शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

देव दीपावली 2021: धरती पर देवलोक

देवताओं की दीपावली में धरती हुई रौशन

गंगोत्री सेवा समिति ने रचा इतिहास, पहली बार पांच बेटियों की अगुवाई में हुई गंगा महाआरती, बेटियों के हौसला बढ़ाने के लिए गूंजा " हर हर महादेव..."

  •  कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं ने मनाई थी दीपावली
  •  महादेव द्वारा दैत्य त्रिपुर के वध के उपरांत देवताओं ने जलाया था दीप श्रृंखला
  •  वर्षों बाद फिर शिव की नगरी में फिर जीवंत हुई यह परम्परा 
  • पूर्णिमा की रात गंगा के घाट पर होता हैं अद्भुत जल उत्सव 
  •  घाटों पर जुटे रहें श्रद्धालु
  •  मान्या, पद्माक्षी, रोशनी, पूजा और करिश्मा ने किया आरती का नेतृत्व







वाराणसी19 नवंबर (dil india live)। काशी की गंगा आरती के वैश्वीकरण के बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा घाटों का नज़ारा अद्भूत था। इस दौरान धरती पर देवलोक उतरा नज़र आया। देव दीपावली पर काशी में तकरीबन 15 लाख दीये से देव दीपोत्सव मनाया गया। इस दौरान घाटों पर महा आरती और आतिशबाजी भी हुई।

कार्तिक पूर्णिमा पर काशी के सभी घाट दीपों की रैशनी से जगमगा उठे। देव दीपावली पर यूपी सरकार ने 15 लाख दीये जलाकर दीपोत्सव मनाने की मंशा जताई थी जिसके बाद घाट के 120 सेवा समितियों को जिम्मेदारी देकर दीपोत्सव मनाने की अपील की गई थी। जैसे ही पूर्णिमा का चांद दिखा लोग वाराणसी के कुल 82 घाट (वरुणा से लेकर अस्सी घाट) तक एक साथ दीपदान हुआ। इस तरफ गंगा के दोनों ओर पर दीपोत्सव मनाया जा रहा था। वही लेजर शो बैलून फेस्टिवल, फायर फेस्टिवल के साथ साथ पहली बार दशाश्वमेध घाट के महाआरती में कन्याओ ने मां गंगा की आरती की। बता दे कि काशी के देव दीपावली महोत्सव को देखने लोग भारत से साथ ही दुनिया के अलग अलग देशों से लाखों की संख्या में लोग वाराणसी आते है काशी में इस दीपोत्सव में  घाटों पर 'India', 'शिवलिंग' की रंगोली, त्रिशूल, दीये और अमृत महोत्सव का स्लोगन भी लिखा गया जिसमें लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

वहीं दशाश्वमेध घाट स्थित गंगोत्री सेवा समिति ने आरती के इतिहास में एक नया अध्याय का सृजन करते हुए  काशी में 30 साल पहले बाबू महाराज द्वारा शुरू किये गए गंगा आरती का इस वर्ष  नेतृत्व पांच कन्याओं ने किया। 1991 के बाद आज इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के मान्या दुबे और शिवांश दुबे ने आज के गंगा महाआरती में भाग लिया। नारी शक्ति के सम्मान और उनके बढ़ते कदम की अगुवाई के लिए गंगोत्री सेवा समिति ने एक नजीर पेश कर नारी सशक्तिकरण में एक कदम बढ़ाया है। 

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी के घाट ब्राम्हणों के श्लोक के साथ ‘‘हर-हर गंगे’ के महाजाप से गूंज उठा। वर्षो से चल रही परम्परा के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर नियमित आरती करने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ। तट पर सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी अलौकिक आरती की निराली छवि निहारने को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। 

इस दौरान धार्मिंक अनुष्ठान का श्रीगणेश मंगलाचरण से हुआ। इसके पश्चात समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे (बाबू महाराज) के सान्निध्य में मुख्य अतिथि सुमेरूपीठ शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सस्वती, पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह, इंडियन ऑयल डा. उत्तीय भटाचार्य, अरुण प्रयास कमलेश कुमार राय, चद्रिका राय,  यूको बैंक से धनश्याम परमार सिडवी के नितिन जालान और डा. रितु गर्ग ने मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में 51 लीटर दूध से अभिषेक किया। समूचे घाट की आकर्षक सजावट के साथ ही माँ गंगा की 108 किलो की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार 108 किलो फूल से किया गया जिसमें कलकत्ता से मंगाए 70 किलो विदेशी फूल संग देशी फूलो का भी समावेश रहा । इसी क्रम में पांच बेटियों के नेतृत्व में  मां गंगा की महाआरती के साक्षी हजारों श्रद्धालुओं ने बेटियों के जन्म में सहायक और उनके सम्मान का संकल्प दुहराया ।

इस वर्ष के आयोजन में 21 बटुकों संग 42 रिद्धि सिद्धि द्वारा गंगा महाआरती की गयी। इस उत्सव् को यादगार बनाने के लिए कन्हैया दुबे के संयोजन में हुए सांस्कृतिक आयोजन में  गायक और सांसद मनोज तिवारी काशी के मशहूर गायक ओम तिवारी और आस्था शुक्ला और अमलेश शुक्ला संग तमाम गायकों ने गायकी के माध्यम से अपनी पुष्पांजलि अर्पित किया। 

दूसरी तरफ गंगोत्री सेवा समिति द्वारा केदार घाट के सीढ़ीओ  पर भी आकर्षक सजावट संग पांच आरती सम्पन कराई गयी। आयोजन के अंत में राज्य पुलिस और पीएसी के शहीद हुए जवानों की याद में अश्विन पूर्णिमा (20  OCT) से जल रही आकाशदीप का समापन करते हुए उनके नाम से दीपदान संग किया गया। इस महाआयोजन में प्रमुख रूप से पं. किशोरी रमन दुबे बाबू महाराज, दिनेश शंकर दुबे गंगेश्वर दुबे, डा. संतोष ओझा, भृगु नाथ द्विवेदी ,संकठा प्रसाद आदि लोग समिति के तरफ से माता गंगा की महाआरती में भागीदारी किया। संचालन का दायित्व राजेश शुक्ला ने निभाया।

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