शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

Good Friday2023: ईसा के क्रूस पर दिए वचनों को फिर दोहराया गया

पुण्य शुक्रवार, यीशु के बलिदान को किया याद 









Varanasi (dil India live)। हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में अर्पण करता हूं...।

हे पिता इनको क्षमा कर, क्योंकि यह नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं...। गुड फ्राइडे पर शुक्रवार को प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए ऐसे ही सात वचन जब फिज़ा में गूंज उठे तो मसीही समुदाय के लोगों की पलकें भींग गई। जहां प्रोटेस्टेंट वर्ग की ओर से पुण्य शुक्रवार को विशेष आराधना के साथ ही क्रूस पर दिए ईसा मसीह के अंतिम सात वचनों को दोहराया गया वहीं उसे अपनी जिंदगी में उतारने कि सभी न प्रतिज्ञा की। वाराणसी धर्म प्रान्त कि ओर से प्रभु यीशु के बलिदान को याद करने के लिए गुड फ्राइडे पर क्रूस मार्ग की यात्रा निकाली गई।

पुण्य शुक्रवार या गुड फ्राइडे वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी इस पवित्र मौत का आज मसीही समुदाय स्मरण कर अपनी आंखें नम करता दिखा। 

कैंटोंमेंट स्थित सेंट मेरीज कैथड्रल में क्रूस यात्रा निकाली गई जिसमें प्रभु यीशु को मौत के पूर्व दी गई कठोर सजा व क्रूस पर चढ़ाए जाने का नाट्य द्वारा प्रदर्शन किया गया। यीशु को जो अमानवीय यातनाएं दी गईं थी उसका संजीव चित्रण देख लोग सहम उठे। वहां मौजूद हर शख्स की आंख से आंसू छलक उठा। शांति और प्रेम के लिए प्रभु यीशु के बलिदान को मसीही समुदाय ने गुड फ्राइडे के तौर पर याद किया। वाराणसी के बिशप यूजीन जोसेफ ने इससे पहले विशेष प्रार्थना की।  

सजा से मरण तक कि झांकी 

कैथोलिक ईसाई समुदाय की ओर से सेंट मेरीज महागिरजा में बिशप की अगुवाई में प्रभु यीशु मसीह के क्रूस मरण की गाथा का मंचन किया गया। इस दौरान उन्हें सजा दिए जाने से लेकर क्रूस मरण तक का सजीव नाट्य कलाकारों ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन पल्ली पुरोहित ने किया। इस दौरान मसीही समुदाय का हुजूम वहां जुटा हुआ था।

सुबह से ही जुटने लगे क्रिश्चियन 

 सुबह से ही गुड फ्राइडे पर चर्चेज में लोगों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया था। सुबह प्रोटेस्टेंट मसीही समुदाय की आराधना शुरू हुई। इस दौरान पादरियों ने क्रूस पर दिए प्रभु के सात दिव्य वचन पढ़े, जिनको की गुड फ्राइडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। 

यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लिया। पादरी सैम जोशुआ व पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि मौत के दिन को गुड फ्राइडे इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसी दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन, रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से कि कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती रो पड़ी मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

ऐसे ही लाल गिरजा में पादरी संजय दान, बेटेल फुल गास्पल चर्च में पादरी एंड्रू थामस, सीआई चर्च में पादरी दशरथ पवार, पादरी नवीन ज्वाय, विजेता प्रेयर मिनीस्ट्रीज में पादरी अजय कुमार व पास्टर एसपी सिंह ने प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए सात वचन पढ़े।

Ramadan help line:रमज़ान में फितरा कितना निकाला जाना चाहिए है?

खजूर, किशमिश, मुनक्के पर भी निकाल सकते हैं फितरा


Varanasi (dil india live)। रमज़ान में फितरा कितना निकाला जाना चाहिए है? यह सवाल कसीम ने लल्लापुरा से किया। जवाब में उलेमा ने कहा कि 2 किलो 45 ग्राम वो गेंहू जिस क्वालिटी का मोमिनीन खाने में इस्तेमाल करते है उस के हिसाब से एक आदमी को अपना फितरा निकालना है। इसका खास ध्यान रखने की ज़रुरत है कि हम किस क्वालिटी का गेंहू खाते हैं। मसलन आप अगर 30 रुपये किलों का गेंहू खाते हैं तो यह रकम तकरीबन 65 रुपये आती है। कबीर ने रामनगर से फोन किया कि गेंहू के अलावा और भी कुछ निकाला जा सकता है? इस पर उलेमा ने कहा कि जो अमीर है वो जौ, खजूर, किशमिश व मुनक्का जिस क्वालिटी का खाते हैं उस पर भी फितरा दें तो ज्यादा अफज़ल होगा। क्यों कि गेंहू सबसे सस्ता है, जो लोग केवल गेहूं पर डिपेंड है उनके लिए तो ठीक है मगर जो अमीर है, जौ, खजूर, किशमिश व मुनक्का भी लगातार इस्तेमाल करते हैं उन्हें चाहिए कि इसमें से किसी एक के बराबर फितरा निकाल कर गरीब को ईद की नमाज़ के पहले अदा कर दें। रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।

इन नम्बरों पर होगी आपकी रहनुमाई

रमज़ान के लिए अगर आपके ज़ेहन में कोई सवाल है तो आपकी रहनुमाईके लिए उलेमा मौजूद हैं। मोबाइल नम्बर-: 9415996307, 9450349400, 9026118428,  9554107483

Good Friday : धरती का फटा कलेजा, कलवारी में ईसा हुए शहीद

देश दुनिया में शुरू हुई Good Friday कि प्रेयर 

Varanasi ( Aman/dil india live). Good Friday की विशेष आराधना व प्रार्थना देश दुनिया में आज सुबह से ही चर्जेज़ व गिरजाघरों में शुरु हो गई। इस दौरान जहाँ प्रभु ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने की मार्मिक इतिहास का वर्णन हुआ वहीं इसे सुनकर लोगों की आंखों में सहज ही आंसु भर आया। बनारस में प्रोटेंसटेंट मसीही समुदाय के चर्चेज़ में प्रार्थना दोपहर 12 बजे से शुरु होगी तो कैथलिक चर्चेज़ में 3 बजे से क्रूस पर प्रभु यीशु को चढ़ाये जाने की मार्मिक गाथा का मंचन, क्रूस मार्ग की आराधना संग शुरु होगी। सेंट मेरीज़ महागिरजा में बिशप यूज़ीन जोसेफ़ प्रार्थना सभा की अगुवाई करेंगे।

इसलिए मनाया जाता है Good Friday

ये वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी पवित्र मौत को सभी हर साल गुड फ्राइडे के रुप में मनाते हैं। चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन व रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से ही, कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती का कलेजा फट गया, मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको की आज के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है की आज के दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

Holy Thursday 2023: सेंट मेरीज़ महागिरजा घर में हुआ प्रभु भोज्य

Bishop ने धोएं शिष्यों के चरण, निभाई परम्परा

Varanasi (dil india live)। पाम संडे बीतने के बाद आज थर्स डे पर देश दुनिया के चर्चेज़ और गिरजाघरों में प्रभु भोज्य का जहां लोगों में प्रसाद वितरित हुआ वहीं दूसरी ओर bishop ने अपने शिष्यों का चरण खुद धोकर सैकड़ों साल पुरानी परम्परा को आगे बढ़ाया। वाराणसी में सेंट मेरीज़ महागिरजा घर में यह परम्परा निभाई गई।

दरअसल प्रभु यीशु अपने रोमी सैनिकों के हाथों गिरफ्तार किए जाने से पूर्व अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन करने बैठे थे। इस दौरान यीशु ने एक रोटी के टुकड़े को उठाया और कहा ये मेरा शरीर है, इसके बाद रोटी को तोड़ा और अपने बारह शिष्यों में उसे बांट दिया। वहां पर उन्होंने नम्रता एवं दीनता के साथ लोगों की सेवा करने का संदेश दिया और अपने शिष्यों के पैरों को धोया। इसी रात्रि को कुछ समय के उपरान्त यीशु मसीह के ही चेलों में से एक यहूदा इस्करियोती ने यीशु मसीह को रोमी सैनिकों द्वारा पकड़वाया। यीशु मसीह को रोमी प्रशासन तंत्र एवं उस समय के धर्म गुरुओं ने क्रूस पर चढ़ाने का निर्णय लिया। ये सारी प्रक्रिया देश दुनिया के गिरजाघरों में पवित्र वृहस्पतिवार के रुप में मनायी गई है। जिसमें यीथु अपने शिष्यों का पैर धोते है और प्रभु भोज्य का प्रसाद बांटते हैं।

Good Friday को प्रभु चढ़ाये गए थे क्रूस पर

ये ही वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर जो की कलवारी नमक स्थान पर स्थित है क्रुस पर चद़ाया गया। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए।

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

रामकटोरा चर्च वाराणसी के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको गुड फ्राईडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है कि इस दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इस दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाती को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

ईस्टर पर जी उठे थे प्रभु यीशु

मसीहियों के विश्वास के अनुसार ईस्टर वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह मृतिकों में से जी उठे। यह दिन हर्ष एवं उल्लास का दिन है। इस दिन सभी गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का  आयोजन किया जाता है। कई जगहो पर इस दिन प्रभात फेरी भी निकाली जाती है और समस्त लोगों को पभु यीशु के जी उठने का संदेश दिया जाता है।

Bsp Varanasi k एडवोकेट रवि कुमार नये जिलाध्यक्ष

बहन जी का आभारी, बसपा को करुंगा और मजबूत: रवि 


Varanasi (dil india live). बहुजन समाज पार्टी के नए जिलाध्यक्षों की सूची गुरुवार को जारी कर दी गई है। स्वच्छ छवि के युवा नेता एडवोकेट रवि कुमार बनारस के नये जिलाध्यक्ष बनाये गये हैं। बनारस का जिलाध्यक्ष बनाये जाने पर रवि कुमार बहन मायावती को इसके लिए आभारी मानते हैं। वो कहते हैं कि बहन जी ने उन पर विश्वास जताया इतनी बड़ी जिम्मेदारी मुझ जैसे छोटे से कार्यकर्ता को दिया, मैं बहन जी के आदेश को स्वीकार करते हुए बसपा को आगे बढ़ाने का काम करुंगा।

बुधवार, 5 अप्रैल 2023

Ramadan news: ईरहम फातिम बनी नन्हीं रोज़ेदार

घर वाले, अजीज़ दे रहे ईरहम फातिमा को मुबारकबाद 


Varanasi (dil india live). हंकार टोला, फाटक शेख़ सलीम, नयी सड़क के मोहम्मद अनवर की साहबजादी ईरहम फातेमा ने कम उम्र के बावजूद रोज़ा रख कर मिसाल कायम किया है। दर्जा नर्सरी की यह स्टूडेंट अपनी जिंदगी का पहला रोजा कामयाबी से पूरा करने पर इस नन्ही रोज़ेदार को अजीज़ और घर के तमाम लोग मुबारकबाद तो दे ही रहे हैं साथ ही रब से उसके बेहतर मुस्तकबिल कि भी दुआएं मांग रहे हैं।

Duniya ki Bhukh को islam ने इबादत बना दिया

Ramadan Mubarak 13


Varanasi (dil india live)। दुनिया जिस भूख से परेशान होती है उसी भूख को इस्लाम ने इबादत बना दिया। इस्लाम भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत के ज़रिये रोज़ेदारों को यह दिखाना चाहता है कि भूखे और प्यासे रहने का क्या दर्द है। जो गरीब है जिनके पास खाने को खाना नहीं पीने के लिए पानी नहीं है, मुफलिसी में जिन्दगी गुज़ार रहे हैं वो किस तरह अपनी जिन्दगी काट रहे हैं। मोमिन इस बात को रोज़ा रखकर समझता है और रमज़ान में उन भूखे प्यासे जिन्दगी गुज़ारने वाले, गरीबों मिसकीनों के लिए इस्लामी टैक्स ज़कात और फितरा निकालता है, ताकि उनकी भूख और प्यास तो मिटे ही साथ ही उन गरीबों की ईद भी मन जाये।

उलेमा कहते हैं कि तमाम इबादतों में तो इंसान दिखावा कर सकता है मगर रोजा ही सिर्फ एक ऐसी इबादत है जिसमें किसी तरह का कोई दिखावा नहीं कर सकता। यही वजह है कि रब को राज़ी करने के लिए तमाम छोटे-छोटे बच्चे भी लाख मना करने के बावजूद रोज़ा रखते हैं। सिर्फ खाने-पीने से बाज रहने का नाम ही रोज़ा नहीं है, बल्कि रोज़ा रखने वाला तमाम बुराइयों से भी दूर हो जाता है। अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्तों पर अमल करते हुए पूरा महीना कठोर इबादतों में गुज़ारता है। रोज़ादार को चाहिये कि वो रोज़े में जैसे खाना-पीना छोड़ता है वैसे ही झूठ, गीबत, चुगली, बदगुमानी, इल्ज़ाम तराशी और बद ज़ुबानी भी छोड़ दे। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.) ने फरमाया कि अगर कोई लड़ाई करने पर तुमसे अमादा रहे तो तुम उससे कह दो कि में रोज़े से हूं। मैं लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहता। इस्लामी किताबों में आया है कि जो रमज़ान का रोज़ा रखेगा, उसे पहचानेगा और जिन गुनाहों से बचना चाहिये उससे बचा, आज़ा का रोज़ा रखा तो उसकी वो गुनाह जो उसने पहले की है उसे खुदा माफ कर देगा। इसलिए रोज़ेदार का रोज़ा ढाल का काम करता है। तभी तो हदीस में है कि, जो बुरी बात को कहना और उस पर अमल करना न छोड़े तो उसके भूखा-प्यासा रहने की रब को कोई ज़रूरत नहीं है। बल्कि रब तो बंदे को भूखा प्यासा रोज़ा रखने के लिए बतौर इम्तेहान यह देखना चाहता है कि मेरा बंदा मुझ से कितनी मोहब्बत करता है। यही वजह है किजो रब और उसके रसूल से मोहब्बत करता है रब उससे मोहब्बत करता है। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदके में हम सब रोज़ेदारों को इबादत करने, रोज़ा रखने की तौफीक दे..आमीन।

    डा. शाह मेराज

(प्रमुख समाजसेवी, वाराणसी)

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...