मजलिस में ताबूत की जियारत कर रो पड़ी ख़्वातीन
Varanasi (dil India live). २४ मुहर्रम को चौथे इमाम हज़रत जैनुल आबेदीन कि शहादत की पूर्व संध्या पर शिया समुदाय ने अपने ग़म का इजहार किया और जगह जगह मजलिसों का एहतमाम किया। अर्दली बाजार में उल्फत बीबी के हाते से अंजुमन इमामिया के ज़ेरे इंतेज़ाम हसन अख्तर के इमामबाड़े से अलम, दुलदुल व ताबूत का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस नौहाखवानी और मातम करते हुए इमामबाड़ा मीर ग़ुलाम अब्बास पर जाकर समाप्त हुआ। ऐसे ही चौहाट्टा लाल खां में अंजुमन अबिदिया ने अलम, ताबूत व दुल्दुल का जुलूस निकाला। जिसमें शहर की कई अंजुमनो ने नौहाखवानी व मातम का नजराना पेश किया। उधर इमाम जैनुल आबेदीन को खिराज ए अक़ीदत पेश करने भदऊँ स्थित गुलशन ए एहसान में चार दिनी मजलिस के अंतिम दिन महिलाओं ने चौथे इमाम का जहां ताबूत उठाया, वही ताबूत कि जियारत कर ख़्वातीन रो पड़ी। काली महाल की मस्जिद में मजलिस को खिताब करते हुऐ शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया की इमाम की शहादत आज से 1350 साल पहले, ९५ हिजरी २५ मुहर्रम को हुईं थी। इमाम की इबादते और दुआएं आज भी दुनिया ए इल्म को रौशन किए हुए है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें