गुरुवार, 24 अगस्त 2023

Chandrayaan-3 Landing Success: चांद पर भारत


New delhi (dil India live). Chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत ने विश्व में एक नया इतिहास रच दिया है. Moon Missions Success के बाद अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चौथा सफल देश बन गया जिसने चांद पर सफल लैंडिग की है. इसी के साथ 23 अगस्त 2023 की तारीख ने भारत को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना दिया. भारत ने इससे पहले दो मून मिशन भेजे हैं. 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान 1 मिशन को लॉन्च किया गया था.  इसके बाद 22 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया. हालांकि ये मिशन सफल नहीं हो सका. भारत के पड़ोसी चीन ने चांग-ए 1 को 2007 में चांद पर भेजा. 23 नवंबर 2020 को चीन ने चांग-ए 5 लॉन्च किया. 

दुनिया के Moon Missions

दुनिया भर में अब तक कई मून मिशन हुए हैं. सबसे पहले रूस ने लूना-2 को चांद की सतह पर उतारा. लूना-2 एक इम्पैक्टर मिशन था यानी चांद की सतह पर इसकी हार्ड लैंडिग हुई थी. हालांकि, पहले इससे 4 जनवरी, 1959 को लूना-1 भी लॉन्च किया गया.

लूना-1 चांद के नजदीक पहुंचने वाला पहला मिशन बना, लेकिन ये चांद की सतह पर उतरने में कामयाब नहीं हो सका, क्योंकि लूना-1 की एंट्री चांद की ऑर्बिट में फेल हो गयी और ये सूर्य की ऑर्बिट में चला गया. 3 फरवरी, 1966 को लूना-9 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन बना. 

चांद की कक्षा में जाने वाला पहला मानव

24 दिसंबर 1968 को नासा ने अपोलो 8 मिशन लॉन्च किया. चंद्रमा की कक्षा का चक्कर काटने वाला पहला मानव मिशन बना. इसके बाद अपोलो 9 और अपोलो 10 लॉन्च किया गया जो असफल रहे. 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 लॉन्च किया गया. इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे गए. अपोलो 11 के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने. 

अपोलो 13- ‘सक्सेसफुल फेलियर’ 

11 अप्रैल 1970 को नासा ने अपोलो 13 लॉन्च किया. अपोलो 13 मिशन चांद की सतह पर इंसानों को उतारने का तीसरा प्रयास था, लेकिन सर्विस मॉड्यूल ऑक्सीजन टैंक के फटने के बाद मिशन को रोकना पड़ा. इस मिशन में अंतरिक्ष यान चांद के नजदीक से गुजरा. ऑक्सीजन की कमी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस आना पड़ा. काफी मश्क्कत के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली गई.

31 जनवरी 1971 को नासा के अपोलो 14 लॉन्च किया गया. इसमें मिशन कमांडर एलन बी शेपर्ड जूनियर, लूनर मॉड्यूल पायलट एडगर डी. मिशेल,  कमांड मॉड्यूल पायलट स्टुअर्ट ए. रूसा सवार थे. अपोलो 14 के मिशन कमांडर एलन शेपर्ड ने चांद पर गोल्फ खेलने वाले पहले इंसान बने. 

अपोलो 14 के बाद अमेरिका ने अपोलो 15 को चांद पर भेजा. 26 जुलाई, 1971 को अपोलो 15 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया. इसमें मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट, लूनर मॉड्यूल पायलट जेम्स बी. इरविन, कमांड मॉड्यूल पायलट अल्फ्रेड एम. वर्डेन सवार थे. अपोलो 15 के मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट चांद पर जाने वाले सातवें व्यक्ति और चांद पर लूनर रोविंग व्हीकल चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं.

चांद पर आखिरी मैन-मिशन

अपोलो 17 चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन है. इसे  7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था. यूजीन ए. सेर्नन, हैरिसन एच. श्मिट, रोनाल्ड ई. इवांस इस मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे. युजिन सर्नन चांद पर कदम रखने वाले आखिरी इंसान हैं.

Moon Missions Success के लिए काशी में पूजा संग दुआख्वानी 








Varanasi (dil India live). चंद्रायन–3 Missions Success के लिए काशी में सभी सुबह से ही पलके बिछाएं हुए थे। एक ओर जहां पूजा–पाठ का दौर चला वहीं दूसरी ओर मस्जिदों में पांच वक्त की नमाजों के दौरान इमाम साहेबान ने दुआ में हाथ उठाया। उधर वाराणसी में भारत माता मंदिर के प्रांगण में विद्यापीठ के छात्र–छात्रों द्वारा चंद्रयान-3 के सकुशल लैंडिंग होने को लेकर प्रार्थना और दुआएं मांगी गई। इस दौरान हिंदू -मुसलिम दोनों वर्गों के छात्र–छात्राओं ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ एवं दुआखवानी में शामिल होकर देश की एकजुटता का पैगाम भी दिया। इस मौके पर मुस्लिम टोपी लगाए देशभक्ति की गाथा लिखते नजर आए तो हिन्दू छात्र मांथे पर तिलक लगाकर भारत मां के सच्चे सपूत होने की गवाही दे रहे थे। जहां एक ओर पांच वक्त की नमाजों के दौरान मस्जिदों में इमाम साहेबान ने, या अल्लाह चन्द्रायन–३ की लैंडिंग सफल हो जाए…जैसी दुआख्वानी की तो मस्जिद के तमाम नमाजियों ने आमीन…कहा। यह सिलसिला असर की नमाज के दौरान और तेज हो गया। इस दौरान ख्वातीन ने घरों में दुआएं मांगी। उधर चंद्रयान 3 की सफलता के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में षोडशोपचार पूजन किया गया। 
वहीं बुधवार को आरती के पश्चात झूलेलाल मंदिर लक्सा वाराणसी में चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग के लिए सिंधी समाज के स्त्री-पुरुषों ने विशेष प्रार्थना (अरदास) किया।
ऐसे ही श्रावण मास शुक्ल सप्तमी पर जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर देवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में बुधवार को प्रातः से अपराहन तक भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक स्थली भेलूपुर में चन्द्रयान-3 की सफलता, वैज्ञानिको के अथक प्रयास, हमारे राष्ट्र का नाम स्वर्ण अक्षरों मे लिखा जाए, चांद पर तिरंगा लहराए के लिए विशेष पूजा में भक्तामबर बिधान कर सैकड़ो भक्तो ने भेलूपुर स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर मे किया एवं भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक पर अभिषेक, शान्तिधारा, मंगल आरती कर निर्वाण लाडू (लड्डू) भक्तो ने चढाया। आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री अरूण जैन, समाज मंत्री तरूण जैन, सौरभ जैन, विजय जैन, विनोद जैन, सुधीर पोद्दार सहित काफी संख्या में महिलाए-पुरूष उपस्थित थे। व्यापारी नेता घनश्याम जायसवाल ने चंद्रयान की सफलता पर सोनारपुरा में लोगों में मिठाईयां बांटी एवं तिरंगा लेकर हर्ष का इजहार किया। सरकारी स्कूल इस आयोजन को लिए पहली बार शाम में खोले गए थे। 

भारत ने श्रेष्ठता साबित किया: सुधीर कुमार जैन

Varanasi (dil India live). काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर कुमार जैन ने बुधवार को चन्द्रयान - 3 का चन्द्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग पर हर्ष जताते हुए कहा कि यह एक ऐसी बेमिसाल घड़ी है, जिसने न सिर्फ हर एक भारतवासी को गौरव के भाव से अभिभूत कर दिया है, बल्कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की श्रेष्ठता को एक बार फिर साबित किया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में विद्यार्थी आज इस घटना के साक्षी बने हैं। विद्यार्थी जीवन में इस दृश्य को देखना विद्यार्थियों के लिए परिवर्तनकारी उत्साहवर्धन है। विश्वविद्यालय परिवार देश व इसरो की इस स्वर्णिम उपलब्धि पर गौरवान्वित है तथा सभी देशवासियों के साथ अपार हर्ष व रोमांच का अनुभव कर रहा है।

चंद्रयान-3 की सफलता से आईआईटियंस में उत्साह


Varanasi (dil India live). भारत का चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के स्वर्णिम अध्याय का बुधवार को आईआईटी (बीएचयू) भी गवाह बना। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की धरती पर लैंड होते ही खचाखच भरे एबीएलटी और जी-8 हॉल  ’वंदे मातरम’, ’भारत माता की जय’ और ’हर हर महादेव’ के जयकारों को गूंज उठा। संस्थान के ऐनी बेसेंट व्याख्यान संकुल के दो हॉल और इलेक्ट्रिकल विभाग में छात्रों की साइंस एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल द्वारा हॉल संख्या जी-8 छात्रों से खचाखच भरा रहा। सभी इस सुनहरे पल को अपने मोबाइल में कैद करने को व्याकुल रहे। चंद्रयान-3 के पल-पल चंद्रमा की धरती पर पहुंचने का सजीव प्रसारण देख तालियां बजती रहीं और चंद्रयान-3 ने जैसे ही चंद्रमा पर उतरा वैसे ही छात्रों, अधिकारियों और शिक्षकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस अवसर पर एबीएलटी में लाइव प्रसारण देखने के बाद निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने इसरो के वैज्ञानिकों समेत देश और दुनिया के सभी भारतीयों को नए गौरव प्राप्त होने की बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि से अंतरिक्ष विज्ञान का अध्ययन कर रहे छात्रों को भी काफी मदद मिलेगी। सजीव प्रसारण के अवसर पर एबीएलटी में अधिष्ठाता रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रोफेसर विकास कुमार दूबे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर एलपी सिंह, अधिष्ठाता रिसोर्स एंड अल्मुनी प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव, डॉ आरके सिंह, रजिस्ट्रार इनचार्ज राजन श्रीवास्तव, संयुक्त कुलसचिव डॉ सर्वेश कुमार तिवारी, संयुक्त कुलसचिव लेखा स्वाति बिस्वास आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

आर्यन के बच्चों ने किया खुशी का इजहार


Varanasi (dil India live). चांदपुर, इंडस्ट्रियल इस्टेट स्थित आर्यन पब्लिक स्कूल के बच्चों ने चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग पर खुशी का इजहार किया और वैज्ञानिकों को बधाई दिया।  बच्चों ने प्रबंधक रामाश्रय पटेल, सुनीता पटेल, शिखा पटेल, अंजलि भारद्वाज, सरोज पटेल, सरिता पटेल, नीरज कुमार पटेल, मातेश्वरी पटेल के मार्गदर्शन में चंद्रयान 3 का सजीव प्रतिबिंब बनाकर अपनी वैज्ञानिक सोच को भी दर्शाया। इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाश्रय पटेल ने कहा कि चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण कर भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर दिया है, आज भारत विज्ञान के हर क्षेत्र में आगे है। सफल प्रक्षेपण से आज पूरी दुनिया में भारत के वैज्ञानिकों की सराहना हो रही है। पटेल ने कहा कि यह हम लोगों के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण से अब चंद्रमा पर जीवन की संभावना, पानी की संभावना, चंद्रमा के अनेकों गुण  रहस्यों पर से पर्दा हटेगा। 

कोई टिप्पणी नहीं:

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला

Sarfaraz Ahmad  Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, ...