बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन व सभा
- sarfaraz Ahmad
Varanasi (dil India live). UP में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और चंडीगढ़ में हो रहे निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने विरोध दिवस मनाया। दिनभर काम करने के बाद सभी मुख्यालयों, कार्यालयों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि सरकार निजीकरण की मंशा छोड़े अन्यथा उग्र प्रदर्शन शुरू करने के लिए विवश होंगे।
इस दौरान प्रबंधन पर गलत आंकड़ें देने, कर्मचारियों को गुमराह करने, कार्रवाई के लिए डराने का आरोप भी लगाया गया। कहा कि बिडिंग के पहले आरएफपी डॉक्यूमेंट जारी किया जाए तो निजीकरण के घोटाले का खुलासा हो जाएगा। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) ने 13 से 19 दिसंबर तक विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। शुक्रवार सुबह से सभी काम पर रहे। शाम के वक्त बिजली अभियंताओं एवं कार्मिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश भर में विभिन्न कार्यालयों के समक्ष हाथ में तख्तियां लेकर सरकार और प्रबंधन की नीतियों की मुखालफत की। लखनऊ में शक्ति भवन, हाइडिल कालोनी सहित अन्य कार्यालयों पर हाथ में निजीकरण विरोधी तख्तियां लेकर बिजली कार्मिकों ने जुलूस भी निकाला और जमकर नारेबाजी की। चेतावनी दी कि प्रबंधन ने निजीकरण की मंशा नहीं छोड़ी तो उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी कार्पोरेशन प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह कर्मचारियों को गुमराह कर रहा है। भय का वातावरण बनाकर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति पैदा की जा रही है। खास बात यह है कि निजीकरण के विरोध में अब बिजली कर्मियों के परिजन भी उतरने लगे हैं।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पीके दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आरवाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेंद्र पांडेय, आरबी सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया।
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