गुरुवार, 24 अगस्त 2023

mission chandrayaan-3 की सफलता के 'सिकंदर'






मिशन में इन वैज्ञानिकों की दिन-रात की मेहनत शामिल

Varanasi (dil India live). 24.08.2023. भारत चांद पर पहुंच गया है। वो भी वहां, जहां कोई कभी नहीं पहुंचा। जी हां साउथ पोल। 23 अगस्त की शाम 6.4 मिनट पर चांद पर सूरज उगते ही ISRO के चंद्रयान ने लैंडिंग कर इतिहास बनाया।चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचाने का यह इतिहास यूं ही नहीं रचा। इसके पीछे है सैकड़ों वैज्ञानिकों की दिन-रात की मेहनत शामिल है। इस सपने को साकार करने के लिए ISRO टीम के हर सदस्य के पास अपनी एक अलग जिम्मेदारी थी।लखनऊ की बेटी रितु कारिधाल के हाथों में लैंडिंग की कमान थी। वह मिशन की निदेशक थी। इसके अलावा यूपी के 5 वैज्ञानिक भी इस टीम का हिस्सा रहे हैं।

जानिए मिशन चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है। ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा था अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। जल्दी सूर्य पर आदित्य एल1 भेजा जाएगा। गगनयान पर भी काम जारी है।

UP के ''स्टार्स'' को भी पढ़िए 

मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के लिए ISRO के 50 वैज्ञानिकों ने दिन रात एक कर दिया। चंद्रयान लॉन्च होने के पहले इसके कलपुर्जे, टेक्नोलॉजी और ट्रैकिंग डिवाइस आदि पर विस्तार से कार्य किया गया। हर एक टेक्नोलॉजी की जांचा-परख की गई। इनमें UP के पांच वैज्ञानिकों का भी अहम किरदार है।

इस फेहरिस्त में पहला नाम आता है फिरोजाबाद के धर्मेंद्र प्रताप यादव का। दूसरा नाम है गाजीपुर के कमलेश शर्मा, तीसरे प्रतापगढ़ के रवि केसरवानी, चौथे फतेहपुर के सुमित कुमार व मुजफ्फरनगर के अरीब अहमद।

धर्मेंद्र प्रताप यादव अब्दुल कलाम से है प्रेरित 

23 अगस्त की सुबह जिले के टूंडला तहसील में एक छोटे से गांव टीकरी में मीडिया पहुंची। जहां शंभु दयाल ISRO में काम करने वाले वैज्ञानिक धर्मेंद्र प्रताप यादव के पिता हैं। घर में शंभु दयाल की पत्नी भगवान से चंद्रयान-3 की सफलता की कामना के लिए पूजा अर्चना कर रही थीं। बातचीत में शंभू दयाल ने कहा, ''आज का दिन हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज देश इतिहास रचने वाला है।''

घर के बाहर इंजीनियर डीपी यादव साइंटिस्ट इसरो की नेम प्लेट लगी है। शाम को जैसे ही मिशन सफल हुआ, मिठाइयां बंटने लगीं। धर्मेंद्र यादव के पिता को फूल-माला से लाद दिया गया। भाई राहुल ने मीडिया को बताया, ''धर्मेंद्र भैया, इस मिशन में सक्रिय भूमिका में हैं। वह सिग्नल ट्रैकिंग टीम में हैं। जो चंद्रयान के संपर्क की लगातार मॉनिटरिंग करती है।'' राहुल ने बताया कि काम के चलते भैया और भाभी बेंगलुरु में रहते हैं। अंतिम बार वो फरवरी में गांव आए थे। इसके बाद करीब 15 दिन पहले उनसे फोन पर बात हुई थी। भाभी से बात हुई थी, वो बता रहीं थी चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए वो 24 घंटे ऑफिस में रहते हैं।धर्मेंद्र के पिता पेशे से किसान हैं। धर्मेंद्र की सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई। इसके बाद फिरोजाबाद के ब्रजराज सिंह इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की। उन्होंने मथुरा के हिन्दुस्तान कॉलेज से बीटेक किया और फिर एमटेक की पढ़ाई जालंधर से की। इसके बाद से वो बेंगलुरु स्थित ISRO में 2011 से वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। परिवार वालों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से प्रेरित होकर धर्मेंद्र विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़े।

गाजीपुर के कमलेश शर्मा शिक्षा में रहा टापर

गाजीपुर के रेवतीपुर गांव के तेजमल राय पट्टी के रहने वाले वैज्ञानिक कमलेश शर्मा मिशन चंद्रयान-3 टीम के अहम सदस्य हैं। 2010 से ISRO में कार्यरत कमलेश मंगलयान अभियान में प्राइम कंट्रोलर हैं। कमलेश शर्मा के पिता अधिवक्ता वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि कमलेश चंद्रयान-3 की रिव्यू टीम का हिस्सा हैं। देश के इस बड़े मिशन में बेटे के योगदान को लेकर उन्होंने खुशी जाहिर की। साधारण परिवार में 15 सितंबर 1986 को जन्मे कमलेश की शुरुआती शिक्षा गांव में ही हुई। हाईस्कूल और इंटर की शिक्षा आदर्श इंटर कालेज महुआबाग से ली। 12 वीं में कमलेश ने पूरे जिले में टॉप किया था। इसके बाद की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से हुई। साल 2008 में गणित से परास्नातक करने वाले कमलेश ने कुल 10 गोल्ड मेडल हासिल किए। मीडिया कमलेश के घर पहुंची, तो पता चला उनके माता-पिता लखनऊ में हैं। पूरा परिवार चंद्रयान मिशन की कामयाबी के लिए प्रार्थना कर रहा है। पिता वेद प्रकाश ने बताया कि उनकी 15 दिन पहले बेटे से बात हुई थी। कमलेश मिशन चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर बेहद बिजी हैं। बेटे ने कहा था कि इस बार मिशन जरूर सफल होगा। और वही हुआ। देश के लिए यह गौरव की बात है।

सैटेलाइट टीम का हिस्सा अरीब अहमद

मुजफ्फरनगर की खतौली कस्बे के मोहल्ले मिट्ठूलाल में जश्न का माहौल है। लोगों में मिठाइयां बांटी जा रही है। उत्सवी माहौल में काजी महताब सबसे ज्यादा खुश दिखाई दिए। खुश हों भी क्यों न, जिस मिशन के लिए देश का नाम विश्वभर में ऊंचा हुआ, उस मिशन की सफलता की पटकथा लिखने में उनके बेटे अरीब अहमद का भी हाथ है।अरीब अहमद ISRO में 2021 से कार्यरत हैं। पिता के मुताबिक, उनका बेटा चंद्रयान-3 की सैटेलाइट टीम का हिस्सा है। अरीब अहमद के पिता काजी मेहताब जिया ने कहा, देश के लिए यह गौरव का पल है। इसरो के वैज्ञानिकों की कमर तोड़ मेहनत ने देश को सफलता दिलाई है। यह कस्बे ही नहीं देश भर के लिए यादगार पल है।

प्रतापगढ़ के रवि का सुझाव रहा 'अनमोल' 

प्रतापगढ़ के कुंडा कस्बे के सरयूनगर में ओम प्रकाश केसरवानी की दुकान है। ओमप्रकाश ISRO वैज्ञानिक रवि केसरवानी के पिता हैं। चंद्रयान की सफलता के बाद घर-परिवार में उत्सव का माहौल है। रवि ने कुंडा में पांचवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद वे पुणे चले गए। वहां से उन्होंने बीटेक किया। इसके बाद 2016 में इसरो से प्रशिक्षण लिया। 2019 में उनकी नियुक्ति साइंटिफिक टेक्निकल ऑफिसर-C के पद पर हुई।

टेक्निकल ऑफिसर के पद पर तैनात रवि की टीम ने चंद्रयान-3 में लगे 'शेप' (SHAPE) का सुझाव दिया था। इसने लैंडिंग में अहम रोल अदा किया। शेप लगने से यान सीधे धरती से जुड़कर प्रकाश ले रहा है। चंद्रयान-2 में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। पिता रवि बताते हैं कि चंद्रयान की तैयारी से पहले सभी वैज्ञानिकों ने मीटिंग कर नए उपकरण जोड़ने के संबंध में सुझाव मांगे थे। तब रवि की टीम ने शेप का सुझाव दिया था।

सुमित ने डिजाइन किया कैमरा

फतेहपुर के विजय नगर निवासी सुमित कुमार मिशन चंद्रयान-3 में शामिल हैं। सुमित साल 2008 से इसरो के अहमदाबाद केंद्र में काम कर रहे हैं। वह वर्तमान में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में तैनात हैं। चंद्रयान की कामयाबी के लिए सुमित के भाई सुशील, बहन प्रीति, भांजा कार्तिक ने बताया कि सकुशल लैंडिंग के लिए सुबह से प्रार्थना करते रहे।मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे अत्याधुनिक कैमरों को सुमित कुमार और उनकी टीम ने डिजाइन किया। लैंडर और रोवर में लगे पांच कैमरों को अत्याधुनिक तरीके से डिजाइन किया गया है। पेलोड में लगे कैमरों ने लैंडर और रोवर को चांद पर ठहरने की जगह और दिशा दिखाने में मदद की। सुमित अर्जुन सिंह के बेटे हैं।

Chandrayaan-3 Landing Success: चांद पर भारत


New delhi (dil India live). Chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत ने विश्व में एक नया इतिहास रच दिया है. Moon Missions Success के बाद अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चौथा सफल देश बन गया जिसने चांद पर सफल लैंडिग की है. इसी के साथ 23 अगस्त 2023 की तारीख ने भारत को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना दिया. भारत ने इससे पहले दो मून मिशन भेजे हैं. 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान 1 मिशन को लॉन्च किया गया था.  इसके बाद 22 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया. हालांकि ये मिशन सफल नहीं हो सका. भारत के पड़ोसी चीन ने चांग-ए 1 को 2007 में चांद पर भेजा. 23 नवंबर 2020 को चीन ने चांग-ए 5 लॉन्च किया. 

दुनिया के Moon Missions

दुनिया भर में अब तक कई मून मिशन हुए हैं. सबसे पहले रूस ने लूना-2 को चांद की सतह पर उतारा. लूना-2 एक इम्पैक्टर मिशन था यानी चांद की सतह पर इसकी हार्ड लैंडिग हुई थी. हालांकि, पहले इससे 4 जनवरी, 1959 को लूना-1 भी लॉन्च किया गया.

लूना-1 चांद के नजदीक पहुंचने वाला पहला मिशन बना, लेकिन ये चांद की सतह पर उतरने में कामयाब नहीं हो सका, क्योंकि लूना-1 की एंट्री चांद की ऑर्बिट में फेल हो गयी और ये सूर्य की ऑर्बिट में चला गया. 3 फरवरी, 1966 को लूना-9 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन बना. 

चांद की कक्षा में जाने वाला पहला मानव

24 दिसंबर 1968 को नासा ने अपोलो 8 मिशन लॉन्च किया. चंद्रमा की कक्षा का चक्कर काटने वाला पहला मानव मिशन बना. इसके बाद अपोलो 9 और अपोलो 10 लॉन्च किया गया जो असफल रहे. 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 लॉन्च किया गया. इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे गए. अपोलो 11 के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने. 

अपोलो 13- ‘सक्सेसफुल फेलियर’ 

11 अप्रैल 1970 को नासा ने अपोलो 13 लॉन्च किया. अपोलो 13 मिशन चांद की सतह पर इंसानों को उतारने का तीसरा प्रयास था, लेकिन सर्विस मॉड्यूल ऑक्सीजन टैंक के फटने के बाद मिशन को रोकना पड़ा. इस मिशन में अंतरिक्ष यान चांद के नजदीक से गुजरा. ऑक्सीजन की कमी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस आना पड़ा. काफी मश्क्कत के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली गई.

31 जनवरी 1971 को नासा के अपोलो 14 लॉन्च किया गया. इसमें मिशन कमांडर एलन बी शेपर्ड जूनियर, लूनर मॉड्यूल पायलट एडगर डी. मिशेल,  कमांड मॉड्यूल पायलट स्टुअर्ट ए. रूसा सवार थे. अपोलो 14 के मिशन कमांडर एलन शेपर्ड ने चांद पर गोल्फ खेलने वाले पहले इंसान बने. 

अपोलो 14 के बाद अमेरिका ने अपोलो 15 को चांद पर भेजा. 26 जुलाई, 1971 को अपोलो 15 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया. इसमें मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट, लूनर मॉड्यूल पायलट जेम्स बी. इरविन, कमांड मॉड्यूल पायलट अल्फ्रेड एम. वर्डेन सवार थे. अपोलो 15 के मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट चांद पर जाने वाले सातवें व्यक्ति और चांद पर लूनर रोविंग व्हीकल चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं.

चांद पर आखिरी मैन-मिशन

अपोलो 17 चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन है. इसे  7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था. यूजीन ए. सेर्नन, हैरिसन एच. श्मिट, रोनाल्ड ई. इवांस इस मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे. युजिन सर्नन चांद पर कदम रखने वाले आखिरी इंसान हैं.

Moon Missions Success के लिए काशी में पूजा संग दुआख्वानी 








Varanasi (dil India live). चंद्रायन–3 Missions Success के लिए काशी में सभी सुबह से ही पलके बिछाएं हुए थे। एक ओर जहां पूजा–पाठ का दौर चला वहीं दूसरी ओर मस्जिदों में पांच वक्त की नमाजों के दौरान इमाम साहेबान ने दुआ में हाथ उठाया। उधर वाराणसी में भारत माता मंदिर के प्रांगण में विद्यापीठ के छात्र–छात्रों द्वारा चंद्रयान-3 के सकुशल लैंडिंग होने को लेकर प्रार्थना और दुआएं मांगी गई। इस दौरान हिंदू -मुसलिम दोनों वर्गों के छात्र–छात्राओं ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ एवं दुआखवानी में शामिल होकर देश की एकजुटता का पैगाम भी दिया। इस मौके पर मुस्लिम टोपी लगाए देशभक्ति की गाथा लिखते नजर आए तो हिन्दू छात्र मांथे पर तिलक लगाकर भारत मां के सच्चे सपूत होने की गवाही दे रहे थे। जहां एक ओर पांच वक्त की नमाजों के दौरान मस्जिदों में इमाम साहेबान ने, या अल्लाह चन्द्रायन–३ की लैंडिंग सफल हो जाए…जैसी दुआख्वानी की तो मस्जिद के तमाम नमाजियों ने आमीन…कहा। यह सिलसिला असर की नमाज के दौरान और तेज हो गया। इस दौरान ख्वातीन ने घरों में दुआएं मांगी। उधर चंद्रयान 3 की सफलता के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में षोडशोपचार पूजन किया गया। 
वहीं बुधवार को आरती के पश्चात झूलेलाल मंदिर लक्सा वाराणसी में चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग के लिए सिंधी समाज के स्त्री-पुरुषों ने विशेष प्रार्थना (अरदास) किया।
ऐसे ही श्रावण मास शुक्ल सप्तमी पर जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर देवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में बुधवार को प्रातः से अपराहन तक भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक स्थली भेलूपुर में चन्द्रयान-3 की सफलता, वैज्ञानिको के अथक प्रयास, हमारे राष्ट्र का नाम स्वर्ण अक्षरों मे लिखा जाए, चांद पर तिरंगा लहराए के लिए विशेष पूजा में भक्तामबर बिधान कर सैकड़ो भक्तो ने भेलूपुर स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर मे किया एवं भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक पर अभिषेक, शान्तिधारा, मंगल आरती कर निर्वाण लाडू (लड्डू) भक्तो ने चढाया। आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री अरूण जैन, समाज मंत्री तरूण जैन, सौरभ जैन, विजय जैन, विनोद जैन, सुधीर पोद्दार सहित काफी संख्या में महिलाए-पुरूष उपस्थित थे। व्यापारी नेता घनश्याम जायसवाल ने चंद्रयान की सफलता पर सोनारपुरा में लोगों में मिठाईयां बांटी एवं तिरंगा लेकर हर्ष का इजहार किया। सरकारी स्कूल इस आयोजन को लिए पहली बार शाम में खोले गए थे। 

भारत ने श्रेष्ठता साबित किया: सुधीर कुमार जैन

Varanasi (dil India live). काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर कुमार जैन ने बुधवार को चन्द्रयान - 3 का चन्द्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग पर हर्ष जताते हुए कहा कि यह एक ऐसी बेमिसाल घड़ी है, जिसने न सिर्फ हर एक भारतवासी को गौरव के भाव से अभिभूत कर दिया है, बल्कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की श्रेष्ठता को एक बार फिर साबित किया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में विद्यार्थी आज इस घटना के साक्षी बने हैं। विद्यार्थी जीवन में इस दृश्य को देखना विद्यार्थियों के लिए परिवर्तनकारी उत्साहवर्धन है। विश्वविद्यालय परिवार देश व इसरो की इस स्वर्णिम उपलब्धि पर गौरवान्वित है तथा सभी देशवासियों के साथ अपार हर्ष व रोमांच का अनुभव कर रहा है।

चंद्रयान-3 की सफलता से आईआईटियंस में उत्साह


Varanasi (dil India live). भारत का चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के स्वर्णिम अध्याय का बुधवार को आईआईटी (बीएचयू) भी गवाह बना। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की धरती पर लैंड होते ही खचाखच भरे एबीएलटी और जी-8 हॉल  ’वंदे मातरम’, ’भारत माता की जय’ और ’हर हर महादेव’ के जयकारों को गूंज उठा। संस्थान के ऐनी बेसेंट व्याख्यान संकुल के दो हॉल और इलेक्ट्रिकल विभाग में छात्रों की साइंस एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल द्वारा हॉल संख्या जी-8 छात्रों से खचाखच भरा रहा। सभी इस सुनहरे पल को अपने मोबाइल में कैद करने को व्याकुल रहे। चंद्रयान-3 के पल-पल चंद्रमा की धरती पर पहुंचने का सजीव प्रसारण देख तालियां बजती रहीं और चंद्रयान-3 ने जैसे ही चंद्रमा पर उतरा वैसे ही छात्रों, अधिकारियों और शिक्षकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस अवसर पर एबीएलटी में लाइव प्रसारण देखने के बाद निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने इसरो के वैज्ञानिकों समेत देश और दुनिया के सभी भारतीयों को नए गौरव प्राप्त होने की बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि से अंतरिक्ष विज्ञान का अध्ययन कर रहे छात्रों को भी काफी मदद मिलेगी। सजीव प्रसारण के अवसर पर एबीएलटी में अधिष्ठाता रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रोफेसर विकास कुमार दूबे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर एलपी सिंह, अधिष्ठाता रिसोर्स एंड अल्मुनी प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव, डॉ आरके सिंह, रजिस्ट्रार इनचार्ज राजन श्रीवास्तव, संयुक्त कुलसचिव डॉ सर्वेश कुमार तिवारी, संयुक्त कुलसचिव लेखा स्वाति बिस्वास आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

आर्यन के बच्चों ने किया खुशी का इजहार


Varanasi (dil India live). चांदपुर, इंडस्ट्रियल इस्टेट स्थित आर्यन पब्लिक स्कूल के बच्चों ने चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग पर खुशी का इजहार किया और वैज्ञानिकों को बधाई दिया।  बच्चों ने प्रबंधक रामाश्रय पटेल, सुनीता पटेल, शिखा पटेल, अंजलि भारद्वाज, सरोज पटेल, सरिता पटेल, नीरज कुमार पटेल, मातेश्वरी पटेल के मार्गदर्शन में चंद्रयान 3 का सजीव प्रतिबिंब बनाकर अपनी वैज्ञानिक सोच को भी दर्शाया। इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष रामाश्रय पटेल ने कहा कि चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण कर भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर दिया है, आज भारत विज्ञान के हर क्षेत्र में आगे है। सफल प्रक्षेपण से आज पूरी दुनिया में भारत के वैज्ञानिकों की सराहना हो रही है। पटेल ने कहा कि यह हम लोगों के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण से अब चंद्रमा पर जीवन की संभावना, पानी की संभावना, चंद्रमा के अनेकों गुण  रहस्यों पर से पर्दा हटेगा। 

बुधवार, 23 अगस्त 2023

Jain samaj काशी ने चन्द्रयान-3 की सफलता के लिए ने की विशेष पूजा

जैन समाज काशी ने 1008 पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया




Varanasi (dil India live). 23.08.2023. श्रावण मास शुक्ल सप्तमी पर जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर देवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में बुधवार को प्रातः से अपराहन तक भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक स्थली भेलूपुर में चन्द्रयान-3 की सफलता, वैज्ञानिको के अथक प्रयास, हमारे राष्ट्र का नाम स्वर्ण अक्षरों मे लिखा जाए, चांद पर तिरंगा लहराए के लिए विशेष पूजा में भक्तामबर बिधान कर सैकड़ो भक्तो ने भेलूपुर स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर मे किया एवं भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक पर अभिषेक, शान्तिधारा, मंगल आरती कर निर्वाण लाडू (लड्डू) भक्तो ने चढाया। 

काशी में जन्मे भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष शिखर में स्वर्ण भद्र कूट पर हुआ था। आज ही के दिन प्रातः बेला विशाखा नक्षत्र मे 36 मुनिराजों के साथ मोक्ष पद को प्राप्त किया था। काशी में जन्मे प्रभु पार्श्वनाथ की जन्म स्थल का पूरी दुनिया में प्रमुख तीर्थ क्षेत्र में नाम है, इसीलिए बुधवार को मोक्ष कल्याणक में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न प्रांतो से श्रावक जन्म स्थली पहुंच कर आयोजन में शामिल हुए। भक्तामबर स्त्रोत बिधान का वृहद आयोजन हुआ।

माणने पर श्री जी को विराजमान कर अभिषेक

पूरी भक्ति और चन्द्र यान-3 की सफलता की मंगल कामना के साथ श्रावको ने मंगल दीपक हाथो में लेकर निर्वाण लाडू चढाया और धार्मिक माणने पर 1008 श्री फल (नारियल) बादाम और सामग्री मंत्रोच्चारण के साथ सफलता की भावना के साथ चढाया। आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री अरूण जैन, समाज मंत्री तरूण जैन, सौरभ जैन, विजय जैन, विनोद जैन, सुधीर पोद्दार सहित काफी संख्या में महिलाए-पुरूष उपस्थित थे। 

प्रार्थना और दुआएं एक साथ 

वाराणसी भारत माता मंदिर के प्रांगण में  विद्यापीठ के छात्र छात्रों द्वारा चंद्रयान-3 के सकुशल लैंडिंग होने को लेकर प्रार्थना और दुआएं मांगी। इस दौरान हिंदू -मुसलिम दोनों वर्गों के लोगों ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ एवं दुआखवानी में शामिल होकर देश की एकजुटता का पैगाम भी दिया।

Post Office से लें राखी का स्पेशल लिफाफा 10 रुपये में

वाटरप्रूफ डिजायनर राखी लिफाफे की डाकघरों से बिक्री शुरू 

अब वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में डाक से राखी भेज सकेंगी बहने

Varanasi (dil India live). 22.08.2023. इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व 30 अगस्त को मनाया जायेगा और इसके लिए डाक विभाग ने अभी से तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफे कैंट प्रधान डाकघर में जारी किए। वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन - वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर व बलिया जिले के डाकघरों में बिक्री के लिए ये उपलब्ध होंगे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। 11 सेमी X 22 से.मी. आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य  ₹ 10  मात्र है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो और रक्षाबंधन की डिजाइन के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ 'हैप्पी राखी'  लिखा गया है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाक से अलग करने में समय की बचत और रक्षाबन्धन पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी।  वाराणसी पश्चिमी मंडल के डाक अधीक्षक श्री विनय कुमार ने बताया कि सभी प्रधान डाकघरों में राखी लिफाफे बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, अन्य डाकघरों से भी शीघ्र बिक्री आरंभ होगी।

मंगलवार, 22 अगस्त 2023

Hazrat Ali Asgar का ख्वातीन ने उठाया झूला

जनाबे सकीना के ताबूत की ज़ियारत को उमड़ी भीड़


Varanasi (dil India live).22.08.23. ४ सफर १४४५ हिजरी मंगलवार को पितृकुंडा स्थित कैसर फातिमा के आजाखने पर ४ दिवसीय मजलिस के अंतिम दिन ६ महीने के शहीद हजरत अली असगर का झूला और ४ साल की जनाबे सकीना का ताबूत उठाया गया। ताबूत की ज़ियारत करने ख्वातीन की भीड़ उमड़ पड़ी। ताबूत और झूले को देख कर ख्वातीन ज़ार–ज़ार रो पड़ी। सभी की आँखें नाम थी। मजलिस को तंज़ीम फातिमा, आबिदी नौगावान, सादात अमरोहा ने ख़िताब किया। तज़ीन फातिमा तथा मेहरीन फातिमा ने दर्द भरी आवाज़ में बीबी सकीना और अली असगर की दर्द भरी दास्तां सोज़ख्वानी और पेशख्वानी के ज़रिये की। शिखा फातिमा, गुड़िया, इज़मा फातिमा ने दर्द भरे नौहो से माहौल को ग़मगीन कर दिया। विभिन्न इलाको से ख्वातीन झूले और ताबूत की ज़ियारत के लिए पितृकुंडा पहुंच हुई थीं। कैसर फातिमा ने ख्वातीन अज़ादार का इस्तेक़बाल किया। वहीं दूसरी ओर शहर में दस दिवसीय मजलिस के चौथे दिन दरगाह–ए– फातमान में मौलाना फज़ले मुमताज जौनपुरी, मदनपुरा में मौलाना क़ाज़ी अस्करी दिल्ली, दालमंडी कच्चीसराय में मौलाना तहज़ीब रांची, अर्दली बाजार में रिज़वी परिवार के संयोजन में चौथे दिन भी मजलिस का आयोजन हुआ। रामनगर, शिवपुर, चौहाट्टालाल खां, बजाडीहा आदि में भी जनाबे सकीना के सिलसिले से मजलिसो का आयोजन किया गया। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया की जव्वादिया अरबी कॉलेज प्रहलाद घाट, इमानिया अरबी कॉलेज मुक़ीगंज में भी मजलिसे बदस्तूर जारी है। 

UP College के छात्र अभिषेक सिंह 'माफिया' को मिलीं जमानत

जानलेवा हमले के मामले में आरोपित को कोर्ट ने दी राहत 


Varanasi (dil India live). 22.08.2023. सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने यूपी कालेज के छात्र व मऊ निवासी आरोपित अभिषेक सिंह उर्फ माफिया को 50-50 हजार रुपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वरूण प्रताप सिंह ने पक्ष रखा।  

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा प्रदीप प्रजापति ने शिवपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि 29 जुलाई 2023 को वादी अपने घर के पास खड़ा था कि पुरानी रंजिश को लेकर शाम करीब 5-6 बजे अभिषेक उर्फ माफिया, अतुल उर्फ बल्टू व एक अज्ञात व्यक्ति तीन लोग एक मोटरसाइकिल से आये और वादी को गाली देने लगे। जब वादी ने गाली देने से मना किया तो अभिषेक व उसके साथ अतुल उर्फ बल्टू एवं अज्ञात व्यक्ति उसे दौड़ाने लगे तथा उन लोगों ने जान से मारने की नीयत से असलहा से फायर कर दिया, जिसमें वादी बाल-बाल बच गया। उक्त लोग जान से मारने की धमकी देते हुए, जान मारने की नीयत से असलहा लहराने लगे, जिससे आस-पास खड़े लोग डर के मारे अपने-अपने घर के दरवाजे व दुकान के शटर गिराकर भागने लगे तथा पूरे मोहल्ले/क्षेत्र में डर का माहौल व्याप्त हो गया तथा वादी भी भयभीत हो गया। अदालत ने इस प्रकरण में 

सोमवार, 21 अगस्त 2023

Congress ने लिखा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र

PM के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष से ख़फ़ा  

कहा: सार्वजनिक रूप से संविधान विरोधी विचार किया व्यक्त  



Varanasi (dil India live).21.08.2023. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम के आवाहन पर  पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग की ओर से प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष द्वारा सार्वजनिक तौर पर संविधान विरोधी वक्तव्य के संबंध में ज्ञापन देने का कार्यक्रम आयोजित था।

इसी क्रम में आज वाराणसी में जिला अध्यक्ष मुनीर सिद्दीकी महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद डोडे  के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के द्वारा मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय को संबोधित एक पत्र डीएम की गैरमौजूदगी में ज्ञापन अशोक यादव अपर नगर मजिस्ट्रेट 2 को सौंपा गया। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने एक अंग्रेज़ी दैनिक के 15 अगस्त 2023 के संसकरण में मौजूदा संविधान की जगह नया संविधान लाने की वकालत करते हुए 'देयर इज़ ए केस फॉर वी द पीपल टू इंब्रेस अ न्यू कॉस्टिट्यूशन' शीर्षक से लेख लिखा है। चूंकि यह लेख उनके सरकारी ओहदे के साथ प्रकाशित हुआ है इसलिए इसे उनका व्यक्तिगत राय नहीं समझा जा सकता और ना ही ये संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति के उनके अधिकार के तहत ही आता है। लिहाजा तकनीकी तौर पर ऐसी कोई वजह नहीं दिखती कि इसे केंद्र सरकार की राय न मानी जाए। जिस तरह लेख में संविधान के बुनियादी संरचना को खत्म कर देने की वकालत के साथ उसमें वर्णित समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों को हिकारत से संबोधित किया गया है वह न सिर्फ़ संविधान विरोधी है बल्कि इन्हीं मूल्यों पर आधारित हमारे गौरवशाली स्वतंत्रता आंदोलन का भी अपमान है। जो इस लेख को राजद्रोह के दायरे में लाता है। इसलिए यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के विरुद्ध होगा कि ऐसे व्यक्ति अपने पद पर बने रहें। संविधान के अभिरक्षक होने के कारण हम आपसे उम्मीद करते हैं कि आप इस विषय में आवश्यक हस्तक्षेप कर संविधान की सुरक्षा का भरोसा देश को दिलाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल में महानगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, प्रदेश उपाध्यक्ष नईम अहमद प्रधान, प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट, प्रदेश सचिव तौफीक कुरैशी,  जिलाध्यक्ष मुनीर नज़्म सिद्दीकी, महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद डोडे, लक्ष्मेश्वर नाथ शर्मा, रईस अहमद, जुबैर खान बागी आदि मौजूद थे।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

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