रविवार, 28 नवंबर 2021

साहित्यिक संघ ने किया डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' का सम्मान

'गंगेश' 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित


वाराणसी 28 नवंबर (dil india live)। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 वें अधिवेशन के अवसर पर कमलाकर चौबे आदर्श इण्टर कालेज ईश्वरगंगी के सभागार में ख्यातिलब्ध कथाकार प्रो.कमलेश्वर के कर-कमलों से डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' को 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित किया गया। साथ में कथाकार धर्मेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद थे। पता हो कि गाजीपुर के नंदगंज निवासी साहित्यकार डॉक्टर गजाधर शर्मा गंगेश मशहूर साहित्यकार हैं। उनकी साहित्यिक सेवा को देखते हुए कमलाकर चौबे आदर्श इंटर कॉलेज ईश्वरगंगी में उन्हें यह सम्मान दिया गया। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 अधिवेशन में उनका सम्मान होने पर गाजीपुर के साहित्यिक जगत में खुशी की लहर दिख रही।

जल्द पूरी होगी घर के पास मुफ़्त इलाज की आस

831 ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ में से 622 चालू

  • अन्य केंद्रों पर भी जल्द ही मिलने लगेंगी जरूरी सुविधाएं
  • चिकित्सीय  परामर्श, जांच व दवाएं मिलेंगी मुफ़्त
  • रोगों की  प्राथमिक स्तर पर पहचान व उपचार  होगा और आसान
  •   गंभीर बीमारियों के मरीज विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास होंगे रेफर


वाराणसी 28  नवम्बर(dil india live)। सरकार का पूरा जोर समुदाय को घर के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने पर है | इसके लिए लगातार प्रयास भी जारी हैं। इसी  के तहत वाराणसी मण्डल में 831 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं जो मरीजों की सेहत सुधारने में बहुत ही मददगार साबित होंगे । इन केंद्रों पर बीमारियों की  शुरुआत में ही पहचान करने के साथ ही चिकित्सीय परामर्श, जांच, दवाएं व इलाज मुफ़्त मिलेगा |  वाराणसी मण्डल के इन 831 केंद्रों में से अप्रैल 2020 तक 496 केंद्र खोले  जा चुके थे, जबकि इस वर्ष 126 नये केंद्र खोले गये हैं। इस तरह कुल  622 ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि शेष में भी जल्द ही चिकित्सकीय सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (वाराणसी-मण्डल) डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि वाराणसी मण्डल में  831 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने थे | इनमें वाराणसी में 114, जौनपुर में 158, चंदौली में 165 व गाजीपुर में 185 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुल चुके हैं और वहां मुफ़्त चिकित्सकीय सुविधाएं मिल रहीं  हैं । शेष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी जल्द ही कार्य करने लगेंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी केंद्रों पर  मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी। टीकाकरण और इलाज के अलावा मौसमी बीमारी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, टीबी, चेचक, कुष्ठ, मलेरिया, दिल व टायफाइड समेत अन्य बीमारियों की प्राथमिक स्तर पर पहचान  कर उपचार किया जायेगा । जरुरत पड़ने पर मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास रेफर भी किया जाएगा।

 कम्युनिटी हेल्थ आफिसर की तैनाती

स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर  अभी तक एएनएम बैठती थीं। अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओ) तैनात किए जा रहे है जो रोगों की प्राथमिक स्तर पर पहचान कर मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास रेफर करेंगे।

जांच की व्यवस्था

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हीमोग्लोबिन जांच, यूरिन द्वारा गर्भ की जांच, ब्लड ग्लूकोज, टीएलसी, डीएलसी, पेरिफेरल स्मेयर, ब्लड ग्रुपिंग, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार की जांच, रैपिड सिफलिस, टायफायड टेस्ट, हेपेटाइटिस आदि जांच की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसका मरीज लाभ उठा सकते हैं।

 यह  भी मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं 

इन केन्द्रों पर  बाल व किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल, संचारी रोगों का प्रबंधन, साधारण बीमारियों का उपचार, गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक व प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल, गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग , रेफरल व फॉलोअप की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी जो आम नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी होंगी। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सिकरौल (शिवपुर) में पत्नी कल्पना को टीका लगवाने आए कादीपुर निवासी अनिल कुमार मौर्या ने बताया कि घर के समीप चिकित्सा सुविधा हो जाने से अब उनके परिवार को काफी लाभ हो रहा है। कांशीराम आवास योजना में रहने वाली धर्मा ने कहा कि इस सेंटर के होने से हमारे जैसे मजदूरों को मुफ्त उपचार की सुविधा मिल रही है।

आगमन संग क्रिसमस का हुआ आगाज

गिरजाघरों में हुई अमन के राजकुमार की आराधना




वाराणसी (dil india live)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन काल की शुरुआत के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।

 दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2021 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है।  चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर राजा ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आज आगमन का पहला इतवार है आज वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी।  लाल गिरजाघर के सेक्रेटरी विजय दयाल ने बताया कि क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार आज था। इसके साथ ही 7 दिसंबर, 14 दिसंबर और 21 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। 

हज़रत गौसे आज़म की फातेहा संग चला लंगर

गौसे पाक की फातेहा में जुटा अकीदतमंदों का हुजुम

वाराणसी (dil india live)। हज़रत सरकार ग़ौसे आज़म की फातेहा और लंगर का दौर इन दिनों मुस्लिम इलाक़ों में जारी है। शहर में कई जगहों पर पीरो के पीर हज़रत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ग़ौसे आज़म की फातेहा और कुरानख्वानी के साथ ही लंगर का दौर चला। अर्दली बाज़ार में हशमतुल्लाह राजू के दौलतखाने पर कुरानख्वानी, फातेहा और मिलाद के बाद शनिवार की देर रात तक सरकार ग़ौसे आज़म का लंगर चखने लोग जुटे हुए थे। इस मौके पर मर्द व ख्वातीन का अलग-अलग इंतज़ाम किया गया था। ऐसे ही शहर के गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, लल्लापुरा, कोयला बाज़ार, नई सड़क, पठानी टोला, जलालीपुरा, सरैया आदि इलाक़ों में सरकार ग़ौसे आज़म की शान में मिलाद, महफिल और फातेहा के साथ ही लंगर का

शनिवार, 27 नवंबर 2021

हड़प्पा निवासियों की संतान हैं भारतीय:- प्रो. बसन्त

16 दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न


वाराणसी, 27 नवम्बर(dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में आयोजित प्राचीन भारतीय संस्कृति के विविध आयाम विषय पर चल रहे 16 दिवसीय राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के समापन सत्र में शनिवार को जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के प्रो वाइस चान्सलर प्रो. दूर्ग सिंह चौहान ने कहा कि संस्कृति के अवशेषों से ही राष्ट्र की पहचान निर्धारित होती है। भारतीय संस्कृति दुनिया में सबसे अलग है जिसमें सामूहिकता का भाव निहित है। संस्कृति के सम्यक विकास के कारण शान्ति की संभावनाएॅ और प्रबल हुई हैं सामूहिक सहअस्तित्व के भाव से ही विश्व का विकास संभव है।

मुख्य वक्ता डेक्कन कॉलेज एण्ड पीजी रिसर्च इन्सट्यिूट, पुणे, महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति प्रो. बसन्त शिन्दे ने कहा कि हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने दुनिया को नगरों के निर्माण की सभ्यता सिखाई। प्रो. शिन्दे ने कहा कि सैन्धव सभ्यता ने विश्व को ईंटों की विशेष व्यवस्था से संयोजन एवं जोड़ने की कला दी, जिसके आधार पर बाद में बड़े भवनों और इमारतों का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास लेखक को सभी प्रकार के श्रोतों का यथासंभव प्रयोग करना चाहिए। किसी विचार के खण्डन के लिए पहले सम्यक अध्ययन तथा वैज्ञानिक विश्लेषण करना आवश्यक होता है। भारतीय संस्कृति के विरासत का सही ढ़ंग से आकलन किया जाये तो भारत की एक विशिष्ट पहचान सम्पूर्ण विश्व में सदियों तक अजर अमर रहेगी। उन्होंने राखीगढ़ी पुरास्थल से प्राप्त अवशेषों के डीएनए विश्लेषण के आधार पर भारतीय लोगों की पहचान निर्धारित करने की कोशिश की तथा यह भी कहा कि समस्त भारतीय लोगों के आदि पूर्वज हड़प्पा निवासी ही थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने किया। संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रशान्त कश्यप ने किया। रिर्पोट वाचन डॉ. सीमा, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर डॉ. ओम प्रकाश कुमार, डॉ. समीर पाठक, डॉ. शोभनाथ पाठक, डॉ. विनय कुमार, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह आदि ऑनलाइन उपस्थित रहे। कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।


(प्रताप बहादुर सिंह)

मीडिया प्रभारी

डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी

मंडलीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन

समापन समारोह में उत्कृष्ठ प्रतिभाओ का सम्मान






वाराणसी 27 नवंबर (dil india live) दो दिवसीय मंडलीय खेलकूद प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन स्थानीय उदय प्रताप डिग्री कॉलेज वाराणसी के विशाल ग्राउंड में उप मुख्यमंत्री दिनेशनचंद्र शर्मा की उपस्थिति में किया गया। उक्त अवसर पर जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने शिरकत की। इस मौके पर बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों व अध्यापिकाओं तथा बच्चो के द्वारा बनाये गए टीएलएम की भूरी भूरी प्रशंसा की तथा उत्कृष्ट प्रतिभाओ को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम स्थल पर रंगोली सजायी गई थी।

 पूर्व माध्यमिक विद्यालय चुप्पेपुर विकास खंड हरहुआ की अनुदेशिका आकांक्षा सिंह द्वारा माँ अन्नपूर्णा की छवि को राजर्षि की तपोभूमि पर अवतरित कराए जाने के प्रयास की कलाकृति विशेष रूप से प्रशंसा व कौतूहल का विषय बनी। इस अवसर पर धन्यवाद प्रकाश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षक प्रतिनिधियो के साथ मुख्यरूप से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजियन (1160) के जिला अध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह व अन्य पदाधिकारीयो ने शिरकत किया।

कचरा भी आय का बन सकता है ज़रिया: पूनम तिवारी



वाराणसी 26 नवम्बर (dil india live) आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी परिकल्पना वेस्ट को वेल्थ में बदलने के क्रम में एसबी जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग एवं साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के तत्वाधान में रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर-ए-बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलो से महिलाओ को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी का अमृत महोत्सव है | हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है। यही बात लोगो के मन में बैठाना है कि कोई भी चीज बेकार नहीं है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करना जाने। इस सेंटर पर कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम एक सराहनीय कार्यक्रम है। जिससे तमाम महिलाये जुडकर के लाभ उठा रही है | कार्यक्रम के आईटी व् उद्यमिता एक्सपर्ट प्रशांत दुबे ने महिलाओ को खुद का उद्यम लगाने, ऑनलाइन मार्केटिंग व् ब्रांडिंग के बारे में बिस्तृत रूप चर्चा की। ताकि महिलाओ को घर बैठे उन्हें एक ग्लोबल मार्किट मिल सके।

कार्यक्रम के संयोजक व् साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि वाराणसी के मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले भारी मात्रा में चढ़ाये गए श्रद्धा  के फूलों से “सीमैप सी.एस.आई.आर. लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महिलाओ को प्राकृतिक अगरबत्ती, धुप, हर्बल गुलाल, आदि सामग्री बनाने का न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि उन्हें हुनर-ए-बनारस के पोर्टल से ऑनलाइन मार्केटिंग का हुनर बताया जा रहा है। यहाँ पर महिलाओं के सेल्फ-हेल्प ग्रुप की महिलाओ को भी 15-15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया रहा है। जिससे घर बैठे अपनी आर्थिक स्तिथि को बढ़ा सकने में सक्षम हो सके | उक्त अवसर पर दीक्षा सिंह, दिलीप कुमार सिंह, हर्ष सिंह, राजेश कुमार, यास्मिन सहित प्रशिक्षण लेने वाली महिलाये उपस्तिथ रही |

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...