शनिवार, 19 दिसंबर 2020

प्रदेश में मानवाधिकार पर हमले बढ़े

सुभाषिनी अली ने सरकार पर बोला हमला



वाराणसी(दिल इंडिया)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी वाराणसी और सत्यनारायण सिंह स्मृति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पराड़कर स्मृति भवन में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए सीपीआईएम पोलितब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा कि देश और उत्तर प्रदेश में मानवाधिकारों पर खुला और बर्बर हमला इसलिए हो रहा है क्योंकि आज जो भारतीय जनता पार्टी शासन कर रही है उसने और उसके मार्ग निर्देशक संगठन आर एस एस ने कभी भी भारत के संविधान को मन से नहीं माना । इनका वसूल मनुस्मृति के आधार पर देश और समाज चलाने का है न कि भारत के संविधान के आधार पर। उत्तर प्रदेश में योगी जी के आने के बाद मानवाधिकारों पर हमले बहुत ही तेजी के साथ बढ़े हैं ।उन्होंने पिछले 3 सालों में उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार के उल्लंघन की घटनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हाथरस से लेकर शब्बीरपुर और बुलंदशहर, मुरादाबाद उन्नाव की महिलाओं और  दलित बच्चियों के साथ हुए बर्बर अत्याचार और बलात्कार तथा योगी सरकार का बलात्कारियों के संरक्षण का रुख यह स्पष्ट करता है कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह से मानवाधिकार विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने संविधान की रक्षा करना है मानवाधिकारों को बचाना है तो हम सबको मिलकर के इस तानाशाही और मनुवादी सरकार से लड़ना होगा और साथ ही अपने अंदर  के मनुवाद को भी हमें बाहर करना पड़ेगा उन्होंने कहा कि बनारस के लोग बहुत ही दृढ़ संकल्प के होते हैं और अब उन्हें यह ठान लेना चाहिए कि वाराणसी से बीजेपी और आरएसएस की  को पराजित करने के लिए पूरी ताकत से एकजुट होना है।

सेमिनार को संबोधित करते हुए सीपीआईएम के राज्य सचिव डॉ हीरालाल यादव ने का सत्यनारायण सिंह के संघर्षों उनके समर्पित व्यक्तित्व को याद करते हैं कहा कि 1967 में उन्होंने सीपीआईएम के उम्मीदवार के रूप में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से कामयाबी हासिल की थी। वे अनुकरणीय एवं प्रेरित करने वाली सादगी सरलता निर्भीकता और समर्पण के धनी थे। आज  सत्यनारायण सिंह की विचारधारा और उनकी हिम्मत तथा समर्पण के साथ हमें काम करना होगा तभी मानवाधिकारों पर हो रहे हमलों को रोका जा सकता है। 

वाराणसी के समाजवादी चिंतक विजय नारायण ने कहा कि वह सत्य नारायण सिंह को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं और  इस समय जब मानवता के समक्ष बड़ी चुनौतियां खड़ी है सत्यनारायण सिंह जैसे नेतृत्व की बनारस ,प्रदेश  और देश में है अत्यंत जरूरत है। प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ़ ने कहा कि आज मानवता के अस्तित्व को बचाने का प्रश्न खड़ा हो गया है ऐसी परिस्थिति में सभी को मिलकर तानाशाही ताकतों से लड़कर उसे पराजित करना जरूरी हो गया है। जनवादी लेखक संघ के डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने भी गोष्ठी को संबोधित किया। गोष्ठी से पहले सत्यनारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने वालों में वक्ताओं के अलावा पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, राकेश पाठक, दिग्विजय सिंह, सुरेंद्र यादव, विजय कुमार, इरफान बेग, संजीव सिंह, गुलाबचंद, नारायण चटर्जी ,देवाशीष आदि प्रमुख थे। सेमिनार की अध्यक्षता  शिवनाथ यादव और संचालन  नंदलाल पटेल ने किया ।अंत में कामरेड सत्य नारायण सिंह के साथी 80 वर्षीय डॉक्टर नूर उल हक को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

डाक विभाग द्वारा विशेष अभियान

एक दिन में किया 4000 का आधार नामांकन व अपडेशन

वाराणसी (दिल इंडिया)। डाक विभाग द्वारा नया आधार कार्ड बनवाने या फिर उसमे संशोधन कराने के लिए वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में 19 दिसम्बर, दिन शनिवार को विशेष अभियान चलाया गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस अभियान के दौरान एक दिन में ही लगभग चार हजार लोगों का आधार नामांकन और अपडेशन किया गया। यह अभियान वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व बलिया के 129 डाकघरों में चला, जिसे लोगों ने भरपूर सराहा। लोगों की भीड़ के चलते अधिकतर डाकघरों में देर शाम तक आधार का कार्य हुआ, ताकि लोगों को निराश न लौटना पड़े। कई डाकघर जहाँ पर ज्यादा लम्बी कतार थी और किन्हीं कारणोंवश किसी का आधार नामांकन या संशोधन का कार्य नहीं हो सका, उनका अगले कार्य दिवस में प्राथमिकता के आधार पर आधार का कार्य किया जाएगा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पोस्ट ऑफिस में आधार सेवाओं का लाभ कोई भी ले सकता है। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक लगभग 5 लाख से ज्यादा लोगों का आधार नामांकन व संशोधन किया जा चुका है। अकेले कोरोना महामारी के दौरान 1 लाख 80 हज़ार लोगों का आधार नामांकन व संशोधन किया गया हैI



पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में नया आधार पूर्णतया नि:शुल्क बनाया जाता है।  डेमोग्राफिक संशोधन (नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, मोबाइल व ईमेल) हेतु ₹50/- और बायोमेट्रिक संशोधन (फिंगरप्रिंट, आईरिस व फोटो) हेतु ₹100/- शुल्क देना होता हैI यह अभियान वाराणसी के 46, गाजीपुर के 19, जौनपुर के 27, बलिया के 22, भदोही के 5 व चंदौली जनपद के 10 डाकघरों में चला।

मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम 21 से

फाइलेरिया की दवाएं, साल में 1 बार, 3 साल तक खायें

-उत्तर प्रदेश  के  8  जनपदों  में 21 दिसम्बर  से, कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शुरू होगा एमडीए

गाजीपुर(हिमांशु राय/दिल इंडिया)। फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए उत्तर प्रदेश  में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी), मास्क और हाथों की साफ़-सफाई का अनुपालन करते हुए फाइलेरिया या हाथीपांव रोग से बचाने के लिए फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 21 दिसंबर से शुरु होगा। इस सम्बन्ध में मीडिया की सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश  एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं यथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, पाथ , प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल और सीफार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए, मीडिया सहयोगियों के साथ मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के मीडिया सहयोगियों की उपस्थिति के साथ ही उन 8 जनपदों के मीडिया सहयोगियों ने भी वर्चुअल रूप से भाग लिया, जहाँ मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है |  

इस अवसर पर, निदेशक वेक्टर बोर्न डिजीजेज़, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश शासन,  डॉ. अशोक पालीवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला | उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वेक्टर बोर्न डिजीजेज़, जैसे फाइलेरिया, कालाजार रोग आदि के उन्मूलन के लिए अत्यंत संवेदनशील है और इसके लिए रणनीति बनाकर गतिविधियाँ संपादित की जा रही हैं | डॉ. पालीवाल ने जनांदोलन की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि फाइलेरिया की दवाएं, साल में एक बार, लगातार तीन साल तक लेना है। 

कार्यशाला  के बढ़ते क्रम में,  संयुक्त निदेशक फ़ाइलेरिया, डॉ. वी.पी.सिंह, उत्तर प्रदेश शासन ने जानकारी दी कि, भारत को वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से उन्मूलन की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, कोविड-19 महामारी के दौरान भी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों को जारी रखने के महत्व को स्वीकार करते हुए, उत्तर प्रदेश  सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 8 जिलों (औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, कन्नौज, कौशांबी, रायबरेली एवं सुल्तानपुर) में, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के मानकों को ध्यान में रखते हुए, मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) कार्यक्रम आगामी 21  दिसम्बर से शुरू करने का निर्णय लिया है | उन्होंने बताया  कि एमडीए गतिविधियों का संचालन कोविड-19  के मानकों  का पालन करते हुए किया जाएगा, जिसमें हाथ की स्वच्छता, मास्क और शारीरिक दूरी (दो गज की दूरी) शामिल हैं। उन्होंने सूचित किया कि इस अभियान में सभी वर्गों के एक करोड़ पचासी लाख पैतालीस हज़ार छ: सौ चौसठ (1,85,45,664) लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. और अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जायेगा | 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जाएगी। 

डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को ये दवाएं खानी हैं | सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं | और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में  फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं, जोकि दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं | 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. तनुज शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फोएडेमा(अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। यह एक घातक रोग है, हालांकि प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा दी गयी दवाएं खाने से, इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। देश के फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के वर्तमान रणनीति के मुख्य रूप से दो स्तम्भ हैं-

1.  मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) - एंटी फाइलेरिया दवा यानि डी.ई.सी. और अल्बंडाजोल की वर्ष में एक खुराक द्वारा फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण और बीमारी की रोकथाम।

2.  मोर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एम.एम.डी.पी.) यानि रुग्णता प्रबंधन एवं विकलांगता की रोकथाम-फाइलेरिया या हाथीपांव से संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल एवं इलाज। 

प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के ध्रुव सिंह ने बताया कि एमडीए अभियान के सफल किर्यान्वयन के लिए ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधानों के सहयोग से सोशल मोबिलाइजेशन से सम्बंधित गतिविधियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए पंचायत स्तर की कार्यप्रणाली को और अधिक मज़बूत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की तिथि के बारे में समुदाय में जागरूकता फ़ैलाने के लिए आशा और आंगनवाडी के माध्यम से घर-घर जाकर, साथ ही स्थानीय स्कूलों के बच्चों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा सकता है। 

पाथ के प्रतिनिधि डॉ. शोएब अनवर ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में कार्य कर रही सभी संस्थाओं द्वारा, सरकार के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है समुदाय एवं मीडिया के सहयोग से  यह कार्यक्रम अवश्य सफल होगा | 

सीफार की रंजना द्विवेदी ने कहा कि इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया की भूमिका बहुत सशक्त है क्योंकि समुदाय में प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूकता अत्यंत शीघ्रता से फैलती है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त 8  जिलों में स्थानीय  मीडिया से भी समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है ताकि, मीडिया के माध्यम से  कार्यक्रम के संबंध में लोगों तक उचित और महत्त्वपूर्ण जानकारियां पहुँच सकें, इसके साथ ही उन्होंने कार्यशाला  में उपस्थित और ऑफलाइन जुड़े मीडिया सहयोगियों से अनुरोध किया कि जिलों से फाइलेरिया बीमारी से संक्रमित मरीजों की मानवीय दृष्टिकोण से दर्शाती हुई कहानियां प्रकाशित करें।

कार्यशाला में, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान ने मीडिया सहयोगियों से संवाद करते हुए कहा कि, मीडिया द्वारा, समाज के हर वर्ग तक स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी कार्यक्रम के मुख्य सन्देश और महत्वपूर्ण जानकारियां बहुत आसानी से पहुँच जाती हैं, इसीलिए, मीडिया द्वारा फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन और इसके सकारात्मक परिणामों के बारे में जागरूकता फ़ैलाने की आवश्यकता बहुत अधिक है ताकि, लोग स्वयं को और अपने परिवार को इस घातक बीमारी से सुरक्षित रख सकें | फाइलेरिया का पूर्ण रूप से उन्मूलन हो और आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ भविष्य मिल सके |  

अंत में, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के अनुज घोष ने कहा कि मीडिया की भूमिका , सरकार द्वारा चलाये जा रहे, समस्त कार्यक्रम के सफल किर्यान्वयन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है | उन्होंने, मीडिया सहयोगियों से अनुरोध किया कि वे आगामी 21 दिसम्बर  से प्रारंभ होने वाले एमडीए अभियान के दौरान, समाचारों और मीडिया कवरेज के माध्यम से लोगों को लिम्फैटिक फाइलेरियासिस से बचाव के लिए दवा खाने के लिए जागरूक करें | 

जश्ने गौसे आज़म आज

कोरोना के खात्मे की होगी दुआ , चलेगा लंगर

वाराणसी(दिल इंडिया)। हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह गौसे पाक की याद में जश्ने गौसुल वरा का आयोजन आज रात राईन गार्डेन, कतुआपुरा में किया गया है। कार्यक्रम संयोजक इमरान अहमद राईन ने बताया कि आयोजन सोशल डिस्टेंसिग के साथ होगा जिसमें उलेमा देश दुनिया की खुशहाली की जहाँ दुआ करेंगें वहीं कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआ मांगी जायेगी। इस दौरान हुजूर गौसे आज़म का लंगर भी चलेगा। 

बिशप हाउस में क्रिसमस 2020

क्रिसमस मिलन में दिखेगी गंगा जमुनी तहज़ीब

वाराणसी(दिल इंडिया)। बिशप हाउस में सोमवार को क्रिसमस मिलन का आयोजन होगा। इस दौरान शाम 3 बजे से होने वाले आयोजन में काशी के सभी धर्म और मज़हब के लोगों के साथ गणमान्य लोगों को दावत दी गई हैं। वाराणसी धर्मप्रांत के अध्यक्ष बिशप यूजीन जोसेफ ने दिल इंडिया को बताया कि क्रिसमस प्रभु यीशु के जन्म की खुशी का पर्व है। यीशु का धरती पर आना ही खुशी, उल्लास और सौहार्द का प्रतीक है। वो पूरी दुनिया को सच्चाई का रास्ता दिखाने इस दुनिया में आये थे। यीशु के आगमन की इसी खुशी को मनाने के लिए सभी धर्म और मजहब के लोगों संग बिशप हाउस में सोमवार को दोपहर 3 बजे से क्रिसमस मिलन रखा गया है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यह आयोजन मनाया जायेगा' ताकि सौहार्द की यह परम्परा बरकरार रहे।

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

क्रिसमस पर मास्क में नज़र आयेंगे सेंटा

क्रिसमस पर भीड़ वाले कार्यक्रम कोरोना के चलते टले

न मेला लगेगा, न भीड़ जुटेगी

वाराणसी(दिल इडिया)  इस बार क्रिसमस सेलीब्रेशन के दौरान सेंटा क्याज अपनी परम्परागत पोशाक (लाल सफेद, लम्बा झोला व ऊंची टोपी) में तो होंगे मगर इस बार बच्चे सेंटा क्लाज़ का मुस्कुराता हुआ चेहरा नहीं देख पायेंगे। दरअसल इस बार सेटा क्लाज क्रिसमस आयोजन के दौरान मास्क लगाये नजर आयेंगे। कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मसीही समाज इस बार क्रिसमस मना रहा है। भारत ही नहीं बाल्कि तकरीबन पूरी   दुनिया में क्रिसमस सादगी से मनाया जा रहा है।

नहीं लगेगा मेला

वाराणसी का प्रसिद्ध क्रिसमस मेला इस बार टाल दिया गया है। यह निर्णय वाराणसी धर्मप्रांत की हुई बैठक में लिया गया है। 23 दिसंबर को स्वयं बिशप इसकी घोषणा करेंगे। सूत्रों की माने तो सीमित संख्या में सभी धार्मिक आयोजन होगें मगर न तो मेला लगेगा और न ही भीड़ जुटेगी। 

काशी में होगी कोरोना के खात्मे की प्रार्थना

रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार की माने तो क्रिसमस का समय बहुत ही खास होता है। इसलिए पूरी दुनिया में क्रिसमस पर कोरोना महामारी के खात्मे के लिए प्रार्थना की जायेगी। पादरी बेन जॉन ने बताया कि 24 दिसंबर की रात से ही प्रभु यीशु से मसीही प्रार्थना शुरु कर देंगे। इस दौरान क्रिसमस केक भी कटेगा और बाइबिल का पाठ भी होगा। हां यह सब कुछ इस बार सादगी से मनाया जायेगा।


गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

आंदोलन में शहीद किसानों को दी गई श्रद्धांजलि

वाराणसी (दिल इंडिया)। वाराणसी के कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा गुरुवार को लहुराबीर स्थि.



त आज़ाद पार्क में केंडल जला कर और दो मिनेट का मौन रखकर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पता हो कि किसान आंदोलन में देश की राजधानी की सीमा पर अब तक कुल क़रीब दो दर्जन किसानों की भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे धरने के दौरान और रास्ते मे दुर्घटना के चलते मृत्यु हो चुकी है। उसमें एक करनाल के पास नानक सर गुरुद्वारा साहिब के प्रमुख राम सिंह भी शामिल है जिन्होंने बुधवार को दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर खुद को गोली मारकर आत्म हत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि ” किसानों का दुःख देख वो अपने हक़ लेने के लिए सड़कों पर रो रहे हैं’ यह ज़ुल्म के खिलाफ और मज़दूरों व किसानों के हक़ में आवाज़ है।”

श्रद्धा सुमन अर्पित करने के दौरान मौजूद राजनीतिक -सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार के हठधर्मी रवैये की कड़ी निंदा की। साथ ही ये भी कहा कि इस कहर ढाती कड़ाके की ठंड में पिछले 22 दिनों से देश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले शांतिपूर्ण आंदोलन किसान कर रहे हैं, और संवेदनहीन सरकार अपने चाटुकारों के ज़रिए उन्हें देश-विरोधी क़रार दे रही है। सरकार की यह घिनौनी कोशिश किसानों के ज़ुल्म पर नमक छिड़कने की तरह है। कॉरपोरेट घरानों की सांठ-गांठ से चलने वाली सरकार सत्ता के अहंकार में चूर किसानों की जान ले रही है। उसे ये नही भूलना चाहिए कि एक दिन में मति आपका अपना हिसाब करेगी। श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले नेताओं ने सरकार पर किसानों की हत्या का आरोप लगाते हुए आमजन से बेरहम और बेशर्म सरकार के खिलाफ किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को खुले मन से समर्थन देने की अपील की और कहा कि ये आंदोलन किसानों के हित से नही बल्कि 138 करोड़ जनता के हितों से जुड़ा हुआ है जिसे पूंजीपरस्त सरकार कुचलने पर आमादा है।

इस मौके पर प्रसिद्ध गाँधीवादी और इतिहासकार डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि जो किसान लामबंद हुए हैं पूरा देश उनका समर्थन कर रहा है। यह अलोकतांत्रिक और फासिस्ट सरकार नागरिक अधिकारों का हनन कर रही है, जिसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी और समय आने पर इसका माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती।

ये थे श्रद्धांजलि में शामिल

श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, कुंवर सुरेश सिंह,डॉ मोहम्मद आरिफ,विजय नारायण,कमता प्रसाद, प्रवीण सिंह (बबलू) , रियाज़ुल हक़ अंसारी, आबिद शेख,संजीव सिंह,फजलुर्रहमान अंसारी,बाबू अली साबरी,नवाजिश अंसारी, ए. के.लारी, राकेश पाठक,राजेन्द्र चौधरी समेत दर्जनों लोग शामिल रहे।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...