हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज का संदल संग 31 को खुलेगा जन्नती दरवाजा
अजमेर में उर्स की तैयारियों ने पकड़ा ज़ोर, जायरीन की आमद हुई तेज
@Mohd Rizwan
Ajmer (dil India live). अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813 वें उर्स की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। देश दुनिया से अजमेर शरीफ में अकीदतमंद उमड़ेंगे। इस बार उर्स का आगाज़ 31 दिसंबर को संदल की रस्म से होगा। रजब का चांद दिखने के बाद ख़्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स शुरू होगा। इसके साथ ही 6 दिन के लिए जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा और उर्स की विधिवत शुरुआत होगी, जबकि अनौपचारिक शुरुआत 28 दिसंबर को बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ने से ही उर्स का ऐलान हो जाता है। इस दिन से दरगाह में जायरीन की आमद शुरू हो जाती है।
उर्स के दौरान दरगाह कमेटी, पुलिस और प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है। दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि ख्वाजा साहब की मजार पर साल भर संदल चढ़ाया जाता है और यह संदल चांद की 28 तारीख को उतारने की परंपरा है। 31 दिसंबर को यह संदल जायरीन में वितरित किया जाएगा। मान्यता है कि इस संदल को पानी में मिलाकर पीने से लाइलाज बीमारियों में राहत मिलती है।
खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि चांद दिखने के बाद तड़के 4 बजे जन्नती दरवाजा खोला जाएगा। यह दरवाजा साल भर में चार बार खुलता है, लेकिन उर्स में यह छह दिन के लिए खोला जाता है। जन्नती दरवाजा उर्स के दौरान जायरीन के लिए खोला जाता है। इसके अलावा, ईद उल फितर, बकरीद और ख्वाजा साहब के पीर हजरत उस्मान हारूनी के उर्स के मौके पर भी यह दरवाजा खोला जाता है।
उर्स की रस्मों की शुरुआत चांद दिखने पर 1 या 2 जनवरी 2025 से होगी। जन्नती दरवाजा तड़के 4 बजे खुल जाएगा और इसके साथ ही मजार शरीफ को गुस्ल देने और महफिल की रस्में शुरू होंगी। उर्स के आखिरी दिन गरीब नवाज की छठी होगी, और इसके बाद कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा और जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा, और फिर 9 रजब को बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी।
बनारस के डाक्टर गुफरान का सम्मान
वाराणसी के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जेड आर यू सी सी रेलवे के मेंबर डा. गुफरान जावेद अपने परिवार के साथ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (रह.) उर्फ सरकार गरीब नवाज की दरगाह अजमेर शरीफ पहुंचे। वहां पर उनका स्वागत दरगाहें ख्वाजा इंतजामिया कमेटी के मेंबर एहतेशाम चिश्ती सैय्यद गफ्फार काजमी साहब द्वारा किया गया। उर्स के मौके पर दूर दराज से अजमेर दरगाह पर पहुंचने वाले लोगों के लिए रेलवे से क्या क्या सुविधाओं को दिलाया जा सकता है एवं अजमेर शरीफ उर्स के मौके पर रेलवे द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में क्या सुधार किया जा सकता है, इस पर डाक्टर गुफरान ने कमेटी के साथ चर्चा की। दरगाहें ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रह. पर डा गुफरान जावेद द्वारा चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए एवं मुल्क की तरक्की व मुल्क में भाइचारा बना रहने की दुआएं मांगी गई। इस दौरान उनके साथ उनकी बेगम हुमा बानों ने भी ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह को चादर पेश की।
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