शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

...ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा

पहले पातशाह गुरू नानक देव के प्रकाशोत्सव पर झूमा सिख समाज 

धूमधाम व उल्लास से गुरुद्वारा गुरुबाग में मनाई गई नानक जयंती


Varanasi (dil India live)। "सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानण होआ, ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा” सिक्ख धर्म के संस्थापक पहले पातशाह जगत गुरू श्री गुरू नानक देव का 555 वां प्रकाशोत्सव (गुरूपर्व) अलौकिक मान्यता के साथ विशेष उत्साह, जोश एवं श्रद्धा भाव के साथ गुरूबाग स्थित गुरुद्वारे में मनाया गया। इस पर्व पर गुरुद्वारे को झालरों व फूलो की मालाओ से दुल्हन की तरह सजाया गया। इस विशेष पर्व पर की गई सजावट, पानी के फव्वारे, फूलों के पौधे एवं बेहद रौशनी से नहाया पूरा प्रागंण आकर्षण का केन्द्र रहा। देव दीपावली पर गुरुद्वारे में शाम 5:15 बजे दीपोत्सव हुआ। देव दीपावली गुरूनानक देव जी महाराज के 555 वें प्रकाश पर्व को समर्पित। प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में विभिन्न घाटों पर बैनर लगाए गये। इससे पहले 14 नवंबर को सांयकाल कार्यकम समय 7.00 बजे से लेकर रात्रि 10:00 बजे तक पंथ के महान हजूरी रागी- श्री दरबार साहिब अमृतसर वाले भाई जगतार सिंह जी व भाई गुरप्रीत सिंह जी शिमला वाले ने गुरुवाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। तत्पश्चात गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली को वाराणसी में छटा बहुत ही निराली थी चारो ओर भक्ति, प्रकाश एंव खुशियों का सरोबार रहा। शुक्रवार को कार्यक्रम की शुरूआत प्रातः 3.45 से शहाना स्वागत गुरूघर की संगत ने फूलो की वर्षा कर, नाम सिमरन, पाठ सुखमनी साहिब, आसा दी वार कीर्तन, प्रातः 9:00 बजे से 10:00 बजे तक गुरूनानक इंग्लिश मीडियम स्कूल गुरुबाग, गुरूनानक खालसा बालिका इण्टर कालेज, गुरूबाग एवं गुरूनानक इंग्लिश स्कूल शिवपुर की छात्रायें शबद गायन कर संगत को निहाल किया। प्रातः 10:00 बजे से 11:00 बजे तक गुरुद्वारे में कथा व कीर्तन चला। प्रातः11:00 बजे से 12:30 बजे तक भाई जगतार सिंह व दोपहर 12:30 बजे से 2:00 बजे तक भाई गुरप्रीत सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। साथ ही साथ गुरू का अटूट लंगर भी बरताया गया। सांयकाल कार्यकम 7.00 बजे शुरू हुआ जो समाचार लिखे जाने तक जारी था। जिसमें पंथ के महान हजूरी रागी श्री दरबार साहिब वाले भाई जगतार सिंह व भाई गुरप्रीत सिंह शिमला वाले व गुरुद्वारे के रागी जत्था भाई नरेन्दर सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। पाठ साहिब की समाप्ति, अरदास साथ ही साथ गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह एवं मीत ग्रन्थी भाई महंत सिंह ने गुरुद्वारे में उपस्थित सभी साध संगत व श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया व शुक्राना अदा किया। भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर गुरूघर में मत्था टेका व गुरू घर की खुशियों प्राप्त की।

गुरुवार, 14 नवंबर 2024

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी 


Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरानी की 266 वी बरसी पूरी अकीदत के साथ गुरुवार को मनाई गई। इस अवसर पर मौलाना ज़मीरूल हसन, मौलाना सैयद मोहम्मद अकील हुसैनी, डॉ. शफीक हैदर तथा मौलाना इब्ने हसन ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनकी दीनी और दुनियावी ख़िदमात पर रौशनी डाली। उलेमा ने कहा कि इल्म की रौशनी बिखेरने वाले शेख अली हजी बनारस से बेहद प्यार करते थे। उन्होंने कहा कि मैं बनारस छोड़कर नहीं जाऊंगा। ये इबादत की आम जगह है। यहां के ब्राह्मणों का बच्चा बच्चा मुझे राम और लक्ष्मण दिखाई देता है।

 वह दौर महाराजा बनारस चेतसिंह का था। महाराजा ने उन्हें जमीन दी जिस पर उन्होंने दरगाहे फातमान की स्थापना की। संयोजक सैयद फरमान हैदर ने मेहमानों का इस्तेकबाल किया । मुतवल्ली अब्बास रिज़वी शफक ने धन्यवाद दिया। इस अवसर पर हाजी आलीम हुसैन, साहब, समर बनारसी, तफसीर जौनपुरी, शब्बू, सैयद फिरोज हुसैन के अलावा बड़ी संख्या में मर्दो खवातीन और अकीदतमंद बच्चे मौजूद थे।

बुधवार, 13 नवंबर 2024

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफ.एफ.डी.सी.) की कानपुर विस्तार इकाई ने वाराणसी के बसनी में साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के कैम्पस में एक उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा फूलों की खेती, उससे बनने वाले उत्पादों की मार्केटिंग और व्यावसायिक अवसरों पर गहन जानकारी प्रदान की गई। साथ ही, फूलों से धूप, अगरबत्ती, गुलदस्ते और अन्य उत्पाद बनाने के प्रैक्टिकल सत्र भी आयोजित किए गए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफ.एफ.डी.सी.) की कानपुर विस्तार इकाई के सहायक निदेशक भक्ति विजय शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फूलों की खेती ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है, और इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है और समाज में आत्मनिर्भरता का संदेश जा रहा है। साईं इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सुगंधित खेती और प्रसंस्करण में लगे किसानों और उद्योगों को सहायता देना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है। उन्होंने किसानों और महिलाओं को अपनी संभावनाओं को पहचानने और इस क्षेत्र में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने बताया कि उद्यम स्थापित करने के इच्छुक लोगों को एफएफडीसी की ओर से आवश्यक तकनीकी सहयोग दिया जाएगा।


योगाचार्य डॉ. अंजना त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि उद्यम स्थापित करने का यह एक उत्कृष्ट अवसर है, क्योंकि एफएफडीसी कन्नौज से चलकर किसानों के द्वार तक आया है। उन्होंने साईं इंस्टिट्यूट के प्रयासों की सराहना की, जो स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। किसानों का स्वागत संस्थान के सदस्य अनंत नारायण सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अनुपमा दुबे द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र की करीब 200 महिलाओं को फूलों से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण पहले ही प्रदान किया जा चुका है।

इस कार्यक्रम में जीतेन्द्र कुमार, रुपेश कुमार, बिहारी पटेल, अमना, दीप्ति पटेल, डॉ राजनाथ वर्मा समेत कुल 50 किसानों ने भाग लिया, जिनमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और फूलों से बने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई। उपस्थित किसानों और महिलाओं ने इस कार्यक्रम से मिले नए व्यावसायिक अवसरों के प्रति आशा और उत्साह व्यक्त किया।

Post Master General ने सेंट पॉल स्कूल की रजत जयंती वर्ष पर जारी किया विशेष आवरण

फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान- श्रीकृष्ण कुमार यादव

Rajkot (dil India live). डाक टिकट संग्रह या फिलेटली के क्षेत्र में डाक विभाग द्वारा तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता के विकास के साथ-साथ यह भी है कि तमाम समसामयिक विषयों, घटनाओं, देश की विभूतियों, जैव विविधता आदि से बच्चे इन डाक टिकटों के माध्यम से रूबरू हो सके। फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। राजकोट परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सेंट पॉल स्कूल की रजत जयंती वर्ष पर 12 नवंबर को विशेष आवरण व विरूपण जारी करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर राजकोट मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री एस के बुनकर, सेंट पॉल स्कूल के प्राचार्य फादर जेम्स, सीनियर पोस्टमास्टर राजकोट श्री अभिजीत सिंघ और सेंट मेरी स्कूल के पूर्व प्राचार्य फादर बिनोय भी उपस्थित रहे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट और विशेष आवरण अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। सेंट पॉल स्कूल जैसे तमाम संस्थान इसमें अहम् भूमिका निभा रहे हैं। इसी क्रम में  एक अभिनव पहल के तहत डाक विभाग विभिन्न स्कूलों में फिलेटली क्लब खोल रहा है, ताकि विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह की अभिरुचि के प्रति उनकी प्रवृत्ति को विकसित किया जा सके। इससे विद्यार्थियों की शिक्षा में भी फायदा मिलेगा। डाक-टिकट संग्रह (फिलैटली) को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों के लिए 6000/- रूपये वार्षिक की "दीन दयाल स्पर्श छात्रवृति योजना" भी आरम्भ की गई है। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फिलेटली को "किंग आफ हॉबी व हॉबी आफ किंग" के रूप में जाना जाता है, जिसमें रूचि रखने पर विविध विषयों पर डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं। साथ ही कहा कि संचार के बदलते दौर में आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया को अधिक तरजीह दे रही है, पर बच्चों को फिलेटली (डाक टिकट संग्रह और उनके अध्ययन) से जरूर जुड़ना चाहिए, इससे उनका सामान्य ज्ञान भी खूब विकसित होगा। 

सेंट पॉल स्कूल के प्राचार्य फादर जेम्स ने कहा कि सेंट पॉल स्कूल एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है जो बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित करता है। सेंट पॉल स्कूल पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण से इसकी पहचान को देश-दुनिया में नया आयाम मिलेगा।

Allahabad Sporting फुटबॉल अकादमी के खिलाड़ियों और पदाधिकारियों ने किया ग्राउंड पूजन, फोड़े पटाखे

देवउठनी एकादशी: एबीआईसी ग्राउंड पर पूजन संग दीप प्रज्वलन 

क्रिकेट अकादमी, हैंडबॉल के खिलाड़ियों और विद्यालय के छात्रों ने भी मनाया पर्व

Mohd Rizwan 


Allahabad (dil India live)। देवउठनी एकादशी पर एंग्लो बंगाली ग्राउंड पर ग्राउंड पूजा का भव्य आयोजन किया गया। इसमें इलाहाबाद स्पोर्टिंग फुटबॉल अकादमी के फुटबॉल खिलाड़ियों एवं अधिकारियो व ग्राउंड के क्रिकेट, हैंडबॉल खिलाड़ियों तथा एबीआईसी के छात्रों ने  मैदान मे दीप प्रज्वलित किया, पटाखे जलाए।इस मौके पर ग्राउंड बहुत ही सुन्दर और आकर्षित लग रहा था, सभी खिलाड़ियों ने अपने आगामी खेल भविष्य के लिए यहां प्रार्थना की।

कार्यक्रम में विद्यालय एवं इलाहाबाद स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष डॉ रामेंदु रॉय, कोषाध्यक्ष संजीव चंदा, एनटीपीसी के मुख्य प्रबंधक अमित रौतेला, सहायक सचिव एवं मुख्य प्रशिक्षक शादाब रज़ा, सहायक प्रशिक्षक अम्बर जायसवाल, सुरेंद्र कुमार, विद्यालय के प्रधानाचार्य स्वास्तिक बोस, क्रीड़ाध्यक्ष रविन्द्र मिश्र, क्रिकेट कोच उदय आदि खेल प्रेमी, कई ग्राउंड के खिलाड़ी एवं विशेष रूप से इलाहाबाद स्पोर्टिंग फुटबॉल अकादमी के पूर्व व वर्तमान खिलाड़ी व क्रिकेट एवं हैंडबॉल आदि के खिलाड़ी मौजूद थे।

मंगलवार, 12 नवंबर 2024

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी


Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री राधामाधव लाल सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित विवाह महोत्सव के अवसर पर श्रीराधामधव की फूलों से सजे रजत सिंहासन पर दिव्य झाँकी सजायी गयी साथ ही साविधि तुलसी विवाह की रस्में पूरी की गई। कोठी की परम्परानुसार अध्यक्ष शचि कुमार साह ने तुलसी शालिग्राम विवाह की विधि सम्पन्न की। इस अवसर पर कोठी को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।

सायंकाल संगीत संध्या का आयोजन किया गया जिसमें शास्त्रीय गायिका सुश्री तेजस्वनी वर्णिकर ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी। उन्होंने गणपति वंदना के पश्चात राग सोहिनी में निबद्ध मध्य लय एवं द्रुत लय की बंदिश पेश किया। उसके बाद सूरदास की रचना 'हे गोविन्द राखो शरण', 'राम का गुणगान करिये', संत विट्ठल का मराठी भजन 'माझे मादेर पंढरी' सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत मे राग भैरवी में 'वेंकटाचल निलयम बैकुंठ प्रवासम' प्रस्तुत कर महोत्सव का समापन किया। उनके साथ संवादिनी पर जमुना वल्लभ दास गुजराती भैय्यन जी एवं तबले पर पंकज राय ने संगत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में काशी के गणमान्यजन उपस्थित रहे। संयोजन शचि कुमार साह ने किया।

Dev Dipawali : Varanasi के आसमान में आज रात से लॉकडाउन

16 नवंबर की आधी रात तक नो फ्लाई जोन घोषित

-नहीं उड़ेंगे ड्रोन, पतंग, गुब्बारे और पैराग्लाइडर

Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live)। देव दीपावली के मद्देनजर वाराणसी कमिश्नरेट क्षेत्र 12 नवंबर की रात 12 बजे से 16 नवंबर की रात 12 बजे तक नो फ्लाई जोन रहेगा। इस दौरान ड्रोन, पतंग, किसी भी प्रकार के गुब्बारे, रिमोट संचालित माइक्रो लाइट्स, एयर क्राफ्ट और पैराग्लाइडर का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. एस चनप्पा ने दिया है। अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) ने कहा कि 15 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली का आयोजन है। कमिश्नरेट में बीते 17 अक्टूबर से 17 नवंबर तक निषेधाज्ञा जारी है। देव दीपावली पर काशी में लाखों श्रद्धालुओं के हुजूम के साथ ही विशिष्ट लोगों का भी आगमन होगा।अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के संपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा और विधि व्यवस्था को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगा और न करने का प्रयास करेगा। किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के संपूर्ण क्षेत्र के अंतर्गत बिना अनुमति ड्रोन, पतंग, किसी भी प्रकार के गुब्बारा, रिमोट संचालित माइक्रो लाइट्स, एयर क्राफ्ट और पैराग्लाइडर का उपयोग नहीं किया जाएगा। आदेश की अवहेलना भारतीय न्याय संहिता-2023 के तहत दंडनीय अपराध होगा।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...