सोमवार, 16 दिसंबर 2024

UP के First woman Technology park को विस्तारीकरण की दरकार

बसनी में स्थापित पार्क गांव की महिलाओं की प्रतिभा और उत्पादकता को दे रहा बढ़ावा

प्रौद्योगिकी के माध्यम से सशक्तिकरण की है पहल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को इस सम्बन्ध में भेजा गया पत्र

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इस केन्द्र के विस्तारीकरण की आवश्यकता पर दिया था जोर


Varanasi (dil India live). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पिंडरा विधानसभा स्थित बसनी में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की प्रतिभा और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश का पहला रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क (आरडब्ल्यूटीपी), मार्च 2018 में स्थापित किया गया था। इसका उद्घाटन 27 दिसंबर 2018 को एमएस राव (आईएएस), प्रबंध निदेशक, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और घरो में कार्य कर रही महिलाओं को डिजिटल तकनीकों का उपयोग जैसे ज़री-ज़रदोज़ी, चिकनकारी, हस्तशिल्प डिज़ाइनिंग, ई-गल्ला सॉफ़्टवेयर के माध्यम से उद्यम विकास में महिलाओं को प्रशिक्षित करना और  उनकी आर्थिक स्तिथि को मजबूत करते हुए उनके आजीविका संवर्धन का विकास करना तो था ही साथ ही मल्टी मीडिया के माध्यम से उन्हें जागरूक करना भी था। केन्द्र के संचालक की मानें तो यहाँ से 3 वर्षो (2018–2021) में करीब 5000 से ज्यादा महिलाओ को प्रशिक्षित किया गया। इस पार्क के कार्यो से प्रभावित होकर के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने 3 सफल महिलाओं से वर्चुअल वार्ता किया था, तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन महिलाओ को बुलाकर सम्मानित किया। उक्त पार्क का संचालन साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी और डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। 

साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट द्वारा इस पार्क का संचालन किया जा रहा है। परियोजना समाप्त होने (2021) के बाद भी, संस्थान अपने सीमित संसाधनों और सीएसआर फंड की मदद से महिलाओं को लगातार प्रशिक्षण दे रहा है। वर्तमान में, केंद्र में महिलाओं को पारंपरिक कलाओं और शिल्पों के साथ-साथ काशी के मंदिरों के पुष्प अपशिष्ट से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें अगरबत्ती, धूप, हवन कप और अन्य उत्पाद शामिल हैं।

साईं इंस्टिट्यूट और रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि परियोजना समाप्ति के पश्चात संस्थान अपने सिमित संसाधनों और विभिन्न विभाग और सी.एस.आर. फण्ड से महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहा है, इस टेक्नोलॉजी पार्क का निरीक्षण करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इस केंद्र के विस्तारीकरण की आवश्यकता पर बल दिया था ताकि इसका लाभ अधिक महिलाओं तक पहुंच सके। साथ ही इस पार्क के कार्यों की सराहना भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने की है, जैसे डॉ. अजय कुमार, पूर्व रक्षा सचिव, भारत सरकार, डॉ. अभिषेक सिंह, प्रबंध निदेशक, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन, तथा अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, हिमांशु नागपाल, आईएएस, मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी, आर.के. राय, अतिरिक्त विकास आयुक्त, एमएसएमई, भारत सरकार, डॉ० जी. एन. सिंह, तकनीकी सलाहकार, मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार ने निरीक्षण करके इस पार्क के कार्यो की सराहना कर चुके है।

विस्तारीकरण के लिए पहल

साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इस केंद्र को नए क्षेत्रों में विस्तारित करने और इसे नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित करने के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, और विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों और अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल से महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिलेगी। संस्थान का यह प्रयास ग्रामीण महिलाओं की आकांक्षाओं और उद्यमशीलता की भावना को नया आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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