शनिवार, 1 अक्तूबर 2022

Post Card ने पूरा किया 153 साल का सफर

1 अक्टूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी हुआ था पहला पोस्टकार्ड

  • विभिन्न आंदोलनों का गवाह है पोस्टकार्ड
  • पोस्टकार्ड का क्रेज आज भी बरकरार, वाराणसी परिक्षेत्र में गत वर्ष डाकघरों से बिके 3.20 लाख पोस्टकार्ड
  • शादी-ब्याह, शुभकामनाओं में पोस्ट कार्ड की रही है अहम भूमिका 



Varanasi (dil india live). सोशल मीडिया में खोई युवा पीढ़ी का पाला भले ही पोस्टकार्ड से न पड़ा हो, पर एक दौर में पोस्टकार्ड खत भेजने का प्रमुख जरिया था। शादी-ब्याह, शुभकामनाओं से लेकर मौत की ख़बरों तक तो इन पोस्टकार्डों ने सहेजा है। तमाम राजनेताओं से लेकर साहित्यकार व आंदोलनकारियों ने पोस्टकार्ड का बखूबी प्रयोग किया है। अपना वही पोस्टकार्ड 1 अक्टूबर, 2022 को वैश्विक स्तर पर 153 साल का हो गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, दुनिया में पहला पोस्टकार्ड  एक अक्तूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी किया गया था।

इसके पीछे की कहानी के बारे में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि, पोस्टकार्ड का विचार सबसे पहले ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधि कोल्बेंस्टीनर के दिमाग में आया था, जिन्होंने इसके बारे में वीनर न्योस्टॉ में सैन्य अकादमी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. एमैनुएल हर्मेन को बताया।  उन्हें यह विचार काफी आकर्षक लगा और उन्होंने 26 जनवरी 1869 को एक अखबार में इसके बारे में लेख लिखा। ऑस्ट्रिया के डाक मंत्रालय ने इस विचार पर बहुत तेजी से काम किया और पोस्टकार्ड की पहली प्रति एक अक्तूबर 1869 में जारी की गई। यहीं से पोस्टकार्ड के सफर की शुरुआत हुई। दुनिया का यह प्रथम पोस्टकार्ड पीले रंग का था।  इसका आकार 122 मिलीमीटर लंबा और 85 मिलीमीटर चौड़ा था। इसके एक तरफ पता लिखने के लिए जगह छोड़ी गई थी, जबकि दूसरी तरफ संदेश लिखने के लिए खाली जगह छोड़ी गई।  

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारत में पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। हल्के भूरे रंग में छपे इस पहले पोस्टकार्ड की कीमत 3 पैसे थी और इस कार्ड पर ‘ईस्ट इण्डिया पोस्टकार्ड’ छपा था।  बीच में ग्रेट ब्रिटेन का राजचिह्न मुद्रित था और ऊपर की तरफ दाएं कोने में लाल-भूरे रंग में छपी ताज पहने साम्राज्ञी विक्टोरिया की मुखाकृति थी। अंदाज़-ए-बयां का यह  माध्यम लोगों को इतना पसंद आया कि साल की पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे।

गौरतलब है कि डाकघरों में चार  तरह के पोस्टकार्ड मिलते रहे हैं - मेघदूत पोस्टकार्ड, सामान्य पोस्टकार्ड, प्रिंटेड पोस्टकार्ड और कम्पटीशन पोस्टकार्ड । ये क्रमश : 25 पैसे, 50 पैसे, 6 रूपये और 10 रूपये में उपलब्ध हैं। कम्पटीशन पोस्टकार्ड फिलहाल बंद हो गया है। इन चारों पोस्टकार्ड की लंबाई 14 सेंटीमीटर और चौड़ाई 9 सेंटीमीटर होती है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि कम लिखे को ज़्यादा समझना की तर्ज पर पोस्टकार्ड न सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि तमाम सामाजिक-साहित्यिक- धार्मिक -राजनैतिक आंदोलनों का गवाह रहा है।  पोस्टकार्ड का खुलापन पारदर्शिता का परिचायक है तो इसकी सर्वसुलभता लोकतंत्र को मजबूती देती रही है। आज भी तमाम आंदोलनों का आरम्भ पोस्टकार्ड अभियान से ही होता है।  ईमेल, एसएमएस, फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सएप ने संचार की परिभाषा भले ही बदल दी हो, पर पोस्टकार्ड अभी भी आम आदमी की पहचान है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पोस्टकार्ड के प्रति अभी भी लोगों का क्रेज बरकरार है। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 3.20 लाख पोस्टकार्डों की बिक्री हुई थी, वहीं इस साल 51 हजार से ज्यादा पोस्टकार्डों की बिक्री की जा चुकी है।

शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

Election:संदीप यादव अध्यक्ष, सारिका दूबे महिला विंग की अध्यक्ष

अटेवा चिरईगांव ब्लॉक इकाई का पुनर्गठन




Varanasi (dil india live)। "अटेवा" पेंशन बचाओ मंच वाराणसी की ओर से एक आवश्यक बैठक चिरईगांव ब्लॉक संसाधन केंद्र में आयोजित की गई।बैठक की अध्यक्षता अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येन्द्र राय  ने और संचालन ज़िला महामंत्री बी एन यादव ने,धन्यवाद ज्ञापन ज़िला संयोजक चंद्र प्रकाश गुप्त ने दिया । 

      बैठक में चिरईगांव ब्लॉक  कार्यकारिणी एवं महिला विंग का गठन किया गया।सभी नव नियुक्त पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। सभागार में उपस्थित खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता जी का पदाधिकारिओं ने मल्याणपर्ण कर स्वागत किया। नव नियुक्त सभी पदाधिकारियों ने संकल्प लिया कि पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन में मिले दायित्वों का तन मन धन से निर्देशों का पालन किया जायेगा एवं जिले से मिले सभी निर्देशों का पालन किया जायेगा ।

चुने गए पदाधिकारियों में ब्लॉक संयोजक/अध्यक्ष सन्दीप यादव,ब्लॉक महामंत्री रोहित मिश्रा,ब्लॉक कोषाध्यक्ष संतोष यादव चुने गए। ब्लॉक सह संयोजक सतेंद्र मौर्य,अभिषेक सिंह,गोपाल जी गुप्ता,उमेश यादव बने, संगठन मंत्री में अश्वनी कुमार,संतोष यादव,सुनील राम बनाए गए,राज बली,विनोद यादव संयुक्त मंत्री बनाए गए। सोशल मीडिया प्रभारी कन्हैया लाल प्रजापति,मीडिया प्रभारी,राम मिलन यादव,ब्लॉक आय व्यय निरीक्षक के रूप में जावेद अहमद चुने गए।

        इसके अतिरिक्त ब्लॉक कार्यकारिणी सदस्यों में लल्लन यादव, कृपा शंकर तिवारी,विजय कुमार,दिनेश कुमार इत्यादि चुने गए।

अटेवा महिला मोर्चा के कार्यकारिणी के रूप में ब्लॉक अध्यक्ष सारिका दूबे,ब्लॉक महामंत्री दीपिका,ब्लॉक कोषाध्यक्ष शमा परवीन चुनी गई। सहसंयोजक में कल्पना जी, मंत्री के रूप में बेबी फातिमा,संगठन मंत्री में पुष्पा,संयुक्त मंत्री धारणा आर्या,नीतू,मीडिया प्रभारी जया गुप्ता,सोशल मीडिया प्रभारी,ज्योत्सना अग्रवाल बनी। सदस्यों में शर्मिला राय,सीमा यादव, हामदा बेगम इत्यादि चुनी गई।

प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र राय ने कहा कि एनपीएस और निजीकरण शिक्षक कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा धोका है। यह भारत का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। तीन राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है तो उत्तर प्रदेश के साथ पूरे भारत में क्यों नहीं? विजय बंधु की इस लड़ाई में पेंशन बहाल होने तक साथ लड़ा जाएगा।पूर्व जिला संयोजक विनोद यादव ने एनपीएस और ओपीएस में अंतर को विस्तृत रूप में समझाया।

            ब्लॉक इकाई के गठन में मुख्य रूप से अटेवा के जिला संयोजक चंद्र प्रकाश गुप्त, पूर्व ज़िला संयोजक विनोद यादव, ज़िला महामंत्री बी एन यादव, ज़िला सहसंयोजक डॉक्टर एहतेशामुल हक, ज़िला सहसंयोजक प्रमोद पटेल, ज़िला कोषाध्यक्ष गुलाब चंद्र कुशवाहा, ज़िला मंत्री जफर अंसारी,ज़िला संगठन मंत्री अजय यादव,पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री रविंद्रनाथ यादव,प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह,प्राथमिक शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष मनीष कुशवाहा,विशिष्ठ बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के महामंत्री अशोक यादव, मीडिया प्रभारी राजेश प्रजापति, सोशल मीडिया प्रभारी सुरेंद्र सिंह, आराजी लाइन के अध्यक्ष बी एन ठाकुर, कमलेश यादव, नौशाद अंसारी, यशपाल यादव, मनीषा चौहान, अनीता यादव सहित काफी संख्या में अध्यापक, कर्मचारी उपस्थित रहे।

Aasha trust ने कराया सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता




Varanasi (dil india live). सरकारी प्राथमिक स्कूलों से प्रतिभाशाली बच्चों के चयन और प्रोत्साहन के लिए सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के राजवारी एवं धौरहरा स्कूल के 16 सरकारी स्कूलों के लगभग 1100 बच्चों ने भाग लिया।

आशा ट्रस्ट के संयोजन वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि इस प्रतियोगिता में कक्षा 3 से 5 के बच्चों से 25 बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर पूछे गये हैं जिसके परिणाम के आधार पर प्रति विद्यालय के तीनों कक्षाओं के तीन तीन बच्चों को चयनित किया जाएगा, जिन्हें संस्था द्वारा प्रमाण पत्र एवं उपहार दिए जायेंगे। इन चयनित बच्चों के लिए दूसरे चरण की प्रतियोगिता अगले महीने पुनः कराई जाएगी।

प्रतियोगिता के आयोजन में प्रदीप सिंह, ब्रिजेश कुमार, सूरज पाण्डेय, मनोज यादव, रमेश प्रसाद, माया, रचना, पूजा यादव का विशेष योगदान रहा.

बुधवार, 28 सितंबर 2022

Aap के प्रदेश किसान प्रकोष्ठ का विस्तार

वाराणसी के कृष्ण चौरसिया प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष,अरविंद पटेल प्रदेश उपाध्यक्ष

  • हरिशंकर सिंह को प्रदेश सचिव की कमान


Varanasi (dil india live). आम आदमी पार्टी के किसान प्रकोष्ठ का विस्तार किया गया। इसकी जानकारी देतें हुए प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि पार्टी के राज्यसभा सांसद/यूपी प्रभारी संजय सिंह  की स्वीकृति के पश्चात प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश त्यागी ने किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार किया, जिसमें वाराणसी जिले का दबदबा रहा। वाराणसी निवासी कृष्ण चौरसिया(मुन्ना) को प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयीं, वाराणसी के पिंडरा निवासी अरविंद पटेल को प्रदेश उपाध्यक्ष तो वाराणसी के ही सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक (क्वीन्स कालेज) हरिशंकर सिंह को प्रदेश सचिव की कमान सौंपी गयीं। 
       इनके नियुक्ति पर शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देतें हुए, वरिष्ठ नेता देवकांत वर्मा, जिला मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडेय, वरिष्ठ नेता अब्दुल्ला खां, महानगर अध्यक्ष अखिलेश पांडेय, बिहारी लाल सिंह,अमर सिंह, अनुराग अग्रवाल (प्रदेश उपाध्यक्ष, व्यापार प्रकोष्ठ),भरत यादव (प्रदेश सचिव, व्यापार प्रकोष्ठ) आदि ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी हैं।

मंगलवार, 27 सितंबर 2022

Kashi se kaba की उड़ान शुरू हो: Hafiz noushad azmi

हज कान्फ्रेंस में हज मंत्री उड़ान का करें ऐलान

  • हाफिज नौशाद आजमी ने किया मांग
  • 29 सितंबर को है हज कान्फ्रेंस 




  • Aman 
Varanasi (dil india live). हाफिज नौशाद आजमी ने मांग किया है कि काशी से काबा की उड़ान फिर से शुरू किया जाएं। यह वही नौशाद आजमी हैं जिन्होंने लखनऊ और वाराणसी से हज की उड़ान शुरू कराने के लिए सफल आंदोलन चलाया था। दो दशक से अधिक समय से देश के हज यात्रियों की समस्याओं के समाधान के लिए वो संघर्ष करते आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी से दो बार निर्वाचित केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व में हाफिज नौशाद अहमद आजमी सदस्य भी थे। 
हाफिज नौशाद आजमी ने अल्पसंख्यक कल्याण व हज की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मांग किया है कि 29 सितंबर 2022 को आयोजित दिल्ली में ऑल इंडिया हज कॉन्फ्रेंस के अवसर पर 9 इंबारकेशन पॉइंट जहां से हज यात्री जाते थे वाराणसी, गया, रांची, जयपुर, भोपाल, कालीकट, नागपुर औरंगाबाद, चेन्नई के हज यात्रियों की हवाई उड़ान स्थल जो बंद कर दिए गए थे उसे शुरू कराने की घोषणा करें।

जनाब आजमी ने एक पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री स्मॄति ईरानी को भेजा है। उन्होंने लिखा है कि इस संबंध में 10 नवंबर 2021 को हमने मंत्रालय को एक पत्र लिखा था यह उड़ान स्थल बंद नहीं होने चाहिए हज यात्रियों को बहुत असुविधा होगी जिसका जवाब मंत्रालय ने 6 दिसंबर 2021 को दिया कि कोविड-19 से ऐसा किया गया है और अगर हज कोटा बढ़ेगा हम इस पर विचार करेंगे। इस मांग को लेकर 3/9/ 2022 को भी एक पत्र मंत्रालय को भेजा था जिसका जवाब अभी नहीं मिला है । आज़मी ने पत्र में लिखा है कि यह उड़ान सथल किसी भी दशा में बंद नहीं होनी चाहिए क्योंकि अब कोविड नहीं है और हज यात्रियों का कोटा भी 2019 की तुलना में 2023 में बढ़ने की प्रबल संभावना है। उन्होंने लिखा है कि देश के हज यात्रियों की आयु एवरेज जाने वालों की 65 वर्ष से अधिक होती है अगर यह उड़ान स्थल बंद किए गए तो उत्तर प्रदेश के सोनभद्र और बलिया बॉर्डर के लोगों को लखनऊ की 850 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ेगी बिहार बॉर्डर से कोलकाता लगभग 13 सौ किलोमीटर है और झारखंड से भी लगभग 12 सौ किलोमीटर कोलकाता की दूरी है। राजस्थान सीमा से दिल्ली की दूरी भी 1200 किलोमीटर लगभग है। मध्य प्रदेश की सीमा शुरू से मुंबई से 1500 किलोमीटर की दूरी पर है। 

ज्ञात रहे कि हज यात्रियों को उड़ान से 2 दिन पहले हज हाउस पहुंचकर जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती है इस तरह से इन हज यात्रियों को अपने घर से 4 दिन पहले निकलना पड़ेगा जो किसी भी दशा में उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 2019 में हज कमेटी द्वारा या ऑप्शन दिया गया था कि अपने करीब के आज उड़ान स्थल मुंबई, लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, जयपुर से लोग जा सकते हैं जहां का किराया इन जगहों से 10 हजार से ₹15000 कम था, लेकिन हज यात्रियों ने सुविधा को वरीयता दी, वाराणसी सहित इन्नोवेशन पॉइंट से हजारों हज यात्रा काबा के लिए रवाना हुए। इस तरह यह तय हो गया कि ज्यादा किराया देकर भी लोग इन जगहों से जाना पसंद करते हैं इसलिए किसी भी दशा में वाराणसी सहित यह 9 उड़ान स्थल बंद करना देश के हज यात्रियों के साथ अन्याय के समान होगा।

गौरतलब है कि हज यात्रियों के लंबे आंदोलन के बाद यह उड़ान स्थल एनडीए की स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने शुरू किया था और कुछ उड़ान यूपीए की डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने शुरू किया। जिसमें तकरीबन डेढ़ दशक से यह सुविधा हज यात्रियों को मिलती चली आ रही है। जनाब आजमी ने कहा की देश में हवाई अड्डा का विस्तार हो रहा है छोटे हवाई अड्डे बड़े हवाई अड्डे बन रहे हैं और ऐसी दशा में इन बूढ़े हज यात्रियों के साथ अन्याय क्यों ? आजमी ने मांग किया है कि 29 सितंबर को ऑल इंडिया हज कॉन्फ्रेंस में देश के हज यात्रियों को उड़ान स्थल वापस करके एक तोहफा दें। 

2007 में शुरू हुई थी काशी से काबा की उड़ान 

काशी से काबा की उड़ान वर्ष 2007 में लंबे संघर्षों के बाद हाफिज नौशाद अहमद की कोशिश से शुरू हुई थी। उस समय हज की उड़ान शुरू करने का श्रेय लेने की सियासी पार्टियों में होड़ मच गई थी, मगर जो लोग हज से जुड़े थे वो सब जानते और समझते हैं। तमाम मीडिया रिपोर्टों ने उड़ान शुरू होने पर हाफिज नौशाद आजमी को मुबारकबाद पेश की थी। इंडिया टुडे ने तो हाफिज नौशाद आदमी का पूरा इंटरव्यू भी विस्तार पूर्वक छापा था। जो इस बात की दलील है की हज की उड़ान के लिए हाफिज नौशाद आदमी और उनके हाजी साथियों ने कितना संघर्ष किया। एक बार फिर उड़ान बंद है मगर उसे पुनः शुरू करने के लिए हाफिज नौशाद आजमी के अलावा सतह पर कहीं कोई संघर्ष करता नहीं दिखाई दे रहा है।


रविवार, 25 सितंबर 2022

Majlis : मौला अब्बास त्याग, बलिदान की सबसे बड़ी नज़ीर: मौलाना कम्मबर अली

आओ अजादारों फर्शे मजलिस में, फातमा जे़हरा इंतेज़ार करती है...



Varanasi (dil india live). जिस वक्त हज़रत अब्बास घोड़े से जमीन पर आए, इमाम हुसैन बोझिल और दुःखी मन से उनके पास गए। उन्होंने हजरत अब्बास के सिर को अपने दामन में रखते हुए कहा कि इस प्रकार के संपूर्ण जिहाद के लिए ईश्वर तुम्हें बहुत अच्छा बदला दे।

उक्त बातें आज अर्दली बाजार में हांजी एस एम जाफर एडवोकेट के आवास  पर एक मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद कम्मबर अली (रायबरेली) ने कही।

बाद मजलिस मौला अब्बास का ताबूत, अलम निकला जिसमें मोमिनो ने अपनी मन्नते मांगी। जुलूस देर रात मास्टर ज़हीर हुसैन की इमामबारगाह में जाकर समाप्त हुआ। जिसमें शहर की नामचीन अंजुमन सदाए अब्बास, अंजुमन जाफरिया,  ने नौहा व सक्का ए सकीना क मातम किया।

मजलिस का आगाज जीशान जौनपुरी की सोजखानी से हुआ। पेशखानी तफसीर जौनपुरी जैन बनारसी ने किया।

संचालन निजामत शाद सीवानी ने किया। मोमिनो का इस्तेकबाल हाजी एस एम जाफर, शुक्रिया एजाज़ अब्बास ने किया। मजलिस में शिरकत करने वाले प्रमुख लोगों में हाजी अबुल हसन हाजी मोहम्मद अब्बास, हसन मेहंदी कब्बन,अफर अब्बास , मेराज रिज़वी, रियासत हुसैन, फरहत एजाज़, विक्की जाफरी अमन मेंहदी, शबील हैदर रहे।

शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

urs e Aala hazrat: बरेली में जुटे हैं आला हजरत के दीवाने


Barely (dil india live). बरेली में इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का 104 वां तीन रोजा उर्स-ए-रजवी आज अपने शबाब पर है। देश दुनिया से आला हजरत के दीवाने वहां न सिर्फ जुटे हुए हैं बल्कि सभी अकीदतमंद 2 ने जुमे की नमाज के बाद दोपहर में 2 बज के 38 मिनट पर कुल शरीफ में हिस्सा लिया। इस दौरान देश दुनिया में अमन और शांति के लिए लोगों ने हाथ उठाया।

पता होकि आगाज परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ था। सड़कों पर रजवी परचम लेकर चले रजा के दीवानों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। परचम कुशाई की रस्म आजम नगर के अल्लाह बख्श के निवास से हुई। परचम कुशाई जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत किया गया। इस्लामियां ग्राउंड के मुख्य गेट पर परचम जुलूस का झंडा लहराया गया। इस तीन दिवसीय उर्स में जायरीन देश विदेश से आये हुए हैं, दो वर्षों से कोरोना के कारण आयोजन नहीं हुआ था।

गुरुवार की सुबह कुरानख्वानी। इसके बाद कांफ्रेस। सुबह 9.58 मिनट पर रेहाने मिल्लत व 10.30 बजे मु़फस्सिर-ए आजम के कुल की रस्म अदा हुई। इसके बाद आपसी सौहार्द कॉन्फ्रेंस हुई। दिन में कार्यक्रम व चादरपोशी का सिलसिला जारी रहा। रात में उलेमा की तकरीर हुई। अकीदतमंद देश-दुनिया के लाखों अकीदतमंद उर्स-ए-रजवी में हाजिरी के लिए बरेली पहुंचे हुए हैं। तीन दिन से शहर में अकीदत और रूहानियत का अनूठा नजारा दिखाई दे रहा है। मोहल्ला सौदागरान में दरगाह से लेकर उर्स स्थल इस्लामियां गाउंड, मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेंटर और बाकरगंज मदरसा जामिया नूरिया रजविया में उर्स की रौनक गुलजार हो गई। आज कुल की रस्म अदा हुई। मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रज़ा को खूबसूरती से सजाया गया था।

बरेली में अकीदतमंदों की भीड़

इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी का 104 वां तीन रोजा उर्स-ए-रजवी का आगाज परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ। सड़कों पर रजवी परचम लेकर चले रजा के दीवानों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। परचम कुशाई की रस्म आजम नगर के अल्लाह बख्श के निवास से हुई। परचम कुशाई जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत किया गया। इस्लामियां ग्राउंड के मुख्य गेट पर परचम जुलूस का झंडा लहराया गया। 

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...