१५ मुहर्रम को शिया मुस्लिमों ने मनाया ग़मे हुसैन
Varanasi (dil India live). १५ मुहर्रम को शिया मुस्लिमों ने ग़मे हुसैन के रूप में मनाया। मोहर्रम के तीसरे जुमेरात शहर भर में कई मजलिसे हूई व ख्वातीन ने नौहाख्वानी व मातम किया. दरगाहें फातमान में हज़रत अब्बास के रौज़े पर मजलिस को ख़िताब करते हुऐ शिया जमा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपनी शहादत और सब्र के ज़रिये दुनिया के हर मज़लूम की आवाज़ को बुलंद किया. उनकी शहादत के बाद परिवार की औरतों और बच्चो ने भी यज़ीद के तमाम ज़ुल्म को सहते हुऐ और महीनों क़ैद में रहकर भी उसके ज़ुल्म के आगे सर नहीं झुकाया. कर्बला के वाक़ियात सुनकर लोगो की आँखें नम हो गयी. इमरान हैदरी, समर बनारसी, हैदर मौलाई ने कलाम पेश किये. बड़े तादाद मे मर्द और ख्वातीन ने दुआख्वानि में हिस्सा लिया. मजलिसों का सिलसिला सुबह १० बजे से शुरू हुआ. पहली मजलिस दालमंडी पुरानी अदालत मे शब्बीर और सफ़दर के आजाखने पर मौलाना अमीन हैदर हुसैनी ने पढ़ी. शोएब देहलवी और प्रोफेसर अज़ीज़ हैदर ने कलाम पेश किये. शाम को हड़हासराय भीकाशाह गली में तीसरे दिन भी मौलाना तौसीफ अली इमामे जुमा अर्दली बाजार ने मजलिस को ख़िताब किया. अंजुमन हैदरी ने नौहाख्वानी व मातम किया. चौहाट्टा लाल ख़्वान मे मिर्ज़ा परिवार के अजाखाने पर मौलाना नदीम असगर रिज़वी ने मजलिस को ख़िताब किया. ऐसे ही अर्दली बाजार, शिवाला, रामनगर, पठानी टोला, माताकुण्ड में भी मजलिसों के ज़रिये कर्बला के शहीदों को खेराजे अक़ीदत पेश किया गया.
ख्वातीन की मजलिस
काली महल में आजाखना इमदाद और फुरकान में दिन की मजलिस को सानिया नजफी ने ख़िताब किया, अनाया फातिमा ने नौहाख्वानी की. माताकुण्ड में हैदर अब्बास चांद के निवास पे ख्वातीन की मजलिस आयोजित हुईं. नयी पोखरी पर भी मंज़िलत फातिमा के निवास पर ख्वातीन की मजलिस में दर्द भरे नौहों पर मातम का नजराना पेश किया गया।
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