सोमवार, 22 नवंबर 2021

पान-गुटका खाने से खराब हो रहे दांत मसूड़े

200 का हुआ निःशुल्क दंत परीक्षण, दी गई दवा

वाराणसी 22 नवंबर(dil india live)। बड़ी बाजार के दोषीपुरा मैदान में अब्दुल अजीज क्लीनिक व शम्स मेडिकल स्टोर की ओर से निशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में लगभग 200 मरीजों का दांतों की जांच कर निःशुल्क दवा वितरित की गई और 25 मरीज के दांतो में गंभीर समस्या पाई गई अधिकतर मरीजों में पान और गुटका खाने के कारण दांत खराब पाए गए। कैंप को कामयाब बनाने में मुख्य रूप से हेरिटेज अस्पताल के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डाक्टर मुहम्मद ज़ाहिद, दंत रोग विशेषज्ञ डाक्टर सफीना अंसारी,डाक्टर शम्स तबरेज,अबुल वफा अंसारी,कुद्दूस अहमद, डा कलीम, डा रियाज़ अहमद के अतिरिक्त पार्षद बेलाल अहमद का सराहनीय योगदान रहा।

रविवार, 21 नवंबर 2021

ख्रीस्त राजा का पर्व मनाने महागिरजा में जुटे मसीही

सेंट मेरीज़ महागिरजा घर से निकला जुलूस

  •  मसीही समुदाय ने जलाई कैंडिल 
  • पूजन विधि का हुआ समापन
  • अगले इतवार से शुरु होगा आगमन



वाराणसी 21नवंबर (dil india live)। इतवार को कैथोलिक  मसीही समुदाय के लोगों ने उल्लासपूर्ण मौहाल में ख्रीस्त राजा का पर्व मनाया। इसी के साथ वर्ष 2021 की चर्च पूजन विधि का समापन हो गया। अब प्रभु यीशु के आगमन की तैयारियां 27 नवंबर से शुरु हो जाएंगी। क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले 4 इतवार को आगमन काल कहते हैं। 27 से आगमन काल का आगाज़ हो जायेगा।

ख्रीस्त राजा के पर्व पर इतवार को चर्च के बाद शाम में कैंडिल लाइट के साथ धूमधाम से जुलूस निकला। जुलूस की अगुवाई वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप डा. यूजिन जोसेफ कर रहे थे। इस दौरान सेंट मेरीज़ महागिरजा घर के पुरोहित फादर विजय शांतिराज, फादर फिलिप डेनिस, फादर सुसाई राज, फादर हेनरी, फादर जान, सिस्टर एन वीटा, सिस्टर अंजू, सिस्टर मंजू, सिस्टर तारा, फादर मुकुल, राकी आदि मिस्सा बलिदान में शामिल हुए।

क्या बोले बिशप

बिशप ने अपने संदेश में कहा कि प्रभु यीशु ख्रीस्त ने अपने समय में कभी खुद को राजा के रूप में प्रस्तुत नहीं किया। लेकिन, विश्वासियों ने उनकी शिक्षा और जीवन को मुक्तिदाता और नबी के रूप में स्वीकार किया। 


जाने क्या है इतिहास

साल  1925 में संत फादर पायस द्वारा ख्रीस्त राजा का पर्व मनाने की घोषणा की गई थी। तभी से यह पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता के अनुसार वर्ष के अंतिम पूजन रविवार को ख्रीस्त राजा का पर्व मनाया जाता है। हमारा विश्वास है कि यीशु राजा के रूप में प्रेम, शांति और भाईचारा का संदेश देने निकलते हैं।

अबु आसिम आज़मी जानिये बनारस में क्या बोले



हार के डर से सरकार ने लिया कृषि कानून वापस

योगी-मोदी सरकार पर बरसे अबु आसिम आज़मी

अलिखेश यादव सरकार के आने का वक्त आ गया 

वाराणसी dil india live)। समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष व सपा के फायरब्रांड नेता अबु आसिम आजमी की अगुवाई में समाजवादी पार्टी ने बेनियाबाग स्थित नावेद काम्प्लेक्स से परिवर्तन यात्रा निकाली। इस दौरान अखिलेश यादव, अबु आसिम आज़मी जिन्दाबाद, मुलायम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी जिन्दाबाद के नारे गर्मजोशी से सपा कार्यकर्ता लगाते दिखाई दिये। आयोजन में उत्साहित सपा कार्यकर्ता ढोल-नगाड़े बजे और सपा का परचम लहराया गया। 

आयोजन के दौरान मीडिया से बातचीत में अबु आसिम आज़मी ने केन्द्र व प्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब, किसान, मजदूृर विरोधी है। सरकार ने चुनाव में हार के डर से कृषि कानून वापस लिया। कार्यक्रम में अबु आसिम आज़मी ने कहा कि देश और प्रदेश मे मोदी-योगी की सरकार सपा के कामों को ही अपना बता कर लोकार्पण और उद्घाटन कर रही है। सरकार के पास अपना दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। यही वजह है कि जो काम सपा ने अपने कार्यकाल में शुरू किया था उसी अधूरे काम को भाजपा उल्टा सीधा करके अपना नाम दे रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में महंगाई ने सारी हदे पार कर दी है। आलम यह है कि लोग सत्ता में बैठे हुए लोगों से उब कर मुक्ति चाहते हैं। सत्ता में बैठे लोगों का परिवर्तन करने का वक्त आ गया है। इस समय महंगाई इस कदर है कि शमशान में जलाने के लिए लकड़िया तक नहीं मिल रही है। जनता भाजपा के अंधेरे से निकलने के लिए आतुर है। पुन: अखिलेश यादव को सत्ता में लाकर ही हिटलररुपी योगी सरकार को हटाना होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सैकड़ों किसान शहीद हो गये मगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिया लेकिन जब देखा कि सरकार चुनाव में बुरी तरह से हार जायेगी तो न चाहने के बावजूद सरकार ने कानून वापस लिया। इस मौके पर वरिष्ठ नेता जुबैर अहमद ने लोंगों का स्वागत। किया।



शनिवार, 20 नवंबर 2021

युवक ने विवाहिता को गोली मारकर की आत्महत्या

मऊ, 20 नवम्बर(dil india live)।  मऊ जिले के मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र में एक युवक ने गांव की एक विवाहित युवती को घर के बाहर बुलाने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद युवक ने खुद को भी गोली मारकर जान दे दी। युवती की छह माह पहले ही शादी हुई थी।

पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि देवसीपुर गांव निवासी सुधाकर (26) शुक्रवार रात गांव के बाहर सीवान में घूरा के घर के पास गया। कुछ देर बाद सुधाकर तथा घूरा की विवाहित पुत्री वंदना (24) का शव पड़ा मिला। सूचना पर सीओ राजकुमार तथा एसओ शैलेष सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और फॉरेंसिक टीम को बुलाया।

पुलिस अधीक्षक सुशील घुले के अनुसार वंदना की मां तारा देवी ने अपने बयान में बताया कि सुधाकर ने पहले उनकी बेटी की गोली मार दी। जब उसकी मौत हो गई, तो खुद को भी गोली मार ली। बताया कि वंदना किसी कार्य से घर के बाहर निकली थी, इसी दौरान यह घटना हुई। एसपी ने बताया कि घटना की वजह का पता नहीं चल सका है। इसकी जांच की जा रही है।

शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

देव दीपावली 2021: धरती पर देवलोक

देवताओं की दीपावली में धरती हुई रौशन

गंगोत्री सेवा समिति ने रचा इतिहास, पहली बार पांच बेटियों की अगुवाई में हुई गंगा महाआरती, बेटियों के हौसला बढ़ाने के लिए गूंजा " हर हर महादेव..."

  •  कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं ने मनाई थी दीपावली
  •  महादेव द्वारा दैत्य त्रिपुर के वध के उपरांत देवताओं ने जलाया था दीप श्रृंखला
  •  वर्षों बाद फिर शिव की नगरी में फिर जीवंत हुई यह परम्परा 
  • पूर्णिमा की रात गंगा के घाट पर होता हैं अद्भुत जल उत्सव 
  •  घाटों पर जुटे रहें श्रद्धालु
  •  मान्या, पद्माक्षी, रोशनी, पूजा और करिश्मा ने किया आरती का नेतृत्व







वाराणसी19 नवंबर (dil india live)। काशी की गंगा आरती के वैश्वीकरण के बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा घाटों का नज़ारा अद्भूत था। इस दौरान धरती पर देवलोक उतरा नज़र आया। देव दीपावली पर काशी में तकरीबन 15 लाख दीये से देव दीपोत्सव मनाया गया। इस दौरान घाटों पर महा आरती और आतिशबाजी भी हुई।

कार्तिक पूर्णिमा पर काशी के सभी घाट दीपों की रैशनी से जगमगा उठे। देव दीपावली पर यूपी सरकार ने 15 लाख दीये जलाकर दीपोत्सव मनाने की मंशा जताई थी जिसके बाद घाट के 120 सेवा समितियों को जिम्मेदारी देकर दीपोत्सव मनाने की अपील की गई थी। जैसे ही पूर्णिमा का चांद दिखा लोग वाराणसी के कुल 82 घाट (वरुणा से लेकर अस्सी घाट) तक एक साथ दीपदान हुआ। इस तरफ गंगा के दोनों ओर पर दीपोत्सव मनाया जा रहा था। वही लेजर शो बैलून फेस्टिवल, फायर फेस्टिवल के साथ साथ पहली बार दशाश्वमेध घाट के महाआरती में कन्याओ ने मां गंगा की आरती की। बता दे कि काशी के देव दीपावली महोत्सव को देखने लोग भारत से साथ ही दुनिया के अलग अलग देशों से लाखों की संख्या में लोग वाराणसी आते है काशी में इस दीपोत्सव में  घाटों पर 'India', 'शिवलिंग' की रंगोली, त्रिशूल, दीये और अमृत महोत्सव का स्लोगन भी लिखा गया जिसमें लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

वहीं दशाश्वमेध घाट स्थित गंगोत्री सेवा समिति ने आरती के इतिहास में एक नया अध्याय का सृजन करते हुए  काशी में 30 साल पहले बाबू महाराज द्वारा शुरू किये गए गंगा आरती का इस वर्ष  नेतृत्व पांच कन्याओं ने किया। 1991 के बाद आज इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के मान्या दुबे और शिवांश दुबे ने आज के गंगा महाआरती में भाग लिया। नारी शक्ति के सम्मान और उनके बढ़ते कदम की अगुवाई के लिए गंगोत्री सेवा समिति ने एक नजीर पेश कर नारी सशक्तिकरण में एक कदम बढ़ाया है। 

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी के घाट ब्राम्हणों के श्लोक के साथ ‘‘हर-हर गंगे’ के महाजाप से गूंज उठा। वर्षो से चल रही परम्परा के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर नियमित आरती करने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ। तट पर सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी अलौकिक आरती की निराली छवि निहारने को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। 

इस दौरान धार्मिंक अनुष्ठान का श्रीगणेश मंगलाचरण से हुआ। इसके पश्चात समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे (बाबू महाराज) के सान्निध्य में मुख्य अतिथि सुमेरूपीठ शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सस्वती, पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह, इंडियन ऑयल डा. उत्तीय भटाचार्य, अरुण प्रयास कमलेश कुमार राय, चद्रिका राय,  यूको बैंक से धनश्याम परमार सिडवी के नितिन जालान और डा. रितु गर्ग ने मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में 51 लीटर दूध से अभिषेक किया। समूचे घाट की आकर्षक सजावट के साथ ही माँ गंगा की 108 किलो की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार 108 किलो फूल से किया गया जिसमें कलकत्ता से मंगाए 70 किलो विदेशी फूल संग देशी फूलो का भी समावेश रहा । इसी क्रम में पांच बेटियों के नेतृत्व में  मां गंगा की महाआरती के साक्षी हजारों श्रद्धालुओं ने बेटियों के जन्म में सहायक और उनके सम्मान का संकल्प दुहराया ।

इस वर्ष के आयोजन में 21 बटुकों संग 42 रिद्धि सिद्धि द्वारा गंगा महाआरती की गयी। इस उत्सव् को यादगार बनाने के लिए कन्हैया दुबे के संयोजन में हुए सांस्कृतिक आयोजन में  गायक और सांसद मनोज तिवारी काशी के मशहूर गायक ओम तिवारी और आस्था शुक्ला और अमलेश शुक्ला संग तमाम गायकों ने गायकी के माध्यम से अपनी पुष्पांजलि अर्पित किया। 

दूसरी तरफ गंगोत्री सेवा समिति द्वारा केदार घाट के सीढ़ीओ  पर भी आकर्षक सजावट संग पांच आरती सम्पन कराई गयी। आयोजन के अंत में राज्य पुलिस और पीएसी के शहीद हुए जवानों की याद में अश्विन पूर्णिमा (20  OCT) से जल रही आकाशदीप का समापन करते हुए उनके नाम से दीपदान संग किया गया। इस महाआयोजन में प्रमुख रूप से पं. किशोरी रमन दुबे बाबू महाराज, दिनेश शंकर दुबे गंगेश्वर दुबे, डा. संतोष ओझा, भृगु नाथ द्विवेदी ,संकठा प्रसाद आदि लोग समिति के तरफ से माता गंगा की महाआरती में भागीदारी किया। संचालन का दायित्व राजेश शुक्ला ने निभाया।

वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई को दी संगीतांजली

जयंती पर निकली शोभायात्रा, शामिल हुई झांकी

स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का हुआ शुभारंभ


वाराणसी 19 नवम्बर(dil india live)। काशी की बेटी महारानी लक्ष्मी बाई जिनका बचपन का नाम मनु था। मनु को उनकी जयंती पर काशी के प्रबुद्ध जनों ने एक अलग ही तरह से श्रद्धांजलि अर्पित की। विख्यात संगीतकार सितार वादक पंडित देवब्रत मिश्र ने सितार पर वंदेमातरम की धुन प्रस्तुत कर उनके श्री चरणों में नमन किया। अवसर था अमृत महोत्सव आयोजन समिति, मानस नगर, काशी द्वारा शुरू किए गए स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के प्रथम चरण के शुभारंभ का। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को अस्सी स्थित महारानी लक्ष्मी बाई की जन्मस्थली से हुआ जिसमें विविध सांस्कृतिक एवं बौद्धिक कार्यक्रमों से उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर आयोजित संगीत सभा में  ख्यातिलब्ध सितारविद पंडित देवब्रत मिश्र ने राग भटियार में  निबद्ध वंदे मातरम की अत्यंत मनमोहक धुन प्रस्तुत कर वीरांगना के चरणों में नमन किया। उनके साथ तबले पर रहे प्रशांत मिश्र ने तबले पर घोड़े के टापो की आवाज निकाल कर सबको अचंभित कर दिया। उनके साथ कृष्णा मिश्रा सितार पर रहे।  इस अवसर पर आयोजित विद्वत सभा में नगर के कई गणमान्य विद्वानों ने विचार व्यक्त किया। मुख्य वक्ता उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के निदेशक त्रिलोक शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के जरिये हम राष्ट्र के उन उन्नायकों के बारे में भी आने वाली पीढ़ियों से अवगत करा पा रहे है जिन्होंने स्वातंत्र संघर्ष में अपना बलिदान दिया। इसके अलावा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र एवं दिनेश पाठक ने भी विचार व्यक्त किया।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं रानी लक्ष्मीबाई के प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। अंत मे विशाल शोभायात्रा भी निकाली गई जो विभिन्न मार्गों से होते हुए दुर्गाकुण्ड पहुँच कर समाप्त हुई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर कविता शाह ने क़िया।  कार्यक्रम का संयोजन केशव जालान, स्वागत डॉ. रजनीश उपाध्याय, संचालन प्रीतेश आचार्य तथा धन्यवाद ज्ञापन नवीन श्रीवास्तव ने दिया। इस मौके पर मोहिनी झँवर, बी.एस. सुब्रह्मण्यम मणि, भाऊ आचार्य तोड़पे, सीए आलोक मिश्र, राजमंगल पाण्डेय, सुबोध, ज्ञानेश्वर, हरीश वालिया, पवन शर्मा, जेपी सिंह, मांधाता मिश्र, गोविंद, जगन्नाथ ओझा आदि प्रबुद्ध जन शामिल रहे।

हज़रत मौलाना शाह के उर्स में उमड़े ज़ायरीन

मौलाना शाह बाबा का तीन दिनी उर्स अकीदत के साथ शुरू

  •  अस्थाई दुकाने सजी
  •  सजा मौलाना शाह बाबा का दर  
  • रौशनी से नहा उठा आस्ताना



वाराणसी (dil india live)।  हजरत मौलाना शाह सैय्यद मोहम्मद वारिस रसूलेनुमा का सालाना तीन दिनी उर्स पूरी अक़ीदत के साथ आज शुरू हो गया। उर्स में सभी मज़हब के लोग उमड़े हुए थे। मौलाना शाह बाबा को रसुलेनुमा कहा जाता है। माना जाता है कि बाबा के दर पर जो  आता है वो अपनी झोली भर के जाता है। पहले ही रोज़ बाबा का दर अक़ीदतमंदों से गुलज़ार हो गया। बाबा के दर पर अस्थाई दुकाने सज गयी। इस दौरान फुलवारी शरीफ के सज्जादानशीं भी उर्स में पहुंचे हुए थे। 

दिखती है गंगा जमुनी तहज़ीब 

कोयला बाज़ार स्थित बाबा का दर गंगा जमुनी तहज़ीब का मरकज़ है। 21 नवंबर तक चलने वाले उर्स में जुमे को नमाज़ के बाद लोगों का हुजुम फातेहा पढ़ने उमड़ पड़ा। इस दौरान सभी मज़हब के लोग पहुंच कर उर्स में हाज़िरी लगाते दिखाई दिये। बाबा के चाहने वाले फातेहा पढ़ने के साथ ही वहां लगी अस्थाई दुकाने से खरीददारी करके उर्स से वापस लौटते हैं। 


सूफिज़्म का है मरकज़

मौलाना शाह बाबा ने दुनिया को सूफिज्म का सीधा सच्चा रास्ता दिखाया था। यही वजह है कि धर्म और मज़हब के झगड़ों से दूर यहां सभी अपनी परेशानी दूर करने के लिए यहां पहुंचते हैं। उर्स के दौरान सभी मज़हब की हाज़िरी इस बात की दलील है कि बाबा किसी एक के नहीं बल्कि सभी के हैं।

क्यों लोकप्रिय है मौलाना शाह 

हजरत मौलाना शाह सैय्यद मोहम्मद वारिस रसूलनुमा (1087-1166 हिजरी) की मजार है, मज़ार स्थल और आसपास के इलाक़े को 'मौलवी जी का बाड़ा' के नाम से जाना जाता है। जो आदमपुरा वार्ड में कोयला बाजार के घनी आबादी वाले मुहल्ले में है। यह बाड़ा अपनी पुरानी परंपराओं और प्रथाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। मौलवी जी का बड़ा में कुतुब शाह सैय्यद की वर्षगांठ समारोह 12 से 14 वीं रबी-उसानी को आयोजित किया जाता है और इसे शानदार पैमाने पर मनाया जाता है। उर्स के दौरान यहां चादर और गागर लेकर तमाम लोग आते हैं। मगरिब की नमाज के बाद तबरुक (प्रसाद) के साथ गगार की पेशकश करते हुए वे अपनी मन्नत पूरी करने की दुआएं मांगते हैं। रवायत के तहत खुशबू, गुलाब-जल और चंदन के साथ बाबा का गुस्ल किया है और चादर पोशी की जाती है। 

SOS Hermann माइनर की टीम टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट में चैम्पियन

Varanasi (dil India live)। टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट 2024 सीजन प्रथम का आयोजन टेथ्रीपॉन ओवरसीज और मिलन इण्टरप्राइजेज के तत्वाधान में एच०...