बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

Ruckmani के 35 माह के तप ने बना दिया tb champion

Xdr tb से स्वस्थ होकर बनीं 300 tb मरीजों की मददगार





Varanasi (dil india live). एक्सडीआर टीबी की मरीज रुक्मिणी 35 माह तक हर रोज कई-कई दवाओं के सेवन और सुबह-शाम के इंजेक्शन की असहनीय पीड़ा से ऊब चुकीं थीं। यहाँ तक कि एक वक्त वह जिन्दगी की आस तक छोड़ चुकी थीं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बेहतर इलाज और परिवार वालों के हर वक्त ख्याल रखने व धैर्य बंधाने से अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इसी असहनीय पीड़ा के दौरान ठान लिया था कि अगर स्वस्थ हो गयी तो कुछ ऐसा करूंगी कि दूसरों को इस तरह के कष्ट से न गुजरना पड़े। अब टीबी चैम्पियन (tb champion) बनकर करीब 300 टीबी मरीजों की ruckmani मददगार बनी हैं। बीमारी से उनको यह सीख मिल ही चुकी थी कि समय से जाँच और उपचार न कराने का नतीजा कितना गंभीर हो सकता है।  

 मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के बाद टीबी के सबसे गंभीर रूप एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के इलाज के दौरान मिली सीख का हवाला देकर वह अब दूसरों को ऐसी गलती न करने की नसीहत देती हैं। टीबी चैम्पियन (tb champion) के रूप में उनकी राह आसान की वर्ल्ड विजन इण्डिया संस्था ने। संस्था ने ट्रेनिंग देने के साथ ही मरीजों की सूची भी सौंपी जिनको सही मायने में संबल की जरूरत थी। अब वह 10-12 मरीजों का प्रतिदिन मनोबल बढाने के साथ ही बताती हैं कि दवा का सेवन नियमित रूप से करना है और साथ में पोषक आहार भी लेना है ताकि जल्दी स्वस्थ बन सकें। समुदाय में भी लोगों को बताती हैं कि दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार बना हो, बलगम में खून आ रहा हो, वजन गिर रहा हो, भूख न लग रही हो तो स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जाँच जरूर कराएँ। 

बड़ागांव ब्लॉक के कूंडी गांव की रुक्मिणी घरेलू कामकाज निपटाकर हर रोज दोपहर 12 बजे क्षय रोगियों की सूची लेकर बैठ जाती हैं। फोन पर शंकाओं का समाधान करने के साथ ही बीच में दवा छोड़ने वाले क्षय रोगियों या किसी तरह की दिक्कत का सामना कर रहे मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाती हैं। इस तरह रुक्मिणी क्षय रोगियों के संपर्क में तो रहती ही हैं विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर भी लोगों को जागरूक करती हैं। महिलाओं के समूह में बैठक कर क्षय रोग से बचाव और उपचार के बारे में भी समझाती हैं। एक वर्ष के भीतर लगभग 300 क्षय रोगियों से उन्होंने सम्पर्क किया है। इनमें 167 पुरुष, 126 महिलाएं व सात बच्चे शामिल हैं। इनमें 55 क्षय रोगी पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। क्षय रोगियों को समझाने में कई बार दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। वह बताती हैं कि बड़ागांव के ही ग्राम चिरई के अवनीश कुमार (18 वर्ष) जब दवा खाते थे तो पेट में दर्द होने लगता था। इस वजह से वह दवा बीच-बीच में बंद कर देते थे। समझाने पर लगातार दवा की और अब हालत में सुधार है। ऐसी ही स्थिति बसनी (बड़ागांव) के अजय पाण्डेय (42 वर्ष) की भी रही। दवा बीच में छोड़ने की वजह से उन्हें एमडीआर टीबी हो गयी। समझाया तो अब लगातार दवा खा रहे हैं।

 रुक्मिणी अपनी बीमारी को याद कर बताती हैं कि बीए -बीटीसी करने के बाद यूपीटेट की परीक्षा पास कर अध्यापिका बनना चाहती थी। इसके लिए प्रयासरत ही थी कि अक्टूबर-2017 में खांसी, बुखार व कमजोरी से परेशान रहने लगी। शुरू में निजी चिकित्सक से उपचार कराया पर लाभ नहीं मिला। छह माह तक चली दवा के बाद निजी डाक्टर ने दिल में छेद बताया और आपरेशन की बात कही। इससे घबरा गयी और बीएचयू के सर सुन्दर लाल चिकित्सालय पहुँची। जांच के बाद यह साफ हो गया कि दिल में छेद नहीं है। अप्रैल 2018 में बलगम जांच में पता चला कि टीबी का बिगड़ा रूप एमडीआर है। 15 दिन तक अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराया। लगभग 14 माह (अप्रैल 2018 से मई 2019) तक एमडीआर की दवा खाई लेकिन सांस लेने में दिक्कत, पैरों में तेज दर्द और कमजोरी बनी रही। जून 2019 में एक दिन अचानक हालत बिगड़ी तो अस्पताल में पुनः भर्ती करना पड़ा। अब टीबी का सबसे बिगड़ा रूप एक्सडीआर हो चुका था। महीने भर अस्पताल में रहने के बाद छुट्टी मिली। दवा के साथ ही हर रोज सुबह-शाम इंजेक्शन लगता था। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद तक कानों में सीटी बजने की आवाज आती थी जिससे घबरा जाती थी। इच्छा होती थी कि दवा बंद कर दें लेकिन पति तपन कुमार के साथ ही ससुराल व मायके के लोग समझाते थे। तब उनकी इकलौती बेटी आराध्या महज दो वर्ष की थी। उसे  मायके में छोड़ना पड़ा। लगातार चल रहीं दवाओं के बीच होने वाली परेशानियों से ऊब चुकी थी। लगता था कि शायद नहीं बचूंगी। जून 2019 से फरवरी 2021 तक लगभग 21 माह एक्सडीआर की दवा चली। फरवरी 2021 में पूरी तरह ठीक हो गई और इसके साथ ही दवा बंद हो गयी। रुक्मिणी बताती हैं कि अप्रैल 2018 में निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये पोषक आहार के लिए मिलना शुरू हुआ जो फरवरी 2021 तक मिला। इस तरह 35 माह में 17500 रुपये पोषक आहार के लिए मिले।

मंगलवार, 31 जनवरी 2023

Mother Halima central school में मौसिक़ी ‘आहंगे हयात’ में गायकों ने दिखाया जौहर


Varanasi (dil india live). मदर हलीमा सेंट्रल स्कूल में हुए मौसिक़ी प्रोग्राम ‘आहंगे हयात’ में कई गायक ने अपना जौहर दिखाया। हेमलता ने कई ग़ज़लें पेशकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। गायक प्रियांशू शिवांश, एजाज़ुल्लाह ख़ान ने अपनी प्रस्तुति से तालियाँ बटोरी। उत्कर्ष गिटार और सोमेनदास तबले पर सहभागिता की।कार्यक्रम की चीफ गेस्ट सुचरीता गुप्ता ने दर्शकों की माँग और ख़्वाहिशों को पूरा करते हुये दो बेहतरीन ग़ज़लें पढ़कर इस प्रोग्राम को बुलन्दी बख़्शी। बनारस घराने की वरिष्ठ गायिका को सुनकर श्रोतागण अभिभूत हुये। कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ़ ऑनर प्रोफ़ेसर आभा सक्सेना और डॉ. शबनम रहीं। मदर हलीमा फ़ाउंडेशन के प्रबंधक नोमान हसन ने आगंतुकों का स्वागत किया। डॉ शबनम ने  विदुषी सुचारिता गुप्ता पर स्वलिखित पुस्तक मदर हलीमा लाइब्रेरी को भेंट की जबकि ख़ूबसूरत संचालन इमरान हसन ख़ान ने किया। कार्यक्रम का संयोजन शालिनी सिंह, अबुज़र सिद्दीक़ी, और मनीषा ने किया।

इस मौक़े पर उर्दू साहित्यकार अब्दुस्समी के अतिरिक्त अश्फ़ाक अहमद, मक़सूद ख़ान, इरफ़ान हसन, रिज़वान हसन, डॉ खन्ना, नीता चौबे, डॉ फ़ैज़ान, ख़ुर्शीद आलम, इंतिसाब आलम, एकराम, सैयद अरशद, क़मरूद्दीन, आसिफ़ अली, सुबहान हसन के साथ ग़ज़ल के शौक़ीन पुरुष महिलाएँ बड़ी संख्या में मौजूद रहीं।

Ops की मांग और nps का विरोध

"अटेवा" पेंशन बचाओ मंच कि बैठक 



Varanasi (dil india live)। "अटेवा" पेंशन बचाओ मंच वाराणसी जिला कार्यकारिणी की आवश्यक बैठक वरुणापुल स्थित, उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ कार्यालय पीडब्लूडी वाराणसी में ज़िला संयोजक चंद्र प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता व जिला महामंत्री बी एन यादव के संचालन में संपन्न हुई।

     जिसमें सभी पदाधिकारियों ने एक जुट होकर पेंशन बहाली तक संघर्ष करने का निर्णय लिया, सभी ब्लाकों में गठन और महिला विंग के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की गई। आने वाले दिनों में और जोश व खरोश से अटेवा के शिक्षक कर्मचारी अत्यधिक संघर्ष करने को तैयार हैं। Nps आने वाले दिनों का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने वाला है, जो बाजार आधारित है। सांसद विधायक,एक साथ चार चार पेंशन का सुख ले रहे हैं, शिक्षक कर्मचारी अधिकारी 30 से 40 वर्ष सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे में कुछ हाथ नहीं लगता। देश के 5 राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। जो यह अटेवा की मेहनत का ही परिणाम है।

       बैठक में विशेष रूप से अटेवा के ज़िला संरक्षक रामचंद्र गुप्त, पूर्व ज़िला संयोजक विनोद यादव, जिला महामंत्री बी एन यादव, जिला सहसंयोजक डॉक्टर एहतेशामुल हक, ज़िला मंत्री जफर अंसारी, जिला संगठन मंत्री अजय यादव, जिला सोशल मीडिया प्रभारी सुरेंद्र प्रताप सिंह, संदीप यादव, सारिका दूबे, अंजनी सिंह, इमरान अंसारी, अश्वनी कुमार, राजेश प्रजापति, बी एन ठाकुर, ओमप्रकाश शर्मा, राजेश कुमार इत्यादि थे।

सोमवार, 30 जनवरी 2023

कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनायी गयी राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि

रैली, नुक्कड नाटक व गोष्ठियों संग “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान” शुरू

देश को कुष्ठ रोग से मुक्ति दिलाने का लिया गया संकल्प





Varanasi (dil india live). राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को एंटी लेप्रोसी डे (कुष्ठ निवारण दिवस) के रूप में मनाने के साथ ही देश को कुष्ठ मुक्त बनाने के लिये सोमवार से जिले में ‘स्पर्श’कुष्ठ जागरूकता अभियान’ शुरू हुआ। इस अवसर पर जागुरुकता रैली निकाली गयी और नुक्कड नाटक व गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, इसके उपचार की जानकारी दी गयी। साथ ही देश को कुष्ठ रोग से मुक्त करने का संकल्प भी लिया गया। 

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि ‘स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान’ का उद्देश्य कुष्ठ के लक्षणयुक्त मरीजों को खोजकर व पुष्टि कराकर जल्द से जल्द उनको दवा खिलाने की शुरुआत करना है,  जिससे मरीज को विकलांगता से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य टीम जनपदवासियों को कुष्ठ के बारे में जागरूक भी करेगी।  कुष्ठ निवारण दिवस के अवसर पर जीवन दीप कालेज आफ नर्सिंग की छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाली। रैली को जिला कुष्ठ अधिकारी एसीएमओ डा. एके मौर्या  ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रैली चांदमारी तक गयी और पुनः विद्यालय परिसर में आकर समाप्त हो गयी। रैली में शामिल छात्राएं ‘समाज में जागरुकता लाना है, कुष्ठ को मिटाना है’ नारे लगा रही थीं। बाद में विद्यालय के सभागार में आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए 

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. एके मौर्या ने कहा कि यह न तो पूर्व जन्मों का पाप है और न ही यह छूने से होता है। उन्होंने कहा कि यह रोग एक बैक्टीरिया से होता है और समय से सही उपचार होने पर पूरी तरह ठीक भी हो जाता है। लापरवाही बरतने पर व्यक्ति विकलांग भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश से कुष्ठ रोग खत्म करने के उद्देश्य से ही आज से स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान की शुरुआत की गयी है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर कुष्ठ के मरीजों को खोजेंगी उनका उपचार कराने के साथ ही इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी। गोष्ठी में चिकित्सा अधिकारी डा. अतुल ने भी कुष्ठ रोग के बारे में छात्राओं को जानकारी दी और इस सम्बन्ध में उनके प्रश्नों का जवाब दिया। गोष्ठी के प्रारम्भ में पीपीटी के जरिये कुष्ठ रोग से लोगों को अवगत कराया गया। गोष्ठी का संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य सिबिन केडी ने किया। इसके पूर्व संकट मोचन के समीप स्थित कुष्ठ आश्रम व राजघाट स्थित कुष्ठ आश्रम रहने वाले कुष्ठ रोगियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाओं की किट के साथ ही फल की टोकरियां प्रदान की गयी। किट व फल वितरण में कुष्ठ विभाग के राजकुमार रावत, उदय शंकर, सुरेश मौर्य, रामबचन यादव, प्रभात उपध्याय शामिल रहें।

 नुक्कड नाटक से किया जागरूक

स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत अस्सी घाट पर शाम को नुक्कड नाटक का आयोजन किया गया। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मे कुष्ठ विभाग के कर्मियों एवं आशा कार्यकत्रियों के सहयोग से रचित एवं मंचित इस नाटक के जरिये संदेश दिया गया कि कुष्ठ रोग होने पर झाड़-फूंक नहीं उपचार कराना चाहिए। इसमें कृष्णानंद त्रिपाठी, रवि कश्यप, आशा कार्यकर्ता माधुरी, सुलेखा,लक्ष्मी प्रजापति ,कुसुम देवी, सुमन देवी एवं सांत्वना ने अभिनय किया।नाटक की पटकथा राकेश सिंह ने तैयार की थी और निर्देशन दामोदर सिंह का रहा।

dm बोले:01 से 19 वर्ष के बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाएं

डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक

जिले में 10 फरवरी से चलेगा कृमि मुक्ति अभियान

करीब 16 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि से बचाव की दवा



Varanasi (dil india live). राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए सोमवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित शिक्षा, आईसीडीएस विभाग आदि को निर्देशित किया कि 10 फरवरी से 15 फरवरी तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान के तहत 01 से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं एवं किशोरों को कृमि संक्रमण से बचाव की दवा खिलाई जाए । इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित आईसीडीएस, शिक्षा, पंचायती राज विभाग को आपस में समन्वय बनाकर काम करना होगा । उन्होने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला वेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि शासकीय, निजी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/नोडल शिक्षक के साथ बैठक कर इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुये निर्धारित तिथियों पर सभी बच्चों की उपस्थिती सुनिश्चित की जाए । समस्त विभागों को निर्देशित किया कि माइक्रोप्लान का पुनः परीक्षण कर शत-प्रतिशत बच्चों को सूचीबद्ध कर लिया जाए ।         

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि एक से 19 वर्ष तक आयु के लक्षित करीब 16 लाख बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डिवार्मिंग डे) अभियान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में 10 फरवरी को चिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 13 से 15 जुलाई तक मॉप अप राउंड स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित होंगे । अभियान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाएगा ।

इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, डिप्टी सीएमओ व नगरीय नोडल, समस्त ब्लॉक पीएचसी-सीएचसी के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डीएचईआईओ, डीसीपीएम, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे ।  

क्या हैं कृमि 

जिन बच्चों के पेट में कीड़े (कृमि) होते हैं, वह कुपोषण के शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। संक्रमण रोकने के लिए बच्चों के नाखून साफ व कटे रहने चाहिए। इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है। इससे बचने के लिए बच्चों के खानपान और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है।

रविवार, 29 जनवरी 2023

Aazad park में 150 यूनिट महा रक्तदान

रक्तदान में दिखाया उत्साह







Varanasi। सामाजिक संस्था जमीअतुल अंसार, मानव रक्त फाउंडेशन, डॉक्टर ज़ेड ए अंसारी मेमोरियल फांउंडेशन, मरियम फाउंडेशन, सर सैयद सोसाइटी एवं सुल्तान क्लब की ओर से जश्न जम्हूरिया सप्ताह' के उपलक्ष में मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन पीलीकोठी स्थित आज़ाद पार्क में किया गया।, शिविर में सभी ने उत्साह दिखाया और 150 यूनिट से अधिक रक्तदान किया। मुफ्ति-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी की अध्यक्षता में आयोजित रक्तदान शिविर में मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोसेसर विश्वंभर नाथ मिश्र ने आयोजक संस्थाओं के प्रयास की सराहना की। कहा कि यह पहला अवसर है जब मुस्लिम बहुल क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में रक्तदाताओं ने स्वेच्छा से रक्तदान के साथ समाज को जागरूक करने का बेहतरीन प्रयास किया है। शिविर में ऐसे लोग भी थे जो 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके थे। इस मौके पर कई रक्तदान योद्धाओं को अतिथियों द्वारा सम्मानित भी किया गया। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गुरुद्वारा नीचीबाग के मुख्य ग्रंथी धर्मवीर सिंह, मैत्री भवन के निदेशक फादर फिलिप डेनिस ने रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। जमीअतुल अंसार के महासचिव इशरत उस्मानी ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद दिया तथा आयोजकों द्वारा मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों को प्रशस्ति पत्र, शॉल तथा माल्यार्पण कर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम के आयोजन में जमीअतुल अंसार के डॉक्टर रियाज़ अहमद, मानव रक्त फाउंडेशन के एडवोकेट अबू हाशिम, एडवोकेट अब्दुल्लाह खालिद, डॉक्टर ज़ेड ए अंसारी, मेमोरियल फाउंडेशन के डॉक्टर मोहम्मद नासिर अंसारी, मरियम फाउंडेशन के मोहम्मद शाहिद, सर सैयद सोसाइटी के हाजी इश्तियाक़ अहमद, सुल्तान क्लब के डॉक्टर एहतेशामुल हक़ व जावेद अख्तर, ह्यूमन सर्विसेस फाउंडेशन के डॉक्टर अर्सलान अहमद अंसारी, दी मॉडर्न पब्लिक स्कूल के अबुल वफा अंसारी, अब्दुल्लाह अंसारी, हाजी आफताब आलम, शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता फरमान हैदर, हाजी अब्दुल वहीद, अख़्लाक अहमद, अब्दुल मुग़नी, मुफ़्ती ज़ियाउल इस्लाम कासमी, मौलाना अब्दुल आख़िर नोमानी, मुफ़्ती तनवीर अहमद कासमी, हाजी फ़हीम अहमद, हाजी मोहम्मद स्वालेह, मौलाना आरिफ़ अख़्तर कासमी, जुल्फ़िकार अहमद इब्राहीमी, फैयाज़ अहमद, डॉक्टर एहतेशामुल हक, अफ़जाल अहमद पार्षद, हाजी वकास अंसारी पार्षद, तुफैल अहमद अंसारी पार्षद, रमज़ान अली अंसारी पार्षद, जमाल अहमद एडवोकेट पार्षद, हाजी खुर्शीद आलम, अख़्लाक अहमद, इरफ़ान अहमद, इरशाद अहमद , उबैदुर्रहमान, असलम ख़लीफा, अबू सुफ़ियान, आरिफ़ जमाल, मोहम्मद तल्हा, अबुल कलाम, हाजी अब्दुल कय्यूम, हाजी सैयद हसन, मुस्लिम जावेद अख़्तर, एच एस नन्हे, शमीम रियाज़, मौलाना अब्दुल्लाह, अब्दुर्रहमान, महबूब आलम, शकील अंसारी, मुहम्मद जीशान, जलालुद्दीन, बिस्मिल्लाह अंसारी, जुल्फ़िकार अली आदि उपस्थित रहे।

Khwaja ka urs: Ajmer Sharif से Kashi तक धूम

बनारस कि गलियों में गूंज रहा ख़्वाजा, मेरे ख़्वाजा... 

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 811वां उर्स 

अजमेर में जियारत के लिए उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़

काशी में दिखी गंगा जमुनी तहज़ीब

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil india live) हिंदल वली, सूफी संत, ख्वाजा हज़रत मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह (सरकार गरीब नवाज़) के 811 वें उर्स पर Ajmer Sharif से लेकर Kashi तक आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है। क्या कोई हिंदू, क्या मुस्लिम, क्या गोरा, क्या काला, सभी ख्वाजा की मोहब्बत में सर झुकाएं अजमेर शरीफ दरगाह में उमड़े हुए हैं। जो Ajmer Sharif नहीं जा सका, वो जहां भी है वहां से ख्वाजा साहब को याद कर रहा है। जायरीन की भीड़ में कई देशों के अकीदतमंदों का हुजूम शामिल है। दरगाह में छह रजब पर आज कुल की रस्म अदा की गई। काशी में जहां ख्वाजा के दीवानों ने घरों में फातेहा करायी वहीं जगह जगह कुल शरीफ व लंगर का आयोजन भी किया गया है। इस दौरान सूफियाना कलाम फिजा में गूंज रहा है।

अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स के मौके पर हाजिरी देने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों जायरीन अजमेर आए हुए हैं। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में अकीदतमंदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दरगाह परिसर जायरीन से खचाखच भरा रहा। सुबह से ही बड़ी संख्या में जियारत के लिए जायरीन का आना जाना लगा रहा।

कुल शरीफ की रस्म में जुटे जायरीन 

रजब के चांद की छह तारीख को ख्वाजा गरीब नवाज की छठी आज अकीदत वह एहतराम के साथ मनाई गई। इस दिन ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की अहम रवायत (परंपरागत रस्म) निभाई जाती है जिसे छोटे कुल की रस्म कहा जाता है। रविवार को कुल की रस्म अदा की गई। मजार शरीफ को गुसल दिया गया। इसके बाद दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोया गया। इस अहम रवायत को दरगाह के ख़ादिम आस्ताने में निभा रहे थे। खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि रजब के चांद की 9 तारीख यानी 1 फरवरी को बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी। मजार शरीफ को गुसल देने के बाद इस दिन पूरी दरगाह को धोया जाएगा।

इससे पहले शनिवार शाम को रोशनी की दुआ के एक घंटे बाद से ही दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोना शुरू कर दिया गया था। दरगाह की दीवारों पर केवड़े और गुलाब जल का छिड़काव करने के बाद जायरीन दीवारों से टपकते पानी को बोतलों में भरकर साथ ले गए।

दरअसल उर्स के मौके पर जायरीन कई साधनों से अजमेर आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में ट्रेन से सफर कर आने वाले होते हैं। ऐसे में उन जायरीन को वापस भी लौटना होता है। जो छठी को छोटे कुल की रस्म तक नहीं रुक पाते हैं। वह एक दिन पहले ही दरगाह को केवड़े और गुलाब जल से धोना शुरू कर देते हैं। देर रात तक यह सिलसिला जारी रहता है।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...