मंगलवार, 30 मार्च 2021

१२ वे इमाम मेहदी की शान मे हुई महफिलें


शायरो ने पेश किये कलाम, हुई तकरीर

दामन का हर एक दाग तो धोना ही पड़ेगा...

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। हज़रत मुहम्मद (स.) के १२ वे जानशीन जो आज भी दुनिया में मौजूद है, वक़्त आने पर वो सामने आएंगे और दुनिया से ज़ुल्म ओ सितम मिटाएंगे , ये बातें शिया मस्जिद कालीमहाल में हाजी सैयद फरमान हैदर ने इमाम के जश्न की तक़रीर के सिलसिले से ये बातें कही है। इस दौरान कई जगह मेहफिलें हुई, दालमंडी में शाही दानी के निवास पर आयोजित महफिल में मौलाना सैयद अक़ील हुसैन ने नूरानी तक़रीर पेश की। रेहान बनारसी, अंसार बनारसी, वफा अबुतुरबी, इमरान हैदरी, मेहदी बनारसी, अज़ा बनारसी, शराफत बनारसी आदि ने अपने उम्दा कलाम से लोगों को फैज़याब किया। दूसरी ओर मदनपुरा मे बाजार सदानंद में तौक़ीर रज़ा के निवास पर भी मजलिस का आयोजन हुआ जिसमें मौलाना अक़ील हुसैनी ने खितब् किया। इस अवसर पर रज़ा बनारसी , शब्बीर बनारसी, आदि ने कलाम पेश किये। हाजी सैयद फरमान हैदर ने बताया के इमाम की शान मे महफ़िलों का सिलसिला जारी रहेगा । २ अप्रिल को रामनगर गोलाघाट मे खवातीन महफिल सजाएंगी। वहीं ३ अप्रैल को मस्जिद नादे अली मे मेहफिलो का आयोजन होगा और ४अप्रैल को हक़ीम मोहम्मद काजिम् के निवास पर कदीमि महफिल का आयोजन होगा।

 इमाम का जन्म ११८७ साल पहले १५ शाबान २५५ हिजरी मे हुआ था। इमाम के चाहने वाले इमाम की सलामती की दुआएँ करते दिखाई दिए। शिया बिरादरी ने इमाम को याद करते हुए यू कहाँ के "हसीन पर्दो में वो बेनकाब बैठे है, हिजबे गैब में वो बेहिजाब बैठे है" और मशहूर शायर डा. नाज़िम का एक कलाम इमाम की खिदमत मे शायरों ने पेश किया के "रहमत का तलबगर तो होना ही पड़ेगा, दामन का हर एक दाग तो धोना ही पड़ेगा। "

अभी नहीं खुलेंगे स्कूल

बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण हुआ निर्णय

सोमवार से स्कूल खुलने की कर सकते हैं उम्मीद

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए थे, मगर इतमीनान रखें, अभी स्कूल खुलने वाला नहीं है। प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि अब कोरोना के मामले बढ़ते देख शासन ने कक्षा आठ तक के सभी स्कूल रव‍िवार तक बंद रखने का न‍िर्णय ल‍िया है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी से  पैर पसार रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उत्‍तर प्रदेश में फिर सतर्कता बढ़ा दी गई है। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते देख शासन ने निर्णय लिया है कि कक्षा आठ तक के सभी स्कूल चार अप्रैल तक बंद रहेंगे। 

गौरतबल है क‍ि होली के पर्व को देखते हुए सभी स्कूल 31 मार्च तक के लिए बंद किए गए थे। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि अब कोरोना के मामले बढ़ते देख शासन ने कक्षा आठ तक के सभी स्कूल रव‍िवार तक बंद रखने का न‍िर्णय ल‍िया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक नहीं है, लेकिन जुलूस, कार्यक्रम और सार्वजनिक समारोह के लिए अब प्रशासन की अनुमति जरूर लेनी होगी।

रविवार, 28 मार्च 2021

शबे बरात: इबादत में डूबे मोमिनीन, अदा कि खास नमाज़े



अज़ीज़ो ने लगाई अपनों की कब्रों पर हाज़िरी

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शबे बरात


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शबे बरात पर इतवार को अपनों  बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीजों ने चिरागा किया, उनके नाम पर शमां रौशन किया।:इस दौरान फातेहा पढ़ कर अज़ीज़ो कि मगफिरत की दुआएं मांग कर उन पर सवाब पहुंचाया गया। इस दौरान देर रात तक घरों में भी तमाम लोगो ने इबादत  फातेहा किया  दुआए मगफिरत मांगी। शहर के प्रमुख बुजुर्गो के रौज़ों, आस्तानों और मस्जिदों में ज़ायरीन का हुजुम इस बार दिखाई दिया, लोग देर रात तक इबादत करते दिखे। इबादत गुज़ार रात भर इबादत के बाद सोमवार को सहरी करके नफ्ल रोज़ा रखेंगे।

यहाँ लगाई हाज़िरी, किया ज़ियारत

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तानों में तमाम लोग अपने पुरखो कि कब्रगाह पर हाज़िरी लगाई, कब्रो कि ज़ियारत कि खास कर टकटकपुरहुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंजबहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरीबजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तानजक्खा कब्रिस्तानसोनपटिया कब्रिस्तानबेनियाबाग स्थित रहीमशाहदरगाहे फातमानचौकाघाटरेवड़ीतालाबसरैयाजलालीपुराराजघाट, अलईपुरा समेत बड़ी बाजारपीलीकोठीपठानीटोलापिपलानी कटराबादशाहबागफुलवरियालोहताबड़ागांवरामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोगों ने  हर साल पहुच कर शमां रौशन की। पिछ्ली बार लाक डाउन के चलते इन जगहो पर सन्नाटा पसरा थालोगो ने घरो में फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगी थी। घरो में शबे बरात पर रौशनी का भी खास इंतेज़ाम किया गया था।  

घरों में लौटती है पुरखों की रूह




मर्द ही नही घरों में ख्वातीन ने भी शबे बरात की रात इबादत की। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा  शिरनी बनाने में जुटी हुई थी। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो गयीशबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगाकिसकी जिंदगी खत्म होगीकिसके लिये साल कैसा होगापूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ  रौशन रखते हैं।

हलवे की हुई घरों में फातेहा 

शबे बरात पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इस बार चहल-पहल दिखाई दी। सूरज डूबते ही घरों में लज़ीज़ हलवोंशर्बतशिरनी की फातेहा का जो दौर शुरू हुआ वो मगरिब की नमाज़ के बाद से इशा की नमाज़ तक चलता रहा। फातेहा के बाद लोगों ने सदका निकालागरीबों और मिस्कीनों को खैरात निकाला और तबरुक लोगों में तकसीम किया। शबे बरात का सबसे ज्यादा उत्साह बच्चों में दिखाई दे रहा था। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा  शिरनी बनाने में जुटी हुई थी। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो गयीयह दौर दे रात तक चलता रहा।

पाम संडे को निकला खजूर की डालियों संग जुलूस


राजाओं का राजा आया हैं...

चर्च में बंटा खजूर, हुई आराधना

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। राजाओं का राजा आया है, यीशु राजा आया है...। कुछ ऐसे ही मसीही गीत पेश करते हुए खजूर इतवार को शहर भर में मसीही समुदाय ने जुलूस निकाला।

 मौका था पाम संडे का। दरअसल प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर पवित्र मौत के पूर्व पड़ने वाले इतवार को मसीही समुदाय पाम संडे (खजूर का इतवार) के रुप में धूमधाम से मनाता है। इसीलिए प्रभु यीशु को मानने वालों ने खजूर की डालियों के साथ इतवार को भव्य जुलूस निकाला। विशेष प्रार्थना सभाएं की और विश्व शांति व कोरोना के खात्मे की कामना की। इस दौरान बाइबिल का पाठ भी किया गया।

क्या है खजूर इतवार

आज से तकरीबन 2000 वर्ष पहले जब प्रभु यीशु मसीह यरुसलम में आये थे तब उनका स्वागत राजाओं की तरह वहाँ के जनमानस ने किया था। उनका स्वागत लोगों ने खजूर की डालिया हिला कर खुशी का इज़हार किया था। इसी की याद में खजूर इतवार शहर के सभी गिरिजाघरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया की उनके चर्च में यह फेस्टिवल धूम धाम से हर साल मनाया जाता है। लोग चर्च को खजूर की डंडियों और पत्तियों से सजाते हैं। चर्च के पास जुलूस लोग जुलूस के रुप में पहुँचते है। चर्च ऑफ बनारस के पादरी बेन जॉन ने बताया कि प्रभु येशु मसीह जब यरुशलम में आये थे तब उनका स्वागत राजा की तरह उस जगह की जनता ने किया था। उनके स्वागत में लोगों ने खजूर की डालिया लहराई थी। तभी से खजूर इतवार मनाया जाता है।

इन चर्चेज़ में रही धूम

खजूर इतवार शहर के सभी गिरिजाघरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। खास कर सेंट मेरीज़ महागिरजा, लाल चर्च, सेंट पॉल चर्च,सेंट थामस चर्च, बेटलफुल गास्पल चर्च, तेलियाबाग सीएनआई चर्च, सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी चर्च, फातेमा चर्च, इसीआई चर्च, यीशु माता चर्च समेत तमाम जगहों पर खजूर इतवार धूमधाम से मनाया गया।

शनिवार, 27 मार्च 2021

नवागत पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बाबा कालभैरव और बाबा विश्वनाथ का किपा दर्शन

पारदर्शिता मेरी पहली प्राथमिकता :पुलिस कमिश्नर

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। नवागत पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने आज बाबा कालभैरव और काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया। काशी विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती के बाद वह गर्भगृह पहुंचे। बाबा काल भैरव  के मंदिर के पुजारी नवीन गिरि, सोनू उपाध्याय ने उनको 108 नाम वाले भैरव अष्टक के साथ कपूर की आरती करायी तथा मंदिर की ओर से नवागत पुलिस कमिश्नर को प्रसाद तथा रूद्राक्ष की माला भेंट किया। दर्शन-पूजन करने के बाद कार्यभार ग्रहण करते हुए अपने कैम्प कार्यालय में विभागीय टीम, मीडिया तथा प्रबुद्धजनों से कहा कि काशी में जो भी आता है समर्पण भाव से आता है, मैं भी उसी भाव से आया हूं। बाबा की ड्योढ़ी से जो भी समर्पित भाव से रहता है वह कभी असफल नहीं रहता। मैं विश्वास दिलाता हूं कि पूरी पारदार्शिता से कार्य करने में सफल रहूंगा।

कंप्यूटर साइंस से बैचलर आॅफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले ए. सतीश गणेश मूल रूप से बिलासपुर के रहने वाले हैं। इससे पहले वर्ष 2012 में ए. सतीश गणेश वाराणसी में डीआईजी रेंज के पद पर तैनात रह चुके हैं। उन्होनें कहा कि काशी मेरे लिए नयी नहीं है। यहां के प्रबुद्धजन, आम नागरिक, मीडियाकर्मी मेरे परिचित रहे हैं, मेरे कार्यों को देखते-सुनते रहे हैं। 

हर आम-खास को स्वच्छ, निष्पक्ष, पारदर्शी ढंग से हर सुविधा मिले यह मेरी प्रथम प्राथमिकता रहेगी। उन्होनें कहा कि आने वाले समय में त्यौहार व पंचायती चुनाव हमारे सामने हैं। इसे परम्परानुसार शांतिपूर्ण व सोल्लास ढंग से सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी हम सबकी है। आवंछनीय तत्वों पर बराबर कड़ी निगाह रहेगी। उन्होनें पुलिस समेत जनता को सहयोग देने को कहा। चार्ज लेने से पूर्व पुलिस कमिश्नर को गार्ड आफ आॅनर देने वाले आरक्षी शिवमुनि यादव को उन्होनें शाबासी देते हुए पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ाया। 

राष्ट्र के विकास के लिए लगन, श्रम और सेवा की जरुरत


डीएवी में सप्ताहव्यापी एनएसएस शिविर सम्पन्न

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। डीएवी पीजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना की आठों इकाईयो द्वारा चल रहे सप्ताहव्यापी विशेष शिविर का शनिवार को समापन हुआ। आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित शिविर में मुख्य अतिथि बीएचयू के एनएसएस के समन्वयक डॉ. बाला लखेन्द्र ने स्वंयसेवकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि छात्र जीवन के दौर में लक्ष्य प्राप्ति के लिए समय का सदुपयोग करना और अपने श्रम, ऊर्जा, शक्ति को सकारात्मक कार्यो के साथ नई दिशा में लगाये। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए लगन, श्रम और सेवा की आवश्यकता है। विशिष्ट वक्ता बीएचयू के सहायक कुलसचिव डॉ. शार्दूल चौबे ने कहा कि  आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है, उस आजादी के लिए किए गए आंदोलन और बलिदान स्वंयसेवकों के लिए सदैव प्रेरणादायक रहेंगे। 

अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के उपाचार्य डॉ. शिव बहादुर सिंह ने सभी स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों को शुभकामना दी। संयोजन डॉ. मीनू लाकड़ा एवं डॉ. अखिलेन्द्र कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. सिद्धार्थ सिंह, शिविर रिपोर्ट डॉ. शशिकान्त यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिवनारायण ने दिया। इस अवसर पर डॉ. प्रतिमा गुप्ता, डॉ. नजमूल हसन, डॉ. राकेश कुमार मीना आदि जुड़े रहे।

शबे बरात पर मोमिनीन अदा करेंगे खास नमाज़

होगी पूरी रात इबादत, पढ़ी जायेगी फातेहा

-आस्तानों पर होगा चिरांगा, घरो में होगी हलवे की फातेहा


वाराणसी/(दिल इंडिया लाइव) कल शबे बरात कि अज़ीम रात है, इस बाबरकत रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार कि इबादत में मशगुल रहेंगे सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करते हैं, घरों में रोशनी कि जाती है व शिरनी कि फातेहा होती हैं
घरो में लौटती है पुरखों की रूह 
शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगाकिसकी जिंदगी खत्म होगीकिसके लिये साल कैसा होगापूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं।
मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैंशबे बरात पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पिछली बार चहल-पहल नही दिखाई दी थी वजह लाक डाउन जो था मगर इस बार कुछ हालात सुधरे हुए हैं  
 
लाकडाउन में नही हुआ था चिरागा  
पिछ्ली बार लाकडाउन था उस साल न तो मज़ारों पर चिरागा हुआ था और न ही रमज़ान और ईद कि नमाज़े ही अदा की जा सकी थी, मगर बुज़ुर्गो के नाम पर घर में ही शबे बरात पर शमां जलाया गया था और फातेहा पढ़ कर उनकी मगफिरत की दुआएं मांगी गई थीऔर उन पर सवाब पहुंचाया गया था

बनारस में यहाँ लगाई जाती है हाज़िरी

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुरहुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंजबहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरीबजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तानजक्खा कब्रिस्तानसोनपटिया कब्रिस्तानबेनियाबाग स्थित रहीमशाहदरगाहे फातमानचौकाघाटरेवड़ीतालाबसरैयाजलालीपुराराजघाट समेत बड़ी बाजारपीलीकोठीपठानीटोलापिपलानी कटराबादशाहबागफुलवरियालोहताबड़ागांवरामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग हर साल पहुच कर शमां रौशन करते हैं, फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते हैं

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...