शनिवार, 27 दिसंबर 2025

Khwaja ka Ajmer Sharif main Urs

हिंदुस्तान में होता है सभी मजहबों का सम्मान-सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के उर्स पर सालाना जलसा

 


Mohd Rizwan

dil india live (Ajmer). Sufi संत हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 814 वें उर्स पर दरगाह स्थित खानकाह शरीफ में देश भर की प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीं, सूफियों एवं धर्म प्रमुख का सालाना जलसा हुआ। जलसे को खेताब करते हुए दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी हज़रत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा साहब का उर्स इंसानियत, भाईचारे, देशभक्ति और एकता का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि हमारा मज़हब हमें देश से प्रेम करना और समाज को जोड़ना सिखाता है, यही हमारी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय डायसों पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा यह दर्शाती है कि देश धार्मिक एकता, सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के मूल्यों पर मजबूती से खड़ा है। विशेष रूप से मुस्लिम देशों के साथ भारत के बेहतर होते संबंध इस बात का प्रमाण हैं कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करने वाला राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन समाज और राष्ट्र को जोड़ने का सशक्त माध्यम होते हैं और ऐसे अवसरों पर शांति, एकता एवं सद्भाव का संदेश दिया जाना चाहिए। 


सैयद साहब ने कहा कि यह फक्र का मौजू है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल आंतरिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी, विशेषकर मुस्लिम देशों में, उसे सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। यह सम्मान किसी एक सरकार या व्यक्ति का नहीं, बल्कि हिंदुस्तान, उसके नागरिकों और उसकी विविधतापूर्ण धार्मिक संस्कृति का सम्मान है। आज भारत दुनिया को एकता, भाईचारे और शांति का संदेश दे रहा है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मुस्लिम समाज की धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं को संरक्षण मिला है, जिससे यह स्पष्ट हुआ है कि ये प्रयास समुदाय के हितों और अधिकारों की सुरक्षा के लिए हैं। उन्होंने इस मुबारक अवसर पर दुआ करते हुए कहा कि हमारा देश निरंतर तरक़्क़ी करे, आपसी भाईचारा और धार्मिक एकता सुदृढ़ हो तथा भारत विश्व में शांति, सहिष्णुता और मानवता का प्रतीक बनकर आगे बढ़ता रहे। 


इनकी रही खास मौजूदगी 

इस पारंपरिक आयोजन में चिश्तिया सिलसिले की देश की प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीन और धर्म प्रमुख शामिल हुए। इनमें बरेली शरीफ से मेहंदी मियां नियाज़ी, दिल्ली से फ़रीद निज़ामी, आंध्र प्रदेश की हलकट्टा शरीफ दरगाह से सैयद तुराब अली, गुजरात की अम्बबेटा शरीफ दरगाह से सैयद जियाउद्दीन, जयपुर से बादशाह मियां जियाई, कर्नाटक के गुलबर्गा शरीफ स्थित ख्वाजा बंदा नवाज गेसू दराज़ की दरगाह से सैयद अली ज़की हुसैनी, नागौर शरीफ के सज्जादानशीन, भागलपुर बिहार, फुलवारी शरीफ, लखनऊ की शफ़ीपुर शरीफ दरगाह, बरेली-मुरादाबाद, उत्तराखंड की कलियर शरीफ दरगाह साबिर पाक तथा दिल्ली स्थित दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन समेत देश भर से लगभग 100 सज्जादानशीन ने अपने ख्यालों का इज़हार किया।

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