सोमवार, 28 अगस्त 2023

जनाबे सकीना की शहादत पर उठा ताबूत अलम की हुई जि़यारत

दरगाहें फातमान में ताबूत की जियारत को उमड़ा हुजूम


Varanasi (dil India live). 10 सफर 1445 हिजरी सोमवार को शहर भर में इमाम हुसैन की 4 साल की बेटी जनाबे सकीना की शहादत का ग़म शिया वर्ग ने मनाया. सुबह से ही शहर में मजलिसों का सिलसिला जारी रहा. इस अवसर पर दरगाहे फातमान में कदीमी ताबूत निकाला गया, मातमी अंजुमन जवादिया रजिस्टर्ड के जे़रे इंतजाम यह ताबूत दिन में 2:00 उठाया गया। ताबूत की जि़यारत करने के लिए दूर-दूर से मर्द और ख्वातीन दरगाह फातमान पहुंचे हुए थे। इस मौके पर दर्द भरे बयान सुनकर लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े और जनाबे सकीना की मज़लूमी सुनकर अश्क बार हुए। ऐसे ही शहर के दूसरी ओर अर्दली बाजार में हसन अकबर के इमामबारगाह पर रिज़वी परिवार की तरफ से ताबूत उठाया गया जिसकी जि़यारत के लिए दूर-दूर से लोग लोग पहुंचे। इस अवसर पर अंजुमन हैदरी ने दर्द भरा नौहा पेश किया। रामनगर में ओलमा ए कराम ने तकरीर की और अंजुमनों ने नौहा व मातम के ज़रिए जनाबे सकीना को खि़राज अकीदत पेश किया। इस मौके पर लोगों ने अलम और ताबूत की जि़यारत की। शिया जामा मस्जिद के  प्रवक्ता हाजी सैयद फरमान हैदर ने काली महल शिया मस्जिद में तकरीर करते हुए बताया की जनाबे सकीना की शहादत 1385 साल पहले शाम के सीरिया में कैदखाने में हुई थी और उनके ऊपर ऐसे जुल्म ढाए गए थे कि सारी दुनिया हिल गई। जनाबे सकीना की शहादत ने यजीद के जु़ल्मो–सितम को सारी दुनिया के सामने उजागर किया और उसकी हुकूमत मिट गई। सारी दुनिया में आज जनाबे सकीना का ग़म मनाने वाले करोडो है मगर यजीद का नामलेवा कोई नहीं। फरमान हैदर ने बताया कि जनाबे सकीना का नूरानी रौजा़ दमिश्क सीरिया में आज भी मौजूद है जहां लाखों की तादाद में लोग जियारत करने के लिए पहुंचे हुए हैं।

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