मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

कला के ज़रिये तम्बाकू सेवन पर किया प्रहार




वाराणसी 21 दिसंबर (dil india live)। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ एवं महापंडित राहुल सांकृत्यायन शोध एवं अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम आज एम्पियल पब्लिक स्कूल, अस्सी और दुर्गा चरण इंटर कालेज, सोनारपुरा वाराणसी में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर छात्राओं में तम्बाकू नियंत्रण विषय पर निबंध तथा ड्राइंग प्रतियोगिता कराई गई। विजित छात्राओं तथा सभी सहभागी को पुरस्कार व प्रमाण पत्र दिया गया तथा स्वलपाहार वितरित किया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या दुर्गा चरण  शिखी सिंह , एम्पियल की प्रधानाचार्या डा. आभार सिंह , प्रबंधक   रवि प्रताप सिंह राठौर, सीएमओ कार्यालय से राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, वाराणसी की सोशल वर्कर संगीता सिंह, संस्था सचिव डा. संगीता श्रीवास्तव, संस्था  उपाध्यक्ष बी. एल. प्रजापति, विद्यालय की अध्यापिकाऐ उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संयोजन अभिषेक सिंह ने किया।


डाकघरों से रेलवे टिकट की बुकिंग भी होगी

बलिया में डाक मेले का पोस्टमास्टर जनरल ने किया शुभारम्भ

बेटियों के खुले 2000 सुकन्या समृद्धि खाते

डाकघर की बचत योजनाएं आज भी लोकप्रिय  


वाराणसी 21 दिसंबर (dil india live)। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब डाकघरों से रेलवे टिकट की बुकिंग भी हो सकेगी। इसके लिए लोगों को रेलवे स्टेशन या आरक्षण केंद्र तक जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अपने नजदीकी डाकघर से रेल टिकट बुक करा सकेंगे। विभागीय डाकघरों के साथ-साथ गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी यह सेवा उपलब्ध होगी। बलिया के डॉ. गणेशी प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में 21 दिसंबर को आयोजित डाक मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी परिक्षेत्र के  डाकघरों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डाक विभाग यह सेवा आईआरसीटीसी के माध्यम से देगा। डाकघरों में रेलवे टिकट की बुकिंग की सुविधा मिलने से स्टेशन के काउंटरों पर भीड़ का दबाव भी कम होगा। घंटों कतार में भी नहीं लगना पड़ेगा। इस दौरान बलिया डाक मंडल द्वारा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के तहत विशेष अभियान चलाकर 2 हजार से ज्यादा बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाते खुलवाए गए। बच्चियों को पोस्टमास्टर जनरल ने डाक अधीक्षक श्री संजय त्रिपाठी के साथ पासबुकें सौंपकर सुखद भविष्य की कामना की। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, आज भी डाकघर की बचत योजनाएँ सर्वाधिक लोकप्रिय हैं और इनमें लोग पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित निवेश करते आ रहे हैं। हर आयु वर्ग के लिए विभिन्न तरह की बचत योजनाओं का गुलदस्ता है। डाकघरों में एक ही छत के नीचे बचत, बीमा, आधार, पासपोर्ट, कॉमन सर्विस सेंटर, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, वाहनों का बीमा, प्रधानमंत्री फसल बीमा, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, गंगाजल की बिक्री जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि दिसंबर माह में पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र कोषागार या सम्बंधित विभाग में जमा करने  के लिए कोषागार/सम्बंधित बैंकों  या जनसेवा केन्द्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे निजात दिलाने के लिए डाक विभाग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा प्रदान कर रहा है।अब डाकिया घर बैठे ही बायो-मेट्रिक डिवाइस के माध्यम से पेंशनर्स का जीवन प्रमाण पत्र बना देगा जिसके लिए मात्र 70 रूपये का शुल्क देना होगा।     

बलिया मंडल के डाक अधीक्षक श्री संजय त्रिपाठी ने कहा कि डाक सेवाओं के प्रचार-प्रसार और इससे लोगों को आसानी से जोड़ने हेतु डाक विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर कैम्प और मेलों का आयोजन किया जा रहा है। 


इस अवसर पर निदेशक डॉ. गणेशी प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी राहुल रंजन सिंह, प्रधानाचार्य श्री राजीव कुमार राय, सहायक डाक अधीक्षक मारुतनंदन, पी के पाठक, उपमंडलीय निरीक्षक सर्वेश सिंह, अंगद यादव, रविन्द्र साह, श्रीकान्त पाल, हेड पोस्टमास्टर उदय नारायण यादव , इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर अमित कुमार पाठक सहित तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों एवं जनमानस ने भागीदारी की।

भारतीय समाज एकरंगा बनाने की कोशिश बेहद खतरनाक

नवसाधना कला केन्द्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय' शिविर का समापन



वाराणसी।21दिसंबर (dil india live)। तीन दिन तक 'प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण' शिविर के समापन पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये कार्यकर्ता इस नारे के साथ अपने घरों को लौट गये कि 'हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में है विश्वास...'। साझी विरासत और मेल-जोल की भारतीय संस्कृति का विस्तार करने की शपथ लेने के साथ ही उन्होंने माना कि सतरंगी भारतीय संस्कृति को एकरंगी बनाने की कोशिश ही मुल्क के लिए सबसे बड़ा खतरा है जिससे मुल्क को बचाने की जरूरत है। तरना स्थित नवसाधना कला केन्द्र में 'राइट एंड एक्ट' संस्था की तरफ से आयोजित प्रशिक्षण शिविर में चले तीन दिनी मंथन में वक्ताओं ने कहा कि साझी विरासत और मेल-जोल की जो संस्कृति भारत में है वह दुनिया के किसी देश में नहीं है।भारतीय समाज हमेशा से सतरंगा रहा है आज कुछ ताकते उसे एकरंगा बनाने की कोशिश कर रही है जिससे हमें सतर्क रहना होगा.

वक्ताओं ने कहा कि आजादी का आंदोलन रहा हो या फिर उसके पहले काल,उस दौर के नायकों को भी एक दूसरे के खिलाफ लड़ाने की कोशिश हो रही है.नये नायक और प्रतीक स्थापित कर के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि खुदा और बंदों का ध्यान रखना ही हर धर्म का मूल है जो ऐसा नहीं करता समाज उसे अधर्मी मानता है. इसलिए प्यार-मोहब्बत से जीना और सबका ख्याल रखना चाहिए।

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि आज धर्म को सियासत की चासनी में लपेटकर सरकार बनाने और बिगाड़ने का दौर शुरू है.ये किसी लोकतांत्रिक देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है.उन्होंने कहा कि आज धर्माधिकारियों और धर्म के व्यापारियों में समाज को बांट दिया गया है.इससे हमें सावधान होना चाहिए। फादर आलोक नाथ ने कहा कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' इस गीत को ही केंद्र में रखकर हम सभी को समाज निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों में खुलापन का दौर काफी विलंब से शुरू हुआ. इसके बावजूद आज हम सभी दूसरे धर्मों की अच्छाइयों को देखने-सुनने के बाद उसे अपने धर्म का हिस्सा बनाते हैं. इन्हीं अच्छाइयों के चलते देश की सतरंगी तस्वीर बनी है।

सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभ पांडेय ने प्रशिक्षणार्थियों को 17 ऐसे एक्ट की जानकारी दी जो समाज के हर तबके के लिए उपयोगी है.उन्होंने कहा कि इन कानूनों की जानकारी देकर ही हम समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिला सकते हैं. उन्होंने आरटीआई का इस्तेमाल कैसे और कब करें,इस बात की भी जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ती श्रुति रघुवंशी ने महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षुओं को इस बात का ग्रुप्स में प्रशिक्षण दिया कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर कैसे काम करेंगे.

आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ ने कहा कि तीन दिनों तक चले प्रशिक्षण शिविर की उपयोगिता तभी सार्थक होगी जब प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने जिलों और गांव में जाकर समाज निर्माण की दिशा में काम करेंगे। शिविर में उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.कार्यक्रम का संचालन डॉ मोहम्मद रिफ ने और प्रतिभागियों की ओर से स्वागत विनोद गौतम तथा धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या प्रसाद ने किया।

सोमवार, 20 दिसंबर 2021

घरों पर लगाया सपा का झंडा

"2022 में साइकिल" पर दिया ज़ोर


वाराणसी 20 दिसंबर (dil india live)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिशा निर्देश पर सपाजनों ने सोमवार को झंडा लगाओ अभियान चला कर, सपा की नीतियो व आगामी विधान सभा चुनाव में सपा उम्मीदवार को जीताने की अपील की गयी। इस मौके वक्ताओं ने कहा कि "2022 में साइकिल" ही लाना है।
इस दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्त्ताओ ने दालमंडी, छतातले, घुघरानी गली, चौक आदि क्षेत्रों में घुम घुम कर झंडा लगा कर पार्टी का प्रचार प्रसार किया। इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव यूथ ब्रिगेड के इमरान अहमद, इरफान खान, आदिल खान, जिया सिद्दीक, प्रिंस तिवारी, रोहित कुमार, इमरान, विकास यादव, सैफ खान समेत तमाम लोग मौजूद थे।

सभी के स्वायत्ता की रक्षा ही धर्मनिरपेक्षता

नवसाधना में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय शिविर में बोले बुद्धिजीवी




वाराणसी 20 दिसंबर (dil india live)। हर व्यक्ति के स्वायत्ता की रक्षा ही धर्मनिरपेक्षता है। कोई भी राज्य तब तक कल्याणकारी राज्य नहीं हो सकता जबतक वह धर्मनिरपेक्ष न हो। ये विचार नवसाधना कला केंद्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय ' विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन वक्ताओं ने कही। अलग-अलग सत्रों में चले शिविर में बीएचयू के प्रो.आनंद दीपायन ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब किसी धर्म के खिलाफ होना नहीं है बल्कि वह हमें दूसरे धर्म का आदर और सम्मान सिखाता है। धर्मनिरपेक्षता ही लोकतंत्र की गारंटी है। इस बात को हमें बखूबी समझने की जरूरत है। जब धर्मनिरपेक्षता कमजोर होगी तो लोकतंत्र कमजोर होगा।

बीएचयू आईआईटी के प्रो.आर के मंडल ने प्रो.दीपायन की बातों को विस्तार देते हुए सवाल उठाया कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो वो कौन से कारण है जिसके चलते पोस्टरों से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर गायब है। उन्हें खलनायक के तौर पर क्यों पेश किया जा रहा है। हमें इस बात को समझने की जरूरत है। नेहरू कहते कि हमारा धर्म विश्वविद्यालय, कालेज, लेबोरेटरी, बांध और नहरों का निर्माण करना है। जबकि आज के दौर में धर्म की परिभाषा बदल गयी है। नेहरू मानते थे कि मानवीय संवेदनाओं से ही संविधान की आत्मा बच सकती है।'

बीएचयू की प्रो.वृंदा परांजपे ने 'समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका' विषयक सत्र में कहा कि हमें अपनी ताकत पहचाननी होगी। जब तक हम अपनी ताकत  नहीं पहचानेंगे तब तक बेहतर समाज का निर्माण नहीं कर सकते। शिविर में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए 40 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। शिविर की विषय स्थापना और संचालन डॉ मोहम्मद आरिफ़ ने किया।


विश्व उर्दू दिवस पर छलका दर्द

उर्दू की उन्नति व अस्तित्व के लिए गंभीरता से प्रयास करना होगा

  • उर्दू ज़बान व अदब में भारतीय संस्कृति प्रतिबिंबित होती है: प्रो आफताब अहमद आफाकी 
  • उर्दू हमारी मादरी जबान है इसके लिए स्वयं गंभीर होना होगा:मुफ्तीए बनारस
  • उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने शिक्षाविदों को"हफीज़ बनारसी" अवार्ड से नवाजा


वाराणसी 19 दिसंबर(dil india live)। विश्व उर्दू दिवस पर "उर्दू बहैसियत मादरी ज़बान"के शीर्षक से रविवार को उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन, ऊ प्र, वाराणसी के सौजन्य से काज़ीसादुल्लापूरा स्थित सिटी गर्ल्स इंटरमीडिएट कॉलेज में "आठवां जश्न ए उर्दू" सेमिनार आयोजित हुआ। जिसकी अध्यक्षता मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने की।

         इस अवसर पर मुख्य अतिथि बीएचयू के उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आफताब अहमद आफाकी ने कहा कि उर्दू ज़बान का जन्म व उन्नति भारत में ही हुई है इसलिए उर्दू में यहां की सभ्यता और संस्कृति का होना स्वाभाविक है। उर्दू की ये विशेषता है कि यह धर्म या क्षेत्र विशेष की भाषा न होकर सभी की धमनियों में प्रवाहित है। उर्दू हमारी मातृ भाषा है जिसकी हैसियत हमेशा परिपूर्ण रहेगी। हमारे इतिहास, सभ्यता और अहम कारनामों के साक्ष्य इसी भाषा में संरक्षित हैं, इसलिए इसकी उन्नति व अस्तित्व के लिए हमे गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।उर्दू के लिए यह एक सुखद अवसर है और हमे अपनी भाषा की रक्षा और विकास के लिए स्वयं कार्य करना होगा।उर्दू के विकास के लिए हमे अपने घरों से कोशिश करनी होगी, हमे अपने बच्चों को उर्दू पढ़ाना होगा तथा उर्दू अखबार व पत्रिकाओं से परिचित कराना होगा। यह हमारे देश की भाषा, हमारी सभ्यता और संस्कृति है। हमारी सारी सांस्कृतिक पूंजी उर्दू में है इसलिए हमे इसकी सुरक्षा खुद करनी होगी।

     


 विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सारनाथ, वाराणसी की उर्दू की प्रवक्ता डॉक्टर नगमा परवीन ने कहा कि उर्दू हमारी मातृ भाषा ही नहीं, ये हमारी संपूर्ण संस्कृति भी है। इसके संरक्षण और तरक्की के लिए प्रयास करना होगा, इसके लिए हमे उर्दू शिक्षा को आम करना होगा तभी हम अपनी ज़बान की हिफाजत कर सकते हैं। इस भाषा में ऐसी मधुरता और आकर्षण है कि ये सबका ध्यान आसानी से प्राप्त कर लेती है।मदरसा मजहरूल उलूम के वरिष्ठ अध्यापक जनाब अफसर अहमद ने कहा कि जो कौम अपनी ज़बान का एहसास नहीं करती उसका अस्तित्व मिट ही जाना है। मातृ भाषा के बिना आंखें तो होगी मगर दृष्टि नही, दिमाग तो होगा मगर स्वतंत्र नही होगा। ऐसे लोग न अतीत का ज्ञान रखते हैं न वर्तमान की चिंता। डी ए वी डिग्री कॉलेज की प्रवक्ता तमन्ना शाहीन ने कहा कि स्वतंत्रता का पूरा इतिहास इसी उर्दू भाषा में संरक्षित है। ये स्वतंत्रता आंदोलन में होने वाले बलिदान की साक्षी है, इसका खत्म होना हमारे अस्तित्व का नष्ट होना है। हमे नई पीढ़ी को मातृ भाषा की उचित शिक्षा देने की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि यह हमारी सभ्यता व संस्कृति की पहचान है।

           अपने अध्यक्षीय संबोधन में मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि उर्दू हमारी मादरीज़बान है इसके लिए हमे खुद गंभीर होना होगा तभी हम दूसरो से आशा कर सकते हैं। यह ज़बान केवल एक धर्म की नही है, इसके विकास का दायित्व हर शहरी का है। अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना अच्छी बात है लेकिन उसके साथ ही हमे उर्दू की भी शिक्षा दिलानी होगी तभी आने वाली पीढ़ियों को पूर्वजों का बलिदान मालूम हो सकेगा। हम एक घंटे ही सही लेकिन बच्चो को उर्दू जरूर पढ़ाएं। प्रख्यात शायर अहमद आज़मी ने अपनी नज्मों व गजलों से प्रोग्राम की खूबसूरती को बढ़ाया।

इस अवसर पर अतिथियों को उनकी साहित्यिक और शैक्षिक सेवा के लिए "हफीज़ बनारसी अवार्ड"2021से नवाज़ा गया।साथ ही अतिथियों को बुके और शाल देकर सम्मानित किया गया। प्रोग्राम की शुरुआत हाफिज नफीसुर्रहमान ने कुरआन की तिलावत से की और नौशाद अमान "सोज़" ने नात और हेना परवेज़ ने कौमी तराना पढ़ा। स्वागत भाषण अब्दुर्रहमान ने व धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष एहतेशामुल हक ने पेश किया। कार्यक्रम का संचालन इशरत उस्मानी ने बखूबी निभाया।

       


   इस अवसर पर उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक इश्तियाक अंसारी, अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, महामंत्री मोहम्मद जफर अंसारी, कोषाध्यक्ष महबूब आलम, उपाध्यक्ष शाहनवाज खां व बेबी फातमा,संत अल्हनीफ एजुकेशन सेंटर के डायरेक्टर हाजी वसीम अहमद, सिटी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक हाजी रईस अहमद,नैशनल इंटर कालेज के उर्दू प्रवक्ता ज्याउद्दीन अंसारी,मदरसा मतलउल उलूम के वरिष्ठ अध्यापक अकील अंसारी,सलीम बनारसी,हाजी खुर्शीद,हाजी अमीरुल्लाह,मुफ्ती अहमद सईद, मंजूर अहमद, अब्दुल्लाह,हारून, तमन्ना बेगम, अली इमाम, आज़ाद अंसारी, चिराग अंसारी, शफीक आलम, मुहम्मद सुहेल, शगुफ्ता अंजुम, डॉक्टर नजमुस्सहर, शकील अंसारी, ज़हीर अख्तर, इमरान खान, राशिद अनवर, आमरा जमाल, हिना कौसर, हुसैन अहमद आरवी, आयशा परवीन, सदरुद्दीन, एहतेशाम हैदर, रुखसार, आयशा अरवीन, तबस्सुम, रहमत अली, महफूजा खातून, जावेद अख्तर, एच हसन नन्हे, शमीम रियाज़, हफीज़ मुनीर, इरफान इत्यादि मौजूद थे।

रविवार, 19 दिसंबर 2021

क्षेत्रीय जनता के लिए वरदान होगा 50 शैय्या यह चिकित्सालय- सुरेन्द्र नारायण सिंह

आयुष चिकित्सालय में लगा स्वास्थ्य शिविर





 वाराणसी,19 दिसम्बर (dil india live)। भद्रासी में नवनिर्मित 50 शैय्या के आयुष चिकित्सालय में रविवार को पहला स्वास्थ्य जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही दवा वितरण हुआ। साथ ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया गया। शिविर का उद्‌घाटन रोहनिया के विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह ने किया। 

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” के तहत “विश्व आयुर्वेद परिषद” एवं आयुष विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस स्वास्थ्य शिविर के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह ने कहा कि यह अस्पताल इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार का सपना है कि हर व्यक्ति को उसके घर के पास ही बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। सरकार के इस सपने को यह अस्पताल साकार करेगा। उन्होंने इलाके के लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।

समारोह में क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी ने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आयुर्वेद व यूनानी के साथ ही होम्योपैथी चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां योग के जरिए भी उपचार होगा। शिविर में 320 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही दवा का वितरण किया गया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक मनीष पाण्डेय, आशीष पाल व धीरेन्द्र शर्मा ने योग का प्रदर्शन कर लोगों को निरोग रहने का रहने का संदेश दिया।

समारोह में  डा. कमलेश कुमार द्विवेदी,  डा. मनीष मिश्र, डा.अंजना सक्सेना, वीरेन्द्र कुमार, डा. रमन विश्वकर्मा, डा. अश्विनी तिवारी तथा अन्य चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी  मौजूद रहे। इस अवसर पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एन.के सिंह ने बताया कि अस्पताल में प्रातः सात बजे से योग की कक्षाएं चलेगी तथा सभी प्रकार के रोगी देखे जाएगे । कार्यक्रम का संचालन डा. रमन विश्वकर्मा  ने किया।  इस अवसर  पर काफी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक  उपस्थित थे।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...