चर्चेज में अमन के राजकुमार की आराधना में डूबे मसीही
Varanasi (dil India live).03.12.2023. अमन के राजकुमार तेरा हो अभिषेक...। हो हो प्यारी रात, हो खुशी की रात आयी है...। कुछ ऐसे ही कैरोल गीत फिज़ा में संडे को बुलंद हो उठें। मौका था प्रभु यीशु के जन्म के पूर्व पड़ने वाले "आगमन" काल के पहले संडे का।
क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन काल के पहले इतवार से हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।
दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो 3 दिसंबर से इस बार शुरू हो गया है। दरअसल ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है। चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। सेंट पाल चर्च के पादरी सैम जोशुआ व पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर फिलिप डेनिस ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आगमन का पहला इतवार इस बार 3 दिसंबर है। वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित ने प्रार्थना करायी। अब आगमन का दूसरा इतवार 10 दिसंबर और 17 दिसंबर आगमन का तीसरा और इसके बाद क्रिसमस आयेगा। इस मौके पर लाल चर्च में आगाज़-ए-मसीह का आयोजन किया गया जिसमें पादरी संजय दान ने आराधना करायी। आयोजन में शशि प्रकाश, विशाल लयूक, सरिता फिलिप्स, विजय दयाल आदि मौजूद थे। ऐसे ही मुगलसराय में फादर विजय शांति राज की अगुवाई में प्रभु यीशु मसीह की आराधना और प्रार्थना कर विश्व शांति की दुआएं मांगी गई। इस दौरान दूर दराज से काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग जुटे हुए थे।