गुरुवार, 18 दिसंबर 2025

Ajmer Sharif main Khwaja के उर्स का लहराया परचम

अजमेर वाले ख्वाजा का 814 वां सालाना उर्स की रस्मों का हुआ आगाज़ 

चांद के दीदार संग 21 या 22 दिसंबर से शुरू होगा उर्स 



मोहम्मद रिजवान 

dil india live (Ajmer)। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स की रस्मों का आगाज़ हो गया है। उर्स से पहले अजमेर शरीफ स्थित दरगाह में शाम को बुलंद दरवाजे पर झंडा फहराने के साथ ही 814 वें उर्स की सदियों पुरानी रस्म अदा की गई।

भीलवाड़ा के फखरूद्दीन गौरी की अगुवाई में गौरी परिवार के लोगों ने उर्स का झंडा चढ़ाया। इस दौरान ढोल ताशे बजे और तोपों की सलामी दी गई। झंडे का जुलूस दरगाह गेस्ट हाउस से शुरू हुआ और गाजे बाजे और सूफियाना कलाम के साथ दरगाह पहुंचा। इस दौरान दरगाह में भारी भीड़ थी। करीब 300 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात थे। बुलंद दरवाजे पर पासधारी को ही चढ़ने की अनुमति दी गई थी।



अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि उर्स को लेकर दरगाह व कायड़ विश्राम स्थली क्षेत्र में सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जा चुके हैं। उर्स की शुरुआत चांद दिखाई देने पर 21 या 22 दिसम्बर से होगी किन्तु उर्स से पहले शनिवार को यानी 20 दिसम्बर को परम्परानुसार मजार शरीफ से संदल उतारा जाएगा और जायरीन में वितरण किया जाएगा।

अंजुमन सैयद जादगान के सदर सैयद गुलाम किबरिया और सचिव सरवर चिश्ती ने बताया कि 28 जमादि उसमानी यानी 20 दिसम्बर को मजार शरीफ पर सालभर में पेश किया गया संदल उतार कर जायरीन में बांटा जाता है। 29 जमादि उस्मानी 29 दिसम्बर से खादिमों की ओर से सुबह साढ़े चार बजे जन्नती दरवाजा खोला जाएगा। इसी दिन रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक शाम साढ़े छह बजे होगी। चांद दिखाई देने पर रात्रि 11 बजे पहली महफिल होगी। रजब 22 अथवा 23 दिसम्बर से 6 रजब यानी 26 या 27 दिसम्बर तक विभिन्न रसूमात होंगे। छठी शरीफ पर सुबह 9 से 4 बजे तक आस्ताना शरीफ जायरीन के लिए बंद रहेगा।



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