कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में लगी आस्था और श्रद्धा की डुबकी
देवताओं की दीपावली पर सभी ने किया दीपदान
Varanasi (dil India live).27.11.2023. धर्म की नगरी काशी में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। प्रातः से से ही वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध राजेंद्र प्रसाद घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, केदार घाट, राजघाट समेत सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु गंगा में स्नान ध्यान करने के बाद आचमन करते हुए अपने श्रद्धा अनुसार ब्राह्मण एवं निर्धन व्यक्तियों को दान करते दिखाई दिए। काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ था। दूर-दूर से भारी संख्या में आए भक्त बाबा के दर्शन पाने के लिए रात भर से ही लाइन में लग गए थे। इस दौरान देवताओं की दीपावली पर सभी ने दीप दान किया।
आखिर कार्तिक पूर्णिमा की क्या है मान्यता
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर विभिन्न मान्यताएं हैं, लेकिन एक प्रचलित मान्यता के अनुसार आदिकाल में त्रिपुरासुर नामक राक्षस का आतंक व्याप्त था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर का रूप लेकर त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इस दौरान भगवान विष्णु ने भगवान शंकर को त्रिपुरारी नाम दिया, जो कि महादेव के विभिन्न नामों में से एक है। इस वध से सभी देवी देवता प्रसन्न हुए और देवी- देवताओं ने भगवान शंकर की नगरी काशी में गंगा किनारे दीप जलाकर दीपावली मनाई, तभी से यह परंपरा काशी में चली आ रही है। मानता है कि तभी से काशी में प्रत्येक देव-दीपावली के अवसर पर साक्षात देवतागण स्वर्ग से उतरकर काशी में दीपावली मनाने आते हैं, तो वही इस पर्व को भगवान विष्णु के प्रथम अवतार यानी मत्स्य अवतार के रूप में भी मनाया जाता है।
आदिकाल में वेदों की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार लिया था, जो कि उनका पृथ्वी पर प्रथम अवतार था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान से अपने पापों की मुक्ति मिलती है। प्रातः से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे । तो वहीं काशी के विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का की लंबी कतार लगी हुई है. इसके अलावा काशी के काल भैरव मंदिर, संकट मोचन मंदिर, दुर्गाकुंड समेत सभी प्रमुख मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है, तो वही घाट पर ही गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालु घाट और मंदिरों में दर्शन पूजन व दीपदान करते दिखाई दिए।
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