शनिवार, 16 अप्रैल 2022

प्रधान डाकघरों में अब यू.पी.आई. (क्यूआर कोड) के माध्यम से भी भुगतान की सुविधा

प्रधान डाकघरों में काउंटरों पर लगे क्यूआर कोड 

कोड स्कैन करके आसानी से कर सकेंगे डिजिटल भुगतान



Varanasi 16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। डाक विभाग भी नवीनतम टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अपनी सेवाओं को कस्टमर फ्रेंडली बना रहा है। इसी क्रम में अब प्रधान डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यू.आर. कोड लगाये गए हैं, जिन्हें स्कैन कर ग्राहक यू.पी.आई के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। पोस्टमास्टर जनरल वाराणसी परिक्षेत्र श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पहले फेज में सभी प्रधान डाकघरों में 16 अप्रैल से इस सेवा का शुभारंभ किया गया। इनमें वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघरों - प्रधान डाकघर वाराणसी, वाराणसी कैंट, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया व रसड़ा में इस सेवा का शुभारंभ हुआ है। प्रधान डाकघरों में स्पीड पोस्ट, पार्सल, पंजीकृत पत्रों की बुकिंग और देश-विदेश को भेजे जानी वाली विभिन्न प्रकार के पत्र/पार्सल व अन्य डाक वस्तुओं के बुकिंग चार्ज का भुगतान अब कैश के अलावा डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भी हो सकेगा। डाक विभाग ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था के लिए क्यू.आर. कोड से यू.पी.आइ आधारित आनलाइन भुगतान की सुविधा ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा दी है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डिजिटल भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रधान डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यू.आर. कोड लगाये गए है जिसका प्रयोग कर यू.पी.आई के माध्यम से डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। पत्र/पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पॉइंट ऑफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी और क्यू.आर. कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न करने को कहा जाएगा। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन कर किसी भी यू.पी.आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, एमेजन पे आदि के द्वारा भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेन्ट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा और ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा डाकघरों में इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुद्रढ़ होगी। अब  डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर रुपयों की समस्या से राहत मिल जाएगी और काउंटर पर बैठे डाक सहायक को रुपयों के लेन-देन से भी छुटकारा प्राप्त हो जाएगा। काउंटर पर रुपयों का लेन-देन शामिल न होने से समय की भी बचत होगी। हालांकि नकद रकम देकर डाक वस्तुओं की बुकिंग का कार्य भी पूर्व की ही भांति होता रहेगा।

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