"सतगुरू नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानण होआ, ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा”
Varanasi (dil India live).27.11.2023. सिख पंथ के संस्थापक पहले पातशाह गुरुनानक देव का 554 वां प्रकाशोत्सव सोमवार को आस्थापूर्वक देश दुनिया में मनाया जा रहा है। इस जश्न का आगाज़ रविवार की देर रात से ही काशी में शुरू हो गया था। नानक देव की आगमन स्थली गुरुद्वारा गुरुबाग को विभिन्न फूलों, रंगबिरंगी झालरों और फव्वारों से खूबसूरत सजावट की गई है। मानों पूरा परिसर गुरु नानकदेव की अखंड आभा से जगमग हो उठा हो। रविवार की रात गुरुद्वारा गुरुबाग में हजूरी रागी भाई अमनदीप (दरबार साहिब वाले) व भाई जगतार सिंह (जम्मू वाले) ने गुरुवाणी से संगत को निहाल किया। रात में सभी ने गुरु का लंगर छका।
सोमवार की सुबह 3.45 बजे से शहाना स्वागत, उसके बाद नाम सिमरन, सुखमनी साहिब का पाठ, आसा दी वार, कीर्तन हुआ। इस दौरान गुरु नानक इंग्लिश स्कूल, गुरुनानक खालसा बालिका इंटर कॉलेज, एवं गुरु नानक इंग्लिश स्कूल शिवपुर की छात्राएं शबद गायन कर संगत को निहाल किया। इस दौरान मुख्यग्रंथी भाई रंजीत सिंह ने नानक वचन और सिख कथा से लोगों को निहाल किया। इस दौरान गुरु का अटूट लंगर छकने सभी वर्ग के लोग मौजूद थे।
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