गुरुवार, 24 अगस्त 2023

Nehru ji की 75 साल की तपस्या का परिणाम है चन्द्रयान की असाधारण सफलता

नेहरूजी को याद किया जाना चाहिए 

  • एल. एस. हरदेनिया



चन्द्रयान की असाधारण सफलता के अवसर पर यदि किसी एक व्यक्ति को याद किया जाना चाहिए था तो उसका नाम जवाहरलाल नेहरू है। नेहरू के अनेक योगदानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है वैज्ञानिक समझ। उन्होंने न सिर्फ आजाद होने के बाद वरन् आजादी के संघर्ष के दौरान भी देश में वैज्ञानिक समझ पैदा करने की आवश्यकता पर जोर देना प्रारंभ कर दिया था। वर्ष 1958 के मार्च माह में नेहरूजी ने संसद में विज्ञान नीति संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में उन्होंने स्पष्ट घोषणा की थी कि विज्ञान की हमारे देश के नागरिकों के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसके अतिरिक्त नेहरूजी ने देश में अनेक ऐसे शिक्षण संस्थानों की स्थापना की जिनसे निकले छात्र देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। इन्हीं छात्रों ने चन्द्रयान को चांद तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसलिए ऐसे अवसर पर नेहरूजी की याद आना स्वाभाविक है। यह क्षमता हमने एक दिन में प्राप्त नहीं की है। यह हमारे देश की 75 वर्ष की तपस्या का परिणाम है। आज के शासकों को यह बात महसूस करनी चाहिए और इस सफलता में जिन-जिन का महत्वपूर्ण योगदान है उनके योगदान का भी स्मरण करना चाहिए।

(लेखक पत्रकार एवं राष्ट्रीय सेक्युलर मंच के संयोजक हैं, मोबाईल 9425301582)

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