मंगलवार, 12 मार्च 2024

मोमिनों ने खोला रमजान का पहला रोजा



Varanasi (dil india live). रमजान के पहले रोज मस्जिदों से जैसे ही अजान की सदाएं, अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर... की गूंज सुनाई दी, तमाम रोजेदारों ने खजूर और पानी से इस साल का पहला रोजा खोला। इफ्तार में कई तरह के लजीज पकवान संग शर्बत भी सजाया गया था। रोज़ा इफ्तार, और मस्जिदों में नमाज के साथ ही चारों तरफ नूर ही नूर, हर तरफ खुशी ही खुशी मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिली। रमजान की रहमत जहां बरस रही थी वहीं दूसरी ओर इफ्तार के बाद बाजार गुलजार हो गए। पहला रोजा मंगलवार को पड़ा। मस्जिदें पहले ही दिन नमाजियों से भरी हुई थी। इफ्तार के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। इस दौरान सहरी के लिए खरीदारी करते हुए मोमीनीन बाजारों में दिखाई दिए। 

इससे पहले मस्जिदों में नमाजे जोहर व असर के बाद रमजान का टाइम टेबल भी बांटा गया।इस दौरान कई मस्जिदों में नमाज़ के दौरान इमाम साहब आने लोगों को नेकी की दावत देते भी दिखाई दिए। कहां यह महीना नेकियों का महीना है इस महीने की अजमत को समझें और बुराइयों को छोड़कर मोमिनीन ज्यादा से ज्यादा सवाब कमाने में जुट जाएं। उधर ख़्वातीन दोपहर से ही लजीज इफतारी बनाने में जुटी हुई थी। देखते ही देखते कब वक्त इफ्तार का हो गया पता ही नहीं चला और मस्जिदों से अज़ान की सदाएं गूंज उठी रोजेदारों ने पहला रोजा खोला और मुल्क में अमन, मिल्लत और क़ौम की तरक्की की दुआएं मांगी।

इस मस्जिद के सारे नमाज़ी अभी से बैठ गये एतेकाफ पर





Varanasi (dil india live). रमजान की खास इबादतों में शामिल एतेकाफ अमूमन रमजान के आखिरी अशरे में रहा जाता है मगर नबी ने कई बार पूरा रमजान यानी 30 दिन एतेकाफ किया था। नबी कि इसी सुन्नतों पर अमल करते हुए दावते इस्लामी हिंद के मेंबर्स मस्जिद कंकडियाबीर में पूरे रमजान एतेकाफ पर बैठते हैं। इस बार भी दावते इस्लामी इंडिया के मेंबर्स एतेकाफ पर बैठ गए हैं। पूरी मस्जिद इबादतगुजारों से भरी हुई है। एक साथ इबादत,एक साथ जमात से नमाजे अदा करना व एक साथ रोज़ा इफ्तार के साथ ही देश दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआएं करने का नजारा देखते ही बनता है। दावते इस्लामी इंडिया के डा. साजिद अत्तारी बताते हैं कि हर साल दावते इस्लामी इंडिया के लोग एक साथ पहले ही रमजान से एतेकाफ पर बैठ जाते हैं और जब ईद का चांद होता है तो एतेकाफ पूरा करके अपने घरों को लौटते हैं।

क्या है एतेकाफ

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है। इसी इबादत का नाम एतेकाफ है। 

सुन्नत है "एतेकाफ"

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। 

आपकी रहनुमाई के लिए हेल्पलाइन

अगर आपके जेहन में भी रमजान को लेकर कोई सवाल है तो फोन करें। इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी देंगे।  

9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483

गुरुवार, 7 मार्च 2024

राष्ट्रीय विज्ञान अविष्कार प्रतियोगिता का हुआ आयोजन


Varanasi (dil India live). बीआरसी चोलापुर पर राष्ट्रीय विज्ञान अविष्कार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी चोलापुर ब्लॉक के उच्च प्रथामिक विद्यालयों के छः-छः बच्चों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उद्‌घाटन खण्ड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार राय द्वारा किया गया। ए.आर.पी. सरोज कुमार शर्मा की देखरेख में यह आयोजन सकुशल सम्पन्न हुआ। ए.आरपी नीतीश कुमार यादव, भारती मिश्रा, विवेकानन्द व अन्य शिक्षकगण कार्यक्रम में मौजूद थे। सभी प्रतिभागीयों को मेडल व सर्टिफिकेट, 501 रुपये भी 10 प्रतिभागियों को दी गयी। प्रतियोगिता का आयोजन तीन चरणों में कराया गया। प्रथम चरण में 162 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रथम चरण में 20 व दूसरे चरण में 50 प्रतिभागिओं को चयनित किया गया । अन्तिम 10 प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ चुना गया । सर्वश्रेष्ठ 10 प्रतिभागियों को मेडल व 501 रुपये की धनराशि से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता की सुचिता को बनाये रखने के लिये 5 सदस्यीय समिति बनाई गयी। जिसमें सरोज पाण्डेय, शबनम बानो, ओमप्रकाश यादव, भोलेनाथ, राजेश कुमार यादव थे।

सोमवार, 4 मार्च 2024

सेंट पॉल स्कूल: स्पोर्ट्स में विभिन्न टीमों ने अपनी प्रतिभा का मनवाया लोहा




Sonbhadra (dil India live). सेंट पॉल स्कूल द्वारा इन्टर स्कूल स्पोर्टस कॉम्पटीशन का आयोजन सोनभद्र के रामगढ़ स्थित स्कूल परिसर मे किया गया। 28, 29 फरवरी, 1 व 2 मार्च को हुए मैच में विभिन्न टीमों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसमें बैडमिंटन और क्रिकेट टीम ने भाग लिया। कुल आठ स्कूल ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। प्राथमिक विद्यालय (दुबौलिया), अग्रसेन स्कूल (पन्नूगंज), डिप्स कान्वेंट स्कूल (पड़रीकला), कालिदास एजुकेशनल इंस्टिट्यूट हायर सेकेंडरी स्कूल रामगढ, सेंट पॉल स्कूल ( रामगढ़ ) सोनभद्र, ड्रीम सेण्टर स्कूल सोनवट, साई स्कूल (तेलाडी) व डीपीएस स्कूल ने भाग लिया। बैंडमिन बलिका वर्ग में अग्रसेन स्कूल ने कालीदास स्कूल को (11-7, 21-8) से हराया, बैडमिटन बालक वर्ग में सोनभद्र ड्रीम स्कूल ने सेंट पॉल स्कूल को (21-1) और (21-17) में हराया। क्रिकेट बालिका वर्ग में डिप्स कान्वेंट स्कूल ने सेंट पॉल स्कूल को 5 विकेट से हराया। क्रिकेट में बालक वर्ग में सेंट पॉल स्कूल ने अग्रसेन स्कूल को 25 रनो से हराया। मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी अरविंद पटेल ने खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया।

रविवार, 3 मार्च 2024

Modi के खिलाफ सतपाल मलिक क्यों बनाएं जाएं प्रत्याशी, जानिए क्या है सपा की मांग

सतपाल मलिक को मोदी के खिलाफ उतारने की उठी मांग 


Varanasi (dil India live). इंडिया गठबंधन से पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से सतपाल मलिक को चुनाव मैदान में उतारे जाने की मांग शुरू हो गई है। यह मांग की है समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अतहर जमाल लारी ने। लारी ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व से मांग करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार फिर वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अभी इंडिया गठबंधन से किसी प्रत्याशी का ऐलान नहीं हुआ है। इंडिया गठबंधन में यह सीट कांग्रेस को गई है। कांग्रेस नेताओं से मेरी अपील है कि वाराणसी लोकसभा से इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार पूर्व गवर्नर सतपाल मलिक को बनाया जाए। यह बड़ा ही अच्छा निर्णय रहेगा। अगर हमारी बात पसंद आए तो इंडिया गठबंधन और खास तौर से कांग्रेस के नेताओं को विचार विमर्श करना चाहिए, क्योंकि सतपाल मलिक भी भाजपा में रहे हैं और इसी सरकार में गवर्नर से लेकर के कई पदों पर रह चुके हैं और जिस बेबाकी से उन्होंने इस सरकार की करगुजारियों का पर्दाफाश किया है उसका फल उन्हें वाराणसी लोकसभा से चुनाव लड़ेंने पर जनता देगी। वो तमाम उन बातों को जनता के बीच में मजबूती से रखने का काम करेंगे और एक बड़ी टक्कर होगी।

शनिवार, 2 मार्च 2024

Imam Mehdi की शान में हुई महफिल, हुई भव्य सजावट

जश्न बकीतुल्लाह में शायरों ने कलाम से लूटी महफ़िल 

Varanasi (dil India live). 18 शाबान शनिवार को जश्न बकीतुल्लाह का आयोजन मौलाना शमीमुल हसन साहब की सदारत में शनिवार को किया गया। हकीम मोहम्मद काजिम के दालमंडी स्थित इमामबाड़े में आयोजित हुए जश्न की शुरुआत पाक कुरान की तिलावत से हुई। निजा़मत मौलाना गुलजा़र  मौलाई कर रहे थे। आयोजन में मुकामी शायर के साथ-साथ मेहमान शायर भी तशरीफ लाएं जिसमें मुख्य रुप से मेहमान  खुसूसी में मौलाना तजीबुल हसन रांची, जुल्फिकार सिवान, फैय्याज रायबरेली, वहदत जौनपुरी, इमरान गदीरी, वारिस जलालपुरी, रेहान जलालपुरी के साथ-साथ शहर बनारस के मशहूर शायर प्रोसेसर अजीज हैदर, रेहान बनारसी, मौलाना दिलकश गाजीपुरी, मौलाना गुलजार मौलाई, अतश बनारसी, ऋषि बनारसी, मौलाना बाकर बलियावी मौजूद थे ।

जश्न में शहर बनारस में तराने बा खिदमत इमाम ई ज़माना सलाम फरमनदे का आयोजन किया जा रहा है जश्न में आए तमाम मेहमानों का स्वागत जश्न के बानी जि़या मरहूम के बेटे साकिब अब्बास ने किया। यह जश्न मध्यरात्रि रात तक चला जिसमें बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत किया और इमाम की विलादत का जश्न मनाया। इस दौरान शायरों ने अपने कलाम से महफ़िल लूट ली। एक से एक खूबसूरत कलाम से लोगों को शायरों ने फैज़याब किया। आखिर में सैयद फरमान हैदर ने लोगों का शुक्रिया अदा किया।

रविवार, 25 फ़रवरी 2024

shab-a-baraat पर हुई इबादत, लोगों ने मांगी मगफिरत की दुआएं

इबादत में मशगूल रहे लोग, होती रही नूर की बारिश 



Mohd Rizwan

Varanasi (dil India live)। शबे बरात पर रौशनी के बीच इबादतगाह और कब्रिस्तान जहां Sunday को जायरीन से गुलजार रही, वहीं लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने व दुआएं मगफिरत मांगने के लिए बुजुर्गों के दर पर उमड़ा हुआ नजर आया। यह सिलसिला पूरी रात चलेगा। चले भी क्यों नहीं इबादत कि रात जो है।

दरअसल इस्लाम में शब-ए-बरात की खास अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना शाबान का महीना है। इस महीने की 14 तारीख का दिन गुजार कर जो शब आती है उस 15 वीं शब की रात में शब-ए-बरात (मगफिरत की रात) मनाया जाता है। इतवार की रात को देश दुनिया की तरह अपने शहर बनारस में भी शबे बरात पर सारा जहां रौशन नजर आया। शब-ए-बरात इबादत, फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी जाती है। इसीलिए तमाम मुस्लिमों ने रात में इबादत शुरू किया और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी, यह सिलसिला पूरी रात चलेगा। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात पर इबादत करती नज़र आयी। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हुए। 

इससे पहले इतवार की शाम को मगरिब की अजान होने के साथ शब-ए-बरात की इबादत शुरू हो गयी। यह सिलसिला सोमवार को फजर की नमाज तक चलेगा। इस दौरान काफी लोग शाबान का नफिल रोजा भी रखते हैं। जो लोग रोज़ा रहेंगे वो सोमवार को अल सहर सहरी करके रोज़ा रहेंगे और शाम में मगरिब की अज़ान के साथ इफ्तार करके रोज़ा खोलेंगे।

क्या है shab-a-baraat

दरअसल शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी। किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटी हुई थी। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो गई। 

यहां दिखा अकीदत का हुजूम

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, कबीरनगर कब्रिस्तान (निकट संजय शिक्षा निकेतन), बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानी टोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर, टेंगरा मोड़ आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने उमड़ा हुआ था। यहां लोगों ने शमां रौशन किया और फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगी। इसी के साथ शबे बरात के 15 दिनों के बाद मुक़द्दस रमजान का महीना शुरू हो जाएगा और 30 रोज़े मुकम्मल होने पर ईद आएगी।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...