मंगलवार, 3 दिसंबर 2024

AI सीखकर देश सेवा करने की कि गई अपील

जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वर्कशॉप

  • Mohd Rizwan 

Mumbai (dil India live)। अक्कलकुआ स्थित जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम के दारुल क़ुरआन ऑडिटोरियम में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में जामिया के तमाम कॉलेज एवं संस्थानों के छात्र-छात्राओं को AI के जरिए पढ़ाई एवं रोजगार पर चर्चा की गई। हैदराबाद से आई एआई बडी की टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तमाम पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।

सत्र का शुभारंभ जामिया के प्रोवोस्ट प्रोफेसर (डॉ.) अकील अली सैय्यद ने किया। इसके बाद उन्होंने एआई बडी टीम के सदस्यों का परिचय कराते हुए बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ईश्वर द्वारा प्रदान किए गए दिमाग से ही विकसित किया गया है। लिहाजा इसके बारे में जानना और इसके काम करने के तरीके को समझना बेहद दिलचस्प होगा। आप इसके रचनात्मक पहलू पर ध्यान देंगे और उसका इस्तेमाल करेंगे तो देश, समाज और खुद का भला कर पाएंगे। जबकि नकारात्मक सोच के साथ इसका इस्तेमाल करेंगे तो सभी के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। ठीक उसी तरह से, जैसे आग का सही इस्तेमाल किया तो आज इंसान स्वादिष्ट भोजन से लेकर हाड़ कंपाती सर्दियों में पानी गर्म करके नहाने तक कई तरह से इसके फायदे उठा रहा है, लेकिन नकारात्मक सोच वालों की तो कोई सीमा ही नहीं है।

शाहबाज सैय्यद ने कहा कि इंसान के लिए तकनीक का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता रहा है। दुनिया में वो समाज पीछे रह गया जो तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर सका। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करके हम अपने समाज और देश की तरक्की में योगदान दे सकते हैं। तकनीक का इस्तेमाल कैसे करना है। इससे कितने तरह के फायदे पाए जा सकते हैं, इन तमाम पहलओं पर विस्तार से एमए हकीम सिद्दीकी ने बात की। उन्होंने मानवता की सेवा और समाज के उत्थान में सहयोग देने के साथ अपनी स्किल्स बढ़ाने के लिए एआई के बारे में जानने और इसके बेहतर प्रयोग पर बल दिया। इंसानी फितरत पर बात करते हुए कहा कि हर शख्स तरक्की चाहता है। दिमागी घोड़े सभी दौड़ाते हैं, लेकिन कामयाबी उसे ही मिलती है, जो सोच के साथ मेहनत और मशक्कत भी करता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कई तरह के काम बेहद कम समय में बड़ी ही कुशलता के साथ पूरे हो रहे हैं। कॉरपोरेट सेक्टर के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मुफ्त और बेहतर सेक्रेटरी साबित हो रहा है। चैट जीपीटी व इस तरह के अन्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म कैसे काम करते हैं इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डाटा प्रोसेसिंग एवं एनालिसिस के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काम करता है। इस पर कई दशक से काम चल रहा था और आज भी काम चल ही रहा है। शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत ही कारगर साबित हुआ है। यह टेक्स्ट, वीडियो, इमेज और ऑडियो यानी हर तरह के डाटा का बखूबी इस्तेमाल करता है। उन्होंने बताया कि डाटा सुरक्षा को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन हकीकत ये है कि वैश्विक कंपनियों का डाटा सेक्यूरिटी सिस्टम बहुत ही विश्वसनीय है।

एआई बडी टीम के अदनान ने कहा कि अगर देश के युवा एआई पावर यूजर बन जाएं यानी एआई का बेहतर इस्तेमाल करने लगें तो देश की तरक्की में काफी योगदान दे सकते हैं। बतादें कि हैदराबाद की एआई बडी की टीम देशभर में मुफ्त एआई जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को इस नई टेक्नॉलॉजी के बारे में जानकारी देने का काम कर रही है। टीम के विशेषज्ञों ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कई तरह के रचनात्मक काम किए जा रहे हैं। इसका सदुपयोग करते हुए हम सभी को देश और समाज की तरक्की में योगदान देना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जागरूकता कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय वर्कशॉप के पहले दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विशेषता और क्षमता के अलावा इसके विकास के विभिन्न पहलुओं का भी जिक्र किया गया। पहले दिन के सत्र के बाद जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम के प्रोवोस्ट प्रोफेसर अकील अली सैय्यद ने सभी मेहमानों को धन्यवाद कहा, साथ ही उन्होंने इस सत्र में शिरकत करने वाले तमाम छात्र-छात्राओं से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का रचनात्मक कार्यों में उपयोग करते हुए खुद की तरक्की के साथ देश और समाज की तरक्की में योगदान देने की अपील की। इस सत्र में जामिया के दीनियात सेक्शन के अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई, फॉर्मेसी कॉलेज, जामिया कॉलेज ऑफ लॉ, जामिया कॉलेज ऑफ एजूकेशन और अहमद गरीब यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं अस्सलाम हास्पिटल समेत मौलाना अबुल कलाम आज़ाद रेजिडेंशियल उर्दू हाई स्कूल एवं जूनियर कॉलेज के भी तमाम स्टूडेंट्स के साथ ही शिक्षक एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहे।

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