतिक्रमण , सामयिक ,शास्त्र प्रवचन , जिनवाणी पूजन , तीर्थंकरो एवं देवी पद्मावती जी की आरती की गई । सायंकाल भेलुपूर मंदिर जी में महिला मंडल द्वारा स्वर्ग सोपान का मंचन किया गया। आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, अरुण जैन, विजय जैन, अजित जैन, सौरभ जैन, विनोद जैन, पंकज जैन उपस्थित थे।
‘मिशन शक्ति’ अभियान ने अन्याय से लड़ने का दिया हौसला
- बाल विवाह से मिली ‘मुक्ति’, अब बनेगी दूसरों की ‘शक्ति’
सखी केन्द्र के प्रयासों से शादी शून्य घोषित करने का हुआ फैसला
वाराणसी, 12 सितम्बर(दिल इंडिया लाहव)। अपने मां-बाप को वह समझाती रही कि वह अभी नाबालिग है, लिहाजा उसकी शादी न करें। उसने यह भी बताया कि नाबालिग की शादी कानूनन जुर्म है। फिर भी उस किशोरी की जबरन शादी कर उसे ससुराल भेज दिया गया। ससुराल में भी उसने अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध जारी रखते हुए सखी केन्द्र (वन स्टाप सेंटर) से मदद मांगी। सखी केन्द्र के प्रयास से यह शादी ‘शून्य’ घोषित हुई। साथ ही ससुराल वालों ने दहेज में मिले सामान और नकदी भी वापस किया। न्याय पाने के बाद अब इस किशोरी ने बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है।
चौबेपुर क्षेत्र की रहने वाली संगीता (परिवर्तित नाम) आगामी नवम्बर माह में 18 वर्ष (बालिग) होगी। इस बीच उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके परिवार वालों ने उसकी शादी रोहनियां निवासी युवक से तय कर दी। संगीता को जब यह पता चला तभी उसने इसका विरोध किया। माता-पिता को उसने यह समझाने की कोशिश किया कि अभी उसके पढ़ने -लिखने की उम्र है। वैसे भी उसकी उम्र 18 वर्ष की नहीं हुई है। इससे कम उम्र में शादी करना कानूनन जुर्म है, लिहाजा वह लोग ऐसा अपराध न करें। लेकिन उसके सारे तर्को की अनदेखी करते हुए गत चार जून को उसकी शादी कर उसे जबरन ससुराल भेज दिया गया। बकौल संगीता ‘ नाबालिग शादी का उसने ससुराल में भी विरोध जारी रखा। वह पूरे रात-दिन अपने आप को कमरे में बंद रखती थी। केवल भोजन अथवा नित्यकर्म जैसे जरूरी कार्यो के लिए ही कमरे से बाहर निकलती थी। उसने फोन कर नाते-रिश्तेदारें से मदद मांगी लेकिन मदद के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। इस बीच सोशल मीडिया के जरिए उसे सखी केन्द्र के बारे में जानकारी मिली और हेल्पलाइन का नम्बर मिला। अनचाही शादी से मुक्ति के प्रयासों को हौसला तब और बढ़ा जब उसे ‘मिशन शक्ति’ अभियान की जानकारी मिली। भरोसा हो गया कि हेल्पलाइन पर वह कॉल करेगी तो मदद मिलेगी। हुआ भी ऐसा।
सखी केन्द्र (वन स्टॉप सेंटर) की प्रभारी रश्मि दुबे बताती हैं कि 14 अगस्त को संगीता की मिली शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी गयी। संगीता के माता-पिता के साथ ही उसके ससुराल वालों को भी सेंटर में बुलाया गया। उन्हें बताया गया कि संगीता का बालविवाह कर दोनों पक्षों ने अपराध किया है। ऐसे में संगीता की इच्छा मुताबिक या तो वह लोग इस रिश्ते को तोड़ दें अथवा कानूनी कार्रवार्इ के लिए तैयार रहें। तब संगीता के माता-पिता और उसके ससुराल वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ। ससुराल वालों ने संगीता से रिश्ता खत्म करने के साथ ही दहेज में मिले सामान व नकदी वापस करने की बात मान ली। सखी केन्द्र की प्रभारी रश्मि दुबे बताती है कि वैसे तो इस रिश्ते तोड़ने का संगीता के मायके और ससुराल वालों ने केन्द्र में लिखित समझौता किया लेकिन उसकी शादी को ‘शून्य’ घोषित करने की कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी करा दी गयी है ताकि भविष्य में उसे किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
बाल विवाह के खिलाफ करेगी जागरूक
संगीता अब अपने माता-पिता के साथ ही रहती है । वह कहती है कि अब वह अपनी पढ़ार्इ पूरी करने के साथ ही अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है। ताकि समाज में अपना योगदान दे सके। वह बताती है कि अब उसने तय किया है कि वह बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगी ताकि उसके जैसी और कोर्इ किशोरी इसका शिकार न बने।
क्या है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम
किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका की 18 साल की उम्र होने के बाद ही शादी की जा सकती है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जायेगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। ऐसे बाल विवाह को किसी भी एक व्यक्ति द्वारा ‘शून्य’ घोषित करवाया जा सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होेने पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।
शनिवार, 11 सितंबर 2021
दशलक्षण पर्व : दूसरे दिन हुआ प्रवचन
ख़ुशी चाहते हो तो कभी भगवान को मत भूलना: मुनि विशद सागर
- पर्युषण महापर्व का दूसरा दिन, मंदिरों में जुटे जैनी
- मंदिरों में हुआ प्रवचन के उपरांत भजन, जिनवाणी, पूजन
- मार्दव धर्म मृदुता, कोमलता, विनम्रता और झुकने का धर्म
वाराणसी 11 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। मन को मान में नहीं अपने भगवान के गुणगान में लगाने वाले के पास अहंकार , अभिमान कोशों दूर रहता है ,और उत्तम मार्दव धर्म उसके पास सदा रहता है ।श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे पर्युषण महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को प्रातः भगवान पार्श्वनाथ की जन्म स्थली भेलुपूर में चातुर्मास कर रहे श्री 108 आचार्य मुनि विशद सागरजी महाराज ने अपने मुखारविंद से कहा -“मार्दव धर्म कहता है कि, नभ में जाना है तो नमना सीखो, अपने अहंकार का त्याग करो। मार्दव धर्म मृदुता, कोमलता, विनम्रता और झुकने का धर्म है। जो व्यक्ति झुकता है वही महान बनता है।
“ मुनि श्री ने कहा ,”त्याग स्नेह से श्रेष्ठ है ,चरित्र सुंदरता से श्रेष्ठ है, मानवता सम्पत्ति से श्रेष्ठ है परंतु परस्पर संबंधों को जीवित रखने से अधिक कुछ भी श्रेष्ठ नहीं हैं, इसलिए संबंधों की हमेशा रक्षा कीजिए। सदाचारी बनना है तो अभिमान को तजना होगा।”
प्रातः ही मंदिर जी में तीर्थंकरों का अभिषेक के साथ मानव के कल्याण के लिए रिद्धि- सिद्धी , बुद्धि-वृद्धि प्रदायक विधान आयोजित किया गया। द्वितीय दिवस पर भी नगर की समस्त जैन मंदिरों में तीर्थंकरों का पूजन अभिषेक के साथ व्रत -उपवास ,स्वाध्याय , जाप इत्यादि किया गया ।
सायंकाल मंदिरों में प्रवचन के उपरांत भजन, जिनवाणी, पूजन , शास्त्र पूजन, तीर्थंकरों की आरती की गई। महिला मंडल द्वारा भेलुपूर जैन मंदिर में आर्यिका 105 श्री सरसमति माताजी के सानिध्य में बच्चों द्वारा स्तुति और भजन प्रस्तुत किया गया |आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधान मंत्री अरूण जैन, विनोद जैन, तरुण जैन , राजकुमार बागड़ा, सुधीर पोद्दार, रत्नेश जैन, निशांत जैन उपस्थित थे।
सरदार हाजी अब्दुल कलाम के जनाज़े में उमड़ा जनसैलाब
बाइसी के सरदार हुए सुपुर्दे-खाक
वाराणसी 11 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम को आज अर्रा स्थित उनके खानदानी कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक किया गया। इस मौके पर बाईसी तंजीम के कार्यवाहक सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा अपनी पूरी काबीना के साथ मिटटी में मौजूद थे। उन्होंने बताया की सरदार हाजी अब्दुल कलाम साहब ने बहुत ही कम समय में ही समाज में नेक कामो से लोकप्रियता हासिल कर ली थी। उसी का नतीजा था की आज उनकी मिटटी में हजारो हज़ार बुनकर अपना अपना कारोबार बन्द कर मिटटी में शामिल हुए। उनके चाहने वालो में हिन्दू-मुसिलम सभी बड़ी तादाद में सरदार साहब को मिटटी देने पहुचे हुए थे। नगर के तमाम गद्दीदार भी मिटटी में शामिल हुए। हाजी अब्दुल समद ने कहा कि कलाम साहब की भरपाई करपाना मुश्किल है वो बुनकर समाज की एक मज़बूत कड़ी थे जो आज हम सब को छोड़ कर चले गये।
जनाजे की नमाज़ सरदार साहब के बड़े पुत्र स्वालेह अंसारी ने पढ़ाया। और ये दुःख भरी खबर सुन कर पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा ने अपनी शोक संवेन्दना पेश की और उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार को सहन शक्ति प्रदान करे।
इनकी रही खास मौजूदगी
हाजी मंजूर, हाजी हाफिज नसीर, पूर्व विधायक अजय राय, पूर्व विधायक समद अंसारी, राघवेंद्र चौबे, सरदार मक़बूल हसन, सरदार हाशिम अंसारी, हैदर महतो, फैसल महतो, आसिफ अंसारी, परवेज़ अंसारी, सरदार अतिकुल्ला अंसारी, सरदार नूरुद्दीन, हाजी इश्तियाक, हाजी यासीन माइको, बाबूलाल किंग, अफ़रोज़ अंसारी, हाजी ओकास अंसारी, गुलशन अली, सीताराम केशरी, बेलाल अंसारी, हाजी बाबू, शमीम अंसारी, डा. एहतेशामुल हक, इदरीस अंसारी, रमजान अली, अतीक अंसारी, अनवारुल, किशन दीक्षित, कुरैशी, हाजी बाबू, हाजी महबूब अली, हाजी नेसार, हाजी अब्दुल रहीम, मो. हारुन हाजी यासीन अंसारी, रेयाज़ अहमद, मौलाना शकील, छोटक, सरदार मोईनुद्दीन, इशरत उस्मानी, तुफैल अंसारी, हाजी रहमतुल्ला सहित हजारो की तादाद में लोग मिटटी में शामिल हुए ।
शुक्रवार, 10 सितंबर 2021
छवि अध्यक्ष व दीप्ति बनीं महिला शिक्षक संघ की महामंत्री
महिला शिक्षिकाओं की समस्या के लिए होगा संघर्ष
- जल्द घोषित की जायेगी जिले की पूरी कमेटी
- प्रदेश स्तर पर इस संगठन का नेतृत्व कर रहीं सुलोचना
दोनों पदाधिकारियों के नाम की घोषणा करते हुए उन्होंने जनपद की सभी महिला शिक्षक कर्मी, शिक्षामित्र और अनुदेशक शिक्षिकाओं की समस्याओं के निराकरण के लिए कर्मठता पूर्वक कार्य करने पर बल दिया। दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि संगठन के सहयोग से महिला शिक्षकों की आवाज को बुलंद किया जाएगा और शीघ्र ही जिला कार्यकारिणी का विस्तार भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मिली है, उसे निष्ठा से निभाएंगे।
टूट गई अमन की एक और कड़ी
नहीं रहे बुनकरों के बाइसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम
- हार्ट अटैक से हुआ बीएचयू में इंतकाल
- बुनकरो में अफसोस की लहर
- गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए हमेशा जाने जायेंगे
वाराणसी 10 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)। नज़ीर और कबीर के शहर बनारस में टूट गई अमन की एक और कड़ी। बुनकरों के बाइसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम का आज शाम हार्ट अटैक होने से बीएचयू में इंतकाल हो गया। इसके चलते बुनकरो में अफसोस की लहर है। सरदार अब्दुल कलाम हमेशा गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए जाने जायेंगे। सरदार अब्दुल कलाम अपने पीछे तीन पुत्र एवं तीन पुत्री का पूरा भरा परिवार छोड़ गए है।
अचानक हुए थे सरदार बीमार
सरदार हाजी अब्दुल कलाम के बड़े बेटे स्वालेह अंसारी ने बताया की वालिद साहब की रात में लगभग दो बजे अचानक तबियत बिगड़ गयी। हम सब इनको ले कर शुभम हॉस्पिटल गए तो वहा पर डॉक्टर ने BHU के लिए रेफर कर दिया। BHU में इमरजेंसी में डॉक्टर ने भर्ती कर इलाज़ शुरू किया सुबह तक तबियत कुछ ठीक हुयी तो डाक्टर ने वार्ड में शिफ्ट कर दिया। दोपहर तक लोगो से बात चीत किये फिर शाम चार बजे अचानक तबियत बिगड़ी और उसी वक़्त उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली। वालिद के अचानक चले जाने से पूरा बुनकर समाज ग़मज़दा है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है की अब सरदार साहब हम सब के बीच नहीं रहे।
चार साल पहले बने थे बाइसी के सरदार
बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सद्र हाजी मुख्तार महतो साहब ने कहा की बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम साहब की इंतेक़ाल की खबर सुन कर यकीन नहीं हो रहा है। अभी चार साल पूर्व ही उनको बाईसी तंज़ीम की जिम्मेदारी हम सब ने दी थी और उन्होंने इतने कम वक़्त में अपने बुनकर समाज के भलाई और उनके उत्थान के लिए बहुत काम किया। वो बहुत ही नेक दिल इंसान थे। उन्होंने हमेशा गरीबो और मज़लूमो की मदद की। वो किसी गरीब की मदद एक हाथ से करते थे तो दूसरे हाथ को पता नहीं चलता था। आज उनके अचानक इंतेक़ाल से बुनकर समाज की बहुत बड़ी छति हुयी है।
कल होंगे सुपुर्दे खाक
11 सितंबर को सुबह 10:00 बजे क़दीमी कब्रिस्तान लद्धनपुरा में सरदार को सुपुर्दे खाक किया जायेगा। नमाजे जनाजा ख्वाजपुरा के मैदान में अदा की जायेगी ।
दरोगा बने कार्यवाहक सरदार
परम्परा के अनुसार आज ही बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के काबीना की आपातकाल बैठक बुलाई गयी जिसमे बाईसी के सभी सदस्यों ने कार्यवाहक सरदार के रूप में गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा साहब को सर्व सम्मति से चुना गया । आज सरदार साहब के इंतेक़ाल के बाद उनके घर पर उनको देखने के लिए लोगो का तांता लगा रहा। जिसमे हिन्दू मुस्लिम सभी लोग मौजूद थे।
इनकी रही खास मौजूदगी
हाजी मंजूर, पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी, हाजी हाफिज नसीर, सरदार नूरुद्दीन, हाजी इश्तेयाक, अफरोज अंसारी, हाजी ओकास अंसारी, गुलशन अली, बाबूलाल किंग, हाजी महबूब अली, हाजी नेसार, हाजी अब्दुल रहीम, मोहम्मद हारुन, हाजी यासीन, हाजी बाबू, रेयाज़ अहमद, मौलाना शकील, छोटक, सरदार मोईनुद्दीन, चौदहों के सरदार हाजी मकबूल हसन, बारहो के सरदार हाशिम अंसारी, अतीक अंसारी, इशरत उस्मानी, वीरेंदर सिंह, ओपी सिंह, राम सूरत, हाजी इस्माईल सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे ।
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