रविवार, 18 जुलाई 2021

इनरव्हील सेन्ट्रल की ये है नई टीम

प्रसिडेंट रीना व सेक्रेटरी कविता ने संभाला कार्यभार 

कैंसर अनाथालय के लिए दिया डोनेशन



वाराणसी 17 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। इनरव्हील क्लब वाराणसी सेन्ट्रल का पदग्रहण समारोह भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में समपन्न हुआ। इस मौके पर प्रसिडेंट रीना गर्ग ने अपनी टीम सेक्रेटरी कविता शाह, ट्रेजरार कविता बजाज सहित लगातार दूसरी बार सत्र 2021-22 के लिये कार्यभार सम्भाला।

कार्यक्रम का आगाज़ डिस्ट्रीक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी को सेक्रेटरी आशा अग्रवाल ने एवं नवनिर्वाचित प्रसिडेंट रीना गर्ग को सचिव कविता शाह ने कालर पहनाकर औपचारिक्ता पूरी करने के साथ हुआ। प्रसिडेंट रीना गर्ग ने अतिथियों का स्वागत 


करते हुए कहा कि ‘‘इनरव्हील क्लब’’ सेवा एवं सहचर्य की अतंराष्ट्रीय एवं गैरसरकारी स्वयंसेवी संस्था है। जो सदस्यों के आपसी सहयोग से अग्रसर है और समय समय पर समाज में सेवा एवं सहयोग के कार्य करती है।

क्लब की सचिव कविता शाह द्वारा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद सत्र 2021-22 के लिये निर्वाचित टीम को पदभार ग्रहण कराया गया। इस मौके पर प्रसिडेंट रीना गर्ग ने आगामी सत्र 2021-22 के लिये प्रोजेक्ट की जानकारी दी और अपने घर और परिजनों से दूर कैंसर रूपी गम्भीर बीमारी से संघर्ष कर रहे रोगियों के अनाथालय के लिये क्लब की ओर से डोनेशन दिया। साथ ही अनाथालय में रहने वाली युवतियो के लिए 280 सेनेटरी नैपकिन और 50 मीटर ड्रेस मेटेरियल प्रदान किया गया। इस दौरान एमओसी मधुलिका त्रिपाठी, पीपी रमन गर्ग, पीपी अलका शाह, पीपी शबनम अग्रवाल, पीएपी नंदनी भार्गव, अलका माथुर मौजूद रही। 

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बच्चों के टेढ़े पंजे ठीक करने की मुफ्त कवायद

आरबीएसके यानी मिरेकल फिट इंडिया

गाजीपुर,15 जुलाई 2021(हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जिला अस्पताल में मिरेकल फीट इंडिया के सहयोग से संचालित क्लबफुट क्लीनिक शुरू किया गया है।  जिसमें जन्म से एक साल तक के बच्चों के टेढ़े पंजों (क्लबफुट) का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ तपिश कुमार तथा डॉ कृष्ण कुमार के निर्देशन में प्रत्येक बुधवार को नि:शुल्क इलाज का खाका खींचा गया है। बुधवार को तीन बच्चों का निःशुल्क इलाज किया गया । 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी  डा. के वर्मा ने बताया कि जनपद गाजीपुर में एक वर्ष से छोटे बच्चे जो कि क्लब फुट से पीड़ित हैं वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरबीएसके टीम के सहयोग से संपर्क कर नि:शुल्क सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं | डा. तपिश कुमार ने बताया कि बच्चे का इलाज जितना जल्दी संभव हो सकेगा उतना जल्दी बच्चे का पैर सामान्य हो जाएगा । इस प्रक्रिया में बच्चे को प्लास्टर पोंसेटि तकनीक” द्वारा टेनोटॉमी की जाती है और फिर वह विशेष  प्रकार के जूते पहनने के लिए तैयार हो जाते हैं । 

 डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि क्लबफुट एक प्रकार की पैर से सम्बन्धित जन्मजात विकृति (जन्म के समय उपस्थित) होती है जिसमें जन्म के समय से ही बच्चे का पैर उसके सामान्य आकार का नहीं होता है। दोनों पैर या एक पैर का पंजा  अंदर की ओर मुड़ा होता है। यह नवजात शिशुओं में पायी जाने वाली सबसे आम विकृति है। यह स्थिति सामान्य भी हो सकती है और कुछ परिस्थितियों में यह स्थिति गंभीर भी हो सकती है और शिशु के एक पैर या दोनों पैरों में भी दिखाई दे सकती है। पैर की मांसपेशियों को पैर की हड्डियों से जोड़ने वाले टेंडन्स के छोटे और तंग होने के कारण यह विकृति होती है जिस कारण शिशु का पैर अंदर की तरफ मुड़ जाता है।इसका इलाज बच्चे के जन्म के 5-7 दिन बाद, बच्चे के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही शुरू किया जा सकता है।

साप्ताहिक कास्टिंग का उपयोग करते हुए पैर के क्रमिक सुधार की इस प्रक्रिया को “पोंसेटि तकनीक” कहा जाता है। स्थिति की गंभीरता के आधार पर, यह प्रक्रिया कुछ महीने लम्बी हो सकती है और इसमें विशेष जूते और ब्रेस के उपयोग की भी आवश्यकता होती है, जोकि मिरेकल फीट इंडिया के द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध है। कार्यात्मक, दर्द मुक्त, सीधे पैर और भविष्य में चलने में किसी प्रकार की परेशानी न होना ही इस इलाज की प्रक्रिया को करने का मुख्य उद्देश्य है। सही समय पर सही इलाज शीघ्र रिकवरी में सहायक होता है।

यहाँ यह याद रखना अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि यदि समय पर इलाज नहीं कराया जाये तो यह स्थिति उम्र के साथ और बिगड़ सकती है, इसलिए बच्चे के स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने के लिए शुरुआती चिकित्सा आवश्यक है।



मिरैकल फीट इंडिया के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आनंद कुमार ने बताया कि मिरैकल फीट द्वारा अभी तक गाजीपुर जिला अस्पताल में 16 बच्चों जो क्लब फुट  से पीड़ित है, उनका रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। इसमे से 13 बच्चों को नि:शुल्क ब्रेस (विशेष प्रकार के जूते )  दिया गया।

बुधवार, 14 जुलाई 2021

चश्मावाला नाम से चश्मों की नई रेंज

एक ही छत के नीचे चश्मों की सारी वैरायटी


वाराणसी 14 जुलाई (दिल इंंडिया लाइव)। फैशनेबल दिखना किसे नहीं पसंद है। हर कोई नये लुक में दिखने की चाहत रखता है। इसी चाहत को पूरा करने के लिए चश्मों की नई रेंज के साथ बाज़ार में उतरे हैं, कमर हसन। चश्मावाला नाम से उन्होंने अर्दली बाजार में खोला है नई शाप। यहां वो सारी वैरायटी एक ही छत के नीचे मौजूद है।

सोमवार, 12 जुलाई 2021

डाकिया बना चलता-फिरता बैंक

डाक का महालॉगिन अभियान:1 दिन में 7000 से ज्यादा खुला खाता

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते, घर बैठे पेपरलेस खाते खोल रहा डाक विभाग





वाराणसी 12 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष महालॉगिन अभियान चलाकर एक ही दिन में 12 जुलाई को 7 हजार से ज्यादा लोगों के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खुलवाए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हुए मात्र आधार व मोबाईल नम्बर द्वारा ये पेपरलेस खाते खोले गए। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 3.72 लाख लोग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से जुड़ चुके हैं और घर बैठे इसकी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। अब आईपीपीबी खाते में अधिकतम राशि 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंटस बैंक के माध्यम से हर किसी के लिए घर से लेकर खेतों तक  सहजता से डिजिटल और पेपरलेस बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे लोगों को भविष्य में भी घर बैठे आईपीपीबी के माध्यम से डीबीटी राशि प्राप्त करने में आसानी होगी। इस खाते के माध्यम से मोबाईल व डीटीएच रिचार्ज, बिजली व पानी बिल भुगतान जैसी तमाम सुविधाएँ मिलेंगी। जहाँ कोई नहीं पहुँचता, वहाँ डाकिया पहुँच रहा है। अब डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक चलते- फिरते बैंक बन गए हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने बताया कि इसी क्रम में आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम द्वारा अन्य बैंकों में प्राप्त डीबीटी राशि या जमा राशि का भी माइक्रो एटीएम द्वारा भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए भी 10 जुलाई को पूरे वाराणसी परिक्षेत्र में विशेष महालॉगिन अभियान चलाकर 1 करोड़ 73 लाख रुपये की राशि लोगों उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराई गई। इससे कुल 10,650 लोग लाभान्वित हुए। कोरोना महामारी के दौरान अब तक डाक विभाग इसके तहत 10 लाख से ज्यादा लोगों को 314 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर चुका है।

Postal Department  opening paperless accounts at doorstep, opened 7000 IPPB Accounts in Varanasi Region in a day

Varanasi 12 July (dil india live).More than 7,000 people opened India Post Payments Bank account in a single day on 12th July by the Postal Department during a special Mahalogin campaign in Varanasi Region. These paperless accounts were opened only by Aadhaar and mobile number, promoting the ambitious scheme of Hon'ble Prime Minister Mr. Narendra Modi ji, promoting digital banking and financial inclusion. The above information was given by Shri Krishna Kumar Yadav, Postmaster General of Varanasi Region. So far 3.72 lakh people in Varanasi Region have joined India Post Payments Bank and are availing its services at doorstep. Now the maximum limit in IPPB account has also been increased from ₹ 1 lakh to ₹ 2 lakh.

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that through India Post Payments Bank, digital and paperless banking facility is being made available at door step. This will make easier for people to get DBT amount through IPPB sitting at home in future also. Through this account, all the facilities like mobile and DTH recharge, electricity and water bill payment will be available. The Postman is reaching at places where no other service providers reaches. Now postmen and Gramin Dak Sevaks have become mobile banks.

Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav informed that, the DBT amount or deposits received in other banks through Aadhar enabled payment system are also being paid through micro ATMs by Postal dept. For this also, a special Mahalogin campaign in the entire Varanasi Region was organized on July 10 and amount of Rs. 1.73 Crores was made available at beneficiary's doorstep. Total of 10,650 people were benefited from AePS service. During the corona epidemic. Postal Department has paid an amount of Rs 314 crore to more than 10 lakh people in Varanasi Region, till now.

जिले में 31 जुलाई तक चलेगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा

स्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू होंगे पुरुष व महिला नसबंदी कैंप

गाजीपुर,12 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। जनसंख्या को स्थिर करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नयी नियमावली तैयार किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए लगातार प्रयासरत है। इसी को 



मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम कर विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारंभ किया गया।  जिले में 11 से 31 जुलाई तक पखवाड़ा मनाया जाएगा । इस कार्यक्रम में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारी और अधिकारी वर्चुअल रूप से जुड़े रहे । इस दौरान परिवार को स्थिर रखने के संसाधनों के बारे में बताया गया।

एसीएमओ डॉ के के वर्मा  ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्देश्य जनसंख्या को स्थिर करना है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अनेकों उपाय आमजन को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसमें महिला, पुरुष नसबंदी, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, कंडोम के साथ ही आईयूसीडी शामिल है। जिसको अपना कर  दंपत्ति  ना सिर्फ अपने परिवार को स्थिर कर सकता है बल्कि देश में बढ़ती हुई जनसंख्या को भी स्थिर करने में अपना योगदान दे सकता है।

उन्होंने बताया कि इसी के तहत इस पखवाड़े में महिला और पुरुष नसबंदी कार्यक्रम भी चलाए जाने हैं। जिसको लेकर माइक्रो प्लान बना लिया गया है। जिला महिला अस्पताल गाजीपुर में 12, 16, 19, 23, 26 व 30 जुलाई ,जमानिया, बाराचवर, गोड़उर, करंडा और मिर्जापुर में 15, 22 और 29 जुलाई, सैदपुर, रेवतीपुर कासिमाबाद मरदह और भदौरा में 13, 20 और 27 जुलाई, जखनिया मोहम्मदाबाद और बिरनो में 12,19 और 26 जुलाई, देवकली मनिहारी और सुभाखरपुर में 16, 23 और 30 जुलाई को परिवार नियोजन कैंप का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिला नसबंदी कार्यक्रम संपन्न होगा। इसके अलावा 22 और 28 जुलाई को जिला चिकित्सालय गाजीपुर पर पुरुष नसबंदी एनएसबी शिविर भी आयोजित किया जाएगा।

शनिवार, 10 जुलाई 2021

भारी वाहनों से परेशान हो रहे व्यापारी

पीस कमेटी की बैठक में दिया पुलिस उपायुक्त को ज्ञापन

वाराणसी 10 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। पुलिस लाइन में सावन बकराईद को मद्देनजर रखते हुए पीस कमेटी की एक बैठक पुलिस उपायुक्त वरुणा विक्रांत वीर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पीस कमेटी के सभी लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों को अपने सुझाव दिए और अधिकारियों से जल्द से जल्द तमाम समस्याओं से निजात दिलाने की बात कही। इसी क्रम में अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष, वार्ड न. 38 के पार्षद विनय शदेजा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस उपायुक्त से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि वरुण पार का अर्दली बाजार एक  प्रमुख व्यवसाईक केंद्र है। क्षेत्र में अनवरत भारी वाहनों के आने जाने से दुकानदारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


भारी वाहनों के आने-जाने से जाम लगा रहता है जिससे ग्राहकों की गाड़ियों का चालान धड़ल्ले से किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में प्रातः 10:00 बजे से रात के 8:00 बजे तक भारी वाहनों ट्रक बस डंपर लोडर पर पूरी तरह से आने जाने में प्रतिबंध लगाया जाए जिससे व्यापारियों राहगीरों क्षेत्रीय नागरिकों को राहत मिले और जिला प्रशासन को व्यापारी अपना सहयोग भी दे सकें।

प्रतिनिधिमंडल में विनय शादेजा , महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, हसन मेहंदी कब्बन, अशोक सिंह अनीस खान, टाईगर रिज़वी, शीतल बरनवाल ,आशीष पाठक, सहित दर्जनों लोगों ने अपनी बात रखी।

शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

मीजल्स-रूबेला (एमआर) से निपटने के लिए सभी तैयार


मीजल्स-रूबेला से बचाव पर हुई कार्यशाला    

गाजीपुर, 09 जुलाई (हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारी से निपटने को स्वास्थ्य विभाग  पूरी तरह से तैयार है । मीजल्स-रूबेला (एमआर) बीमारी से निपटने के लिए सभी


बच्चों को मुफ्त में एमआर का टीका लगाया जा रहा है, जिससे वायरस के दुष्परिणाम से बचा जा सके। पोलियो मुक्त भारत की तरह अब खसरा मुक्त भारत के लिए साल 2023 के लक्ष्य पर काम चल रहा  है। इसी को लेकर गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गिरीश चंद्र मौर्य की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डब्ल्यूएचओ के प्रभारी एसएमओ डॉ नकीब थे।

डॉ नकीब ने बताया - खसरा को आम तौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। यह अत्यधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना इस बीमारी के लक्षण हैं। रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है। संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है। 

डॉ नक़ीब ने बताया - एक बार जब वायरस शरीर में चला जाता है तो  संक्रमण पूर्णतया नाक, सांस की नली और फेफड़ों, त्वचा और शरीर के अन्य अंगों में फैलता है। खसरे के साथ एक व्यक्ति लक्षण शुरू होने के एक से दो दिन पहले से लेकर बड़े लाल दाने (ददोरा) प्रकट होने के चार दिन बाद तक दूसरों तक खसरा फैला सकता है। खसरा आम तौर पर औसत दर्जे की बीमारी का कारण बनता है। छोटे बच्चों में, जटिलताओं में मध्य कान का संक्रमण (ओटिटिस मीडिया), निमोनिया, क्रूप और दस्त शामिल हैं। वयस्कों मेंभी  बीमारी की और भी गंभीर होने की संभावना हो जाती है। पुराने रोगियों के लिए खसरे से संबंधित न्यूमोनिया के लिए अस्पताल के इलाज की आवश्यकता असामान्य नहीं है। खसरा के वायरस से ददोरा, खांसी, नाक का बहना, आंखों में जलन और तेज बुखार होता है। इसके साथ ही कानों में संक्रमण, निमोनिया, बच्चों को झटके  आना, घूरती आंखे, दिमाग को नुकसान और अंत में मौत तक हो जाती है।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया - मीजल्स-रूबेला गंभीर और जानलेवा बीमारी होती है,  लेकिन इसकी रोकथाम टीकाकरण के जरिए की जा सकती है। यह वैक्सीन बच्चों को तीन बीमारियों खसरा, रूबेला रोग से बचाती  है। खसरे का असरकारी टीका देश में काफी सालों से उपलब्ध है। इसके बावजूद खसरा छोटे बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने से कई गैर-प्रतिरक्षक बच्चे इस श्वसन संबंधी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। खसरा पैरामाइक्सोवाइरस परिवार के एक वायरस के कारण एक तेजी से फैलने वाली घातक बीमारी है। खसरे के लक्षण कई बार इतने सामान्‍य होते हैं कि यह बीमारी पकड़ में ही नहीं आती। खासतौर पर बच्‍चों में इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण फौरन पकड़ में भी नहीं आते। वायरस के हमले के करीब दो से तीन हफ्ते के बाद ही इस बीमारी की पहचान सम्‍भव हो पाती है। इसके लक्षण दो से तीन दिन तक रहते हैं 

खसरा की पहचान - खसरा किसी भी परिवार में फैल सकता है। कफ, काराईजा और कन्जक्टिवाइटिस मुख्‍य रूप से इसकी पहचान होते हैं। मुंह में तालू पर सफेद धब्बे भी नजर आते हैं। यह श्वसन से फैलने वाली बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या व्यक्ति के संपर्क क्षेत्र में आने से होती है।

इस कार्यशाला में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी के साथ ही एसीएमओ डॉ केके वर्मा और डॉ डीपी सिन्हा मौजूद रहे।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...