रविवार, 25 सितंबर 2022

Majlis : मौला अब्बास त्याग, बलिदान की सबसे बड़ी नज़ीर: मौलाना कम्मबर अली

आओ अजादारों फर्शे मजलिस में, फातमा जे़हरा इंतेज़ार करती है...



Varanasi (dil india live). जिस वक्त हज़रत अब्बास घोड़े से जमीन पर आए, इमाम हुसैन बोझिल और दुःखी मन से उनके पास गए। उन्होंने हजरत अब्बास के सिर को अपने दामन में रखते हुए कहा कि इस प्रकार के संपूर्ण जिहाद के लिए ईश्वर तुम्हें बहुत अच्छा बदला दे।

उक्त बातें आज अर्दली बाजार में हांजी एस एम जाफर एडवोकेट के आवास  पर एक मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद कम्मबर अली (रायबरेली) ने कही।

बाद मजलिस मौला अब्बास का ताबूत, अलम निकला जिसमें मोमिनो ने अपनी मन्नते मांगी। जुलूस देर रात मास्टर ज़हीर हुसैन की इमामबारगाह में जाकर समाप्त हुआ। जिसमें शहर की नामचीन अंजुमन सदाए अब्बास, अंजुमन जाफरिया,  ने नौहा व सक्का ए सकीना क मातम किया।

मजलिस का आगाज जीशान जौनपुरी की सोजखानी से हुआ। पेशखानी तफसीर जौनपुरी जैन बनारसी ने किया।

संचालन निजामत शाद सीवानी ने किया। मोमिनो का इस्तेकबाल हाजी एस एम जाफर, शुक्रिया एजाज़ अब्बास ने किया। मजलिस में शिरकत करने वाले प्रमुख लोगों में हाजी अबुल हसन हाजी मोहम्मद अब्बास, हसन मेहंदी कब्बन,अफर अब्बास , मेराज रिज़वी, रियासत हुसैन, फरहत एजाज़, विक्की जाफरी अमन मेंहदी, शबील हैदर रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...