मातमी दस्तों संग दालमंडी से निकला अलम, दुलदुल का जुलूस
इमाम ज़ैनुल अबेदीन की याद मे हुईं मजलिसें
वाराणसी। मातमी दस्तों के साथ २२ मुहर्रम जुमेरात को दालमंडी से अंजुमन हैदरी के ज़ेरे इंतेज़ाम अलम, दुलदुल का कदीमी जुलूस उठाया गया। मातमी दस्ते के नौजवान जहां सें गुज़रते वहां ज़ियारत करने वालों की भीड़ लग जा रही थी। जुलूस में शामिल अजादार दर्द भरे नौहों पर मातम का नजराना पेश करते हुए चल रहे थे। यह जुलूस देर रात दरगाह–ए–फातमान पहुंच कर समाप्त हुआ।
इमाम ज़ैनुल अबेदीन की शहादत के सिलसिले से दरगाह–ए–फातमान में सैयद फरमान हैदर ने तक़रीर करते हुऐ कहां के इमाम ज़ैनुल आबेदीन ने इबादत और सब्र के ज़रिये सारी दुनिया को ये पैगाम दिया की हमेशा ज़ुल्म का सामना सब्र से करो और अपने रब की इबादत दिल की गहराइयों से किया करो। यहां समर बनारसी, हैदर मौलाई ने कलाम पेश किया। दूसरी ओर जैतपुरा बाक़राबाद में मरहूम अनवर बनारसी के मकान पर मौलाना तौसीफ ने मजलिस को ख़िताब किया। शैख़ सलीम फाटक नयी नई सडक पर शाहिन हुसैन के निवास पर मौलाना अक़ील ने मजलिस को ख़िताब किया। उधर डा. शफ़ीक़ हैदर के निवास पर ख्वातीन की मजलिस का आयोजन किया गया। शफीक हैदर ने बताया की ४ थे इमाम ज़ैनुल अबेदीन की शहादत २५ मुहर्रम ९५ हिजरी को मदीने मे हुईं थी। इसके चलते ही १२ और १३ अगस्त को कई जगह उनकी शहादत पर ताबूत उठाया जायेगा। उन्हें याद किया जाएगा।
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