शनिवार, 27 नवंबर 2021

कचरा भी आय का बन सकता है ज़रिया: पूनम तिवारी



वाराणसी 26 नवम्बर (dil india live) आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी परिकल्पना वेस्ट को वेल्थ में बदलने के क्रम में एसबी जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग एवं साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के तत्वाधान में रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर-ए-बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलो से महिलाओ को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी का अमृत महोत्सव है | हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है। यही बात लोगो के मन में बैठाना है कि कोई भी चीज बेकार नहीं है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करना जाने। इस सेंटर पर कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम एक सराहनीय कार्यक्रम है। जिससे तमाम महिलाये जुडकर के लाभ उठा रही है | कार्यक्रम के आईटी व् उद्यमिता एक्सपर्ट प्रशांत दुबे ने महिलाओ को खुद का उद्यम लगाने, ऑनलाइन मार्केटिंग व् ब्रांडिंग के बारे में बिस्तृत रूप चर्चा की। ताकि महिलाओ को घर बैठे उन्हें एक ग्लोबल मार्किट मिल सके।

कार्यक्रम के संयोजक व् साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि वाराणसी के मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले भारी मात्रा में चढ़ाये गए श्रद्धा  के फूलों से “सीमैप सी.एस.आई.आर. लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महिलाओ को प्राकृतिक अगरबत्ती, धुप, हर्बल गुलाल, आदि सामग्री बनाने का न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि उन्हें हुनर-ए-बनारस के पोर्टल से ऑनलाइन मार्केटिंग का हुनर बताया जा रहा है। यहाँ पर महिलाओं के सेल्फ-हेल्प ग्रुप की महिलाओ को भी 15-15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया रहा है। जिससे घर बैठे अपनी आर्थिक स्तिथि को बढ़ा सकने में सक्षम हो सके | उक्त अवसर पर दीक्षा सिंह, दिलीप कुमार सिंह, हर्ष सिंह, राजेश कुमार, यास्मिन सहित प्रशिक्षण लेने वाली महिलाये उपस्तिथ रही |

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