सिडबी एवं स्पिक मेकै की छात्रा-छात्राओं को जागरूक करने की पहल
Varanasi (dil India live). सिडबी एवं स्पिक मेकै की ओर से बनारस घराने की शहनाई वादन शैली को युवाओं को जोड़ने के साथ भारतीय संस्कृति की सांस्कृतिक परंपरा को विभिन्न संगीत विधाओं के साथ पूरे भारत में शास्त्रीय संगीत से जुड़े कलाकारों के माध्यम से छात्रा-छात्राओं को जागरूक करने की पहल की जा रही है। इसी कड़ी में बनारस घराने के सुप्रसिद्ध शहनाई वादक पंडित संजीव शंकर एवं पं अश्वनी शंकर ने संत अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल कोइराजपुर तथा प्रभु नारायण इंटर राजकीय इंटर कॉलेज, रामनगर, वाराणसी में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन की शुरुआत पंडित रविशंकर जी की बनाई हुई प्रार्थना प्रभु जी से किया तत्पश्चात उन्होंने शहनाई की उत्पत्ति इतिहास उसकी बनावट एवं बजाने के तरीके को विस्तारपूर्वक समझाया साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया कि शहनाई सुषिर वाद्य की श्रेणी में आता है और यह एक मंगल वाद्य भी है | बनारस घराने के बारे में प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शहनाई की संगीत परंपरा लगभग 350 वर्षों से चली आ रही है और सबसे पहले उन्होंने अपने घराने में गाना सीखा तत्पश्चात शहनाई सीखा इसलिए उनकी शहनाई में गायकी अंग का प्रभाव प्रबल दिखाई देता है। लगभग 40 विद्यार्थियों को उन्होंने शहनाई पर शुद्ध स्वर एवं राग भैरव के स्वर को भी बजा कर उनके बीच के स्वरांतर को स्पष्ट किया। इसके अतिरिक्त तीन ताल की ताली खाली का भी अभ्यास कराया उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वर के साथ साथ संगीत में ताल का भी उतना ही स्थान है। अंत में उन्होंने सुप्रसिद्ध रामधुन रघुपति राघव राजा राम बजा कर बच्चों के अंदर एक आध्यात्मिक ऊर्जा का भी संचार किया। कार्यशाला का शुभारंभ पंडित संजीव शंकर पं अश्वनी शंकर,विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ नीलम सिंह डा. प्रभास झा एवं बसंत महिला महाविद्यालय के संगीत गायन विभाग प्रमुख श्री हनुमान प्रसाद गुप्त ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संयोजन प्राचार्य डा. पीके झा और श्री हनुमान प्रसाद गुप्ता ने किया। उक्त अवसर पर विद्यालय के अन्य शिक्षक गण एवं स्पीक मैके उत्तर प्रदेश के चेयरपर्सन उमेश सेठ, पवन सिंह, गौरव केशरी सहित विद्यालय के छात्र छात्राएं मौजूद रहे |
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