मंगलवार, 11 जुलाई 2023

आइये समझे कॉमन सिविल कोर्ट के सियासी मायने



Varanasi (dil India live). आज पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा हो रही है. मीडिया इस पर लगातार डिबेट कर रही है. हिंदू-मुस्लिम  के बीच सियासी खाई खोदी जा रही है. संविधान का आर्टिकल 44 जिसमें कॉमन सिविल कानून का जिक्र किया गया है वह डायरेक्टिव प्रिंसिपल आफ स्टेट पॉलिसी का हिस्सा है. यह एकमात्र दिशानिर्देश है इसकी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है. आर्टिकल 44 के ऊपर, आर्टिकल 14 आर्टिकल 15, 19, 21, 28, 29 है जिसमें से अधिकांश आर्टिकल्स संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है. जिसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित है. इसलिए कॉमन सिविल कानून लाना इतना आसान नहीं है. लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने द्वारा ही नियुक्ति लॉ कमीशन की रिपोर्ट जस्टिस चौहान की मानने के लिए तैयार नहीं है दो हजार अट्ठारह में में उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में कॉमन सिविल कोर्ट की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हिंदू-मुस्लिम के बीच सियासी खाई खोदने के लिए जबरदस्त बहस करा रही है ताकि ध्रुवीकरण हो सके और आसानी से 2024 का लोकसभा चुनाव जीत सके. बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी, किसानों की बदहाली, बुनकरों की परेशानी आदि इन सब से सभी का ध्यान हटाने के लिए कॉमन सिविल कोर्ट का जीन बोतल से बाहर कर दिया है। अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और इसमें खासतौर से मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है ताकि मुसलमान सड़कों पर उतरे लेकिन मुसलमान जब तक ड्राफ्ट नहीं आ जाता तब तक कहीं अभी कोई विरोध नहीं करेगा. एक तरफ अमित शाह ईसाई और आदिवासी संगठनों को यह आश्वासन देते हैं कि आपको इससे दूर रखा जाएगा. सुशील भी कहते हैं कि आदिवासियों को इससे दूर रखा जाएगा. यूसीसी लाने का मतलब पिछड़ों दलितों का आरक्षण खत्म करना. धारा 371 में हस्तक्षेप करने के बराबर होगा. कुछ मुद्दों पर बहुत बहस कराई जा रही है जैसे हलाला वैसे इस देश में शायद ही कोई हलाला करता होगा. 

हलाला है क्या : अगर एक मर्द अपनी बीवी को तलाक दे दे और वह बीवी अपनी इद्दत पूरी होने के बाद किसी दूसरे मर्द से शादी कर ले और वह मर्द जिंदा न रहे. मर जाए, तो उस हालत में वह औरत अपने पहले मर्द से पुनः निकाह कर सकती है, इसको हलाला कहते हैं. जहां तक लड़कियों की शादी के उम्र का सवाल है 18 और 20 बरस के पहले मुस्लिम लड़कियों की शादी नहीं होती और अगर मुस्लिम लड़कियों में जागरूकता पैदा करना चाहती है यह सरकार तो इनको शिक्षित करें ताकि वह खुद कहे कि हम 18 बरस के पहले शादी नहीं करेंगे. एक बात यह भी उठाई जा रही है औरतों को भी तलाक का बराबर हक दिया जाएगा यह तो हक इस्लाम में शरीयत में है जिसको खुला करते हैं अगर कोई मर्द अपने औरत के ऊपर जुल्म करता है और औरत उससे अलग होना चाहती है तो उसको हक है कि वह 'खुला' ले सकती है जिसको हम तलाक कहते हैं. जहां तक मुस्लिम शादियों के रजिस्ट्रेशन की बात है तो हमारे यहां जो निकाह होता है बाकायदा मौलाना उसका सर्टिफिकेट देते हैं. जिस पर लड़की और लड़के के हस्ताक्षर होते हैं उसके अतिरिक्त दो गवाहों के भी हस्ताक्षर होते हैं. अब कौन सा रजिस्ट्रेशन चाहिए जहां तक सवाल संपत्ति के बंटवारे का है बेटे को कुछ अधिक संपत्ति मिलती है लेकिन बेटी को भी बाप के उस तमाम संपत्ति में हक इसलाम देता है। चाहे वह जमीन हो चाहे किसी भी तरीके की बैंक से लेकर के फर्म से लेकर के जो भी संपत्ति है उसमें लड़की का हिस्सा है, यह जरूर है तीन लड़के का कुछ हिस्सा ज्यादा है क्योंकि लड़के को ही अपने मां-बाप और पूरे परिवार का पालन पोषण करना पड़ता है, लड़की की शादी हो जाती है उसका खर्च उसकी जिम्मेदारी उसका शौहर निभाता है जहां तक चार शादियों का सवाल है इसको लेकर ढिंढोरा पीटा जा रहा है. हम चार शादियों पर पाबंदी लगाएंगे तो सरकार हेल्थ डिपार्टमेंट का आंकड़ा निकाल कर देख ले कि मुसलमानों में एक से ज्यादा शादी बहुत कम है बनिस्बत दूसरे धर्म के मानने वालों से, और जो गोवा में यूसीसी है उसमें एक मर्द को औरत से अगर बच्चा पैदा ना हो तो दूसरी शादी करने का हक है उसी तरीके से इस्लाम में भी अगर एक औरत से बच्चा ना पैदा हो तो मर्द दूसरी शादी कर सकता है इसमें बहुत सी अच्छाइयां भी हैं मर्द अगर एक से ज्यादा शादी करता है तो कहीं अय्याशी करने नहीं जाएगा वदकारी नहीं करेगा, जना नहीं करेगा, तमाम बुराइयों से पाक रहेगा, वैसे मुसलमान एक से ज्यादा शादी नहीं करते हैं फिर कानून बनाके हम को डराने की कोशिश का क्या मायने है, सिर्फ मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है, लेकिन हम इतना कहना चाहते हैं कि अगर हमारे खिलाफ कोई षड्यंत्र होगा, हमारे शरीयत को तहस-नहस किया जाएगा, फासीवादी कानून लाया जाएगा तो हम संविधान और कानून के दायरे में इसका विरोध करेंगे. जुल्म और ज्यादती की जाएगी, हमारे खिलाफ कानून बनाया जाएगा तो हम कानून में रह करके कानून को तोडेंगे, लेकिन जो भाजपा सरकार चाहती है कि हम सड़कों पर उतरे हैं और ध्रुवीकरण हो तो यह हम किसी कीमत पर होने नहीं देंगे.जय हिंद...।

(लेखक: अतहर जमाल लारी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, मुस्लिम मामलों के जानकार हैं, उनके सोशल मीडिया नेटवर्क से)

सोमवार, 10 जुलाई 2023

Muharram के जुलूस मार्ग के दर्जनों मकान धसने के कगार पर

टूटी फूटी नालियां, बहता हुआ सीवर का पानी मकान में समा रहा




Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). टूटी नालियां, बहता सीवर, दर्जनों आशियाने स्वत: धंसने के कागार पर है। जबकि यह कोई आम रास्ता नहीं बल्कि खास है। एशिया का सबसे बड़ा जुलूस मोहर्रम की 5th तारीख  6th तारीख वा 8th तारीख इसी रास्ते से होकर गुजरता है. इसी रास्ते पर कभी भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां अपनी चांदी वाली शहनाई से आंसुओं का नजराना पेश किया करते थे। आज भी उस्ताद बिस्मिल्लाह खां कि रवायत दोहराई जाती है।

अफसोस मुहर्रम नजदीक है। बिस्मिल्लाह खां कि रवायत फिर निभाई जाएगी पर जुलूस वाला रास्ते पर (वार्ड नं 82 नई सड़क लव कुश होटल से औरंगाबाद रोड)  दर्जनों मकान मालिक किसी बड़ी अनहोनी से डर रहे हैं। इस इलाके के लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आख़िर हम लोगों के साथ क्यू सौतेला व्यवहार पिछले तक़रीबन 30 वर्षो से हो रहा है.  इन इलाके की नाली निर्माण कार्य 30 वर्ष से अधिक समय से नहीं हुआ जबकि कई बार हमारे पार्षद , विधायक, अधिकारी, महापौर, और सरकारें बदल चुकी।

 सीवर लाइऩ की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। लाइन बंद होने पूरे इलाके की नालियां धवस्त होने की वजह से पानी मकानों में जा रहा है। बदबू और गंदगी से लोग परेशान हैं। बार-बार शिकायत के बावजूद कोई विधायक, पार्षद कोई एक्शन नहीं ले रहा है।

रविवार, 9 जुलाई 2023

Team भावना से बदलेगी सरकारी स्कूलों की सूरत

प्रेरक शिक्षकों से संवाद में  शामिल हुए यूपी के 11 शिक्षक

देशभर के युवाओं से साझा किये अपने गतिविधि आधारित शिक्षण की कहानी


New delhi (dil India live). सरकारी स्कूलों की बेहतरी के लिए कार्य करने वाली सरकारी स्कूल डॉट इन की “प्रेरक शिक्षकों से संवाद” श्रृंखला में Sunday को उत्तर प्रदेश के अलग अलग जनपदों से 11 शिक्षक शामिल हुए और अपने विद्यालय में चल रहे उन रचनात्मक प्रयोगों की जानकारी साझा की जो बच्चों के शैक्षिक स्तर बढ़ाने में बेहद उपयोगी साबित हो रहे है। आयोजन में मुंबई विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी गुवाहाटी सहित 14 राज्यों से 60 से अधिक युवा शामिल रहे, जो यूपी के सरकारी स्कूलों में चल रहे कार्यों को जानने के लिए अपनी सहभागिता की। कार्यक्रम के दौरान इन शिक्षकों द्वारा तैयार पुस्तक नैपुण्य का भी ई-विमोचन किया गया है, जिसमें यूपी के 111 शिक्षकों ने अपने अपने विद्यालय में विभिन्न विषयों को पढ़ाने के लिए टीएलएम आधारित रोचक शैक्षिक गतिविधियों को अपनाया है और इसे इस पुस्तक में शामिल किया है।

आयोजन के दौरान अर्चना पाण्डेय (संपादक)प्रेरक शिक्षक व पुस्तक के सहभागी लेखक वाराणसी से अब्दुर्रहमान (सहसंपादक) एवं तूबा आसिम, नॉएडा से बबिता यादव (सहसंपादक) बस्ती से हरी कृष्णा उपाध्याय (सहसंपादक) एवं अर्चना यादव, पीलीभीत से लाल करण (सहसंपादक) एवं देवेन्द्र सिंह (सहसंपादक), बहराइच से डॉ यास्मीन बेगम, गाज़ियाबाद से कविता वर्मा, गाजीपुर से नुसरत फातमा ने भी युवाओं को संबोधित किया और अपने अपने स्कूलों में चल रहे रचनात्मक कार्यों व बच्चों के सीखने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए किये जा रहे  प्रयासों की जानकारी दी। 

सरकारी स्कूल डॉट इन के फाउंडर अभिषेक रंजन ने बताया कि टीम की ओर से स्वागत भाषण में कंचन ने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमारे प्रेरक शिक्षकों द्वारा तैयार रोचक शिक्षण अधिगम सामग्री पर आधारित यह पुस्तक देश के अनेकों शिक्षकों को प्रेरित करेगा जहाँ वे बेहद कम निवेश अथवा पुराने सामग्री से बनाये जा सकने वाले टीएलएम का इस्तेमाल बच्चों के लिए करेंगे।   

प्रोजेक्ट सहयोग के जरिये सरकारी स्कूलों में चल रहे प्रयासों की जानकारी आरुषी मिश्रा ने दिया। पूरे आयोजन की जिम्मेवारी सँभालने वाली पलक ने सरकारी स्कूल डॉट इन के कार्यों के बारे में आगत अतिथियों को जानकारी देते हुए बताया कि हम लगातार अपने कार्यों से सरकारी स्कूली शिक्षा में नई पीढ़ी का विश्वास मजबूत करने और सरकारी स्कूलों की बेहतरी के लिए उन्हें प्रेरित करने के कार्य में जुटे है। 

कार्यक्रम का संचालन धारणा त्रेहान ने, वही धन्यवाद ज्ञापन प्रीती रावत ने किया। आयोजन में प्रोजेक्ट सहयोग की टीम लीडर निशात शाहीन, पालिसी एडवोकेसी एंड रिसर्च, प्रोजेक्ट वेदना, प्रोजेक्ट गुड़िया के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही।

Benaras बाज के कायदे को तबले पर वादन कर सभी को किया मंत्र मुग्ध

पं कामेश्वर नाथ मिश्रा ने बनारस बाज के कायदे को तबले पर किया मुखर

अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल में तबले की कार्यशाला संपन्न 




Varanasi (dil India live). संत अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल कोईराजपुर में चल रहें सिडबी स्पिक मैके के तत्वाधान में तबले की कार्यशाला का समापन रविवार को बनारस घराने के वरिष्ठ तबला वादक पं कामेश्वर नाथ मिश्रा के एकल तबला वादन के साथ हुआ। उन्होंने सर्वप्रथम विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ बनारस बाज के कायदे को तबले पर सयुंक्त रूप से वादन कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि वाद्य पांच प्रकार के होते हैं। तबला पखावज ढोलक और नगाड़ा इत्यादि ये सभी एक अवनद्य वाद्य यंत्र है। विश्व के सभी संगीत में इन्ही वाद्य यंत्रो के प्रयोग द्वारा बजाये जाते हैं। संगीत को 8 प्रहर में बाँट कर राग बनाया गया है। 64 कलाओं में संगीत सर्वोत्तम है। हमारा व्यक्तित्व गुरु की कृपा से ही निखरता है। गुरु हमेशा मनुष्य को आदर का पात्र बनाता है। उन्होंने काशी के सम्पूर्ण कलाकारों के जीवनी पर अपनी संकलित की हुईं एक ग्रन्थ 'काशी की संगीत परंपरा एवं संगीत जगत को काशी का योगदान' पुस्तक को विद्यालय में भेंट स्वरुप प्रदान किया। छात्रा नें श्रेया त्रिपाठी शास्त्रीय गीत हे गोविन्द हे गोपाल राखो शरण में... सुना कर सबको भाव विभोर कर दिया। विद्यालय के सचिव राहुल सिंह नें कहा कि बनारस घराने के संगीत की सभी विधाओं में बहुत ही मधुरता है। सिडबी स्पिक मैके के सराहनीय पहल से आज विद्यार्थी अपनी प्राचीन वाद्य यंत्रो से परिचित एवं जागरूक हो रहें हैं। संगीत हर मनुष्य के दिल में बसता है। प्रकृति का संगीत ही ओम है। हमारे माता पिता का सम्मान अनुशासन से ही है।  इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ संत अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल के सचिव डॉ राहुल सिंह एवं निदेशिका डॉ वंदना नें माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। कार्यक्रम के अंत में पं कामेश्वर नाथ मिश्रा को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। स्वागत प्रधानाचार्य डॉ नीलम सिंह विषय प्रवर्तन स्पिक मैके की समन्वयक डॉ विभा सिंह संचालन छात्रा इफरा सानिया  धन्यवाद ज्ञापन गौरव केशरी नें व्यक्त किया। उक्त अवसर पर पवन सिंह सुनीता पाण्डेय प्रमोद विश्वकर्मा सहित छात्र छात्राएँ उपस्थित रहें।

प्यासे को पानी पिलाना पुनीत कार्य

 



Varanasi (dil India live). जल ही जीवन है जल का संरक्षण और सही उपयोग करना हम सभी का कर्तव्य है. पानी को व्यर्थ ना बहाएं जल ही आमजन कि प्यास बुझाता है. इसी उद्देश्य से रविवार को सावन माह में चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी को देखते हुए बुलानाला स्थित टाउनहाल सब स्टेशन के पास सावन माह के प्रत्येक रविवार और सोमवार को अनवरत 48 घंटे तक नि:शुल्क शिव भक्तों व राहगीरों के लिए नि:शुल्क प्याऊ का शिविर स्व. गोपाल यादव के स्मृति में भाजपा के पूर्व मध्यमेश्वर मंडल उपाध्यक्ष राजन यादव के नेतृत्व में शुरू किया गया. इस शिविर का उद्घाटन नगर के महापौर अशोक तिवारी ने स्व. गोपाल यादव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। इस अवसर पर राजन यादव ने कहा कि इस उमस भरी गर्मी में शिव भक्तों व राहगीरों को पानी पिलाना पुनीत कार्य है और निस्वार्थ भाव से समाज सेवा के लिए तत्पर रहने कि  सभी को प्रेरणा भी देता है। इस अवसर पर चंदन मौर्य, प्रमोद यादव, विश्वनाथ यादव, मोनू समेत समाजसेवी व क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित थे।

SP अल्पसंख्यक सभा के जिलाध्यक्ष का जोरदार स्वागत

डा. दिलशाद ने कहा पूरा देश सपा मुखिया कि ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा 

2024 में सपा मजबूती से लड़ेगी लोकसभा चुनाव 


Varanasi (dil India live). समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा महानगर वाराणसी की समीक्षा बैठक में महानगर अध्यक्ष मो. हैदर अब्बास गुड्डू के आवास पर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा डॉक्टर दिलशाद अहमद का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष शमीम अंसारी, रितेश केशरी, अरविन्द सिंह, गुड्डू मास्टर, हिफाजत अली, शरफराज़ अंसारी, सलीम अंसारी, जैनुल बद्दू, साजिद खान, एजाज़ अहमद मौजूद थे । इस दौरान महानगर अध्यक्ष हैदर गुड्डू ने कहा कि संगठन का विस्तार करके 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी पूरे मजबूती और दमखम से लड़ेंगी। नवनियुक्त जिलाध्यक्ष डा. दिलशाद अहमद ने कहा कि देश में आपातकाल से भी बुरा हाल है। समूचा देश सपा मुखिया अखिलेश यादव कि ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है।

शनिवार, 8 जुलाई 2023

Ex PM चंद्रशेखर की पुण्यतिथि पर नमन


Varanasi (dil India live). 8 जुलाई को पूर्व प्रधानमंत्री, गरीबों, दलितों, पिछड़ों, किसानों के मसीहा चंद्रशेखर जी की पुण्यतिथि है हम नमन करते हैं उनको खिराजे अकीदत पेश करते हैं। उन्होंने ही मुझे 1984 में वाराणसी का लोकसभा का चुनाव लड़ाया और खुद हमारे चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री भाई मोरारजी देसाई और उस वक्त कर्नाटका के मुख्यमंत्री राम कृष्ण हेगड़े ने भी चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। हम चंद्रशेखर जी के बहुत ही आभारी हैं कि उन्होंने हमें पहला लोकसभा का चुनाव लड़ाने का काम किया। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।धन्यवाद.         

 (अतहर जमाल लारी, वरिष्ठ नेता समाजवादी पार्टी, के सोशल मीडिया नेटवर्क से)

लखनऊ में नई सियासी पैतरेबाजी

भाजपा कार्यालय पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तस्वीर  Lucknow (dil India live)। लखनऊ से नई सियासी पैतरेबाजी की खबर है। दरअसल भाजपा कार्...